15 जनवरी को कौन सा डे मनाया जाता है? - 15 janavaree ko kaun sa de manaaya jaata hai?

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दोस्तों आपका प्रश्न है कि 15 जनवरी को कौनसा दिवस मनाया जाता है तो दोस्तों आपके प्रश्न का उत्तर यह है कि 15 जनवरी को आर्मी दिवस मनाया जाता है

doston aapka prashna hai ki 15 january ko kaunsa divas manaya jata hai toh doston aapke prashna ka uttar yah hai ki 15 january ko army divas manaya jata hai

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15 जनवरी को कौन सा डे मनाया जाता है? - 15 janavaree ko kaun sa de manaaya jaata hai?
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भारतीय सेना (Indian Army) का गठन ईस्ट इंडिया कंपनी (East India Company) ने वर्ष 1776 में कोलकाता में किया। उस समय भारतीय सेना ईस्ट इंडिया कंपनी की सैन्य टुकड़ी थी, जिसे बाद में ब्रिटिश भारतीय सेना का नाम मिला और अंत में भारतीय थल सेना (Indian Army Day) के तौर पर देश के जवानों को पहचान मिली। भारत के इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक घटना वो है, जब फील्ड मार्शल केएम करियप्पा आजाद भारत के पहले भारतीय सेना प्रमुख 15 जनवरी 1949 को बने थे।

सन् 1947 में करियप्पा (Cariappa) ने भारत-पाक के बीच हुए युद्ध में भारतीय सेना की कमान संभाली थी और पाकिस्‍तान को धूल चटा दी थी। करियप्पा भारतीय सेना के पहले कमांडर-इन-चीफ थे, जिन्होंने 15 जनवरी 1949 में सर फ्रैंसिस बुचर से प्रभार लिया था। हालांकि वे यह खिलाब पाने वाले दूसरे शख्‍स थे, इससे पहले 1973 में भारत के पहले फील्ड मार्शन बनने का सम्मान सैम मानेकशॉ (Sam Manekshaw) को प्राप्‍त है।

15 जनवरी को दिल्ली में सेना कमान मुख्यालय के साथ-साथ देश के अन्य हिस्सों में सैन्य परेड और शक्ति प्रदर्शन के अन्य कार्यक्रमों का आयोजन करके सेना दिवस मनाया जाता है। इस दिन दिल्ली के परेड ग्राउंड पर आर्मी डे परेड का आयोजन होता है। आर्मी डे के तमाम कार्यक्रमों में से यह सबसे बड़ा आयोजन होता है।
जनरल ऑफिसर कमांडिंग, हेडक्वार्टर दिल्ली की अगुवाई में यह परेड निकाली जाती है। आर्मी चीफ सलामी लेते हुए परेड का निरीक्षण करते हैं। ये परेड भी गणतंत्र दिवस परेड का हिस्सा होती है। आर्मी डे पर आर्मी चीफ बेहतरीन सेवाओं के लिए जवानों को सम्मानित करते हैं और उनकी हौसला अफजाई करते हैं।

फील्ड मार्शल केएम करियप्पा (Field Marshal Cariappa) को 14 जनवरी 1986 को फील्ड मार्शल के खिताब से नवाजा गया था। 15 मई 1993 को बेंगलुरु में उनका निधन हो गया था, लेकिन भारतीयों के दिलों में वे सदा अमर रहेंगे।

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सेना दिवस के अवसर पर पूरा देश थल सेना की वीरता अदम्य साहस और शौर्य की कुर्बानी की दास्ताँ को बयान करता है। जगह-जगह कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। दिल्ली में सेना मुख्यालय के साथ-साथ देश के कोने-कोने में शक्ति प्रदर्शन के साथ-साथ भारतीय सेना की मुख्य उपलब्धियों पर कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।

सेना दिवस, भारत में हर वर्ष 15 जनवरी को लेफ्टिनेंट जनरल (बाद में फ़ील्ड मार्शल) के. एम. करियप्पा के भारतीय थल सेना के शीर्ष कमांडर का पदभार ग्रहण करने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।

उन्होंने 15 जनवरी 1949 को ब्रिटिश राज के समय के भारतीय सेना के अंतिम अंग्रेज शीर्ष कमांडर जनरल रॉय फ्रांसिस बुचर से यह पदभार ग्रहण किया था। यह दिन सैन्य परेडों, सैन्य प्रदर्शनियों व अन्य आधिकारिक कार्यक्रमों के साथ नई दिल्ली व सभी सेना मुख्यालयों में मनाया जाता है। इस दिन उन सभी बहादुर सेनानियों को सलामी भी दी जाती है जिन्होंने कभी ना कभी अपने देश और लोगों की सलामती के लिये अपना सर्वोच्च न्योछावर कर दिया।[1]

15 अगस्त 1947 को जब भारत स्वतंत्र हुआ, तब देश भर में व्याप्त दंगे-फसादों तथा शरणार्थियों के आवागमन के कारण उथल-पुथल का माहौल था।[2] इस कारण कई प्रशासनिक समस्याएं पैदा होने लगी और फिर स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सेना को आगे आना पड़ा।[2] इसके पश्चात एक विशेष सेना कमांड का गठन किया गया, ताकि विभाजन के दौरान शांति-व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके।[2] परन्तु भारतीय सेना के अध्यक्ष तब भी ब्रिटिश मूल के ही हुआ करते थे। 15 जनवरी 1949 को फील्ड मार्शल के एम करिअप्पा स्वतंत्र भारत के पहले भारतीय सेना प्रमुख बने थे।[3] उस समय भारतीय सेना में लगभग 2 लाख सैनिक थे।[4] उनसे पहले यह पद कमांडर जनरल रॉय फ्रांसिस बुचर के पास था। उसके बाद से ही प्रत्येक वर्ष 15 जनवरी को सेना दिवस मनाया जाता है।[5] के एम करिअप्पा पहले ऐसे अधिकारी थे जिन्हें फील्ड मार्शल की उपाधि दी गई थी। उन्होंने साल 1947 में भारत-पाक युद्ध में भारतीय सेना का नेतृत्व किया था।

सेना दिवस के उपलक्ष्य में प्रत्येक वर्ष दिल्ली छावनी के करिअप्पा परेड ग्राउंड में परेड निकाली जाती है, जिसकी सलामी थल सेनाध्यक्ष लेते हैं। 2018 में 70 वाँ सेना दिवस मनाया गया, जिसमें परेड की सलामी जनरल बिपिन रावत ने ली।[6]

15 जनवरी को कौन सा दिवस मनाया जाता है?

सेना दिवस, भारत में हर वर्ष 15 जनवरी को लेफ्टिनेंट जनरल (बाद में फ़ील्ड मार्शल) के. एम. करियप्पा के भारतीय थल सेना के शीर्ष कमांडर का पदभार ग्रहण करने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।

15 तारीख को कौन सा डे मनाया जाता है?

यही वजह है कि उनकी याद में हर वर्ष 15 अक्टूबर को विश्व छात्र दिवस मनाया जाता है। छात्रों के प्रति उनका प्रेम और समर्पण काफी गहरा था।

पैदल सेना दिवस कब मनाया जाता है?

इन्फैंट्री डे का इतिहास बता दें कि भारतीय सशस्त्र बल में पैदल सेना यानी इन्फैंट्री एक खास हिस्सा है जो जमीनी जंग में सबसे आगे रहती है। हर साल 27 अक्टूबर को इन्फेंट्री डे मनाया जाता है।

15 जनवरी 2022 को कौन सा दिवस मनाया जाएगा?

इस साल 15 जनवरी, 2022 का 74वां सेना दिवस मनाया जाएगा. देश की आजादी से पहले सेना पर ब्रिटिश कमांडर का कब्जा था. साल 1947 में देश के आजाद होने के बाद भी भारतीय सेना का अध्यक्ष ब्रिटिश मूल का ही होता था. साल 1949 में आजाद भारत के आखिरी ब्रिटिश कमांडर इन चीफ जनरल फ्रांसिस बुचर थे.