शुक्रवार के व्रत में क्या भोजन करना चाहिए? - shukravaar ke vrat mein kya bhojan karana chaahie?

विषयसूची

  • 1 संतोषी माता के व्रत में कौन कौन से फल खाए जाते हैं?
  • 2 संतोषी माता के व्रत का उद्यापन कैसे करते हैं?
  • 3 शुक्रवार का उद्यापन कब करें?
  • 4 संतोषी माता के व्रत में क्या क्या चढ़ता है?
  • 5 शुक्रवार के व्रत में क्या नहीं खाना चाहिए?
  • 6 संतोषी माता का व्रत कैसे खोला जाता है?
  • 7 शुक्रवार के व्रत में मूंगफली खा सकते हैं क्या?
  • 8 वैभव लक्ष्मी व्रत में क्या खाएं?

संतोषी माता के व्रत में कौन कौन से फल खाए जाते हैं?

शुक्रवार व्रत में क्या खाना चाहिए – संतोषी माता के व्रत का भोजन

  • मैदा से बनाइये स्वादिष्ट केक
  • सूजी का हलवा
  • दूध मलाई के लड्डू
  • सूजी के लड्डू
  • चावल की खीर
  • मखाने की खीर
  • कच्चे केले के चिप्स
  • सूजी मैदा के बिस्कुट

संतोषी माता के व्रत का उद्यापन कैसे करते हैं?

इसे सुनेंरोकेंसंतोषी माता के व्रत का उद्यापन अढ़ाई सेर आटे का खाजा, अढ़ाई सेर चावल की खीर तथा अढ़ाई सेर चने के साग का भोजन पकाना चाहिए। यह भोजन महिलाओं को बहुत ही श्रद्धा व प्यार से कराएं। इसके साथ ही केले का प्रसाद दें। भोजन के बाद अपनी यथाशक्ति दक्षिणा दें।

संतोषी माँ किसकी पुत्री है?

इसे सुनेंरोकेंयह सुनकर भगवान गणेश ने अपनी शक्तियों से एक ज्योति उत्प‍न्न की और उनकी दोनों पत्नियों की आत्मशक्ति के साथ उसे सम्मिलित कर लिया। इस ज्योति ने कन्या का रूप धारण कर लिया और गणेशजी की पुत्री का जन्म हुआ जिसका नाम संतोषी रखा गया। यह पुत्री माता संतोषी के नाम से विख्यात है।

शुक्र के व्रत में क्या खाना चाहिए?

इसे सुनेंरोकेंइस दिन व्रत करने वाले स्त्री-पुरुष खट्टी चीज का न ही स्पर्श करें और न ही खाएं। गुड़ और चने का प्रसाद स्वयं भी खाना चाहिए। भोजन में कोई खट्टी चीज, अचार और खट्टा फल नहीं खाना चाहिए। व्रत करने वाले के परिवार के लोग भी उस दिन कोई खट्टी चीज नहीं खाएं।

शुक्रवार का उद्यापन कब करें?

इसे सुनेंरोकेंअंतिम शुक्रवार के दिन उद्यापन करना होता है। इस दिन उपवास रखकर मां वैभव लक्ष्मी का पूजन करें और 7 या 9 कन्याओं को खीर-पूड़ी का भोजन कराएं। वैभव लक्ष्मी व्रत की पुस्तक, दक्षिणा व केले का प्रसाद देकर उन्हें विदा करें। सबसे आखिरी में खुद भोजन ग्रहण करें।

संतोषी माता के व्रत में क्या क्या चढ़ता है?

इसे सुनेंरोकें* माता को अक्षत, फ़ूल, सुगन्धित गंध, नारियल, लाल वस्त्र या चुनरी अर्पित करें. * माता संतोषी को गुड़ व चने का भोग लगाएँ. * संतोषी माता की जय बोलकर माता की कथा आरम्भ करें. इस व्रत को करने वाला कथा कहते व सुनते समय हाथ में गुड़ और भुने हुए चने रखे.

संतोषी माँ के माता पिता कौन है?

इसे सुनेंरोकेंसुखदाता भाग्य विधाता जय करना संतोषी मां। संतोषी माता हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार एक देवी हैं जिनका शुक्रवार का व्रत किया जाता है। संतोषी माता के पिता का नाम गणेश और माता का नाम रिद्धि-सिद्धि है। संतोषी माता के पिता गणेश और माता रिद्धि-सिद्धि धन, धान्य, सोना, चांदी, मूंगा, रत्नों और ज्ञान से भरा पूरा परिवार है।

संतोषी माँ किसका अवतार है?

इसे सुनेंरोकेंइस दिन खट्टे फल, सब्जी आदि किसी भी प्रकार की खट्टी चीजों का सेवन न करें. आप फल, दूध, रोटी, हलवा, गुड़, चना आदि चीजों का सेवन कर सकती हैं. 16 शुक्रवार विधिवत तरीके से पूजा करने पर ही संतोषी माता व्रत का शुभ फल मिलता है. इसके बाद व्रत का उद्यापन करना जरूरी होता है.

शुक्रवार के व्रत में क्या नहीं खाना चाहिए?

संतोषी माता का व्रत कैसे खोला जाता है?

इसे सुनेंरोकेंघर में किसी पवित्र स्थान पर संतोषी माता की मूर्ति रखें। मूर्ति के पास बड़े बर्तन में जल भरकर रखें और उसमें थोड़ा गुड़ और चने मिला दें। घी का दीपक जलाएं और माता संतोषी की व्रत कथा सुनें। पूजा सम्पन्न होने के बाद गुड़ और चने का प्रसाद सभी में बांट दें।

संतोषी माता के पति का क्या नाम है?

इसे सुनेंरोकेंमान्यताओं के आधार पर कहा जाता है कि भगवान गणेश के दो पुत्रों के साथ एक पुत्री भी थीं जिनका नाम माता संतोषी था। भगवान गणेश की दो पत्नियां रिद्धि और सिद्धि थीं जिनसे उन्हें दो पुत्र शुभ और लाभ हुए।

संतोषी माँ को कौन सा फूल पसंद है?

इसे सुनेंरोकेंमां संतोषी को कौन-सा फूल प्रिय है? मां संतोषी के स्वरूप को मां दुर्गा के सबसे शांत, कोमल रूपों में से एक माना जाता हैं. संतोषी माता कमल के फूल में विराजमान हैं. ऐसे में माता संतोषी की पूजा के दौरान उन्हें कमल का पुष्प अर्पित करना चाहिए.

शुक्रवार के व्रत में मूंगफली खा सकते हैं क्या?

इसे सुनेंरोकेंलेकिन व्रत में सरसों, सोयाबीन या रिफाइंड तेल वर्जित माना जाता है। व्रत में घी, घर का बना मक्खन या मूंगफली का तेल खाना चाहिए।

वैभव लक्ष्मी व्रत में क्या खाएं?

वैभव लक्ष्मी व्रत में क्या खाया जाता हैं

  • साबूदाने की खिचड़ी एवं पुलाव
  • कुटू की सब्जी
  • कुटू के पराठे
  • सिंघाड़े की नमकीन बर्फी
  • आलू, खीरे और मूंगफली का सलाद
  • कच्चे केले की टिकी

शुक्रवार के व्रत में शाम को क्या खाना चाहिए?

शुक्रवार व्रत के दौरान शाम में एक समय भोजन ग्रहण करना चाहिए। इस दिन खट्टे फल और सब्जी आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। आप फल, दूध, गुड़, चना और हलवा आदि का सेवन कर सकते हैं। 16 शुक्रवार विधि-विधान के साथ माता संतोषी की पूजा करने से मनोकामना पूर्ण होने की मान्यता है।

शुक्रवार को क्या खाना बनाना चाहिए?

शुक्रवार को खीर का प्रयोग शुभ है चमकीलों सफेद वस्‍तुएं शुक्र को प्रिय मानी जाती हैं। शुक्र की पसंद का ध्‍यान रखते हुए शुक्रवार को दूध, मखाने व चावल की खीर बनाकर पहले लक्ष्‍मी माता को अर्पित करें और फिर पूरे परिवार को खिलाएं।

संतोषी माता के व्रत में कौन कौन से फल खाए जाते हैं?

शुक्रवार व्रत में क्या खाना चाहिए – संतोषी माता के व्रत का भोजन.
मैदा से बनाइये स्वादिष्ट केक.
सूजी का हलवा.
दूध मलाई के लड्डू.
सूजी के लड्डू.
चावल की खीर.
मखाने की खीर.
कच्चे केले के चिप्स.
सूजी मैदा के बिस्कुट.

संतोषी माता के व्रत में क्या क्या नहीं खाना चाहिए?

क्या न करें इस दिन व्रत करने वाले स्त्री-पुरुष खट्टी चीज का न ही स्पर्श करें और न ही खाएं। गुड़ और चने का प्रसाद स्वयं भी खाना चाहिए। भोजन में कोई खट्टी चीज, अचार और खट्टा फल नहीं खाना चाहिएव्रत करने वाले के परिवार के लोग भी उस दिन कोई खट्टी चीज नहीं खाएं।