आंखों के लिए कौन सा लेंस अच्छा होता है? - aankhon ke lie kaun sa lens achchha hota hai?

आंखों के लिए कौन सा लेंस अच्छा होता है? - aankhon ke lie kaun sa lens achchha hota hai?

आंखों के लिए कौन सा लेंस अच्छा होता है? - aankhon ke lie kaun sa lens achchha hota hai?

कंप्यूटर, लैपटॉप और मोबाइल के इस दौर में आंखों पर चश्मा चढ़ा होना आपको हैरान नहीं करता है। आजकल कम उम्र के बच्चों में भी नजर की कमजोरी, धुंधला दिखने या आंखों की अन्य समस्याएं पाई जाती हैं। इसका एक बड़ा कारण स्क्रीन वाले गैजेट्स का बहुत ज्यादा इस्तेमाल है। सभी स्क्रीन वाले गैजेट्स से ब्लू लाइट निकलती है, जो आंखों को नुकसान पहुंचाती है। ऐसे में अगर आपको आंखों से देखने में किसी तरह की परेशानी आ रही है, तो आपके लिए चश्मा या लेंस अच्छा विकल्प हैं। चश्में

जरूरी नहीं कि हर किसी को लैंस का इस्तेमाल करना अच्छा ही लगता हो, ऐसे में कई लोगों को लैंस को लेकर सवाल भी होते हैं कि क्या आंखों के लैंस लगाना फायदेमंद है या नहीं या फिर किस तरह का लैंस का इस्तेमाल करना चाहिए और जो आपकी आंखों की भी देखभाल सही से कर सके। अगर नहीं पता तो अब आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। हम आपको इस लेख में लैंस से जुड़ी सभी जानकारी देंगे साथ ही बताएंगे कि आपकी आंखों के लिए कौन सा लैंस ज्यादा बेहतर है। 

आंखों के लिए कौन सा लेंस अच्छा होता है? - aankhon ke lie kaun sa lens achchha hota hai?

कॉन्टेक्ट लैंस आपकी आंखों पर लगते हैं और एक प्राकृतिक क्षेत्र को देखने की अनुमति देते हैं, इसके साथ ही आपकी आंखों को बाधित करने और विकृतियों को कम करने के लिए काम करते हैं। कॉन्टैक्ट लेंस लगाने से आप खेल और अन्य शारीरिक गतिविधियों को आसानी से कर सकते हैं। वहीं, बहुत से लोग महसूस करते हैं कि वे संपर्क लेंस में बेहतर दिखते हैं। आपको बता दें कि चश्मे की तुलना में, वे बेहतर, अधिक प्राकृतिक आंखों की देखने की क्षमता को प्रदान कर सकते हैं।

लैंस के प्रकार (Types Of Lenses In Hindi)

पॉलीकार्बोनेट लैंस: पॉलीकार्बोनेट लैंस उन लोगों के लिए सही माने जाते हैं जो लोग पूरी तरह से फिजिकल एक्टिविटी में रहते हैं। अगर आप खेल खेलते हैं, तो ऐसे प्रभाव-प्रतिरोधी लेंस एक अच्छे विकल्प के तौर पर हैं, जहां आपके चश्मे आसानी से उतर सकते हैं। 

ट्रीवैक्स लैैंस: टीव्रैक्स लैंस पॉलीकार्बोनेट लैंस की तरह ही होते हैं जो एक नए प्लास्टिक से बने होते हैं। वे हल्के, पतले और प्रभाव प्रतिरोधी होते हैं। ऐसे लोग काफी हद तक आपकी देखने की क्षमता को बढ़ा सकते हैं। 

एस्फेरिक लैंस: एस्फेरिक लैंस काफी हल्के और पतले होते हैं जो आपकी आंखों पर काफी हल्के महसूस हो सकते हैं। इसका इस्तेमाल बच्चे भी कर सकते है वो भी बिना किसी परेशानी के।

फोटोक्रॉमिक लैंस: सूरज की रोशनी इन्हें साफ से रंगी हुई में बदल देती है। अगर आपको विंडशील्ड यूवी किरणों से बचाना है, तो आपको अब धूप के चश्मे की जरूरत नहीं हो सकती है। इस तरह के लैंस कांच और प्लास्टिक दोनों तरह के हो सकते हैं। 

लैंस के फायदे (Benefits Of Eye Lenses In Hindi)

  • बेहतर देखने में आसानी।
  • चश्मे से ज्यादा आंखों को देता है आराम।
  • ज्यादा देखने की क्षमता हो बढ़ाता है।
  • कॉन्टैक्ट लेंस पहनने पर आपको सामान्य होने की भावना का आनंद मिलता है।
  • लैंस आपकी आंखों पर सुरक्षित रूप से रह सकते हैं, इसके साथ ही आपको अपने रोजाना के कामों या शौक के बारे में जाने की छूट देता है। 

आंखों के लिए कौन सा लेंस अच्छा होता है? - aankhon ke lie kaun sa lens achchha hota hai?

नुकसान (Disadvantages)

  • कई लोगों को लैंस का इस्तेमाल करने से एलर्जी भी हो सकती है, सही तरीके से कॉन्टैक्ट लेंस नहीं लगाने पर आंखें लाल हो सकती हैं। इसके साथ ही, खुजली की भी समस्या हो सकती है। 
  • लैंस को सही से न लगाना और न उतारने के कारण आंखों की कॉर्निया पर खरोंचे पड़ सकती है, इसलिए हमेशा बहुत ही आराम से आपको लैंस को उतारना चाहिए।

Read More Articles on Miscellaneous in Hindi

आंखों के लिए कौन सा लेंस अच्छा होता है? - aankhon ke lie kaun sa lens achchha hota hai?

बहुत ही खूबसूरती से कहा गया है की “आंखें वो खिड़की हैं जिसके जरिए हम दुनिया और इसकी खूबसूरती को अनुभव करते हैं”। आंखें शरीर का एक बहुत ही खास अंग हैं, जिनके बगैर जीवन बहुत कठिन है। आंखें बहुत ही कोमल होती हैं। जरा सी लापरवाही आंखों में परेशानियों का कारण बन सकती है।

यही कारण है की डॉक्टर हमेशा आंखों को चोट लगने या किसी प्रकार के नुकसान से बचाने की सलाह देते हैं। आंखों में होने वाली बीमारियों में से एक बीमारी मोतियाबिंद है। यह बीमारी आमतौर पर उम्र बढ़ने यानी की बुढ़ापे के कारण होती है, लेकिन आंखों पर चोट लगने या दूसरी समस्याओं के कारण यह किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है।

आगे पढ़ें: मोतियाबिंद होने पर क्या करना चाहिए?              

सर्जरी को मोतियाबिंद का बेस्ट इलाज माना जाता है। मोतियाबिंद से पीड़ित मरीज को दैनिक जीवन के कामों को करने में ढेरों परेशानियों का सामना करना पड़ता है। क्योंकि इस बीमारी के कारण आंख की लेंस धुंधली हो जाती है, जिसकी वजह से मरीज चीजों को साफ तौर पर देखने में असमर्थ हो जाता है।

लेकिन मोतियाबिंद की सर्जरीसे इस समस्या को दूर किया जा सकता है। इस सर्जरी के दौरान डॉक्टर आंख की धुंधली लेंस को बाहर निकालकर उसकी जगह पर एक कृत्रिम लेंस (Artificial Lens) लगा देते हैं। कितने प्रकार के लेंस होते हैं, आपके लिए कौन सा लेंस बेहतर है तथा उन सबकी कीमत क्या होती है आदि के बारे में विस्तार से जानने के लिए इस ब्लॉग को अंत तक अवश्य पढ़ें।

  • मोतियाबिंद लेंस की क्या कीमत होती है?
  • मोतियाबिंद की सर्जरी के लिए लेंस के प्रकार
  • मोतियाबिंद की सर्जरी के बाद किस लेंस का चयन करें?
    • मोनोफोकल इंट्राऑकुलर लेंस 
    • मल्टीफोकल इंट्राऑकुलर लेंस
    • टोरिक इंट्राऑकुलर लेंस

मोतियाबिंद लेंस की क्या कीमत होती है?

जैसा की हमने आपको पहले ही बताया की लेंस का चुनाव मरीज अपनी लाइफस्टाइल के आधार पर करते हैं। अगर उन्हें आउटडोर रहना तथा यात्रा करना पसंद है तो वे अपनी नजदीकी दृष्टि के साथ समझौता करते हुए दूर दृष्टि वाले लेंस का चुनाव करते हैं। आमतौर पर मोतियाबिंद लेंस की कीमत 1000-25000 तक होती है।

इतना ही नहीं, लेंस की कीमत के अलावा और भी दूसरे खर्च आते हैं जैसे की आप कौन से डॉक्टर द्वारा किस हॉस्पिटल या क्लिनिक में अपने मोतियाबिंद की सर्जरी करवाते हैं तथा सर्जरी के बाद कौन से लेंस का चुनाव करते हैं। हर लेंस की कीमत अलग अलग होती है।

इसे भी पढ़ें: मात्र 1 दिन में मोतियाबिंद का परमानेंट इलाज पाएं

इतना ही नहीं, अगर आप पारंपरिक तरीके से अपने एक आंख के मोतियाबिंद की सर्जरी कराते हैं तो पूरा खर्च लगभग 40,000 रुपए आता है। लेकिन अगर आप किसी अच्छे हॉस्पिटल में अनुभवी और कुशल डॉक्टर से मोतियाबिंद की सर्जरी मॉडर्न तकनीक द्वारा कराते हैं तो आपका पूरा खर्च लगभग 80,000-1.25 लाख तक आता है।

मॉडर्न तरीके से मोतियाबिंद की सर्जरी के दौरान आपको जरा भी दर्द या तकलीफ महसूस नहीं होता है। सर्जरी की यह प्रक्रिया इलाज का सबसे सरल और सफल तरीका है। 

मोतियाबिंद की सर्जरी के लिए लेंस के प्रकार

मोतियाबिंद की सर्जरी के बाद आंख के लिए सही प्रकार के लेंस का होना आवश्यक है। मोतियाबिंद के लिए प्रमुख प्रकार के लेंस में इंट्राऑकुलर लेंसेस (Intraocular Lenses – IOL) शामिल हैं। ये कृत्रिम लेंस हैं जो प्राकृतिक आंखों के लेंस की जगह उच्च-गुणवत्ता वाले सिंथेटिक्स से बनाए गए हैं।

ये लेंस आपकी आंखों को पराबैंगनी किरणों से होने वाले नुकसान से बचाते हैं। 1949 में पहली बार इंट्राऑकुलर लेंस का इस्तेमाल किया गया था। लगभग सभी मोतियाबिंद की सर्जरी में इंट्राऑकुलर लेंस का इस्तेमाल किया जाता है। क्योंकि ये आंख को जल्दी साफ और तेज दृष्टि देने में मदद करते हैं।

इसे पढ़ें: मोतियाबिंद की रोबोटिक या फेम्टोसेकेंड सर्जरी

इंट्राऑकुलर लेंस में विभिन्न प्रकार के विकल्प हो सकते हैं। आप अपनी आवश्यकताओं के अनुसार इनमें से किसी एक को खुद के लिए चुन सकते हैं।

नेत्र रोग विशेषज्ञ को मेडिकल की भाषा में ऑपथैल्मोलॉजिस्ट कहा जाता है। यह मोतियाबिंद की सर्जरी करने के लिए सबसे उपयुक्त डॉक्टर हैं। ऑपथैल्मोलॉजिस्ट एक मेडिकल डॉक्टर है, जिसे मोतियाबिंद का निदान करने और दवाओं के साथ साथ सर्जरी द्वारा इस बीमारी का इलाज करने में विशेषज्ञता प्राप्त होती है।

एक नेत्र रोग विशेषज्ञ के पास उचित ज्ञान और उचित प्रशिक्षण होता है, जिसके आधार पर वह आपके मोतियाबिंद का निदान करने के साथ-साथ यह भी सुझाव देने योग्य है कि आपको मोतियाबिंद की सर्जरी कब करानी चाहिए

नेत्र रोग विशेषज्ञ जरूरत पड़ने पर सर्जरी करने के लिए उपयुक्त डॉक्टर है और साथ ही प्रीऑपरेटिव और पोस्टऑपरेटिव आंखों की देखभाल करने में भी सक्षम है। अगर आप मोतियाबिंद की सर्जरी कराने की सोच रहे हैं तो इस बात का खास ध्यान रखें की आपकी सर्जरी एक नेत्र रोग विशेषज्ञ द्वारा ही हो।

मोतियाबिंद की सर्जरी के बाद किस लेंस का चयन करें?

अगर आप इस बात को लेकर कन्फ्यूज हैं की मोतियाबिंद की सर्जरी के बाद कौन से लेंस का चुनाव करना चाहिए या किस प्रकार का लेंस आपकी लाइफस्टाइल के लिए सबसे बेस्ट है तो अब आपको घबराने की जरूरत नहीं है। क्योंकि तकनीकी क्रांति ने आपके सामने इंट्राऑकुलर लेन्सेस के ढेरों विकल्प रखें हैं, जिसमें से आप अपनी जरूरत के मुताबिक लेंस का चुनाव कर सकते हैं।

मोतियाबिंद की सर्जरी के बाद निम्नलिखित लेंस का चयन किया जा सकता है:-

मोनोफोकल इंट्राऑकुलर लेंस 

मोनोफोकल इंट्राऑकुलर लेंस मोतियाबिंद सर्जरी के लिए उपयोग किए जाने वाले सबसे आम प्रकार के लेंस हैं। ये एक खास फोकस दूरी के लिए आपकी दृष्टि को रिस्टोर (Restore) करते हैं।

इसे पढ़ें: मोतियाबिंद की सर्जरी के बाद अच्छे लेंस का चयन कैसे करें?

दूर की चीजों को साफ तरह से देखने के लिए मरीज चश्मे का इस्तेमाल कर सकते हैं। आमतौर पर लोग लेंस को डिस्टेंस विजन पर सेट करना पसंद करते हैं। क्योंकि यह यात्रा या ड्राइविंग करते समय स्पष्ट दृष्टि प्राप्त करने में मदद करता है। ऐसे लोग पढ़ते, लिखते या क्लोज अप एक्टिविटीज के समय चश्मे का इस्तेमाल करते हैं।

मल्टीफोकल इंट्राऑकुलर लेंस

अगर आप किसी भी दूरी के लिए चश्मा पहनने के विचार के विरोध में हैं तो मल्टीफोकल इंट्राऑकुलर लेंस आपके लिए बेस्ट विकल्प हो सकता है। यह नजदीक और दूर, दोनों ही दृष्टि को पाने में मदद करता है। इसकी मदद से आप हाई-क्वालिटी विजन प्राप्त कर सकते हैं, जो आपकी लाइफस्टाइल के लिए सबसे बेस्ट है।

इसे पढ़ें: काला मोतियाबिंद का कारण, लक्षण और इलाज

मल्टीफोकल इंट्राऑकुलर लेंस में कई तरह के फोकी (Foci) शामिल होते हैं, जिसकी वजह से दिमाग ऑटोमेटिकली एडजस्ट करना सीखता है। जिन लोगों को आंख की कोई भी दूसरी बीमारी नहीं होती है, वे डॉक्टर से परामर्श करने के बाद इस लेंस का चुनाव कर सकते हैं।

टोरिक इंट्राऑकुलर लेंस

मोनोफोकल या मल्टीफोकल इंट्राऑकुलर लेंस का इस्तेमाल उन लोगों के लिए संभव नहीं है, जिन्हे एस्टिग्मेटिज्म या आंख की कॉर्निया में गड़बड़ी है। क्योंकि यह कॉर्निया में समरूपता के कारण होने वाली आंख के बेलनाकार घटक को ठीक नहीं करता है। इसलिए एस्टिग्मेटिज्म और धुंधली दृष्टि से पीड़ित मरीज का इलाज करने के लिए टोरिक इंट्राऑकुलर लेंस सबसे बढ़िया विकल्प है। यह आंख की रिफ्रैक्टिव एरर को सही करता है, जिससे मरीज को तेज दृष्टि (Sharp Vision) प्राप्त होती है।

आप डॉक्टर से परामर्श करने के बाद इस बात का पता लगा सकते हैं की टोरिक इंट्राऑकुलर लेंस की मदद से आपके एस्टीग्माटिज्म को हमेशा के लिए ठीक किया जा सकता है या नहीं। मोतियाबिंद सर्जरी के लिए इस प्रकार के लेंस मोनोफोकल इंट्राऑकुलर लेंस के समान होते हैं, क्योंकि वे दूर या पास दोनों की दृष्टि प्रदान करते हैं, लेकिन दोनों एक साथ नहीं।

इसे पढ़ें: मायोपिया क्या है – कारण, लक्षण, इलाज और निदान

अगर आप मोतियाबिंद की समस्या को मॉडर्न इलाज की मदद से हमेशा के लिए खत्म करना और बेहतर दृष्टि पाना चाहते हैं तो अपने शहर में प्रिस्टीन केयर से संपर्क कर सकते हैं। हमारे पास देश के सबसे अनुभवी नेत्र रोग विशेषज्ञ मौजूद हैं, जो मोतियाबिंद की समस्या को मात्र कुछ मिनटों में बहुत ही आसानी से ठीक कर सकते हैं।

मोतियाबिंद का समय पर सही इलाज नहीं करने पर यह अंधेपन का कारण बन सकता है। रिसर्च से यह बात सामने आई है की पूरी दुनिया में मोतियाबिंद अंधेपन का सबसे बड़ा कारण है। 

इसे पढ़ें: भारत में मोतियाबिंद की फ्री सर्जरी – प्रक्रिया और जटिलताएं

मोतियाबिंद का बेस्ट इलाज करने के अलावा, मोतियाबिंद की सर्जरी के दिन हम अपने मरीज को कैब फैसिलिटी देते हैं, जो सर्जरी के दिन उन्हें घर से हॉस्पिटल और सर्जरी के बाद हॉस्पिटल से घर वापस छोड़ती है। मरीज के हॉस्पिटल पहुंचने से पहले उनके लिए प्रिस्टीन टीम की तरफ से एक केयर बड्डी मौजूद रहता है, जो इलाज से जुड़े सभी पेपरवर्क को पूरा करता है।

साथ ही, इलाज के बाद जब तक मरीज हॉस्पिटल में रूकते हैं, केयर बड्डी उनकी देखरेख और सभी जरूरी चीजों का ख्याल भी रखता है। अगर आप कम से कम खर्च और समय में अपने शहर के बेस्ट हॉस्पिटल में मोतियाबिंद का परमानेंट इलाज पाना चाहते हैं तो अभी हमसे संपर्क करें।

और पढ़ें

  • मोतियाबिंद ऑपरेशन के बाद परहेज
  • ओफ्थाकेयर आई ड्रॉप्स के फायदे और नुकसान

डिस्क्लेमर: इस ब्लॉग में दर्शाये गए शुल्क, Pristyn Care द्वारा लिए जाने वाले शुल्क हैं जो कि शहर और उपचार की लागत पर आधारित हैं और यह उपचार लागत अन्य कारकों के आधार पर बढ़ और घट भी सकती हैं| उपचार की बाज़ार लागत स्वास्थ्य बीमा कंपनी और शहर के आधार पर अलग-अलग हो सकती हैं|

आंखों के लिए सबसे बढ़िया लेंस कौन सा है?

टोरिक लेंस मोनोफोकल और मल्टीफोकल ये दोनों ही प्रकार के लेंस केवल आँख की गोलाकार पावर को सही कर सकते हैं। हालांकि, यदि आपको दृष्टिवैषम्य भी है तो आपको इसे ठीक करने के लिए टोरिक लेंस की जरूरत पड़ेगी। इसलिए, दृष्टिवैषम्य का रोगी या तो एक मोनोफोकल टोरिक लेंस या एक मल्टीफोकल टोरिक लेंस में से चुनाव कर सकता है।

मोतियाबिंद के लिए कौन सा लेंस अच्छा होता है?

लगभग सभी मोतियाबिंद की सर्जरी में इंट्राऑकुलर लेंस का इस्तेमाल किया जाता है। क्योंकि ये आंख को जल्दी साफ और तेज दृष्टि देने में मदद करते हैं। इंट्राऑकुलर लेंस में विभिन्न प्रकार के विकल्प हो सकते हैं।

आंख का लेंस कितने रुपए में आता है?

600 से लेकर एक लाख तक का लेंस बाजार में उपलब्ध है।

क्या लेंस आंखों के लिए सुरक्षित है?

- आंखों के किसी भी भाग को नुकसान नहीं पहुंचता और किसी को पता भी नहीं चलता कि आपने लेंस पहने हैं। - सबसे महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि आईसीएल बहुत सुरक्षित है और इसके रखरखाव के लिए कुछ करने की जरूरत नहीं होती। - आईसीएल के बाद लोग आराम से कोई भी काम कर सकते हैं, जो सामान्य लोग करते हैं।