12 वाख का शाब्दिक अर्थ क्या है? - 12 vaakh ka shaabdik arth kya hai?

12 वाख का शाब्दिक अर्थ क्या है? - 12 vaakh ka shaabdik arth kya hai?

1. 'रस्सी कच्चे धागे की' से कवयित्री का क्या आशय है?

    A. धागा कच्चा है
    B. धागा कपास का है
    C. साँसें
    D. कमज़ोर साथी

ANSWER= C. साँसें

2. 'नाव' किसे कहा गया है?

    A. संसार को
    B. घर-बार को
    C. दौलत को
    D. जीवन को

ANSWER= D. जीवन को

3. कवयित्री किसके घर जाना चाहती है?

    A. पति के
    B. परमात्मा के
    C. मायके
    D. प्रेमी के

ANSWER= B. परमात्मा के

4. 'माझी को दूँ, क्या उतराई' में माझी कौन है?

    A. मल्लाह
    B. साथी
    C. पति
    D. परमात्मा

ANSWER= D. परमात्मा

5. कवयित्री ने 'उतराई' किसे माना है?

    A. चंचलता को
    B. सद्कर्मों को
    C. क्रोध और मोह को
    D. ईर्ष्या-द्वेष को

ANSWER= B. सद्कर्मों को

6. कवयित्री ने परमात्मा के लिए किस शब्द का प्रयोग किया है?

    A. राम
    B. कृष्ण
    C. शिव
    D. ब्रह्म

ANSWER= C. शिव

7. 'जेब टटोली, कौड़ी न पाई' में 'जेब टटोलने' का क्या भाव है?

    A. तलाशी लेना
    B. पैसे निकालना
    C. आत्म-सम्मान खोया
    D. आत्म लोचन किया

ANSWER= D. आत्म लोचन किया

8. 'खुलेगी साँकल बंद द्वार की' का भाव है?

    A. द्वार खुल जाएगा
    B. मन मुक्त होगा
    C. घर में कोई होगा
    D. कोई आकर घर खोलेगा

ANSWER= B. मन मुक्त होगा

9. कवयित्री ने 'सर्वत्र' के लिए कौन-सा शब्द प्रयोग किया है?

    A. थल-थल
    B. जल-थल
    C. स्थल-थल
    D. नभ-थल

ANSWER= A. थल-थल

10. 'वाख' का शाब्दिक अर्थ क्या है?

    A. साखी
    B. दोहा
    C. वाणी
    D. व्याख्या

ANSWER= C. वाणी

11. कवयित्री कौन-सा सागर पार करना चाहती है?

    A. प्रशांत
    B. हिंद महासागर
    C. भव
    D. अरब

ANSWER= C. भव

12. कवयित्री के अनुसार 'साहिब' कौन है?

    A. परमात्मा
    B. पति
    C. मालिक
    D. राजा

ANSWER= A. परमात्मा

13. कवयित्री ने 'कच्चे सकोरे' किसे कहा है?

    A. कमज़ोर को
    B. मिट्टी के बर्तन को
    C. कच्चे भोज को
    D. नाशवान शरीर को

ANSWER= D. नाशवान शरीर को

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12 वाख का शाब्दिक अर्थ क्या है? - 12 vaakh ka shaabdik arth kya hai?

 ललद्यद के वाख 

Vakh MCQs

1. ललद्यद किस भाषा की कवयित्री हैं ?

क. डोगरी

ख. कश्मीरी

ग. सिंधी

घ. गढ़वाली।

उत्तर-कश्मीरी ।

2. ललद्यद की काव्य शैली क्या है ?

क. वाघ

ख. वाख

ग. वाग

घ. वाक

उत्तर - वाख

3. 'वाख' का शाब्दिक अर्थ क्या है?

क. साखी

ख. दोहा

ग. वाणी

घ. व्याख्या

उत्तर- वाणी

4. ललद्यद द्वारा रचित रचना को क्या कहते हैं?

क. दोहा

ख. पद

ग. वाख

घ. सवैया

उत्तर- वाख

5. ललद्यद को जन्म से किस नाम से नहीं जाना जाता?

क. लल्लेश्वरी

ख. लाल्ल योगेश्वरी

ग. ललारिफा

घ. लंकेश्वरी

उत्तर- लंकेश्वरी

6. ललद्यद का जन्म कहाँ हुआ था?

क. हिमाचल प्रदेश में

ख. श्रीनगर में

ग. कश्मीर स्थित पाम्पोर के सिमरा गाँव में

घ. मणिपुर में

उत्तर- कश्मीर स्थित पाम्पोर के सिमरा गाँव में

7. ललद्यद का जन्म कब हुआ था?

क. 1520 में

ख. 1320 में

ग. 1420 में

घ. 1620 में

उत्तर- 1320 में

8. ‘रस्सी कच्चे धागे की, खींच रही मैं नाव’ में कौन-सा अलंकार है ?

क. उपमा

ख. रूपक

ग. श्लेष

घ. अनुप्रास।

उत्तर-  रूपक।

9. ‘रस्सी कच्चे धागे की’ से कवयित्री का क्या आशय है ?

क. धागा कच्चा है।

ख. धागा कपास का है।

ग. साँसें ।

घ. कमज़ोर साथी।

उत्तर- साँसें ।

10. ‘नाव’ किसे कहा गया है ?

क. संसार को

ख. घर-बार को

ग. दौलत को ।

घ. जीवन को।

उत्तर-  जीवन को।

11. कवयित्री किसके घर जाना चाहती है ?

क. पति के

ख. परमात्मा के

ग. मायके

घ. प्रेमी के।

उत्तर-  परमात्मा के।

12. ‘सम खा तभी होगा समभावी’ में ‘सम खा’ से क्या तात्पर्य है ?

क. मन को वश में करना

ख. गम खाना

ग. सबको समान समझना

घ. मन के अनुसार चलना।

उत्तर-  मन को वश में करना।

13. कवयित्री ने ‘बंद द्वार’ किसे कहा है ?

क. मंदिर का बंद द्वार

ख. परमात्मा का नाम न लेना

ग. चेतना का संकुचित होना

घ. गूंगा  होना।

उत्तर-  चेतना का संकुचित होना।

14. ‘माझी को दें, क्या उतराई’ में माझी कौन है ?

क. मल्लाह

ख. साथी

ग. पति

घ. परमात्मा।

उत्तर-  परमात्मा।

15. ‘सुषुम-सेतु’ कौन-सा पुल है ?

क. सुषुम्ना नाड़ी रूपी पुल

ख. सूक्ष्म भावनाओं रूपी पुल

ग. परमात्मा की भक्ति रूपी पुल

घ. सांसारिक मोह-माया रूपी पुल।

उत्तर- सुषुम्ना नाड़ी रूपी पुल।

16. कवयित्री ने परमात्मा के लिए किस शब्द का प्रयोग किया है ?

क. राम

ख. कृष्ण

ग. शिव

घ. ब्रह्म ।

उत्तर-  शिव।

17. कवयित्री ने ज्ञानी किसे माना है ?

क. बहुत पढ़ा-लिखा

ख. आडंबर पूर्ण भक्ति करने वाला

ग. सहज भाव से अपने मन में परमात्मा को खोजने वाला

घ. योग साधना तथा तंत्र-मंत्र जपने वाला।

उत्तर- सहज भाव से अपने मन में परमात्मा को खोजने वाला।

18. ‘खा-खाकर कुछ पाएगा नहीं’ में कौन-सा अलंकार है ?

क. उपमा ।

ख. श्लेष

ग. अनुप्रास

घ. यमक।

उत्तर- अनुप्रास।

19. 'जेब टटोली, कौड़ी न पाई' में 'जेब टटोलने' का क्या भाव है?

क. तलाशी लेना

ख. पैसे निकालना

ग. आत्म-सम्मान खोया

घ. आत्म आलोचन  किया

उत्तर- आत्म आलोचन किया

20. ‘बंद द्वार की सांकल’ खुलने से क्या तात्पर्य है।

क. प्रज्ञा चक्षुओं का खुलना

ख. दरवाजा खुलना

ग. परमात्मा के पास जाने का रास्ता खुल जाना

घ. संसार से विदा होना

उत्तर- प्रज्ञा चक्षुओं का खुलना

प्रज्ञा चक्षुओं का खुल जाना जिससे व्यक्ति ज्ञानवान हो जाता है।

21. कवयित्री ने 'सर्वत्र' के लिए कौन-सा शब्द प्रयोग किया है?

क. थल-थल

ख. जल-थल

ग. स्थल-थल

घ. नभ-थल

उत्तर- थल-थल

22. कवयित्री कौन-सा सागर पार करना चाहती है?

क. शांत 

ख. भाव 

ग. भव

घ. अरब

उत्तर- भव

23. कवयित्री के अनुसार 'साहिब' कौन है?

क. परमात्मा

ख. पति

ग. मालिक

घ. राजा

उत्तर- परमात्मा

24. कवयित्री ने 'कच्चे सकोरे' किसे कहा है?

क. कमज़ोर को

ख. मिट्टी के बर्तन को

ग. कच्चे भोज को

घ. नाशवान शरीर को

उत्तर- नाशवान शरीर को

25. ‘माझी’ का यहाँ क्या अर्थ है?

क. नापिक

ख. मध्यस्थ

ग. ईश्वर

घ. गुरु

उत्तर- ईश्वर

माझी ईश्वर के लिए प्रयोग हुआ है।

26. हमारी ईश्वर से कब पहचान होगी?

क. जब हम कर्मों में लिप्त रहेंगे

ख. जब हम शिक्षा प्राप्त करेंगे

ग. जब हम दूसरों पर उपकार करेंगे

घ. जब हम स्वयं को जानेंगे

उत्तर- जब हम स्वयं को जानेंगे

27. ‘जेब टटोलने’ का प्रतीकार्थ है?

क. आत्मावलोकन करना

ख. खर्च का हिसाब लगाना

ग. माझी को उसका किराया देना

घ. किसी का कणी न रहना

उत्तर- आत्मावलोकन करना

जेब टटोलने का अर्थ आत्मावलोकन करना है।

28. ‘रस्सी’ का प्रयोग कवयित्री ने किस के लिए किया

क. ईश्वर तक पहुँचने के लिए

ख. रस्सी का प्रयोग प्राणों के उस सहारे के लिए हुआ है जो हमें ईश्वर तक ले जाता है

ग. रस्सी बंधन का प्रतीक है

घ. रस्सी मोहपाश का प्रतीक है

उत्तर- रस्सी का प्रयोग प्राणों के उस सहारे के लिए हुआ है जो हमें ईश्वर तक ले जाता है

29. ‘सम खा तभी होगा समभावी’ पंक्ति में निहित अलंकार बताइए।

क. यमक

ख. रूपक

ग. श्लेष

घ. उत्प्रेक्षा

उत्तर- यमक

यमक अलंकार क्यों एक सम का अर्थ शमन करना तथा दूसरे सम का अर्थ समानता का भाव।

30. ‘सुषुम सेतु पर खड़ी थी’ पंक्ति में अलंकार बताइए।

क. यमक

ख. श्लेष

ग. रूपक

घ. उपमा

उत्तर- रूपक

सुषुम रूपी सेतु’ रूपक अलंकार।।

31. समभावी का क्या अर्थ है?

क. ईश्वर के साथ समभाव रखना

ख. सभी प्राणियों के साथ समभाव रखना

ग. ईश्वर की साधना करना

घ. कर्म करते रहना

उत्तर- सभी प्राणियों के साथ समभाव रखना

32. भवसागर में कौन-सा अलंकार है?

क. उपमा ख. रूपक

ग. अनुप्रास घ. यमक

उत्तर- रूपक

‘भव रूपी सागर’ रूपक अलंकार।

33. कच्चे धागे किसका प्रतीक हैं?

क. वस्त्र का ख. डोर का

ग. कर्मों का घ. कमजोर व नाशवान सहारे का

उत्तर- कमजोर व नाशवान सहारे का

34. कवयित्री को किस घर जाने की चाह हो रही है-

क. अपनी माँ के घर

ख. आत्मा का परमात्मा से मिलन परमात्मा के घर

ग. आपने प्रियतम के घर

घ. उपर्युक्त सभी कथन सत्य हैं

उत्तर- आत्मा का परमात्मा से मिलन परमात्मा के घर

35. कवयित्री के मोक्ष प्राप्ति के रास्ते बंद क्यों हैं।

क. उसके प्रयास कमजोर हैं

ख. उन्होंने नाशवान चीजों का सहारा लिया है

ग. यह मोह ग्रस्त है

घ. वह ईश्वर में विश्वास नहीं रखती

उत्तर- उन्होंने नाशवान चीजों का सहारा लिया है

36. ‘रस्सी’ किसके लिए प्रयोग हुआ है?

क. बंधन के लिए

ख. जीवन रूपी डोर के लिए

ग. ईश्वर प्राप्ति के लिए हो रहे प्रयासों के लिए

घ. परंपरा के लिए

उत्तर- ख. जीवन रूपी डोर के लिए

जय हिन्द : जय हिंदी 

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वाख शब्द का शाब्दिक अर्थ क्या है?

1. ललद्यद किस भाषा की कवयित्री हैं ?

10 वाख का शाब्दिक अर्थ क्या है?

वाख का शाब्दिक अर्थ 'वाणी' होता है। ये एक काव्य रचना होती है, जो कि चार पंक्तियों में लिखी जाती है। ये कश्मीर की प्रसिद्ध काव्य रचना थी। वाख के लिये कवयित्री ललद्यद बेहद प्रसिद्ध रही हैं।

कविता वाख के अनुसार माझी का क्या अर्थ है?

"वाख" कविता में 'माझी' (d) ईश्वर को कहा गया है।

कवि ललघद को जेब टटोलने पर क्या नहीं मिला?

(क) जेब टटोली कौड़ी न पाई। न खाकर बनेगा अहंकारी।