स्वरूप सिंह[1] (या सरूप सिंह) (15 जनवरी 1815 - 17 नवंबर 1861) उदयपुर रियासत के महाराणा थे। वह परिवार की बागोर शाखा के महाराज शिवदान सिंह के जैविक पुत्र थे,[2] लेकिन महाराणा सरदार सिंह ने उन्हें गोद लिया था। उनके शासनकाल में 1857 के भारतीय विद्रोह को दबा दिया गया था, हालांकि वह ब्रिटिशों के साथ 1818 संधि के पक्ष में महाराजा भीम सिंह द्वारा हस्ताक्षरित होने के कारण किनारे पर रहे। भारतीय विद्रोह के चार साल बाद 1861 में उनकी मृत्यु हो गई। Show
महाराणा के कोई पुत्र नहीं होने के कारण उन्होंने अपने भाई के पौत्र शम्भू सिंह को गोद लिया था और उसे अपना उतराधिकारी नियुक्त किया था। 1857 की क्रांति की रूप रेखा कानपुर के शासक नानासाहेब के मित्र अजीमुल्ला खां तथा सतारा के शासक रंगोजी बापू के द्वारा लंदन में बनाई गई थी, जिसे नेपाल से क्रियान्वित किया गया था।1857 के विद्रोह के संदर्भ में विभिन्न मत ( Different views in reference to the revolt of 1857 )
1857 की क्रांति के कुछ महत्वपूर्ण कारण निम्नलिखित है
NOTE – खैरवाड़ा व ब्यावर सैनिक छावनीयों ने इस सैनिक विद्रोह में भाग नहीं लिया। राजस्थान में क्रांति के समय पॉलिटिकल एजेंट ( Rajasthan Political agent in revolution )
राजस्थान में क्रांति के समय राजपूत शासक ( Rajasthan Rajput ruler in revolution )–
नसीराबाद में विद्रोह ( Rebellion in Nasirabad )
नीमच में विद्रोह ( Rebellion in Neemach )
धौलपुर में विद्रोह ( Revolution in Dholpur )
टोंक में विद्रोह (Revolution in tonk )
आउवा में विद्रोह (Revolution in AAHUA)
आउवा(पाली) – जोधपुर रियासत का एक ठिकाना था। इसमें ठिकानेदार ठाकुर कुशाल सिंह ने भी विद्रोह किया। गुलर, आसोप, आलनियावास(आस-पास की जागीर) इनके जागीरदार ने भी इस विद्रोह में शामिल होते है। बिथौड़ा का युद्ध – 8 सितम्बर 1857 (पाली) क्रान्तिकारीयों की सेना का सेनापति ठाकुर कुशाल सिंह और अंग्रेजों की तरफ से कैप्टन हीथकोट के मध्य हुआ और इसमें क्रांतिकारीयों की विजय होती है। चेलावास का युद्ध – 18 सितम्बर 1857(पाली) इसमे कुशाल सिंह व ए. जी. जी. जार्ज पैट्रिक लारेन्स के मध्य युद्ध होता है और कुशाल सिंह की विजय होती है। उपनाम – गौरों व कालों का युद्ध
पृथ्वी सिंह(छोटा भाई) को किले की जिम्मेदारी सौंप कर कुशाल सिंह मेवाड़ चला गया। कुशाल सिंह कोठरिया (सलुम्बर) मेवाड़ में शरण लेता है। इस समय मेवाड़ का ठाकुर जोधासिंह था। इस युद्ध में अंग्रेजों की विजय होती है। गयी।बिग्रेडियर होम्स सुगाली माता की मुर्ति, 6 पीतल+7 लोहे की तोपे उठाकर अजमेर ले जाता है वर्तमान में यह अजमेर संग्रहालय में सुरक्षित है। अगस्त 1860 में कुशाल सिंह आत्मसमर्पण कर दिया। सुगाली माता (जिनके 12 सिर व 54 हाथ थे), कुशाल सिंह की कुलदेवी थी। जो राजस्थान में क्रांति का प्रतीक मानी जाती है कुशाल सिंह के विद्रोह की जांच के लिए मेजर टेलर आयोग का गठन किया। साक्ष्यों के अभाव कुशाल सिह को निर्दोष करार दिया गया 25 जुलाई 1864 को उदयपुर में कुशाल सिंह की मृत्यु हो गई
एरिनपुरा में विद्रोह
कोटा में विद्रोह (Revolution in KOTA)
मेवाड़ के अप्रत्यक्ष विद्रोही
यद्यपि 1857 की क्रांति असफल रही किंतु उसके परिणाम व्यापक सिद्ध हुए।
Q. 1857 की क्रांति के समय राजस्थान में कितनी सैनिक छावनियां थी Q. 1857 के विद्रोह के समय भारत के गवर्नर जनरल कौन थे Q. 1857 के विद्रोह के समय राजस्थान के ए जी जी कौन थे उत्तर – 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के समय राजस्थान के ए जी जी जॉर्ज पैट्रिक लॉरेंस थे Q. एरिनपुरा सैनिक छावनी ने कब विद्रोह किया ? Q. एरिनपुरा विद्रोह का नेतृत्व किया ? Q. 10 मई 1857 को जिस दिन भारत मे मेरठ से क्रांति का प्रारम्भ हुवा उस दिन कौनसा वार था ? Q. राजस्थान में क्रांति का निम्न में से सबसे प्रमुख स्थान था ? Q. कोटा राज्य प्रजामंडल की स्थापना कब हुई ? Q. राजस्थान में सुव्यवस्थित क्रांति किस जगह हुई ? Q. किस राज्य के शासक की हालत अपने ही किले में बन्दी के समान दशा हो गयी थी ? Q. कोटा को कितने माह बाद क्रांतिकारियों सेमुक्त करवाया गया ? Q. निम्न में से छावनी नही थी ? Q. कोटा में क्रांति की शुरुआत कब हुई ? Q. राजस्थान में किस जगह जनविद्रोह हुआ ? Q. मेजर बर्टन का सिर कहा घुमाया ? Q. नीमच में विद्रोह किसने किया ? Q. कोटा में क्रांति का नेतृत्व किया था ? Q. नीमच से भागे हुए अंग्रेज परिवार को कहाँ बन्दी बनाया ? Q. मेक मोशन का सिर किस युद्ध मे काटा ? Q. क्रांति के समय अंग्रेजों का मुख्यालय था ? Q. चेलावास का युद्ध कब हुआ ? Q. किस युद्ध को काले गोरे का युद्ध कहा जाता है ? Q. ए. जी. जी. जॉर्ज पैट्रिक लॉरेंस की सेना को आउवा के निकट 18 सितंबर 1857 को क्रांतिकरियों ने किस स्थान पर परास्त किया ? Q. 1857 की क्रांति में किन ब्रिटिश छावनियों ने भाग नहीं लिया ? Q. कितनी सैनिक छावनी में विद्रोह नही हुआ ? Q. “दी सिपाय मयूटीना एन्ड द ऑफ 1857” के लेखक कौन थे? Q. 1857 की क्रांति के समय जोधपुर पॉलिटिकल एजेंट कौन था ? Q. 1857 से पूर्व ब्रिटिश ओर भारतीय सेना का देश मे क्या अनुपात था? Q. 1857 की क्रांति में किस नायक का मूल नाम धुन्धु पंत था? Q.1857 क्रांति के समय इंग्लैंड का प्रधानमंत्री कौन था? Q. झांसी की रानी लक्ष्मीबाई को 1857 की क्रांति के समय किसने कहा कि वो “विरतम ओर श्रेष्ठतम ” है ? Q. कौन नाना साहब पेशवा का मंत्री तथा प्रमुख सलाहकार था? Q.1857 की क्रांति के संदर्भ में किस नायक का नाम “अख्तरपिया” था? Q. बूंदी किसान आंदोलन का नेतृत्व किसने किया ? Q. आउवा वर्तमान में कहां पर स्थित है ? Q. 1857 की क्रांति का ऐसा कौन सा नेता है, जिसने क्रांति नहीं मानी ? Q. बूंदी किसान आंदोलन की शुरुआत कब हुई थी ? Q. भोमट के भील आंदोलन को किस नाम से जाना जाता है ? Q. बिजोलिया ठिकाने का संस्थापक था ? Q. बिजोलिया किसान आंदोलन की अवधि हैं ? Q. बिजोलिया किसान आंदोलन का कारण कितने प्रकार के कर और बेगार प्रथा थी ? Q. बिथोड़ा(पाली)का युद्ध कब हुआ Q. राजस्थान में1857 के विद्रोह की शुरूआत कब & कहा से हुई ? Q. लाला जयदयाल और मेहराब खाॅ ने कहाँ के विद्रोह का नेतृत्व किया ? उत्तर – कोटा Q. केसरी सिंह को किस मामले मेबीस वर्ष की सजा दी गई ? Q. राजस्थान सेवा संघ ने नवीन राजस्थानका प्रारम्भ कबकिया ? Q. 1857 क्रांति का अन्त सर्वप्रथम कहाँ हुआ ? उत्तर – 21 सितम्बर1857 (दिल्ली) Q. कौनसा शासक राजस्थान का अकेलाऐसा शासक था जो सेना को लेकरव्रिदोहियो को दबाने के लिए राज्य से बाहर भी गया ? Q. आउवा ठाकुर कुशालसिंह एवंएरिनपुरा के व्रिदोही सैनिको की भेंटकिस स्थान पर हुई ? Q. 1857 की क्रांति के समय राजपूताना किस प्रशासनिक नियंत्रण में था ? उत्तर- 1857 की क्रांति के समय राजपूताना उत्तरी पश्चिमी सीमांत प्रांत के प्रशासनिक नियंत्रण में था जिसका मुख्यालय आगरा में था इस प्रांत का लेफ्टिनेंट गवर्नर कोलविन था 1857 की क्रांति के समय Udaipur का शासक कौन था?1857 के विद्रोह के दौरान महाराणा स्वरूप सिंह उदयपुर के शासक थे। उनका जन्म 8 जनवरी 1815 को हुआ था।
1857 की क्रांति के समय जयपुर का शासक कौन था?Detailed Solution. 1857 की क्रांति के समय सिरोही का शासक कौन था?सही उत्तर जे. डी. हॉल है। सिरोही राज्य की स्थापना 1311 में लुंभा द्वारा की गई थी, जिन्होंने इस क्षेत्र पर विजय प्राप्त की और बाद में राज्य का गठन किया।
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