जानें, रबी के सीजन में कैसे करें पीली सरसों की खेती ( Yellow mustard cultivation ) और क्या रखें सावधानियांपीली सरसों की खेती (Pili sarso ki kheti) खरीफ के अलावा रबी के सीजन में भी की जा सकती है। वैसे तो पीली सरसों तोरिया की तरह कैच क्राप के रूप में खरीफ एवं रबी के मध्य में बोयी जाती है। इस तरह ये खरीफ व रबी दोनों की फसल मानी जाती है। किसान पीली सरसों की उन्नत किस्मों का चुनाव करने के साथ ही कुछ सावधानियां रखें तो इसकी फसल अच्छा लाभ लिया जा सकता है। आइए जानते हैं इस फसल की उन उन्नत किस्मों के बारें में जो अधिक पैदावार देने के साथ ही मुनाफा भी देती है। Show
सबसे पहले सरकार की सभी योजनाओ की जानकारी के लिए डाउनलोड करे, ट्रैक्टर जंक्शन मोबाइल ऍप - http://bit.ly/TJN50K1 पीली सरसों की प्रमुख उन्नत किस्मेंपीताम्बरी : यह किस्म 2009 में विकसित की गई. जो 110 से 115 दिनों में पककर तैयार हो जाती
है। इससे प्रति हेक्टेयर 18 से 20 क्विंटल की पैदावार होती है। इस किस्म में तेल की मात्रा 42 से 43 प्रतिशत होती है।
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