4 महात्मा गाँधी अफ्रीका से भारत कब लौटे अ वर्ष 1915 में ब वर्ष 1916 में स वर्ष 1918 में द वर्ष 1920 में? - 4 mahaatma gaandhee aphreeka se bhaarat kab laute a varsh 1915 mein ba varsh 1916 mein sa varsh 1918 mein da varsh 1920 mein?

1915 में एक भारतीय बैरिस्टर ने दक्षिण अफ्रीका के अपने करियर को त्याग अपने देश वापस आने का फैसला किया। जब मोहनदास करमचंद गांधी मुंबई के अपोलो बंदरगाह में उतरे तो न वो महात्मा थे और न ही बापू।

फिर भी न जाने क्यों बहुतों को उम्मीद थी कि ये शख्स अपने गैर-परंपरागत तरीकों से भारत को अंग्रेजों की गुलामी से आजाद करा लेगा। उन्होंने भारतवासियों को निराश नहीं किया। इसे इतिहास की विडंबना ही कहा जाएगा कि जब गांधी भारत लौटे तो एक समारोह में उनका स्वागत किया था बैरिस्टर मोहम्मद अली जिन्ना ने।

ये अलग बात है कि पांच साल के भीतर ही गुजरात के काठियावाड़ क्षेत्र से आने वाले इन धुरंधरों ने अलग-अलग राजनीतिक रास्ते अख्तियार किए और भारत और पाकिस्तान के राष्ट्रपिता कहलाए।

1915 से लेकर 1920 के बीच महात्मा गांधी ने किस तरह अपने आपको भारत के राजनीतिक पटल पर स्थापित किया। पढ़िए, महात्मा गांधी के स्वदेश वापस आने पर कई अनुछुए पहलू।

2 महात्मा गांधी अफ्रीका से भारत कब लौटे अ 1914 ब 1915 स 1918?

एक भारतीय बैरिस्टर के रूप में साउथ अफ्रीका से आने पर 9 जनवरी, 1915 में महात्मा गांधी जी का स्वागत हुआ था।

महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से भारत कब लौटे थे?

1915 की उस 9 जनवरी की सुबह जैसे ही गांधीजी अपोलो बंदरगाह पर उतरे, इन कार्यकर्ताओं ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। गांधी 1893 में दक्षिण अफ्रीका गए थे। उस समय वो 24 साल के थे, लेकिन जब भारत लौटे तो 45 साल के अनुभवी वकील बन चुके थे। कहते हैं कि वो गांधी बनकर गए थे और महात्मा बनकर लौटे।

1 महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से वापस कब लौटे अ 1914 में ब 1915 में स 1918 में द 1919 में?

(b) सन् 1916 मे

गांधी जी कितने वर्ष की अवस्था में भारत लौटे?

पढ़िए, महात्मा गांधी के स्वदेश वापस आने पर कई अनुछुए पहलू। नौ जनवरी 1915 को जब अरबिया जहाज ने मुंबई के अपोलो बंदरगाह को छुआ, उस समय मोहनदास करमचंद गांधी की उम्र थी 45 साल।