आंखें कमजोर होने के क्या लक्षण है? - aankhen kamajor hone ke kya lakshan hai?

लगातार आंखें कंप्यूटर और लैपटॉप स्क्रीन, मोबाइल, टीवी आदि पर टिकी रहती हैं, जिससे आंखों में जलन होने लगती है। ऐसे में कब आपकी आंखें खराब होने लगती हैं, यह आपको पता भी नहीं चलता। लेकिन, आप कुछ छोटी-छोटी समस्याओं को नजरअंदाज नहीं करेंगे, तो आपकी आंखों की सेहत दुरुस्त रहेगी। जानें, उन लक्षणों और संकेतों को जो बताते हैं कि आपकी आंखें हो रही हैं खराब...

आंखें शरीर का सबसे नाजुक और कोमल अंग है। आजकल कम उम्र में ही लोगों की आंखें खराब होने लगती हैं। वजह है लगातार गैजेट्स से घिरे रहना। ऐसे में इसकी सही देखभाल बहुत जरूरी है। बढ़ते मोबाइल उपयोग और डिजिटल डिवाइस के संपर्क से आंखों पर सबसे ज्यादा खतरा आया है। आज बच्चों को भी चश्मा चढ़ जाता है। लगातार आंखें कंप्यूटर और लैपटॉप स्क्रीन, मोबाइल, टीवी आदि पर टिकी रहती हैं, जिससे आंखों में जलन होने लगता है। आंखों को आराम नहीं मिल पाता है। कब आपकी आंखें खराब होने लगती हैं, यह आपको पता भी नहीं चलता। लेकिन, आप कुछ छोटी-छोटी समस्याओं को नजरअंदाज नहीं करेंगे, तो आपकी आंखों की सेहत दुरुस्त रहेगी। जानें, उन लक्षणों और संकेतों को जो बताते हैं कि आपकी आंखें (Symptoms of eye weakness) हो रही हैं खराब...

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1.जब बार-बार हो सिर दर्द

कई बार लोगों को लगातार सिर दर्द होने की समस्या बनी रहती है, जिसे वो नजरअंदाज करते रहते हैं। कई बार आंखें कमजोर होने से भी सिर दर्द होता है। आंखों पर स्ट्रेस पड़ने या फिर कोई समस्या होने से भी सिर दर्द होता है, ऐसे में जरूरी है कि आप आंखों की जांच करवाएं। देर तक कंप्यूटर, मोबाइल, लैपटॉप या फिर टीवी देखने से आंखें कमजोर होने लगती हैं। इन गैजेट्स से दूर ही रहें।

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2. धुंधला दिखाई देना

कई बार बढ़ती उम्र में भी आंखों से धुंधला दिखाई देने लगता है, पर ऐसा कम उम्र में बच्चों के साथ हो, तो चेकअप करवा लें। धुंधला दिखना यानी रेटिना खराब होने का संकेत हो सकता है।

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3.दबाव महसूस होना

आंखों पर दबाव महसूस हो, तो काला मोतिया (Black cataract) की समस्या हो सकती है। जब आपको लगातार आंखों में दबाव महसूस हो, तो डॉक्टर से दिखाएं। बच्चों को हेल्दी चीजें जैसे हरी सब्जी, फल, अंडा आदि जरूर खाने के लिए दें।

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आंखों को स्वस्थ रखने के लिए खाएं ये चीजें

आप हर दिन अपनी डाइट में पालक, दूध, पनीर, दही, गाजर, मछली, ब्रोकली, फल और इनसे बने जूस, हरी सब्जियों को शामिल करें। साथ ही देर तक और पास में टीवी के स्क्रीन के बैठकर टीवी ना देखें। रात में सोते समय मोबाइल ना चलाएं। कंप्यूटर पर काम करते समय बीच-बीच में ब्रेक लें। आंखों की एक्सरसाइज करें। आंखों को आराम देंने के लिए एक मिनट आंखें बंद करके रहें। साफ पानी से धोएं।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क, Children Eye Problem: फोन, लैपटॉप और टीवी पर बहुत ज्यादा समय बिताने से हमारी आंखें सबसे ज्यादा प्रभावित होती हैं और बच्चों पर तो इसका और भी ज्यादा बुरा प्रभाव पड़ता है। लॉकडाउन के दौरान और उसके बाद भी काफी वक्त तक बच्चों की क्लासेज़ ऑनलाइन ही चल रही थी। पढ़ाई के साथ ही बच्चों ने स्मार्ट फोन और टैबलेट पर खेलने में भी बहुत समय बिताया था, जिससे उनकी आंखों में भी कई तरह की समस्याएं देखने को मिली। 

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स्क्रीन अधिक समय तक देखने से, कम से कम हुई बाहरी गतिविधियों ने, बच्चों में आंखों से जुड़ी समस्याओं की वजह बन सकता है। कुछ बच्चे सिरदर्द, आंखें लाल होना, दृष्टि में स्पष्टता की कमी के बारे में शिकायत करते हैं इसलिए बच्चों की आंखों की जांच करना बहुत ज़रूरी है।

स्क्रीन पर लंबे समय तक देखने के लक्षण

कंप्यूटर और फोन के बहुत ज्यादा इस्तेमाल के कारण अस्थायी रूप से कमजोरी और धुंधली दिखना, आंखों में थकान, सूखी और चिढ़चिढ़ी आंखें, प्रकाश संवेदनशीलता, मांसपेशियों की समस्याएं, सिरदर्द- इन सभी स्थितियों को कंप्यूटर विजन सिंड्रोम की प्रॉब्लम हो सकती है। लंबे समय तक मॉनिटर को देखने से आंखों में जलन हो सकती है और शुष्क वातावरण और पानी की कमी इन लक्षणों को बढ़ा सकते हैं। तो, ऐसे कौन से कारण हैं जो इन लक्षणों को जन्म देते हैं?

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लक्षणों के कारण

लक्षणों में बिना रूके लगातार कंप्‍यूटर स्‍क्रीन को देखना, उन कमरों में खराब प्रकाश व्‍यवस्‍था जहां छात्र पढ़ते हैं, कंप्‍यूटर या लैपटॉप की चकाचौंध, लंबे समय तक आंखों की पलकों को न झपकाना, जो कि बहुत हानिकारक है, आंखों की दृष्‍टि बाध्‍यता, बैठने की अनुचित मुद्रा और आंखों की एलर्जी जो अत्‍यधिक जल्‍दी हो सकती है, शामिल है। इनमें से कोई भी एक या एक से अत्‍यधिक लक्षण आंखों की समस्याओं का कारण बन सकता है।

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आपके बच्‍चे की आंखों को स्‍वस्‍थ रखने के कुछ सुझाव

कंप्यूटर और स्क्रीन जैसे टैब या मोबाइल के अत्यधिक उपयोग से उत्पन्न होने वाली आंखों की समस्याओं को दूर करने के लिए आप कई उपाय या समाधान कर सकते हैं।

स्‍वस्‍थ आंखों की देखभाल करने के लिए प्रोत्‍साहित करें

पढ़ते समय पर्याप्‍त प्रकाश व्‍यवस्‍था, इलेक्‍ट्रॉनिक उपकरणों के उपयोग के दौरान पर्याप्त दूरी बनाए रखने की सलाह दी जाती है। रोजाना रात में कम से कम आठ घंटे की नींद लेना भी आपके बच्चे की आंखों को तनावग्रस्त होने से बचाने के लिए महत्वपूर्ण है।

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बैठने की बेहतर व्‍यवस्‍था

यह सुनिश्‍चित करना अत्‍यधिक महत्‍वपूर्ण है कि आपका बच्‍चा गृह-कार्य करते समय बिस्‍तार का उपयोग न कर रहा हो। स्क्रीन के काम के लिए उपयुक्त मेज के साथ एक कुर्सी पर बैठना हमेशा बेहतर होता है। ध्‍यान रहें कि कुर्सी अध्‍ययन की स्‍थिति को स्‍थिर बनाती है।

अपनी आंखें झपकाते रहें

सूखी आंखों की संभावना से बचने के लिए अध्ययन के घंटों के बीच अपनी आंखों को झपकाना महत्वपूर्ण है। यह सुनिश्‍चित करने के लिए आंखों की सामने की सतह को नम रखने के लिए पलक झपकाना महत्‍वपूर्ण है। इसके अलावा, पढ़ने, लिखने और स्क्रीन का उपयोग करते समय हर 30-40 मिनट के बाद नियमित रूप से विराम लेने की अत्यधिक सिफारिश की जाती है।

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(डॉ. मुरली कौशिक- अध्‍यक्ष चिकित्सा प्रशासन, गुणवत्ता एवं शिक्षा, संकरा नेत्र फाउंडेशन इंडिया से बातचीत पर आधारित)

कैसे पता करें कि आपकी नजर कमजोर है?

नज़रअंदाज़ न करें इन लक्षणों को.
आंखों या सिर में भारीपन और धुंधला दिखाई देना।.
आंखें लाल होना और उनसे पानी आना।.
आंखों में खुजली होना.
रंगों का साफ दिखाई न देना।.
लगातार सिरदर्द की शिकायत रहना और आंखों में थकावट होना।.

आंखों की कमजोरी का क्या कारण है?

विटामिन ए की कमी – आंखों के कमजोर होने का एक बड़ा कारण हमारे शरीर में विटामि ए की कमी होना भी होता है. इम्यून सिस्टम की फंक्शनिंग को बेहतर बनाने के काम में विटामिन ए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. ऐसे में विटामिन ए की कमी भी आंखें कमजोर होने की वजह बन सकती है.

आंखों की कमजोरी के लिए क्या करना चाहिए?

सौंफ और बादाम का सेवन करें दरअसल, सौंफ और बादाम में ओमेगा-3 भी होता है जो कि एक ऐसा पोषक तत्व है जो कि कमजोर नजर को ठीक करने में मदद करता है। इसके लिए सौंफ और बादाम को रोत को भिगो कर रख दें और सुबह इसका सेवन करें। ये आपकी आंखों की रोशनी तेज करने में मदद करेगा।

आंखों से बीमारी का पता कैसे लगाएं?

आंख में इंफेक्शन होने के लक्षण (Symptoms of Eye Infection).
आँखों में लाल होने एवं सूजन के साथ दर्द होना।.
पलकों को छूने पर दर्द महसूस होना।.
आँख से पीले या हरे रंग का या रंगहीन पदार्थ आना।.
आँखों की पलकों के पास पपड़ी जमना खासकर सुबह के समय।.
आँखों से कीचड़ आना।.
दृष्टि का धुंधला होना।.
आँखों से लगातार पानी बहना।.
जलन होना।.