ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए क्या करें? - dhvani pradooshan ko rokane ke lie kya karen?

ध्वनि (शोर) प्रदूषण पर नियंत्रण 

dhwani pradushan ko rokne ke upay;शोर का निश्चत निवारण एक अत्यन्त जटिल समस्या है, क्योंकि इसके निवारण मे हमे आधुनिक प्रगति के फलस्वरूप प्राप्त सुविधाओं का त्याग या उनकी संख्या मे कमी करनी पड़ सकती है। इसके साथ यह भी ध्यान रखना है कि नियंत्रण की प्रक्रिया से औद्योगिक उपलब्धि भी ज्यादा प्रभावित न हो। इस प्रकार शोर का आमूल निराकरण संभव नही हो सकता है, कुछ नियंत्रण अवश्य किया जा सकते है।

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ध्वनि अथवा शोर प्रदूषण रोकने के उपाय अथवा सुझाव 

ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए निम्न सुझाव या उपाय किये सकते है--

1. विमानो को विशेष ढाल पर उतरा तथा जढ़ाया जा सकता है जिससे कभ से कम शोर हो। 

2. मोटर वाहनो मे बहुध्वनि वाले हार्न बजाने पर रोक लगाई जाना चाहिए।

3. कल-कारखानो को शहर से दूर स्थानों पर स्थापित करना चाहिए।

4. रेलो द्वारा उत्पन्न शोर को वैलास्टविहीन रेल-पथों के निर्माण द्वारा कम किया जाना संभव हो सकता है।

5. उद्योगों मे मशीनो के सही रखरखाव से शोर कम किया जा सकता है। इसके अलावा शोर शोषक पदार्थ जैसे लकड़ी, ऊन इत्यादि का आवश्यकतानुसार उपयोग कर शोर को घटाया जा सकता है।

6. उन उद्योगो मे जहां शोर को सीमित करना असंभव हो, वहां श्रमिकों द्वारा कर्ण प्लग तथा कर्ण बंदको का प्रयोग अनिवार्य कर दिया जाना चाहिए। इन दोनों के संयुक्त प्रयोग द्वारा 40 से 50 डेसीबल का शोरलाभ प्राप्त किया जा सकता है।

7. आजकल जेटयानो के शोर को कम करने हेतु उनके टर्बोजेट इंजिनो के निर्गम पर शोर अवशोषण का प्रयोग किया जाता है।

8. आवास गृहो, कार्यालयों, पुस्तकालयों, चिकित्सालयों आदि मे उचित निर्माण सामग्री तथा उपयुक्त बनावट द्वारा शोर पर नियंत्रण किया जा सकता है।

9. विकसित देशों मे ध्वनिशोधक सड़कों व ध्वनिरोधी भवनों के निर्माण कर तकनीकी विकास किया जा रहा है।

10. सरकार व समाजसेवी संस्थाओं को मिलकर ध्वनि प्रदूषण से उत्पन्न समस्याओं के निवारण हेतु कानून बनाने चाहिए तथा इस संदर्भ मे जन-चेतना व जन-आन्दोलन भी चलाये जाने चाहिए।

11. जेट विमानो के इंजिनो को पंखो के नीचे लगाने तथा इंजिन के निर्गम पाइप को ऊपर आकाश की ओर मोड़कर ध्वनि को पृथ्वी की विपरीत दिशा मे मोड़कर शोर कम करने की दिशा मे प्रयास किये जा रहे।

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ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए हमें क्या करना चाहिए?

उद्योगों एवं कारखानों को शहरों या आबादी से दूर स्थापित करना चाहिए। वाहनों में लगे हार्नों को तेज बजाने से रोका जाना चाहिए। शहरों, औद्योगिक इकाइयों एवं सड़कों के किनारे वृक्षारोपण करना चाहिए। ये पौधे भी ध्वनि शोषक का कार्य करके ध्वनि प्रदूषण को कम करते हैं।

ध्वनि प्रदूषण क्या है ध्वनि प्रदूषण को कैसे रोका जा सकता है?

ध्वनि प्रदूषण मुख्य रूप से तेज़ म्यूजिक, फोन पर बात करने, मशीनों, परिवहन प्रणालियों, वाहनों, ट्रेन और वायुयानों और अनुचित शहरी नियोजन और संरचनाओं के डिजाइन के कारण होता है। यहां तक कि घर में बिजली के उपकरणों से भी भीषण आवाज होती है। जब अधिक ध्वनि के कारण मनुष्यों को कठिनाई तथा बेचैनी हो तब उसे ध्वनि प्रदूषण कहते हैं।

प्रदूषण को कम करने के लिए 10 तरीके क्या हैं?

AQI गंभीर हो तो कठिन व्यायाम ना करें.
घर के अंदर ही हल्के व्यायाम योग करें.
घर से निकलने से पहले मास्क जरूर लगाएं.
बाहर से आने के बाद भाप भी ले सकते हैं.
आस-पास ज्यादा ऑक्सीजन वाले पौधे लगाएं.
रोजाना 4 लीटर से ज्यादा पानी पिएं.
खाने में विटामिन-सी, ओमेगा-3 लें.
शहद, लहसुन, अदरक ज्यादा खाएं.

ध्वनि प्रदूषण क्या है इसके प्रभाव एवं निदान के उपाय बताइए?

ध्वनि प्रदुषण के कारण - Dhwani Pradushan Ke Karan.
उद्योग लगभग सभी औद्योगिक क्षेत्र ध्वनि प्रदूषण से प्रभावित हैं कल-कारखानों में चलने वाली मशीनों से उत्पन्न आवाज/गड़गड़ाहट इसका प्रमुख कारण है. ... .
परिवहन के साधन परिवहन के सभी साधन कम या अधिक मात्रा में ध्वनि उत्पन्न करते हैं. ... .
मनोरंजन के साधन ... .
निर्माण कार्य ... .
आतिशबाजी ... .
अन्य कारण.

ध्वनि प्रदूषण का मुख्य कारण क्या है?

ध्वनि प्रदूषण के स्रोत बढ़ता शहरीकरण, परिवहन (रेल, वायु, सड़क) व खनन के कारण शोर की समस्या गंभीर रूप लेती जा रही है। विवाह, धार्मिक आयोजनों, मेलों, पार्टियों में लाउड स्पीकर का प्रयोग और डीजे के चलन भी ध्वनि प्रदूषण का मुख्य कारण है।