अमर बेल का वैज्ञानिक नाम क्या है? - amar bel ka vaigyaanik naam kya hai?

अमर बेल का वैज्ञानिक नाम क्या है? - amar bel ka vaigyaanik naam kya hai?

अमरबेल एक प्रकार की लता है जो बबूल, कीकर, बेर पर एक पीले जाल के रूप में लिपटी रहती है। इसको आकाशबेल, अमरबेल, अमरबल्लरी भी कहते हैं। प्राय: यह खेतों में भी मिलती है, पौधा एकशाकीय परजीवी है जिसमें पत्तियों और पर्णहरित का पूर्णत: अभाव होता है। इसीलिए इसका रंग पीतमिश्रित सुनहरा या हल्का लाल होता है। इसका तना लंबा, पतला, शाखायुक्त और चिकना होता है। तने से अनेक मजबूत पतली-पतली और मांसल शाखाएँ निकलती हैं जो आश्रयी पौधे (होस्ट) को अपने भार से झुका देती हैं।

इसके फूल छोटे, सफेद या गुलाबी, घंटाकार, अवृत्त या संवृत्त और हल्की सुगंध से युक्त होते हैं।

यह बहुत विनाशकारी लता है जो अपने पोषक पौधे को धीरे-धीरे नष्ट कर देती है। इसमें पुष्पागमन वसंत में और फलागम ग्रीष्म ऋतु में होता है। इसकी लता और बीज का उपयोग औषधि के रूप में होता है। इसके रस में कस्कुटीन (Cuscutien) नामक ऐल्केलायड, अमरबेलीन, तथा पीताभ हरित वर्ण का तेल पाया जाता है। इसका स्वाद तिक्त और काषाय होता है। इसका रस रक्तशोधक, कटुपौष्टिक तथा पित्त कफ को नष्ट करनेवाला होता है। फोड़े-फुंसियों और खुजली पर भी इसका प्रयोग किया जाता है। पंजाब में दाइयाँ इसका क्वाथ गर्भपात कराने के लिए देती हैं। आश्रयी वृक्ष के अनुसार इसके गुणों में भी परिवर्तन आ जाता है।

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]

  • पेड़ व पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रही अमरबेल[मृत कड़ियाँ] (दैनिक जागरण)
  • Costea, M. 2007-onwards. Digital Atlas of Cuscuta (Convolvulaceae)
  • Flora of China: Cuscuta
  • Lanini, W. T., et al. Dodder. Pest Notes Jan 2002: 1-3. 15 जुलाई 2005. Online (pdf file).
  • Swift, C. E. Cuscuta and Grammica species - Dodder: A Plant Parasite. Colorado State University Cooperative Extension. Online.
  • Dodder (Cuscuta species). Weed Listings. 2005. Online[मृत कड़ियाँ].
  • Medicinal uses of Cuscuta in Armenia
  • "Parasitic weed seems to smell its prey"[मृत कड़ियाँ]

विषयसूची

  • 1 अमरबेल का वानस्पतिक नाम क्या है?
  • 2 खरपतवार कितने प्रकार के होते हैं?
  • 3 खरपतवार नाशक कौन कौन से हैं?
  • 4 2 वर्षीय खरपतवार कौन कौन से हैं?
  • 5 अमरबेल को कैसे पहचाने?
  • 6 अमरबेल से लंबाई कैसे बढ़ाए?
  • 7 अमरबेल कौन सा खरपतवार है?

अमरबेल का वानस्पतिक नाम क्या है?

Cuscuta
अमरबेल/वैज्ञानिक नाम

खरपतवार कितने प्रकार के होते हैं?

खरीफ की फसलों में मुख्यत: तीन प्रकार के खरपतवार पाये जाते हैं :

  • घास वर्ग के खरपतवार
  • चौड़ी पत्ती वाले खरपतवार
  • नरकट खरपतवार
  • मृदा सौरीकरण
  • जीरों टिलेज तकनीक
  • रासायनिक खरपतवार नियंत्रण

अमरबेल को परजीवी क्यों कहा जाता है?

इसे सुनेंरोकेंअमरबेल जमीन पर पुष्पीय परजीवी पौधे की भाँति उगते हैं तथा बाद में लताओं की तरह बडकर पेड़ों के ऊपर छा जाते हैं। पेड़ों पर छाने के पष्चात लताओं से चूषक निकल कर टहनियों की छाल में प्रवेष कर जाते हैं। परजीवी पौधे चूषकांगों के द्वारा मेजबान पेड़ों से पानी तथा पोषकीय तत्व शोषित करते हैं जिसके कारण पेड कमजोर हो जाते हैं।

अमरबेल कौन सा पौधा है?

इसे सुनेंरोकेंअमरबेल एक पत्ता व जड़विहिन पौधा है जो बहुत ही खतरनाक है और यह बड़े- बड़े पेड़ पौधों को भी उनमें से जल और पोषक पदार्थो को चूसकर मृतप्राण बना देता है। इसे अवसर पेड़ों पर झूलती हुई अवस्था में पीला या नारंगी रंग में देखा जाता है।

खरपतवार नाशक कौन कौन से हैं?

सारणी 1. सोयाबीन की फसल में प्रयोग किए जाने वाले विभिन्न खरपतवारनाशी रसायन की मात्रा और विधि

खरपतवारनाशी रसायन का नाममात्रा (ग्राम सक्रिय पदार्थ/हें.)
पेंडीमेंथलिन (स्टाम्प) 1000
एलाक्लोर (लासो) 1000
मेट्रीब्यूजिन (सेन्कोर) 500
क्लोरीम्यूरॉन (क्लोवेन 25 डब्लू.पी.) 6-9

2 वर्षीय खरपतवार कौन कौन से हैं?

इसे सुनेंरोकें2. द्विवर्षीय खरपतवार ( Biennial weeds ) – वे‌ सभी खरपतवार जो अपना जीवन चक्र एक से दो वर्ष में पूरा करते है द्विवर्षीय खरपतवार कहलाते है ।

Sevanti फूल ko अंग्रेज़ी mein क्या kahate hain?

इसे सुनेंरोकेंChrysanthemum indicum L. L. Chrysanthemum subsect. Dendranthema (DC.)

Cuscutaअमरबेल / वैज्ञानिक नाम

इसे सुनेंरोकेंअमरबेल क्या है (What is Amarbel?) यह वृक्षों के ऊपर फैलती है, जमीन से बिना जुड़े केवल पेड़ पर ही होने के कारण इसे आकाशबेल (cuscuta) भी कहा जाता है। इससे यह तो फलती-फूलती जाती है, लेकिन जिस पेड़ पर यह रहती है वह धीरे-धीरे सूखकर खत्म हो जाता है। आकाशवल्ली (Cuscuta (Amarbel) के फल थोड़े पीले-काले रंग के और बड़े होते हैं।

अमरबेल किसकी रचना है?

इसे सुनेंरोकेंवृन्दावनलाल वर्मा / परिचय – कविता कोश

अमरबेल को कैसे पहचाने?

इसे सुनेंरोकेंयह पेड़ पर पीले जाल की तरह लिपटी होती है। बिना जल और बिना अपनी मूल के फैली होने के कारण इसे आकाशबेल भी कहते हैं। संस्कृत में इसका नाम आकाशवल्ली है। इस बेल पर पत्ते नहीं लगते, लेकिन फूल लगते हैं, जो सफेद रंग के बिल्कुल छोटे एवं घुंघरूओं जैसे होते हैं।

अमरबेल से लंबाई कैसे बढ़ाए?

इसे सुनेंरोकेंबच्चों की लम्बाई बढ़ाने में अमर बेल बच्चों की लम्बाई तेजी से बढ़ाने में अमरबेल सक्षम है। अमर बेल का 1 चम्मच रस निकाल कर दूध में मिलाकर कम कद काठी बच्चों को पिलाने से लम्बीई बच्चों की बढ़ती है। बच्चों के पेट कीड़े नष्ट करने में अमर बेल सक्षम है।

अमरबेल कितने प्रकार के होते हैं?

इसे सुनेंरोकेंअमर बेल लगभग पूरे भारत वर्ष में पाई जाती है। अलग अलग राज्यों में अमर बेल को आकाशबल्ली, कसूसे हिन्द, स्वर्ण लता, निर्मुली, आलोक लता, अमर बेल, रस बेल, आकाश बेल, डोडर, नुलु तेगा, अंधा बेल आदि नामें से पुकारा जाता है। अमर बेल पेड़ की जड़ पेड़ की टहनियों के अन्दर से निकलती है।

अमरबेल का काढ़ा पीने से क्या होता है?

इसे सुनेंरोकें4 ग्राम ताजी अमरबेल का गर्म पानी का काढ़ा बनाकर पीने से खून साफ होता है, जिससे अन्य बीमारियां होने से भी बचाव होता है. इससे त्वचा भी सुंदर होती है. अमरबेल का उपयोग बवासीर की समस्याओं को दूर करने के लिए भी किया जा सकता है. अमरबेल के 10 ग्राम रस में काली मिर्च का पाउडर मिलाकर इसे नियमित रूप से सुबह शाम लेते रहें.

अमरबेल कौन सा खरपतवार है?

इसे सुनेंरोकेंअमरबेल तना परजीवी पौधा है जो फसलों या वृक्षों पर अवांछित रूप से उगकर हानि पहुँचाता है। इस खरपतवार को रामतिल, सोयाबीन, प्याज, अरहर, तिल, झाड़ियों, शोभाकार पौधों एवं वृक्षों पर भी देखा जा सकता है। अमरबेल परजीवी पौधे में उगने के 25-30 दिन बाद सफेद अथवा हल्के पीले रंग के पुष्प गुच्छे में निकलते हैं।

अमरबेल कितने प्रकार के होते हैं?

अमरबेल का परिचय : अमरबेल एक लता होती है जिसे आम, बबूल, बेर, अडूसा या अन्य किसी पेड़ पर फैली हुई देख सकते है। यह पेड़ पर पीले जाल की तरह लिपटी होती है। बिना जल और बिना अपनी मूल के फैली होने के कारण इसे आकाशबेल भी कहते हैं

अमरबेल कौन सी बीमारी में काम आती है?

आयुर्वेद में यह बताया गया है कि अमरबेल (cuscuta) वीर्य को बढ़ाता है, पाचनशक्ति ठीक करता है और आँख के रोगों में लाभदायक होता है। हृदय को स्वस्थ रखता है। यह पित्त, कफ के विकार और खराब पाचन से बनने वाले वात को भी ठीक करता है। यह मल के निकले को आसान बनाता है।