उज्जैन: खगोलीय घटना के हिसाब से 21 मार्च का दिन बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है.इस तारीख को रात और दिन बराबर होते हैं.खगोलशास्त्री आज के दिन से मौसम के साथ साथ दिन रात में भी परिवर्तन होने की बात कह रहे हैं. Show 21 मार्च को उज्जैन की जीवाजीराव वेधशाला में विद्यार्थी अपनी जिज्ञासा शांत करने के लिए पहुंचते हैं.जीवाजीराव वेधशाला के अधीक्षक डॉ राजेंद्र गुप्त के मुताबिक 21 मार्च को दिन और रात बराबर होते हैं.आज के दिन से सूर्य अपनी दिशा परिवर्तित करता है और सूर्य की सीधी किरणें पृथ्वी पर पहुंचेगी.इसी वजह से गर्मी का प्रकोप और बढ़ेगा.डॉक्टर गुप्त के मुताबिक अब दिन भी धीरे-धीरे बड़ा होता चला जाएगा जबकि रात छोटी हो जाएगी.यह परिवर्तन लगातार जारी रहेगा. आज के दिन जीवाजीराव वेधशाला में दो उपकरणों से दिन और रात बराबर होने की जानकारियां दी जा रही हैं.डॉ गुप्त के मुताबिक 4 साल में एक बार लीप वर्ष आता है. ऐसी स्थिति में कई सालों बाद कभी-कभी 1 दिन कम ज्यादा हो जाता है अन्यथा 21 मार्च को ही दिन और रात बराबर होते हैं. मध्य प्रदेश में पूछा जा रहा है, जनता बताए शिवराज कैसे चलाएं सरकार, इस जगह पर दो दिन तक चिंतन करेगी सरकार News Reels खगोलीय जानकारी है बेहद रोचक जीवाजीराव वेधशाला पहुंची छात्रा खुशबू सिंह ने बताया कि खगोलीय जानकारी बेहद रोचक होती है. जीवाजीराव वेधशाला में वीडियोग्राफी के माध्यम से भी कई जानकारी देकर जिज्ञासा शांत की जाती है.21 मार्च को दिन और रात बराबर होते हैं लेकिन इसके पीछे के कारणों की जानकारी वेधशाला के अधिकारियों ने दी है. ऐसा होता है परिवर्तन अधीक्षक डॉ गुप्त के मुताबिक पृथ्वी सूर्य के चारों ओर परिभ्रमण करता है.21 मार्च को सूर्य विषुवत रेखा पर लंबवत रहता है.इसे बसंत संपात कहते हैं.सूर्य को विश्वत रेखा पर लंबवत होने के कारण दिन और रात बराबर अर्थात 12-12 घंटे के होते हैं. 21 मार्च के बाद सूर्य उत्तरी गोलार्ध और मेष राशि में प्रवेश करता है.सूर्य के उत्तरी गोलार्ध में प्रवेश होने के कारण अब उत्तरी गोलार्ध में दिन धीरे-धीरे बड़े होने लगेंगे तथा रात छोटी होंगी.यह क्रम 21 जून तक जारी रहेगा. Indore News : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इंदौर को दी 100 करोड़ की योजनाओं की सौगात, जानिए शहर में क्या-क्या शुरू हुआ राहुल राठौड़/उज्जैन: आज दिन और रात की अवधि 12-12 घंटे की होगी. प्राचीन नगरी अवंतिका उज्जैनी हमेशा से काल गणना का केंद्र रही है. धार्मिक नगरी के साथ विज्ञान की नगरी भी प्राचीन काल से इसे कहा जाता आ रहा है. यहां प्रत्येक वर्ष 2 से 3 बार अलग-अलग प्रकार की खगोलीय घटना को अलग-अलग यंत्रों के माध्यम से जीवाजी वेधशाला में देखा जा सकता है. जहां मौजूद जानकार(गाइड) टूरिस्ट व छात्र छात्राओं को घटना का विवरण समझाते हैं. आज के दिन की बात करे तो आज का दिन 21 मार्च खोगीलिय घटना के लिए विशेष है. आज से सूर्य उत्तरी गोलार्ध में प्रवेश करते है, आज दिन और रात बराबर 12-12 घण्टे के होते है. अदालत की दूसरी मंजिल से कूदकर भागा हत्या का आरोपी, लोगों ने कर दिया पुलिस वाला काम विज्ञान की दृष्टि से 22 मार्च से सूर्य की किरणें सीधी हो जाएगी. दिन बड़े होने लगेंगे सूरज की गर्मी बढ़ेगी और ये प्रक्रिया 21 जून तक निरंतर जारी रहेगी. जिसके बाद 21 जून को दिन सबसे बड़ा व रात सबसे छोटी होगी. घटना को वेधशाला में दो यंत्रों के माध्यम से देखा जाता है. एक शंकु व एक नाड़ी वाले यंत्र से. नाड़ी वाले यंत्र के दो भाग है, उत्तरी और दक्षिण गोलार्ध. 'अपनी हैसियत से ज्यादा बड़ी बात कर रहे हैं IAS नियाज खान', अधिकारी पर भड़के मंत्री आकाश के धरती के मध्य में स्थित है उज्जैन WATCH LIVE TV हमारे भूमंडल में हर पल कुछ न कुछ ऐसी हलचल होती रहती है, जिसका असर हम पृथ्वी पर आसानी से देख सकते हैं। ऐसी ही कुछ हलचल हमें 21 मार्च को देखने को मिलेंगी, जब दिन और रात समान समय 12-12 घंटे के होंगे यानी पृथ्वी की घड़ी हमारी घड़ी के साथ चलेगी। हालाँकि यह घटना वर्ष में दो बार होती है।
21 मार्च और 23 सितंबर को दिन रात बराबर क्यों होते हैं?21 मार्च और 23 सितंबर को सूर्य की सीधी किरणें भूमध्य रेखा पर पड़ती हैं। इस स्थिति में, न तो ध्रुव सूर्य की ओर झुका हुआ है; इसलिए, संपूर्ण पृथ्वी समान दिनों और समान रातों का अनुभव करती है। इसे विषुव कहा जाता है। 23 सितंबर को, यह उत्तरी गोलार्ध में शरद ऋतु और दक्षिणी गोलार्ध में वसंत का मौसम होता है।
साल की सबसे बड़ी रात कब होती है?इस कारण दक्षिणी गोलार्ध में ग्रीष्म ऋतु होती है व उत्तरी गोलार्ध में शीत ऋतु होती है। 23 दिसंबर को सूर्य पृथ्वी से बहुत दूर रहेगा। इस दिन साल का सबसे छोटा दिन व सबसे लंबी रात होगी।
भारत में रात दिन कब बराबर होते हैं?उज्जैन की जीवाजीराव वेधशाला के अधीक्षक डॉ राजेंद्र गुप्त के मुताबिक 21 मार्च को दिन और रात बराबर होते हैं. आज के दिन से सूर्य अपनी दिशा परिवर्तित करता है और सूर्य की सीधी किरणें पृथ्वी पर पहुंचेगी. उज्जैन: खगोलीय घटना के हिसाब से 21 मार्च का दिन बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. इस तारीख को रात और दिन बराबर होते हैं.
पृथ्वी पर दिन रात कहाँ बराबर होते हैं?Solution : भूमध्य रेखा एक ऐसी रेखा है जो उत्तर ध्रुव और दक्षिण ध्रुव के ठीक बीच से गुजरता है। भूमध्य रेखा पर पूरे वर्ष के दौरान दिन और रात की लंबाई बराबर होती है अर्थात् लगभग 12 घंटों के लिए दिन का प्रकाश चमकता है, और लगभग 12 घंटों तक अंधेरा होता है।
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