2 महीने के बच्चे क्या क्या कर सकते हैं? - 2 maheene ke bachche kya kya kar sakate hain?

2 से 3 माह का शिशु अगर आपकी आवाज सुनता है, तो वह उसपर अपनी प्रतिक्रिया देना शुरू करता है। जैसे- जब आप उन्हें आवाज निकाल-निकाल कर खिलाते हैं, तो वह मुस्कुराने और उत्साहित होने लगता है।

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2. आवाज होने पर चीजों को ढूंढना

कई शिशु गाना सुनने या फिर किसी की आवाज सुनने पर उसे ढूंढना शुरू कर देता है। जब आसपास कुछ चीजें गिरती हैं, तो वह अपने आंखों को चारो ओर घुमाकर उस ची का पता लगाने की कोशिश करने लगता है। कई बार शिशु ज्यादा आवाज होने पर रोने भी लगता है। 

3. बात करने की कोशिश

जब आप बच्चे के साथ खेलते हैं या फिर किसी तरह की बातें करते हैं, तो वह अपनी हरकतों को प्रदर्शित करके आपसे बातें करने की कोशिश करने लगता है। जैसे- हाथ पैरों को तेजी से हिलाना, आंखों से इशारा करना, तेज आवाज या फिर न पसंदीदा चीजों से चिढ़ना या रोना।

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4. चेहरे की पहचान

2 से 3 माह के शिशुओं को चेहरे की पहचान होने लगती है। वह अपने आसपास रहने वाले लोगों के चेहरे को अच्छे से पहचानने लगता है। इसलिए जब कोई अनजान व्यक्ति उसे गोद में लेता है, तो वह रोने लगता है। वहीं, पहचाने हुए चेहरे वाले लोगों के पास जाते ही वह चुप हो जाता है। 

5. सिर को उठाने की कोशिश करना

तीन माह तक आते-आते बच्चा अपने सिर को उठाने की कोशिश करता है। जब वह पेट के बल लेटता है, तो अपने सीने और सिर को हल्का सा उठाता है। कुछ-कुछ बच्चे कुछ हद तक कामयाब भी हो जाते हैं।

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6. खिलौनों को पकड़ना

तीसरे माह तक आते-आते शिशु खिलौने को पकड़ना सीख जाता है। अगर आप उसके सामने उसका पसंदीदा खिलौना रखते हैं, तो वह उसे पकड़ने की कोशिश करता है, कभी-कभी उसे फेंकता भी है। कुछ बच्चे मुट्ठी बंद करने लगते हैं।

7. मुंह में हाथ डालना

3 माह का बच्चा अपने मुंह में हाथ डालने लगता है। यह संकेत भूख लगने का हो सकता है। इसके बाद धीरे-धीरे वह अपना अंगूठा भी चूसने लगता है। 

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8. हाथ-पांव चलाना

जब पीठ के बल लेटे हुए शिशु का मूड अच्छा होता है, तो वह अपना हाथ-पांव (साइकिंल चलाने जैसी प्रतिक्रिया) काफी ज्यादा हिलाता है। यह उनके खेलने का संकेत हो सकता है। वहीं, जिन्हें वह पहचानता है, उनका चेहरा देखकर भी वह अपना हाथ-पांव काफी तेजी से हिलाता है, ताकि वह व्यक्ति उन्हें अपनी गोद में ले। 

9. अनजान के पास असुरक्षित महसूस करना

2 से 3 माह का शिशु अपने परिचित का चेहरा देखकर खुश होते हैं और उनके साथ खुद को सुरक्षित महसूस करते हैं। वहीं, 2 से 3 माह का बच्चा अगर अनजान व्यक्ति के पास जाए, तो वह असुरक्षित महसूस करते हैं। इस वजह से वह रोने लगते हैं या फिर उनका हाव-भाव चिड़चिड़ा जैसा हो जाता है।

हर बच्चे का विकास अलग-अलग तरीकों से होता है। ऊपर दी गई हरकतें हर शिशु को अलग-अलग समय हो सकती हैं। इसलिए ज्यादा घबराएं नहीं। लेकिन अगर आपका शिशु ऊपर बताई गई एक भी हरकतें नहीं करता है, तो उन्हें डॉक्टर के पास तुरंत ले जाएं। ताकि समय रहते उनकी जन्मजात परेशानी को खत्म किया जा सकता है।

आपका बच्चा अब 2 महीने का हो गया है और आप उसकी पर्सनालिटी को भी समझने लगी होंगी। आप उसके रोने या अन्य संकेतों से उसकी पसंद व नापसंद समझ सकती हैं। अब आपको उसके साथ कुछ एक्टिविटीज करनी चाहिए जो उसके विकास में भी मदद करेंगी। दिनभर में बच्चा जब जागा हुआ रहता है उस समय को आप उसके खेलना सिखा सकती हैं जिससे उसका शारीरिक व सामाजिक विकास होगा।  

2 महीने के बच्चे में आप कौन-कौन से विकास देख सकते हैं 

  • इस आयु में आपके बच्चे का सिर थोड़ा बैलेंस होने लगता है और आप देखेंगी कि वह अपने सिर को सीधा रखने का प्रयास करना शुरू कर देता है। इस समय आप उसे पेट के बल लिटाना शुरू करें इससे वह अधिक मजबूत बनेगा। 
  • 2 महीने के बच्चों में इंस्टिंक्टिव रेफ्लेक्सेस अभी भी होता है। आप देखेंगी कि आपके बच्चे में सकिंग रिफ्लेक्स है और यह एक अच्छी बात है। सकिंग (चूसना) से बच्चा खुद को कम्फर्ट करता है। 
  • आप देखेंगी कि यदि आप बच्चे के सामने कोई भी चीज रखती हैं तो वह उसे हटाने की कोशिश करता है। 
  • 2 महीने के बच्चे की दृष्टी में सुधार होता रहता है और वह 45 सेंटीमीटर (18 इंच) दूर रखी चीज को भी देख सकता है। 
  • बच्चा चीजों को देखना शुरू कर देता है और चीजों के मूव होने पर वह उसे फॉलो करने लगता हैं। 
  • बच्चे को आपकी बातें और आपके गाने अच्छे लगते है, आप जितना उससे बाते करेंगी उसे उतना ज्यादा अच्छा लगेगा। 
  • दो महीने का बच्चा तेज आवाज में रोता है। 
  • बच्चा अब पहचान सकता है कि आवाज कहां से आ रही है और उस तरफ सिर घुमाता हैं। 
  • इस समय तक बच्चा मुस्कुराने लगता है। 

2 महीने के बच्चे के लिए फन एक्टिविटीज 

यहाँ पर 2 महीने के बच्चे के लिए कुछ फन एक्टिविटी दी गई है जो एक्सपर्ट द्वारा बताई गई हैं।

1. विगल टॉयज का उपयोग करें

यह खेल सबसे आम है। बच्चे प्राकृतिक रूप से विशेषकर आवाज करने वाली ब्राइट चीजों की तरफ आकर्षित होते हैं। इस एक्टिविटी से बच्चे में किसी भी चीज को देखने व उसे ट्रैक करने की क्षमता का विकास होता है।

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इस एक्टिविटी के लिए आपको चाहिए 

आप अपने बच्चे के लिए ब्राइट कलर के खिलौने, डॉल्स, स्टफ एनिमल्स, मोबाइल और सॉफ्ट टॉयज भी ले सकती हैं। 

एक्टिविटी कैसे करें 

2 महीने की आयु में बच्चा लगभग 45 सेंटीमीटर दूर तक देख सकता है। वह इतनी दूरी से अपनी नजर को किसी भी चीज पर टिका सकता है और उस चीज के मूवमेंट पर थोड़ी देर तक उसे फॉलो भी कर सकता है। आप कई खेलों की मदद से बच्चे के देखने की क्षमता को बढ़ाने में मदद कर सकती हैं। आप किसी भी एक आकर्षक और आवाज करनेवाले खिलौने से शुरू कर सकती हैं क्योंकि इससे आपको एक अच्छा रिस्पॉन्स मिल सकता है। आप इसे अपने बच्चे के आस-पास व अलग डायरेक्शन में उसके चेहरे के पास और उससे दूर घुमाएं। खिलौने को इधर-उधर घुमाते समय आप फनी आवाजें निकाल सकती हैं, बातें कर सकती हैं या गा सकती हैं। 

2. अपने बच्चे से बाते करें 

छोटे बच्चों से बाते करने से वे लोगों की अलग-अलग आवाजों को समझना सीखते हैं। अक्सर यदि कोई भी व्यक्ति बच्चे से निरंतर बाते करता है तो वह उसे पहचानना शुरू कर देगा।

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स्किल डेवलपमेंट 

इससे बच्चे में सुनने, बोलने और भाषा का विकास होने में मदद मिलती है। 

इस एक्टिविटी के लिए आपको चाहिए 

इस एक्टिविटी के लिए सिर्फ आप और आपका बच्चा ही काफी है।  

एक्टिविटी कैसे करें 

आप अपने बच्चे से भी वैसे ही बात करें जैसे आप किसी और से करती हैं। आप अपने बच्चे से कोई भी बातें कर सकती हैं या गाना भी गा सकती हैं। जब आपका बच्चा आपको बात करते और गाते हुए सुनता है तो वह उसकी अपनी भाषा, सुनने और बोलने की फॉउंडेशन बनने लगती है। आप बच्चे से कोई भी बात कर सकती हैं, भाव व्यक्त कर सकती हैं या कोई लोरी भी गए सकती हैं ताकि बच्चा आपकी आवाज को पहचान सके और सहज महसूस कर सके। आप यह भी देखेंगी कि बच्चा आपके शब्दों और टोन में अलग-अलग तरह से प्रतिक्रिया देता है जिससे अलग-अलग भाव व्यक्त होते हैं। 

3. कडल करें 

बच्चों को कडल करना यानि उसे अपने गोद में लेकर उसे प्यार करें। यह भी एक महत्वपूर्ण सेंसरी एक्टिविटी है जो माँ और बच्चे के लिए फायदेमंद भी है।

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स्किल डेवलपमेंट 

माँ और बच्चे में बॉन्डिंग अच्छी होती है और बच्चे में भावनात्मक विकास होता है। 

इस एक्टिविटी के लिए आपको चाहिए 

आप और आपका बच्चा 

एक्टिविटी कैसे करें 

कडल करने का मतलब ही यही है कि आपकी त्वचा से बच्चे की त्वचा में संपर्क होना। आप कुछ समय के लिए अपने बच्चे को कडल करें और उससे कहें कि आप उससे सबसे ज्यादा प्यार करती हैं। यह ब्रेस्टफीडिंग के दौरान, सोते समय या मालिश करते समय भी हो सकता है। आप अपने बच्चे को जितना ज्यादा छुएंगी, आपके व बच्चे का बॉन्ड उतना ज्यादा स्ट्रॉन्ग होगा। इससे बच्चे में मानसिक व शारीरिक विकास होता है और इससे नींद में सुधार आता है व स्ट्रेस कम होता है। 

4. बच्चे को स्पर्श करवाएं 

किसी भी चीज को छूकर समझने की क्षमता बहुत जरूरी है और बच्चे को विभिन्न मटेरियल से परिचित कराने का यह सबसे सही समय है जिससे उसमें स्पर्श की स्किल्स विकसित होती है। छूने से बच्चा अपने वातावरण, कुछ भी देखने और आवाज से परिचित होता है। यह सिर्फ हाथ से ही नहीं पूरे शरीर से स्पर्श भी हो सकता है।

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स्किल डेवलपमेंट 

बच्चे में स्पर्श संबंधी और सेंसरी स्किल्स का विकास होता है। 

इस एक्टिविटी के लिए आपको चाहिए 

अलग-अलग टेक्सचर के कपड़े, खिलौने और रोजाना की अन्य चीजें 

एक्टिविटी कैसे करें 

आप बच्चे के विभिन्न टेक्सचर के टॉयज और अन्य ऑब्जेक्ट्स, जैसे रैटलर्स, स्पंज, टेक्सचरड रिग्स, अलग-अलग तरीके के फैब्रिक, घर की चीजें और इत्यादि। आप बेबी स्टोर से ऐसे खिलौने ले सकती हैं जिसमें सरफेस हो और वे स्पाइकी, स्मूद, रबर के, मुलायम या बम्पी हों। अलग-अलग प्रकार के फैब्रिक में बच्चे को उसके कपड़े उतार कर लिटाने से उसे सभी प्रकार के टेक्सचर का स्पर्श महसूस होता है। आप बच्चे के शरीर (पेट, पैर, चेहरे और पीठ) में अलग-अलग प्रकार के खिलौने का स्पर्श करवा सकती हैं। 2 महीने के बच्चे के लिए यह एक्टिविटी बेस्ट है और इससे बच्चे मुलायम चीजों की स्पर्श से टिकलिंग को भी एन्जॉय करते हैं, जैसे पंख। 

5. पेट के बल लिटाएं (टमी टाइम)

बच्चे को रोजाना पेट के बल लिटाना जरूरी होता है।

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बच्चे में शारीरिक विकास होता है और ताकत बढ़ती है। 

इस एक्टिविटी के लिए आपको चाहिए 

आप और आपका बच्चा 

एक्टिविटी कैसे करें 

आप रोजाना बच्चे को खिलाते समय उसे पेट के बल लिटा सकती हैं। इससे बच्चे की ताकत बढ़ती है और उसकी मांसपेशियों में कोर्डिनेशन बढ़ता है जिससे बच्चे की गर्दन, कंधे, बाजु और शरीर का ऊपरी भाग नियंत्रित होता है। इससे बच्चे लुढ़कना व इधर-उधर मूव करना सीखता है और इस सभी स्किल्स के लिए बच्चे को पेट के बल लिटाना जरूरी है। इससे बच्चे की मांसपेशियां लंबे समय के लिए मजबूत होती हैं जिससे बच्चा क्रॉल करने और बैठने में सक्षम होता है। हालांकि आप अपने बच्चे को ज्यादा समय तक पेट के बल न लिटाएं।आराम देने के लिए आप उसे पीठ के बल लिटा सकती हैं। आप 2 महीने के बच्चे को यह एक्टिविटी तभी करवाएं जब उनका मूड अच्छा हो और वह खुश हो। 

6. बच्चे को साथ लेकर पढ़ें 

साथ में पढ़ना एक फन एक्टिविटी है जिससे देखने और सुनने की क्षमता बढ़ती है। बच्चों को अपने पेरेंट्स की आवाज सुनना पसंद होता है और यदि माता-पिता अपने बच्चे के लिए बारी-बारी पढ़ते हैं तो यह सबसे बेहतर होता है।

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इससे बच्चे में कॉग्निटिव और भाषा की स्किल का विकास होता है। 

इस एक्टिविटी के लिए आपको चाहिए  

बच्चों के लिए कुछ किताबें 

एक्टिविटी कैसे करें 

सबसे पहले आप अपने बच्चे को लेकर बैठ जाएं और किताब में उंगली रखकर पढ़ें। आप अपने बच्चे को रंग-बिरंगे इलस्ट्रेशन दिखाएं और हर चीज के बारे में बताएं। आप बच्चे के लिए किसी शांत जगह पर बैठकर पढ़ें और इसे मनोरंजक बनाएं। आप बच्चे की अटेंशन के लिए एक्सप्रेशन या आवाज बदलकर भी पढ़ने का प्रयास कर सकती हैं। 

7. परिवार के लोगों के साथ मिले-जुले

बच्चों में सोशल स्किल्स का विकास करने के लिए गेट टुगेदर करना सबसे बेहतरीन उपाय है क्योंकि इससे बच्चे अपरिचित लोगों से भी बेहतर व्यवहार करते हैं।

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स्किल डेवलपमेंट 

बच्चों में सोशल स्किल्स का विकास होता है। 

इस एक्टिविटी के लिए आपको चाहिए 

संबंधियों और दोस्तों से मिलना-जुलना। 

एक्टिविटी कैसे करें 

आप बच्चे को अन्य लोगों व परिवार से मिलाने ले जाएं जहाँ बच्चा उन अलग-अलग लोगों से भी मिल सकता है जो उसके लिए अपरिचित हैं। आपके दोस्तों व संबंधियों द्वारा बच्चे को लेने से वह नए चेहरों व नई आवाजों से परिचित होता है। ऐसा करने से आपके बच्चे को लोगों से इंटरैक्ट करने में मदद मिलेगी और वह लंबे समय तक नए लोगों से मिलने में डरेगा या कफ्यूज नहीं होगा। इस बात का भी ध्यान रखें आप अपने बच्चे को ऐसी गैदरिंग में लेकर जाएं जहाँ पर ज्यादा लोग व शोर न हो। इससे बच्चा डिस्टर्ब हो सकता है और यह एक्टिविटी करने का कोई भी फायदा नहीं होगा। 

8. बच्चे को घुमाने ले जाएं  

बच्चे के साथ क्वालिटी टाइम बिताने के लिए यह एक सबसे बेहतरीन एक्टिविटी है।

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बॉन्डिंग और स्थानिक जानकारी 

इस एक्टिविटी के लिए आपको चाहिए 

आप और आपका बच्चा 

एक्टिविटी कैसे करें 

आप बच्चे को गोद में लेकर उसे पूरे घर में या कहीं बाहर घुमाने ले जाएं। इससे वेस्टिबुलर सिस्टम का विकास होता है जो शरीर में वातावरणीय जागरूकता को बढ़ाता है।

9. मालिश करें 

बच्चों को मालिश बहुत अच्छी लगती है और यह उनके लिए बेहद फायदेमंद भी है।

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बॉन्डिंग, शारीरिक स्पर्श की पहचान 

इस एक्टिविटी के लिए आपको चाहिए 

बेबी मसाज ऑयल 

एक्टिविटी कैसे करें 

आप एक शांत कमरे में अपने बच्चे के शरीर में गुनगुने मसाज ऑयल से हल्के-हल्के मालिश करें। आप बच्चे के कपड़े उतारें और उसे एक सॉफ्ट फ्लैट सरफेस पर लिटा दें। अब उसके पेट, पैर, हाथ, बाजू, कंधों और पीठ पर मालिश करें। बच्चे के हाथ व पैरों को हिलाएं और स्ट्रेच करें। उसके पैरों से साइकिलिंग मोशन करें जिससे उसका वॉर्म अप होगा और शरीर के निचले हिस्से की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। इसी प्रकार से आप उसके हाथों की स्ट्रेचिंग भी करें। मालिश करने से बच्चे का ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है, बच्चे को आराम मिलता है और माँ व बच्चे के बॉन्ड में सुधार होता है। 

10. रंगों व रोशनी की पहचान करवाएं 

बच्चे को आकर्षित करने के लिए लाइट और रंग-बिरंगे हैंगिंग ऑब्जेक्ट सबसे बेहतरीन होते हैं। यह दिखने में आकर्षक होते हैं और इससे मोटर स्किल्स विकसित होती है।

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स्किल डेवलपमेंट 

सेंसरी डेवलपमेंट से मोटर स्किल्स विकसित होती हैं और यह आँखों व हाथों के कोर्डिनेशन को बनाने में मदद करता है। 

इस एक्टिविटी के लिए आपको चाहिए  

लाइट और आवाज वाले ब्राइट रंग के खिलौने

एक्टिविटी कैसे करें 

आप अपने बच्चे के क्रिब के ऊपर रंग-बिरंगे टॉयज लटका सकती हैं। बच्चा इसे पकड़ने या हिलाने की कोशिश करेगा और इससे उसकी आँखों व हाथों के कोर्डिनेशन में मदद मिलती है। आप अपने बच्चे के लिए प्ले जिम भी ला सकती हैं जिसमें अधिक आकर्षक व ब्राइट रंग के हैंगिंग टॉयज होते हैं। 

हर सेंसरी भाव बच्चे के विकास व वृद्धि में मदद करता है और उसके मस्तिष्क में बाहरी दुनिया की बेहतरीन छाप छोड़ता है। इसलिए आप अपने बच्चे को नए एक्सप्रेशन सिखाने के लिए अलग-अलग एक्टिविटीज करती रहें। 

2 महीने का बच्चा क्या क्या एक्टिविटी करता है?

दो महीने का शिशु निम्‍न मोटर स्किल्‍स सीख लेता है :.
अब बच्‍चा अपनी गर्दन को बिना किसी सहारे के सीधा टिका सकता है।.
शिशु की को-ऑर्डिनेटिड मूवमेंट अब पहले से बेहतर हो चुकी हैं।.
बच्‍चे की सलाइवा ग्‍लैंड अब काम करना शुरू कर रही हैं और इस उम्र के शिशु की लार टपक सकती है।.

2 महीने के बच्चे की देखभाल कैसे करनी चाहिए?

दो महीने के बच्‍चे की देखभाल में, मां ना बरते ये लापरवाही वरना....
​बार-बार पिलाना होगा दूध दो महीने का बच्‍चा भूख लगने और दूध पीने के संकेत ज्‍यादा दे सकता है। ... .
​बच्‍चे के स्‍लीपिंग शेड्यूल को समझें ... .
​इम्‍यूनाइजेशन का रखें पूरा ध्‍यान ... .
​शिशु से करें बात.

2 month के Baby को कितनी बार दूध पिलाना चाहिए?

1 से 3 महीने के ज्‍यादातर बच्‍चों को दिन में 7 से 9 बार दूध पिलाना पड़ता है, 3 से 6 महीने के बेबी को दिन में 6 से 8 बार दूध पिलाना होता है और 6 महीने के होने के बाद बच्‍चे को दिन में 6 बार दूध पिलाना होता है।

बच्चे को जन्म घुट्टी कब से देना चाहिए?

विश्व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (WHO) की मानें तो नवजात शिशु को छह महीने का होने तक मां के दूध या फॉर्मूला मिल्‍क के अलावा और कुछ नहीं देना चाहिए। डॉक्‍टर भी नवजात शिशु को घुट्टी पिलाने से मना करते हैं। बाजार में मिलने वाली घुट्टी में भी प्रिजर्वेटिव्‍स होते हैं जो कि शिशु के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं।