वर्षा सभी प्राणियों के लिए आवश्यक है। वर्षा से ही संसार का चक्र चलता है। बादल वर्षा के रूप में बरसकर पानी देते हैं। धरती के सब भूभागों में पानी जमा रहता है। यह पानी पेय जल, खाना, दाना, बिजली आदि अनेक आवश्यकताओं की पूर्ति करता है। प्रकृति में हरियाली इसीसे व्याप्त होती है । वर्षा के बिना धरती पर प्राणिमात्र का जीवन यापन असंभव है। अतः कह सकते हैं कि वर्षा सभी प्राणियों के जीवन का आधार है। Show
AP State Board Syllabus AP SSC 10th Class Hindi Textbook Solutions Chapter 1 बरसते बदल Textbook Questions and Answers. 10th Class Hindi Chapter 1 बरसते बदल Textbook Questions and AnswersInText Questions (Textbook Page No. 1) प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. InText Questions (Textbook Page No. 2) प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. अर्थग्राह्यता-प्रतिक्रिया अ) प्रश्नों के उत्तर दीजिए। प्रश्न 1. प्रश्न 2. आ) वाक्य उचित क्रम में लिखिए। प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. इ) नीचे दिये गये भाव की पंक्तियाँ लिखिए। प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. ई) पद्यांश पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दीजिए। बादल और बूंदें,
बंद किये हैं बादल ने 1. इसने अंबर के दरवाज़े बंद कर दिये हैं – 2. पंख किसने पसारे हैं? 3. पद्यांश में आया युग्म शब्द है – 4. धरती के लोग किस ओर निहार रहे हैं? 5. इस कविता का विषय है – अभिव्यक्ति – सृजनात्मकता अ) इन प्रश्नों के उत्तर तीन – चार पंक्तियों में लिखिए। प्रश्न 1. प्रश्न 2. आ) ‘बरसते बादल’ कविता में प्रकृति का सुंदर चित्रण है। उसे अपने शब्दों में लिखिए। “बरसते बादल” कविता में पंतजी ने वर्षा ऋतु का सुंदर और सजीव चित्रण किया है। पंतजी कहते हैं कि वर्षा ऋतु हमेशा से सबकी प्रिय ऋतु रही है। उसमें भी सावन का महीना अधिक सुंदर और मनभावन होता है। सावन की वर्षा सबका मन मोहती है। सावन के मेघ झम – झम बरसते हैं। वर्षा की बूंदें पेडों से छनकर छम – छम आवाज़ करती धरती पर गिरती हैं। मेघों के हृदय में बिजली चम – चम चमकती है। दिन में भी वर्षा के कारण अंधेरा छा जाता है। लोगों के दिलों में सपने जगने लगते हैं। वर्षा के बरसने पर दादुर टर – टर आवाज़ करते हैं। झींगुर झींझी आवाज़ देते हैं। मोर म्यव – म्यव करते नाचते हैं। पपीहे पीउ – पीउ करके कूकते हैं। सोनबालक पक्षी गीली – खुशी से आह्वान करते हैं। आसमान पर बादल घुमडते गरजते हैं। .. रिमझिम बरसनेयाली बूंदों के स्वर हम से कुछ कहते हैं। अर्थात् मन खुश करते हैं। उनके छूते ही शरीर के रोम सिहर उठते हैं। धरती पर जल की धाराएँ झरती हैं। इससे मिट्टी के कण – कण में कोमल अंकुर फूट पडते हैं। अर्थात् मिट्टी का हर कण अतिप्रसन्न लगता है। वर्षा की धाराओं के साथ कवि का मन झूलने लगता है। वे लोगों को आमंत्रित करते हैं कि आप सब आइए मुझे घेरकर सावन के गीत गाइए। हम सब लोग इंद्रधनुष के झूले में झूलने का आनंद लें। यह कामना करें कि मनभावन सावन हमारे जीवन में बार – बार आये। विशेषता : इस कविता में प्रकृति का सुंदर चित्रण अंकित किया है। इस कविता से संवेदनशीलता का विकास होता है। इ) प्रकृति सौंदर्य पर एक छोटी-सी कविता लिखिए। ई) ‘फिर – फिर आये जीवन में सावन मनभावन’ ऐसा क्यों कहा गया होगा? स्पष्ट
कीजिए। भाषा की बात अ) कोष्ठक में दी गयी सूचना पढ़िए और उसके अनुसार कीजिए। 1. तरु, गगन, घन (प्रत्येक शब्द का वाक्य प्रयोग करते हुए पर्याय शब्द लिखिए।) पर्याय शब्द 2. साक्न, सपना, सूरज (एक-एक शब्द का तत्सम रूप लिखिए।) 3. गण, वारि, चंद्र (एक-एक शब्द का तद्भव रूप लिखिए।) 4. चम – चम, तृण – तृण, फिर – फिर (पुनरुक्ति शब्दों से वाक्य
प्रयोग कीजिए।) आ) इन्हें समझिए और सूचना के अनुसार कीजिए। 1. धाराओं पर धाराएँ झरती धरती पर। (अंतर स्पष्ट कीजिए।) (अंतर स्पष्ट कीजिए।) (रेखांकित शब्द का पद परिचय दीजिए।) मनभावन झम-झम-झम-झम मेघ बरसते हैं सावन के, अलंकार शब्द का अर्थ है – आभूषण। किसी बात को साधारण ढंग से न कहकर चमत्कार व सौंदर्यपूर्ण ढंग से कहना ही अलंकार है। इस कविता में अनुप्रास अलंकार का सुंदर प्रयोग हुआ है। जब वाक्य में कोई अक्षर या शब्द बार – बार प्रयोग होता है तो वहाँ वाक्य का ध्वन्यात्मक सौंदर्य बढ़ जाता है। इस प्रकार का काव्य – सौंदर्य अनुप्रास अलंकार कहलाता है। परियोजना कार्य वर्षा, बादल, नदी, सागर, सूरज, चाँद, झरने आदि में किसी एक विषय पर प्रकृति वर्णन से जुड़ी कविता का संग्रह कीजिए। कक्षा में उसका प्रदर्शन कीजिए। चाँद चम – चम – चम – चम चंदा चमके जुही, चमेली चमकी जैसे झरना कल – कल करता झरना बहता बरसते बदल Summary in EnglishIntroduction of the
lesson: Shravana clouds are raining. Rain drops are falling on the branches of trees. Flashes of lightnings are occurring from the hearts of clouds. Though it is a daytime with sunshine, it is dark because of cloudy sky and so dreams are awakening in everybody’s hearts. Frogs are croaking. Crickets are screaming. Peacocks are dancing beautifully. Swallows are staring at the clouds. Water birds are flying happily making cries. The clouds are spreading over the sky making thundering sounds. Raindrops are telling something. On touching them, we become horrent. It is raining with flows. Every particle in the earth is startling and tender sprouts are coming out of the earth. My heart is rocking holding the flows of rain. Come ……. encircle me and sing the songs of Shravana. Let’s go up together in the swing of rainbow. Let’s welcome Shravana into our lives which enlivens and enthralls our hearts again and again. बरसते बदल Summary in Teluguఝమ్ – ఝమ్ – ఝమ్ – ఝమ్ శ్రావణ మేఘాలు వర్షిస్తున్నాయి. చెట్ల కొమ్మలపై ఛమ్ – ఛమ్ – ఛమ్ అంటూ వర్షపు చినుకులు (బిందువులు) పడుతున్నాయి. మేఘాల నుండి (మేఘపు హృదయాల) విద్యుత్ మెరుపులు చమ్ – చమ్ మెరుస్తున్నాయి. ఎండ ఉన్న పగలు అయినప్పటికీ మేఘావృతమై యుండుటవలన కలిగిన చీకటిలో అందరి మనస్సుల్లో స్వప్నాలు జాగృతమవుతున్నాయి. ఈ కప్పలు టర్ టర్మంటు అరుస్తున్నాయి. కీచురాళ్ళు కీచు కీచుమంటూ ధ్వనిస్తున్నాయి. నెమళ్ళు మ్యవ్ – మ్యవ్ మంటూ నృత్యం చేస్తున్నాయి. పీవు, పీవుమంటు చాతక పక్షులు మేఘాల వంక చూస్తున్నాయి. జలపక్షులు ఆర్ధ సుఖంతో ఎగురుతూ ఆక్రందన చేయుచున్నాయి. మేఘాలు గగనతలంలో గర్జన చేస్తూ ఆకాశాన్ని కమ్ముకున్నాయి. రిమ్- జిమ్ – రిమ్ – జిమ్ అంటూ వర్షపు చినుకులు ఏదో చెబుతున్నాయి. వాటిని తాకితే వెంట్రుకలు నిక్కబొడుచు కుంటున్నాయి. ధారలు ధారలుగా వర్షం భూమిపై కురుస్తోంది. మట్టిలోని అణువణువు పులకరించి పోగా నేల నుండి కోమలమైన మొక్కల మొలకలు చిగురిస్తున్నాయి. వర్షపు ధారలను పట్టుకొని నా మనస్సు ఊగుతోంది. రండి అందరూ నన్ను చుట్టుముట్టి శ్రావణ గీతాలను ఆలపించండి. ఇంద్రధనుస్సు ఊయల ఊపులలో మనమందరం కలసి ఊగుదాం. మన జీవితంలోకి మళ్ళీ మళ్ళీ మనస్సును ఆహ్లాదపరచే अभिव्यक्ति-सृजनात्मकता 2 Marks Questions and Answers निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो या तीन वाक्यों में लिखिए। प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3.
प्रश्न 4.
प्रश्न 5.
प्रश्न 6. प्रश्न 7. प्रश्न 8. प्रश्न 9.
अभिव्यक्ति-सृजनात्मकता 4 Marks Questions and Answers निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर छह पंक्तियों में लिखिए। प्रश्न 1.
प्रश्न 2. वर्षा के कारण हर गली में नदियाँ बहती हैं। उन नदियों में बच्चे कागज़ की नावें छोडते हैं। वर्षा के कारण जन-जन का मन उल्लास से भर जाता है। पेडों पर नये-नये पत्ते आते हैं और नया – नया सुंगध फैलाते हैं। वर्षा ऋतु हमेशा सबकी प्रिय ऋतु रही है। वर्षा के समय प्रकृति की सुंदरता देखने लायक होती है। प्रश्न 3. प्रश्न 5. प्रश्न 5. प्रश्न 6.
प्रश्न 7. प्रश्न 8. प्रश्न 9.
प्रश्न 10.
प्रश्न 11. प्रश्न 12. प्रश्न 13.
प्रश्न 14.
प्रश्न
15.
अभिव्यक्ति-सृजनात्मकता 8 Marks Questions and Answers निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर आठ – दस पंक्तियों में लिखिए। प्रश्न 1. वर्षा ऋतु हमेशा से सबकी प्रिय ऋतु रही है । वर्षा के समय प्रकृति की सुंदरता देखने लायक होती है। पेड़ – पौधे, पशु – पक्षी, मनुष्य और यहाँ तक कि धरती भी खुशी से झूम उठती है । सावन (श्रावण) के मेघ आसमान में झम – झम – झम बरसते हैं । बूंदें छम – छम पेडों पर गिरती हैं। चम – चम बिजली चमक रही है । जिसके कारण अंधेरा होने पर भी उजाला है । दादुर टर – टर करते रहते हैं । झिल्ली झन – झन बजती है मोर म्यव – म्यव नाच दिखाते हैं । चातक के गण “पीउ” “पीउ” कहता मेघों की ओर देख रहे हैं । आर्द सुख से क्रंदन करते सोनबालक उड़ते हैं । मेघ गगन में गर्जन करते घुमड – घुमड़ कर गिर रहे हैं । वर्षा की बूंदों से रिमझिम – रिमझिम का स्वर निकल रहा है । उन्हें छूने पर किसी भेद के बिना सबके रोम सिहर उठते हैं । वर्षा की धाराओं पर धाराएँ धरती पर झरती हैं । इस कारण मिट्टी के कण – कण से तृण – तृण (कोमल अंकुर) फूट रहे हैं । कवि कहते हैं कि वर्षा की धाराओं को पकडने से उसका मन झूलता है । वह सबको संबोधित करते हुए कहते हैं कि उसे घेर ले और सावन के गीत गालें । इंद्रधनुष के झूले में सब मिलकर झूलें । अंत में कवि यह सावन जीवन में फिर – फिर आकर मनभावन करने के लिए कहते हैं । इसलिए इस कविता के सारांश के आधार पर हम कह सकते हैं कि पंतजी प्रकृति सौंदर्य चित्रण में बेजोड कवि हैं। प्रश्न 2.
प्रश्न 3. वर्षा की धाराओं के कारण मिट्टी के कण – कण से कोमल अंकुर फूट कर तृण बन जाते हैं। उस वर्षा के पानी को पाकर सभी का मन झूलने लगता है। कवि कहते हैं कि इन्द्रधनुष को झूला बनाकर हम सब मिलकर आकाश में झूलना चाहते हैं। ऐसी सुंदर – सुंदर घटनाओं के कारण से कवि फिर – फिर वर्षा ऋतु का आगमन करना चाहते हैं। प्रश्न 4.
वर्षा सभी प्राणियों के जीवन का आधार है कैसे?
अ इन प्रश्नों के उत्तर तीन चार पंक्तियों में लिखिए 1 वर्षा सभी प्राणियों के लिए जीवन का आधार है कैसे?जलवाष्प जलचक्र विज्ञान Page 10 जल जल, जीवन के लिए आवश्यक है।
मानव जीवन में वर्षा का क्या महत्व है?वर्षा का महत्व : वर्षा का मानव जीवन में बेहद ही महत्व है क्योंकि पानी के बिना जीवन संभव नहीं है। वर्षा से फसलों के लिए पानी मिलता है तथा सूखे हुए कुएं, तालाबों तथा नदियों को फिर से भरने का कार्य वर्षा के द्वारा ही किया जाता है। इसीलिए कहा जाता है कि जल ही जीवन है।
वर्षा की प्रतीक्षा सभी प्राणियों को क्यों रहती है?भोजन के पाचन का आधारभूत प्रक्रम सभी प्राणियों में समान है, जिसमें खाद्य पदार्थ सरल पदार्थों में परिवर्तित किए जाते हैं एवं ऊर्जा मुक्त होती है। अगले अध्याय में आप आंत्र द्वारा अवशोषित खाद्य पदार्थों का शरीर के अन्य भागों में स्थानांतरण के विषय में पढ़ेंगे।
|