आंतरिक ऊर्जा से आप क्या समझते है? - aantarik oorja se aap kya samajhate hai?

ऊष्मागतिकी में, किसी निकाय में अंतर्विष्‍ट (contained) ऊर्जा को उस निकाय की आन्तरिक ऊर्जा (internal energy) कहते हैं। ध्यान देने योग्य है कि आन्तरिक ऊर्जा में उस निकाय की गतिज ऊर्जा और स्थितिज ऊर्जा सम्मिलित नहीं की जाती। 'कुल' आन्तरिक ऊर्जा U को नहीं मापा जा सकता किन्तु आन्तरिक ऊर्जा में परिवर्तन

आंतरिक ऊर्जा से आप क्या समझते है? - aantarik oorja se aap kya samajhate hai?
को मापा जा सकता है।

जहाँ

, = निकाय को दी गयी ऊष्मीय ऊर्जा, = निकाय पर किया गया यांत्रिक कार्य =

इसका मात्रक टाऊ है (1) आन्तरिक ऊर्जा मे परिवर्तन एक बीजिय राशि है। अर्थात इसका मान धनात्मक या ऋणात्मक हो सकता है। यदि मान धनात्मक हो तो अभिक्रिया ऊष्माशोषी और ऋणात्मक हो तो अभिक्रिया ऊष्माक्षेपी होती है। आन्तरिक ऊर्जा मे परिवर्तन =+ve(ऊष्माशोषी) आन्तरिक ऊर्जा मे परिवर्तन =-ve(ऊष्माक्षेपी) चूँकि आन्तरिक ऊर्जा का मान निकाय में उपस्थित पदार्थ की मात्रा पर निर्भर करता है,अतः यह एक मात्रात्मक गुण अथवा विस्तीर्ण गुण है। (2) किसी चक्रीय प्रक्रम के लिये आन्तरिक ऊर्जा परिवर्तन का मान शुन्य होता है। आन्तरिक ऊर्जा का S.I मात्रक j/mol या kj/mol होता है।

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

  • पूर्ण ऊष्मा (या, एन्थैल्पी)

हेलो दोस्तो आपका प्रश्न एंथैल्पी और आंतरिक ऊर्जा में संबंध है यहां पर भी कर दे रखे हैं पहले भी कल में लिया दोस्तों में डेल्टा ई बराबर डेल्टा एच प्लस भी डेल्टा कि दूसरे निकलने दिया दोस्तों हमें डेल्टा एक्स = डेल्टा ई प्लस बी डाटा भी तीसरे विकल्प में दया डेल्टा एक्स = - का डेल्टा ई - डेल्टा डेल्टा बी और चौथे विकल में दे रखा था उस समय डेल्टा एक्स = डेल्टा ई प्लस बी डाटा पी तो 40 प्लस को हल करते हैं या तो 200 जो हमारे निकाय है उसकी एंथैल्पी और आंतरिक ऊर्जा आंतरिक ऊर्जा होती है जो निकाय जितनी उर्जा को अपने पास हमेशा हम अपने पास संचित करके रख सकता है उसे हम आंतरिक ऊर्जा कहते हैं निकाय की ठीक है और एंथैल्पी दोस्तों ने कहा कि वह कुल ऊर्जा होती है जिससे कि निकाय जैसे कि निकाय जो है वह कार्य और आंत

ऊर्जा में परिवर्तित कर सकता है यह होता है निकाय की एंथैल्पी तो निकाय की एंथैल्पी में जो परिवर्तन होता है यह तो संबंधित रहता है आंतरिक ऊर्जा से और किस प्रकार से दोस्तों यशवंत रहता है तो निकाय के अंतराल में परिवर्तन डेल्टा एच बराबर निकाय की आंतरिक ऊर्जा में परिवर्तन डेल्टा ए प्लस बी डाटा दी है एक सूत्र निकाय की एंथैल्पी परिवर्तन को ज्ञात करने का और इस सूट में आप देख रहे हैं delta-1 जो है यह निकाय की एंथैल्पी में परिवर्तन को व्यक्त कर रहा है डेल्टा यहां पर निकाय की आंतरिक ऊर्जा में परिवर्तन को व्यक्त कर रहे हैं और पीड़िता भी यह दोस्तों ने कहा है निकाय पर निकाय के द्वारा या निकाय के ऊपर जो भी कार्य किया जा रहा है उसको व्यक्त कर रहा है तो यह कुछ तो संबंध है एंथैल्पी एंथैल्पी और आंतरिक ऊर्जा में निकाय की आंतरिक और आंतरिक ऊर्जा में अबे कल देखते हैं कौन सा सही है पहले भी कल में दी है डेल्टा ही पर आप

डेल्टा एच प्लस बी डेल्टा बी ए गलत है दूसरे के कल मेरी हाय दोस्तो डेल्टा एच बराबर डेट आई प्लस टीवी अल्ट्रा बी यह बिल्कुल सही विकल्प है तीसरे विकल्प में दे रखा डेल टच हो रहा है - का डेल्टा - ई डेल्टा भी यह गलत है चौथे निकलने दिया है डेल टच बराबर डेट आई प्लस बी डेल्टा पी ए भी गलत विकल्प है आशा करता हूं आप को 200 समझ में आया होगा यह धन्यवाद

Solution : प्रत्येक पदार्थ के अंदर ऊर्जा की कुछ मात्रा निहित रहती है जो उस पदार्थ की रासायनिक प्रकृति ताप दाब व आयतन तथा भौतिक अवस्था पर निर्भर करती है, इसे आंतरिक ऊर्जा कहते है तथा U से दर्शाते है। <br> आंतरिक ऊर्जा विभिन्न प्रकार की गतिज ऊर्जा तथा स्थितिज ऊर्जा का योग होती है। जैसे- घूर्णन ऊर्जा `(E_(r))` कम्पन ऊर्जा `(E_(v))` स्थानांतरण ऊर्जा `(E_(t))` इलेक्ट्रॉनिक ऊर्जा `(E_(e))` नाभिकीय ऊर्जा `(E_(n))` और उपस्थित आकर्षण बल के कारण उत्पन्न ऊर्जा `E_(i)` <br> अतः `U=E_(e)+E_(n)+E_(t)+E_(r)+E_(v)+E_(i)` <br> आंतरिक ऊर्जा की अवयवी ऊर्जा जैसे-कम्पन ऊर्जा, घूर्णन ऊर्जा के मान सही-सही प्राप्त नहीं किये जा सकते है। अतः पदार्थ की आन्तरिक ऊर्जा के निरपेक्ष मान का सही-सही निर्धारण संभव नहीं है।

ऊष्मागतिकी में, किसी निकाय में अंतर्विष्‍ट ऊर्जा को उस निकाय की आन्तरिक ऊर्जा कहते हैं। ध्यान देने योग्य है कि आन्तरिक ऊर्जा में उस निकाय की गतिज ऊर्जा] और स्थितिज ऊर्जा सम्मिलित नहीं की जाती। 'कुल' आन्तरिक ऊर्जा U को नहीं मापा जा सकता किन्तु आन्तरिक ऊर्जा में परिवर्तन {\displaystyle \Delta U} को मापा जा सकता है।
{\displaystyle \Delta U=Q+W}
जहाँ
{\displaystyle \Delta U=U2-U1},
{\displaystyle Q} = निकाय को दी गयी ऊष्मीय ऊर्जा,
{\displaystyle W} = निकाय पर किया गया यांत्रिक कार्य = {\displaystyle p.\Delta V}
इस का मात्रक टाऊ है आन्तरिक ऊर्जा मे परिवर्तन एक बीजीय राशि है। अर्थात इसका मान धनात्मक या ऋणात्मक हो सकता है। यदि मान धनात्मक हो तो अभिक्रिया ऊष्माशोषी और ऋणात्मक हो तो अभिक्रिया ऊष्माक्षेपी होती है। आन्तरिक ऊर्जा मे परिवर्तन =+ve आन्तरिक ऊर्जा मे परिवर्तन =-ve चूँकि आन्तरिक ऊर्जा का मान निकाय में उपस्थित पदार्थ की मात्रा पर निर्भर करता है, अतः यह एक मात्रात्मक गुण अथवा विस्तीर्ण गुण है। किसी चक्रीय प्रक्रम के लिये आन्तरिक ऊर्जा परिवर्तन का मान शुन्य होता है।
आन्तरिक ऊर्जा का S.I मात्रक j/mol या kj/mol होता है।