टाइफाइड में क्या क्या दर्द होता है? - taiphaid mein kya kya dard hota hai?

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Typhoid Symptoms : टायफॉइड एक तरह का बुखार है, जिसमें व्यक्ति को बहुत तेज बुखार आता है. इसमें सिरदर्द, बदन दर्द, कमजोरी और थकान के साथ ही कई अन्य लक्षण दिखते हैं. जानिए टायफॉइड क्या है, इसके सभी लक्षण, कारण, इलाज और बचाव के उपाय.

टाइफाइड में क्या क्या दर्द होता है? - taiphaid mein kya kya dard hota hai?

टायफॉइड

Typhoid Symptoms: टायफॉइड एक तरह का बुखार है जो साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया (Salmonella Typhi Bacteria) की वजह से होता है. विकसित देशों में टायफॉइड के मामले कम ही देखने को मिलते हैं. हालांकि, कुछ विकासशील देशों में टायफॉइड के मामले बहुत आम हैं. खासतौर पर बच्चों में टायफॉइड के बहुत मामले सामने आते हैं. संक्रमित भोजना और पानी के साथ ही संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से भी टायफॉयड बुखार हो सकता है. इस लेख में हम जानेंगे कि टायफॉयड क्या है, इसके लक्षण और कारण क्या हैं? इलाज और बचाव के उपायों के बारे में भी इस लेख में बात होगी.

टायफॉइड क्या है (What is Typhoid)

टायफॉइड एक तरह बुखार है. इसमें बहुत तेज बुखार आता है. टायफॉइड में 104 और इससे ज्यादा भी बुखार आ सकता है. इसमें बुखार के साथ ही सिरदर्द और पेट दर्द की समस्या भी हो सकती है और बदहजमी के साथ ही डायरिया की समस्या भी टायफॉइड में हो सकती है. जिन लोगों को टायफॉइड होता है, उन्हें कुछ दिनों के एंटीबायोटिक ट्रीटमेंट के बाद बेहतर महसूस होता है. कुछ गंभीर मामलों में टायफॉयड के कारण मरीज की मौत भी हो जाती है. टायफॉइड साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया के कारण कारण होता है और यह बैक्टीरिया पूरे शरीर में फैल सकता है. यह शरीर के विभिन्न अंगों को प्रभावित करता है और अगर सही समय पर सही इलाज न कराया जाए तो मामला गंभीर हो सकता है.

टायफॉइड के लक्षण (Symptoms of Typhoid)

टायफॉइड के लक्षण धीरे-धीरे विकसित होते हैं. एक से तीन हफ्ते के दौरान इसके लक्षण विकसित होते हैं. टायफॉइड के शुरुआती लक्षण इस प्रकार हैं –

  • बुखार शुरुआत में कम होता है, लेकिन धीरे-धीरे 104.9 डिग्री फारेनहाइट तक पहुंच दाता है.
  • सिरदर्द
  • कमजोरी और थकान
  • मांसपेशियों में दर्द और खुजली
  • बहुत ज्यादा पसीना आना
  • सूखी खांसी
  • भूख कम लगना और वजन गिरना
  • पेट में दर्द
  • दस्त और कब्ज (Diarrhea and constipation)
  • चकत्ते पड़ना (Rash)
  • पेट में सूजन होना
  • ज्यादा गंभीर होने पर बेहोशी होना
  • आंखें आधी बंद करके बेसुध पड़े रहना
  • कई लोगों में बुखार उतर जाने के कुछ दिनों बाद भी लक्षण दिख सकते हैं.

टायफॉइड के कारण (Causes of Typhoid)

टायफॉइड बुखार खतरनाक साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया के कारण होता है. यह बैक्टीरिया साल्मोनेलोसिस फैलाने वाले बैक्टीरिया से संबंधित है. साल्मोनेलोसिस एक बहुत ही गंभीर आंतों का संक्रमण (Intestinal Infection) है, लेकिन ध्यान रखें कि यह दोनों वायरस अलग-अलग हैं.

विकसित देशों में जिन लोगों को टायफॉइड होता है, उनमें से ज्यादातर लोग यात्रा के दौरान इस बैक्टीरिया के संपर्क में आते हैं. जब वह बैक्टीरिया से संक्रमित हो जाते हैं तो वह अन्य लोगों में भी इस संक्रमण को मल और मुंह के जरिए फैल सकता है. इसका मतलब यह है कि साल्मोनेला टायफी मल के जरिए फैलता है और कई मामलों में संक्रमित लोगों के मूत्र के जरिए भी यह बैक्टीरिया फैलता है. अगर आप किसी ऐसे व्यक्ति से खाने का सामान लेते हैं, जो टायफॉइड से संक्रमित है और उसने शौचालय के इस्तेमाल के बाद अच्छी तरह से हाथ नहीं धोए हैं तो आपको टायफॉइड का संक्रमण हो सकता है.

विकासशील देशों में ज्यादातर लोगों को टायफॉइड का संक्रमण संक्रमित पानी पीने से होता है. यह बैक्टीरिया संक्रमित भोजन और संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से भी फैल सकता है. टायफॉइड का एंटीबायोटिक इलाज कराने के बाद भी जो लोग ठीक हो जाते हैं वह बैक्टीरिया के वाहक हो सकते हैं. ऐसे लोगों को क्रोनिक कैरियर कहा जाता है, क्योंकि उनमें टायफॉइड के कोई लक्षण अब नहीं बचे होते हैं. हालांकि, वह मल के जरिए इस बैक्टीरिया का संक्रमण फैलाते रहते हैं, जो अन्य को भी प्रभावित करता है.

टायफॉइड का इलाज (Treatment of Typhoid)

टायफॉइड का इलाज जानने से पहले यह जानना जरूरी है कि डॉक्टर के पास कब जाएं? जी हां, यह जानना जरूरी है कि डॉक्टर को कब दिखाएं. क्योंकि लक्षण गंभीर हों उससे पहले डॉक्टर के पास जाना जरूरी होता है. अगर आपको लगातार तेज बुखार आ रहा है और आपको टायफॉइड होने का जरा भी अंदेशा है तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं. टायफॉयड के खिलाफ वैक्सीन मौजूद है, लेकिन यह कुछ हद तक ही असरदार है. जहां तक इलाज की बात है तो बता दें कि यह साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया के कारण होता है और इलाज के तौर पर मरीज को एंटीबयोटिक ट्रीटमेंट दिया जाता है. एंटीबायोटिक लें, डॉक्टर की सलाह मानें और जब तक डॉक्टर दवा बंद न करें, तब तक अपने आप दवाएं लेना बंद न करें.

टायफॉइड से कैसे बचें (Prevention of Typhoid)

टायफॉइड बैक्टीरिया जनित बीमारी है और अक्सर दूषित पानी पीने या दूषित भोजन की वजह से होती है. इसलिए टायफॉइड से बचने के लिए आपको हमेशा स्वच्छ जल और भोजन का सेवन करना चाहिए. इसके अलावा टायफॉइड संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाकर रखें और उनके छुए हुए खाद्य पदार्थ को धोकर गही खाएं. जिन इलाकों में टायफॉइड का खतरा ज्यादा होता है, वहां जाने से पहले टायफॉइड की वैक्सीन ले सकते हैं. वैक्सीन आपको टायफॉयड से पूरी तरह से बचा ले यह संभव नहीं है. इसलिए नियमित तौर पर हाथ धोएं. टायफॉइड से बचने के लिए नियमित तौर पर गर्म और साबुन से हाथ धोकर आप टायफॉइड से बच सकते हैं. खाना खाने और खाना बनाने बनाने के साथ ही शौच जाने के बाद भी अच्छी तरह से हाथ धोएं. अगर बाहर जा रहे हैं तो एक एल्कोहल बेस्ड हैंड सैनिटाइजर लेकर चलें. ठंडा पानी पीने से बचें और अगर आपके पास फिल्टर पानी की व्यवस्था नहीं है तो पानी को उबालकर पिएं.

टायफॉइड से बचने के लिए कच्चे फल और सब्जियां खाने से बचें. क्यों हो सकता है कच्चे फलों और सब्जियों को संक्रमित पानी से धोया गया हो. ऐसे फल और सब्जियों का सेवन न करें, जिन्हें आप छील नहीं सकते, खासतौर पर लेटस का सेवन न करें. गर्मागर्म भोजन करें और कमरे के तापमान पर रखे भोजन का सेवन न करें.

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टाइफाइड में क्या क्या दर्द करता है?

टाइफाइड के लक्षणों में शामिल हैं:.
सरदर्द.
१०४ डिग्री तक बुखार.
शरीर में दर्द.
बिगड़ी हुयी भूख.
जी मिचलाना.
दस्त और कब्ज.
पेट दर्द.

टाइफाइड से मानव शरीर का कौन सा अंग प्रभावित होता है?

टाइफाइड एक जीवाणु संक्रमण है। यह सिर्फ एक अंग को नहीं, बल्कि शरीर के कई अंगों को प्रभावित करता है। रक्तप्रवाह में पहुंचने के बाद, बैक्टीरिया यकृत, प्लीहा और मांसपेशियों सहित जठरांत्र संबंधी मार्ग पर हमला करते हैं। कभी-कभी, यकृत और प्लीहा भी सूज जाते हैं।

क्या टाइफाइड से सीने में दर्द हो सकता है?

टाइफाइड बुखार वाले लोगों को आमतौर पर 103 F-104 F (39 C-40 C) जितना तेज बुखार होता है। कई रोगियों में छाती में जमाव विकसित हो जाता है , और पेट में दर्द और बेचैनी आम है।

टाइफाइड बुखार में क्या दिक्कत होती है?

बुखार टाइफाइड का प्रमुख लक्षण है। इसके बाद संक्रमण बढ़ने के साथ भूख कम होना, सिरदर्द, शरीर में दर्द होना, तेज बुखार, ठंड लगना, दस्त लगना, सुस्ती, कमजोरी और उल्टी जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। आंतों के संक्रमण के कारण शरीर के हर भाग में संक्रमण हो सकता है, जिससे कई अन्य संक्रमित बीमारियां होने का खतरा भी बढ़ जाता है।