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Authored by आलोक भदौरिया | नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: Aug 6, 2022, 3:50 AM Hiroshima Day 6th august: दूसरे विश्वयुद्ध में जापान को रोकने के लिए अमेरिका ने उसके पांच शहरों पर परमाणु हमले की योजना बनाई थी। छह अगस्त 1945 को पहला हमला हिरोशिमा पर हुआ और 9 अगस्त को दूसरा हमला नागासाकी पर।हिरोशिमा के ऊपर से ऐसा दिखा विस्फोट का बादलअब तक नहीं हुए थे हिरोशिमा पर हमले बम लिटिल बॉय साढे़ चार हजार किलो वजनी बम हमले इसलिए नहीं हुए क्योंकि अमेरिकियों ने 1945 की अप्रैल में ही तय कर लिया था कि जिन शहरों पर परमाणु हमले होने हैं वहां पहले कोई हवाई हमले न किए जाएं ताकि परमाणु हमलों के बाद हुई तबाही का सही-सही आंकलन और विश्लेषण किया जा सके। बहरहाल... कर्नल पॉल टिबेट्स ने रिलीज बटन दबाया और करीब साढे़ चार हजार किलो वजनी यूरेनियम गन टाइप बम 'लिटिल बॉय' हिरोशिमा के ऊपर गिरने के लिए रवाना हो गया। टिबेट्स को डर था कि 31 हजार फीट की ऊंचाई पर भी परमाणु धमाके के शॉक वेव से उनके हवाई जहाज को नुकसान पहुंच सकता है। इसलिए बम फायर करते ही उन्होंने अपने हवाई जहाज को आसमान की ऊंचाइयों में झोंक दिया। तबाही के बाद बर्बादी के निशान 43 सेकंड बाद जापान की धरती पर तबाही ठीक 43 सेकंड बाद लिटिल बॉय हिरोशिमा के परेड ग्राउंड से 1900 फीट की ऊंचाई पर हवा में फट गया। मानों सूरज के देश जापान के शहर हिरोशिमा के आसमान में सैकड़ों सूरज एक साथ फट गए हों, इतना तेज उजाला हुआ। यह रोशनी एकदम सफेद थी, आज के फ्लैशबल्ब जैसी। रोशनी इतनी तेज थी कि जो बच गए उनके शरीर पर उनके कपड़ों के पैटर्न छप गए थे। शवों की परछाइयां खंडहर दीवारों पर उकेर दी गई थीं। पंछी हवा में ही राख हो गए, ग्राउंड जीरो के 6400 फीट के दायरे में हर चीज जलकर खाक हो गई थी। कुछ एक इमारतें ही बचीं थीं। वह भी खंडहर। इनोला गे के साथ ग्राउंड क्रू इनोला गे तक पहुंची धमक धमाके की धमक साढे अठारह किलोमीटर की ऊंचाई पर हवा में मौजूद इनोला गे तक भी पहुंची। विमान में मौजूद क्रू ने समझा उनके जहाज से भी कुछ आकर टकराया है। जब जमीन से टकरा कर उठी सेकंड शॉक वेव ने इनोला गे को हिला दिया तो कर्नल टिबेट्स ने पीछे नीचे झांक कर देखा। नीचे वही ऐतिहासिक बदसूरत धुएं और आग का गुबार दिख रहा था जिसे मशरूम क्लाउड कहते हैं। ये शहर थे निशाने पर डेढ़ लाख लोग मारे गए तेज गर्मी, शॉक वेव, उड़ते हुए मलबे की टक्कर और परमाणु विकिरण की वजह से ग्राउंड जीरो के आधे मील की दूरी में मौजूद 10 में से 9 लोग मारे जा चुके थे। शहर की केवल 10 फीसदी इमारतें बची थीं। अनुमान था कि एक से डेढ़ लाख लोग इस हमले में मारे गए। शहर के 100 मील दूर भी धुएं का गुबार देखा जा सकता था। 15 अगस्त को जापान ने किया सरेंडर
'लिटिल बॉय', जिसने जापान में ली थी हजारों जान 6 अगस्त 1945 में क्या हुआ था?Hiroshima Day 6 August 1945: आज 6 अगस्त है। आज के ही दिन 1945 में द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा शहर पर परमाणु बम (Atom Bomb) गिराया था।
9 अगस्त 1945 को क्या हुआ था?आज से 77 साल पहले 9 अगस्त 1945 के दिन भी नियति ने अंतिम बार नागासाकी से मुंह फेर लिया. 6 अगस्त को हिरोशिमा को बर्बाद करने के बाद 9 अगस्त को अमेरिकी वायुसेना के B-29 बमवर्षक विमान जापान के कोकुरा शहर पर दूसरा परमाणु हमला करने जा रहे थे.
हिरोशिमा में कब बम गिराया गया था?6 अगस्त 1945 को अमेरिका ने जपान के दो बड़े शहर नागासाकी और हिरोशिमा पर बम गिराया था। इस बम की ताकत इतनी ताकत थी कि दोनों शहरों को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया था।
प्रथम परमाणु बम कब गिरा था?हिरोशिमा और नागासाकी परमाणु बमबारी 6 अगस्त 1945 की सुबह अमेरिकी वायु सेना ने जापान के हिरोशिमा पर परमाणु बम "लिटिल बॉय" गिराया था।
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