18वी शताब्दी में भारत पर अधिकार के लिए चार दावेदार कौन थे उनके नाम लिखो class 8? - 18vee shataabdee mein bhaarat par adhikaar ke lie chaar daavedaar kaun the unake naam likho chlass 8?

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Bharat Ki Khoj Class 8 Chapter 5 Question and Answers

प्रश्न 1.
हर्ष कहाँ का शासक था?
उत्तर:
हर्ष उत्तर भारत का शक्तिशाली शासक था।

प्रश्न 2.
भारत और अरब के बीच कैसा संपर्क हुआ?
उत्तर:
भारत और अरब के बीच यात्रियों का आना-जाना शुरू हुआ, राजदूतों की अदला-बदली शुरू हुई, पुस्तकें इधर-उधर हुईं, चिकित्सक गए, व्यापार शुरू हुआ।

प्रश्न 3.
भारत और अरब के बीच व्यापार और सांस्कृतिक संबंध कहाँ तक सीमित थे?
उत्तर:
भारत और अरब के बीच व्यापार-संबंध उत्तर भारत तक सीमित थे।

प्रश्न 4.
महमूद गजनवी का भारत पर कब आक्रमण हुआ?
उत्तर:
सन् 1000 के आस-पास महमूद गजनवी ने भारत पर आक्रमण किया। वह भारत से बहुत बड़ा खजाना लूटकर ले गया। महमूद ने पंजाब और सिंध को अपने राज्य में मिला लिया। सन् 1050 ई. में उसकी मृत्यु हो गई।

प्रश्न 5.
शहाबुद्दीन गौरी कौन था?
उत्तर:
एक अफगान शहाबुद्दीन गौरी ने गजनी पर आक्रमण करके उस पर अधिकार कर लिया। उसने पहले लाहौर, फिर दिल्ली पर कब्जा कर लिया। 1192 ई. में पृथ्वीराज चौहान को हराकर वह दिल्ली के तख्त पर बैठा।

18वी शताब्दी में भारत पर अधिकार के लिए चार दावेदार कौन थे उनके नाम लिखो class 8? - 18vee shataabdee mein bhaarat par adhikaar ke lie chaar daavedaar kaun the unake naam likho chlass 8?

प्रश्न 6.
तैमूर ने क्या किया?
उत्तर:
14वीं शताब्दी के अंत में तुर्क-मंगोल तैमूर ने उत्तर की ओर से आकर दिल्ली की सल्तनत को ध्वस्त कर दिया। वह कुछ महीने ही भारत में रहा।

प्रश्न 7.
14वीं शताब्दी में कौन-से दो बड़े राज्य कायम हुए?
उत्तर:

  • गुलमर्ग जो बहमनी राज्य के नाम से प्रसिद्ध है।
  • विजयनगर का हिंदू राज्य।

प्रश्न 8.
भारत में पर्दा-प्रथा कब शुरू हुई?
उत्तर:
भारत में पर्दा-प्रथा की शुरुआत मुगल काल में हुई। औरतों को अलग पर्दे में रखने की प्रथा उन इलाकों में सबसे अधिक थी, जहाँ ऊँचे वर्ग थे।

प्रश्न 9.
अमीर खुसरो कौन थे?
उत्तर:
अमीर खुसरो फारसी के प्रसिद्ध कवि और लेखक थे। उन्हें संस्कृत का अच्छा ज्ञान था। उन्हें सितार का आविष्कारक माना जाता है। अमीर खुसरो ने पहेलियाँ भी लिखी हैं।

प्रश्न 10.
अकबर कौन था? उसका परिचय दीजिए।
उत्तर:
अकबर मुगल शासक बाबर का पोता था। वह मुगल खानदान का तीसरा शासक था। उसका आकर्षक व्यक्तित्व था। 1556 ई. में वह बादशाह बना। उसने 50 वर्षों तक शासन किया। उसने राजपूतों के साथ घनिष्ठ संबंध बनाए। अकबर ने जो इमारत खड़ी की, वह इतनी मजबूत थी कि दुर्बल उत्तराधिकारियों के बावजूद 100 साल तक शासन कायम रहा।

प्रश्न 11.
मुगल शासन में कौन-सी पस्तकें लिखी गई?
उत्तर:
मुगल शासन के दौरान हिंदुओं ने फारसी में अनेक कालजयी रचनाएँ लिखीं। मलिक मुहम्मद जायसी ने ‘पद्मावत’ लिखा। रहीम भी अकबर के अमीर थे तथा फारसी, अरबी और संस्कृत के कवि थे।

प्रश्न 12.
औरंगजेब कौन था?
उत्तर:
औरंगजेब मुगल शासक था। उसने अपने पूर्वजों के कामों पर पानी फेर दिया। उसने उल्टी गंगा बहाई। उसे कला, साहित्य से प्रेम नहीं था। वह धर्मान्ध, कठोर और नेतिकतावादी था। उसने हिंदुओं पर जजिया-कर लगाया। उसने अनेक हिंदू मंदिर तुड़वा दिए।

18वी शताब्दी में भारत पर अधिकार के लिए चार दावेदार कौन थे उनके नाम लिखो class 8? - 18vee shataabdee mein bhaarat par adhikaar ke lie chaar daavedaar kaun the unake naam likho chlass 8?

प्रश्न 13.
18वीं शताब्दी में भारत पर अधिकार के दावेदार कौन थे?
उत्तर:
18वीं शताब्दी में भारत पर अधिकार के चार दावेदार थे-

  • मराठे,
  • हैदरअली और उसका बेटा टीपू सुल्तान,
  • फ्रांसीसी,
  • अंग्रेज।

प्रश्न 14.
अंग्रेजों ने किस-किसको हराकर भारत पर प्रभुत्व स्थापित किया?
उत्तर:
अंग्रेजों ने टीपू सुल्तान तथा मराठों को पराजित कर अपना प्रभुत्व स्थापित किया।

प्रश्न 15.
जयपुर के राजा जयसिंह ने क्या-क्या निर्माण करवाया?
उत्तर:
राजा जयसिंह ने जयपुर, दिल्ली, उज्जैन, बनारस और मथुरा में बड़ी-बड़ी वेधशालाएँ बनवायीं। जयपुर नगर को बसाया।

प्रश्न 16.
इंग्लैंड में रॉयल सोसाइटी की स्थापना कब हुई?
उत्तर:
सन् 1660 ई. में इंग्लैंड में रॉयल सोसाइटी की स्थापना हुई।

प्रश्न 17.
‘द वैल्थ ऑफ नेशन्स’ में एडम स्मिथ ने क्या लिखा है?
उत्तर:
एडम स्मिथ ने सन् 1776 ई. में ‘द वैल्थ ऑफ नेशन्स’ में लिखा है कि एकमात्र व्यापारियों की कंपनी की सरकार किसी भी देश के लिए सबसे बुरी सरकार है।

18वी शताब्दी में भारत पर अधिकार के लिए चार दावेदार कौन थे उनके नाम लिखो class 8? - 18vee shataabdee mein bhaarat par adhikaar ke lie chaar daavedaar kaun the unake naam likho chlass 8?

Bharat Ki Khoj Class 8 Chapter 5 Summary

अरब और मंगोल-जब हर्ष उत्तर भारत में एक शक्तिशाली शासक थे और विद्वान चीनी चात्री हुआनत्सांग नालंदा में अध्ययन कर रहे थे, उसी समय अरब में इस्लाम अपना रूप ग्रहण कर रहा था। लगभग 600 वर्षों में उसने भारत में राजनीतिक विजय के साथ प्रवेश किया। अरब वाले भारत के उत्तर-पश्चिम छोर तक पहुँचकर वहीं रुक गए। अरब सभ्यता का क्रमश: पतन हुआ। मध्य तथा पश्चिमी एशिया में तुर्की जातियाँ आगे आईं। यहीं तुर्क और अफगान इस्लाम को राजनीतिक शक्ति के रूप में भारत लाए।

अरबों ने बड़ी आसानी से दूर-दूर तक फैलकर तमाम इलाके जीत लिए। बाद में वे सिंध से आगे नहीं बढ़े। अरबों के आंतरिक झगड़े भी थे। दोनों ओर से यात्रियों व दूतों का आना-जाना हुआ। गणित तथा खगोल शास्त्र की पुस्तकों का अरबी में अनुवाद हुआ। अब भारतीयों को इस नए इस्लाम धर्म की जानकारी हुई।

महमूद गजनवी और अफगान- 1000 ई. के आस-पास अफगानिस्तान के सुल्तान महमूद गजनवी ने भारत पर आक्रमण शुरू किए। बहुत खून-खराबा हुआ। महमूद गजनवी ने उत्तर भारत के सिर्फ एक टुकड़े को छुआ और लूटा। उसने पंजाब और सिंध को अपने राज्य में मिला लिया। वह कश्मीर पर विजय नहीं पा सका। काठियावाड़ में सोमनाथ से लौटते हुए उसे राजस्थान के रेगिस्तानी इलाकों में हार खानी पड़ी। सन् 1030 ई. में उसकी मृत्यु हो गई। फिर 160 वर्षों बाद शहाबुद्दीन गौरी ने गजनी पर कब्जा कर लिया। फिर लाहौर तथा दिल्ली पर धावा बोल दिया। पृथ्वीराज चौहान ने उसे पराजित किया, पर अगले साल उसकी जीत हुई और 1192 में वह दिल्ली के तख्त पर बैठा।

14वीं शती के अंत में तुर्क-मंगोल तैमूर ने उत्तर की ओर से आकर दिल्ली की सल्तनत को ध्वस्त कर दिया। सौभाग्य से वह बहुत आगे नहीं बढ़ा पाया। 14वीं शताब्दी के आरंभ में दो बड़े राज्य कायम हुए-गुलबर्ग जो बहमनी राज्य के नाम से प्रसिद्ध है और विजयनगर का हिंदू राज्य। दक्षिण भारत में विजयनगर तरक्की कर रहा था। तब एक हमलावर ने 1526 में दिल्ली का सिंहासन जीत लिया। तैमूर वंश का वह तुर्क-मंगोल बाबर था। इसने भारत में मुगल साम्राज्य की स्थापना की।

समन्वय और मिली-जुली संस्कृति का विकास- दिल्ली के प्रसिद्ध सुल्तान फिरोजशाह की माँ हिंदू थी। यही स्थिति गयासुद्दीन तुगलक की थी। अकबर के प्रसिद्ध राजस्व मंत्री टोडरमल की नियुक्ति शेरशाह ने ही की थी। यह समन्वय का एक नया रूप था। वास्तुकला की नई शैली उपजी, खान-पान बदला, गीत-संगीत में भी समन्वय दिखाई देने लगा। फारसी भाषा दरबार की भाषा बन गई। जब तैमूर के हमले से दिल्ली की सल्तनत कमजोर हुई तो जौनपुर में एक छोटी-सी मुस्लिम रियासत खड़ी हुई। 15वीं शताब्दी के दौरान यह रियासत कला, संस्कृति और धार्मिक सहिष्णुता का केंद्र रही।

अमीर खुसरो तुर्क थे। वे फारसी के चोटी के कवि थे और उन्हें संस्कृत का भी ज्ञान था। कहा जाता है कि सितार का आविष्कार उन्होंने ही किया था। अमीर खुसरो ने अनगिनत पहेलियाँ लिखीं।

बाबर और अकबर : भारतीयकरण की प्रक्रिया- अकबर भारत में मुगल खानदान का तीसरा शासक था। उसने भारत में मुगल साम्राज्य की नींव पक्की की। भारत में आने के चार वर्ष बाद ही बाबर की मृत्यु हो गई। बाबर का व्यक्तित्व आकर्षक था। उसका पौत्र अकबर उससे भी गुणवान् निकला। वह बहादुर ‘दुस्साहसी’ योग्य सेनानायक, विनम्र, दयालु, आदर्शवादी और स्वप्नदर्शी था। 1556 से शुरू होकर उसका शासन 50 वर्ष तक रहा। उसने एक राजपूत राजकुमारी से शादी की। उसका बेटा जहाँगीर आधा मुगल आधा हिंदू राजपूत था। जहाँगीर का बेटा शाहजहाँ भी राजपूत माँ का बेटा था। राजपूत घरानों से संबंध बनाने से साम्राज्य मजबूत हुआ। राणा प्रताप ने मुगलों से टक्कर ली। अकबर ने अपने चारों ओर अत्यंत प्रतिभाशाली लोगों का समुदाय इकट्ठा किया जो उसके आदर्शों के प्रति समर्पित थे।

यांत्रिक उन्नति और रचनात्मक शक्ति में एशिया और यूरोप के बीच अंतर- अकबर ने जो इमारत खड़ी की थी, वह इतनी मजबूत थी कि दुर्बल उत्तराधिकारियों के बावजूद सौ साल तक कायम रही। वास्तुकला की दृष्टि से दिल्ली और आगरा में सुंदर इमारतें तैयार हुईं। भारत में रहने वाले अधिकतर मुसलमानों ने हिंदू धर्म से धर्म परिवर्तन कर लिया था। दोनों में काफी समानताएँ विकसित हो गई थीं। गाँव की जनता का जीवन मिला-जुला था। हिंदुओं ने मुसलमानों को भी एक जात मान लिया था। मुगल शासन के दौरान कई हिंदुओं ने दरबारी भाषा फारसी में पुस्तकें लिखीं। फारसी में संस्कृत की पुस्तकों का अनुवाद हुआ।

औरंगजेब ने उल्टी गंगा बहाई : हिंदू राष्ट्रवाद का उभार शिवाजी- औरंगजेब समय के विपरीत चलने वाला शासक था। उसने अपने कारनामों से पूर्वजों के कामों पर पानी फेरने का प्रयास किया। वह धर्मान्ध तथा कठोर नैतिकतावादी था। उसे कला और साहित्य से कोई प्रेम नहीं था। उसने हिंदुओं पर जजिया-कर लगाया। मंदिरों को तुड़वाया। इसकी प्रतिक्रिया में पुनर्जागरण विचार पनपने लगे। मुसलमान साम्राज्य के खंडित होने का महत्त्वपूर्ण कारण आर्थिक ढाँचे का चरमराना था। इसी समय 1627 ई. में शिवाजी का जन्म हुआ। उसके छापामार दस्तों ने मुगलों की नाक में दम कर दिया। 1680 में शिवाजी की मृत्यु हो गई।

प्रभुत्व के लिए मराठों और अंग्रेजों में संघर्ष : अंग्रेजों की विजय- 1707 ई. औरंगजेब की मृत्यु के बाद 100 वर्ष तक भारत पर अधिकार के लिए संघर्ष चलता रहा। 18वीं शताब्दी में चार दावेदार थे-(i) मराठे, (ii) दक्षिण में हैदरअली और उसका बेटा टीपू सुल्तान, (iii) फ्रांसीसी, (iv) अंग्रेज। 1739 ई. में ईरान का बादशाह नादिरशाह दिल्ली पर टूट पड़ा। उसने मार-काटकर बेशुमार दौलत लूट ली। वह अपने साथ तख्ते-ताऊस भी साथ ले गया। बंगाल में जालसाजी और बगावत को बढ़ावा देकर क्लाइव ने 1757 ई. में प्लासी का युद्ध जीत लिया। 1770 ई. बंगाल और बिहार में भयंकर अकाल पड़ा। अंग्रेजों की विजय के साथ भारत में फ्रांसीसियों का नामो-निशान मिट गया। मैसूर के टीपू सुल्तान को अंग्रेजों ने अंतत: 1799 में हरा दिया। मराठे सरदारों में आपसी वैर था। अंग्रेजों ने उन्हें भी अलग-अलग युद्धों में हरा दिया। अंग्रेजों ने भारत को अव्यवस्था व अराजकता से बचाया। पर यह स्थिति भी ईस्ट इंडिया कंपनी के कारण फैली थी।

रणजीत सिंह और जयसिंह- महाराजा रणजीत सिंह एक जाट सिख थे। पंजाब में उन्होंने अपना शासन कायम किया। राजपूताने में जयपुर का सवाई जयसिंह था। जयसिंह ने जयपुर, दिल्ली, बनारस और मथुरा में बड़ी-बड़ी वेधशालाएँ बनवाईं। जयपुर नगर की योजना उसी की थी।

भारत की आर्थिक पृष्ठभूमि : इंग्लैंड के दो रूप- ईस्ट इंडिया कंपनी का मुख्य काम था-भारतीय माल लेकर यूरोप में व्यापार करना। कंपनी को इससे बहुत लाभ भी हुआ।

इंग्लैंड का भारत में तभी आगमन हुआ जब 1600 ईसवी में एलिजाबेथ ने ईस्ट इंडिया कंपनी को परवाना दिया। 1605 ई. में मिल्टन का जन्म हुआ। सौ साल बाद कपड़े बुनने की ढरकी का आविष्कार हुआ। इंग्लैंड सामंतवाद और प्रतिक्रियावाद से घिरा हुआ था।

18वी शताब्दी में भारत पर अधिकार के लिए चार दावेदार कौन थे?

18 वीं शताब्दी का भारत (भाग-1) | आधुनिक भारत | History by Shankar Kumar Jha Sir.

18 वीं शताब्दी में भारत पर अधिकार के दावेदार कौन थे * 1 Point 1 मराठे 2 चीनी 3 रूसी 4 इनमे से कोई नहीं?

18 शताब्दी.

18 वी शताब्दी में भारत में संस्कृत सीखने के प्रमुख केंद्र कौन से थे?

S.St 716 विशिष्ट क्षेत्रों के विकास को प्रभावित करने वाले कारकों का विश्लेषण करते हैं ।

कैसे 18 वीं सदी में भारत था?

18 वीं सदी में गुलामी भारतीय समाज की प्रमुख विशेषताओं में से एक थी। राजपूत, खत्री और कायस्थ आमतौर पर दास महिलाओं को घरेलू काम के लिए रखते थे। हालाँकि भारत में गुलामों को उनके समकक्षों से बेहतर माना जाता था, जिन्हें अमेरिका और इंग्लैंड ले जाया जाता था। दासों को आमतौर पर परिवार की वंशानुगत संपत्ति माना जाता था