आलू कौन सा अच्छा होता है? - aaloo kaun sa achchha hota hai?

आलू कौन सा अच्छा होता है? - aaloo kaun sa achchha hota hai?
Potato Varieties in india

हमारे देश में चावल, गेहूं, गन्ना के बाद क्षेत्रफल में आलू का चौथा स्थान माना जाता है. यह एक ऐसी फसल है, जिससे अन्य फसलों की अपेक्षा अधिक उत्पादन मिलता है. आलू में मुख्य रूप से 80 से 82 प्रतिशत पानी होता है और 14 प्रतिशत स्टार्च, 2 प्रतिशत चीनी, 2 प्रतिशत प्रोटीन और 1 प्रतिशत खनिज लवण पाए जाते हैं.

इसके अलावा वसा 0.1 प्रतिशत और थोड़ी मात्रा में विटामिन्स भी होते हैं. आलू एक समशीतोष्ण जलवायु वाली फसल है. यूपी में इसकी खेती उपोष्णीय जलवायु की दशाओं में रबी के मौसम में की जाती है. इसकी उचित खेती के लिए फसल अवधि के दौरान दिन का तापमान 25 से 30 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए, तो वहीं रात का तापमान 4 से 15 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए.

फसल में कंद बनते समय करीब 18 से 20 डिग्री सेल्सियस तापकम सर्वोत्तम होता है. देश के किसी-किसी भाग में तो पूरे साल आलू की खेती (Potato cultivation) की जाती है. इसकी खेती में किस्मों का भी विशेष महत्व है, तो आइए आपको बताते हैं कि आलू की खेती के लिए कौन-कौन सी किस्में हैं.

आलू की किस्में (Potato varieties)

केंद्रीय आलू अनुसंधान शिमला द्वारा कई किस्में विकसित की गई हैं, जिनकी जानकारी हम देने जा रहे हैं-

कुफरी अलंकार- यह किस्म फसल को 70 दिनों में तैयार कर देती है. मगर यह किस्म पछेती अंगमारी रोग के लिए कुछ हद तक प्रतिरोधी है. इससे प्रति हेक्टेयर 200 से 250 क्विंटल पैदावार मिल जाती है.

कुफरी चंद्र मुखी - इस किस्म में फसल 80 से 90 दिनों में पक कर तैयार हो जाती है. इससे प्रति हेक्टेयर 200 से 250 क्विंटल पैदावार प्राप्त हो जाती है.

कुफरी नवताल जी 2524- आलू की यह किस्म फसल को 75 से 85 दिनों में तैयार कर देती है, जिससे प्रति हेक्टेयर 200 से 250 क्विंटल पैदावार मिल जाती है.

कुफरी शील मान- यह किस्म 100 से 130 दिनों में फसल तैयार करती है, जिससे प्रति हेक्टेयर 250 क्विंटल तक पैदावार मिल सकती है.

कुफरी ज्योति- फसल 80 से 150 दिनों में पक कर तैयार हो जाती है. इससे प्रति हेक्टेयर 150 से 250 क्विंटल पैदावार मिल सकती है.

कुफरी सिंदूरी- आलू की यह किस्म फसल को 120 से 125 दिनों में तैयार करती है, जो कि प्रति हेक्टेयर 300 से 400 क्विंटल पैदावार देने की क्षमता रखती है.

कुफरी देवा- इस किस्म की बुवाई से फसल 120 से 125 दिनों में तैयार हो जाती है, जो कि प्रति हेक्टेयर 300 से 400 क्विंटल पैदवार देने में सक्षम है.

कुफरी लालिमा- यह किस्म फसल को मात्र 90 से 100 दिन में ही तैयार करती है. यह किस्म अगेती झुलसा के लिए मध्यम अवरोधी भी है.

कुफरी स्वर्ण- आलू की यह किस्म फसल को 110 दिन में तैयार करती है, जिससे प्रति हेक्टेयर 300 क्विंटल पैदावार मिल सकती है.

आलू की संकर किस्में (Potato hybrids)

कुफरी जवाहर जेएच 222– आलू की यह किस्म फसल को 90 से 110 दिन में तैयार कर देती है. यह किस्म अगेता झुलसा और फोम रोग के लिए प्रतिरोधी है. इससे प्रति हेक्टेयर 250 से 300 क्विंटल पैदावार प्राप्त हो सकती है.

ई 4486- यह किस्म 135 दिन में फसल को तैयार करती है. इससे प्रति हेक्टेयर 250 से 300 क्विंटल पैदावार मिल सकती है. इसको यूपी, हरियाणा, बिहार, पश्चिम बंगाल, गुजरात और मध्य प्रदेश के लिए अधिक उपयोगी माना जाता है.

आलू की नई किस्में (New varieties of potatoes)

इसके अलावा आलू की कुछ नई किस्में भी हैं, जिनमें कुफरी चिप्सोना-2, कुफरी गिरिराज, कुफरी चिप्सोना-1 और कुफरी आनंद का नाम शामिल है.

English Summary: Potato Varieties: Know which are the advanced varieties of potato Published on: 31 August 2020, 02:30 IST

कृषि दिशा / खेती-बाड़ी / आलू की 10 उन्नत किस्में और उनकी उपज के बारें में जाने

आलू कौन सा अच्छा होता है? - aaloo kaun sa achchha hota hai?

आलू की 10 उन्नत किस्में (10 Improved Varieties of Potatoes): भारत में आलू की खेती बहुतायत में की जाती है. भारत में आलू की खेती मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, गुजरात, हरियाणा एवं असम आदि राज्यों में की जाती है. आलू के उत्पादन में भारत का तीसरा स्थान है. किसी भी फसल के लिए एक अच्छी वेरायटी का होना बहुत ही जरुरी है जिससे किसानो को अच्छी पैदावार के साथ अच्छा मुनाफा मिल सके. आपको बता दें कि केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान ने आलू की 10 उन्नत किस्मों को विकसित किया है. जिनको ऊगा कर किसान भाई अच्छी पैदावार ले सकते है. आइये आज हम इस आर्टिकल के जरिये आपको आलू की उन 10 उन्नत किस्मों के बारे में बताते हैं, जिनसे किसानो अधिक उपज के साथ-साथ अधिक मुनाफ भी मिलेगा

कुफरी थार- 3 (Kufri Thar – 3)

यह वेरायटी भारत के उत्तर प्रदेश, हरियाणा एवं छत्तीसगढ़ प्रदेशों में पैदावार की जाती है. इस किस्म से 450 क्विंटल प्रति हेक्टेयर पैदावार होती है. आलू की यह किस्म की खेती पहाड़ों एवं गंगा तट के किनारे पाए जाने वाले मैदानी क्षेत्र में अच्छी होती है.

कुफरी गंगा (Kufri Ganga)

आलू की इस किस्म से 350 – 400 क्विंटल प्रति हेक्टेयर पैदावार होती है. आलू की यह किस्म 80– 90 दिन में पककर तैयार हो जाती है. वहीं आलू की यह किस्म अन्य किस्मों के मुकाबले अच्छा पैदावार देती है.

कुफरी मोहन (Kufri Mohan)

आलू की इस किस्म से 350 – 400 क्विंटल प्रति हेक्टेयर पैदावार होती है. इस किस्म की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इस किस्म पर पाले का प्रभाव नही पड़ता है.

कुफरी नीलकंठ (Kufri Neelkanth)

आलू की इस किस्म से 350 – 400 क्विंटल प्रति हेक्टेयर पैदावार होती है. इस किस्म की खासियत यह है कि इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं जो हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है. इस किस्म की खेती पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़ राज्य में की जाती है.

कुफरी पुखराज (Kufri Pukhraj)

आलू की यह किस्म सबसे लोकप्रिय किस्मों से एक है. भारत में इस किस्म की खेती सबसे ज्यादा गुजरात राज्य में की जाती है. इस किस्म से किसान 140-160 क्विंटल प्रति एकड़ पैदावार प्राप्त कर सकते हैं. यह किस्म 90 – 100 दिन में तैयार हो जाती है.

कुफरी संगम (Kufri Sangam)

आलू की यह किस्म उत्तर प्रदेश , राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा, पंजाब राज्यों में की जाती है. इस किस्म की खासियत यह है कि यह बहुत पौष्टिक होने के साथ – साथ स्वादिष्ट भी होती है. आलू की यह किस्म लगभग 100 दिनों में तैयार हो जाती है.

कुफरी ललित (Kufri Lalit)

आलू की इस किस्म से 300 – 350 क्विंटल पैदावार होती है. यह किस्म अन्य किस्मों के मुकाबले अधिक पैदावार देती है. जिससे किसानों को अधिक लाभ होता है.

कुफरी लिमा (Kufri Lima)

आलू की इस किस्म से 300 – 350 क्विंटल पैदावार होती है. इस किस्म की सबसे बड़ी खासियत यह है कि मौसम के ज्यादा या कम होने से प्रभावित नही होती.

कुफरी चिप्सोना-4 (Kufri Chipsona-4)

आलू की इस किस्म से किसान भाई 300 – 350 क्विंटल पैदावार प्राप्त कर सकते हैं. इस किस्म की खेती भारत के उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और बिहार राज्य में की जाती है.

कुफरी गरिम (Kufri Garim)

आलू की इस किस्म से किसान भाई 300 – 350 क्विंटल पैदावार प्राप्त कर सकते हैं. इस किस्म की खेती भारत के उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और बिहार राज्य में की जाती है. इस किस्म की सबस बड़ी खासियत यह है कि इस किस्म का लम्बे समय तक भंडारण कर सकते हैं

आशा है आपको हमारे द्वारा दी गई आलू की वेरायटी की यह जानकारी पसंद आई होगी. इसके अलावा ऐसी ही जानकारियों के लिए कृषि दिशा पर रोजाना विजिट करें.

Reader Interactions

सबसे अच्छा आलू कौन सा होता है?

कुफरी थार- 3. आलू की इस किस्म में पानी की खपत 20 फीसदी तक कम होती है. ... .
कुफरी गंगा इसमें फसल देर से लगती है लेकिन सूखे की स्थिति में भी इसकी पैदावार प्रभावित नहीं होती. ... .
कुफरी मोहन इस प्रजाति की सबसे अच्छी बात ये है कि इस पर पाले का असर कम होता है. ... .
कुफरी नीलकंठ ... .
कुफरी पुखराज ... .
कुफरी संगम ... .
कुफरी ललित ... .
कुफरी लिमा.

सबसे ज्यादा पैदावार वाला आलू कौन सा है?

कुफरी चंद्रमुखी: आलू की इस किस्म में फसल 80 से 90 दिनों में तैयार हो जाती है और उपज 200 से 250 क्विंटल तक होती है। कुफरी शीलमान : आलू की खेती की यह किस्म 100 से 130 दिनों में तैयार होती है, जबकि उपज 250 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक होती है। कुफरी नवताल जी 2524: आलू की इस किस्म में फसल 75 से 85 दिनों में तैयार हो जाती है।

आलू कितने प्रकार के आते हैं?

आलू
आलू के चोटी के उत्पादक in 2006
(मिलियन मीट्रिक टन)
चीनी जनवादी गणराज्य
70
रूस
39
भारत
24
आलू - विकिपीडियाhi.wikipedia.org › wiki › आलूnull

पुखराज आलू की पहचान कैसे करें?

कुफरी पुखराज इस प्रजाति के आलू के कंदों का रंग सफेद और गूदा पीला होता है। इस की फसल 70 से 80 दिनों में पक कर तैयार हो जाती है। 1 हेक्टेयर खेत में 350 से 400 क्विंटल फसल पाई जा सकती है।