हेलो दोस्तों हमारा सवाल क्या दिया गया है कि पृथ्वी की दूसरी परत कौन सी है ठीक है तो इसको हम लोग एक चित्र की मदद से समझते हैं ठीक है चित्र में क्या दिखाया है पृथ्वी की आंतरिक संरचना दिखाएं हुई है ठीक है तो पृथ्वी की चार परते होती हैं ठीक है पृथ्वी में कितनी पढ़ते हैं चार पढ़ते हैं पहली परत को कहते हैं भूपर्पटी ठीक है क्या कहते हैं भू प्रॉपर्टी कहते हैं यह सबसे बाहरी हमारी परत होती है पृथ्वी की दूसरी परत मेंटल होती है ठीक है दूसरी परत को क्या कहते हैं मेंटल कहते हैं ठीक है तीसरी परत बाहरी करोड़ होती है ठीक है बाहरी करोड़ होती है और छाती पर हमारी आंतरिक क्रोड होती है ठीक है तो हमसे पूछा गया था कि Show
दूसरी परत का नाम बताइए ठीक है तो दूसरी परत कौन सी हो गई दूसरी परत हमारी मेंटल हो गई ठीक है मेंटल हो गई जो कि 30 किलोमीटर से लेकर के 2890 किलोमीटर गहराई तक होती है ठीक है यह सबसे मोटी परत होती है ठीक है सबसे मोटी परत होती और यह गर्म पिघली चट्टानों से बनी होती है ठीक है मेंटल किस से बनी होती है यहां पर हमने भी देखते हैं यह मेंटल जो होती है वह गर्म पिघली चट्टानों से बनी होती है गरम पीली चट्टानों हमारी क्या बनी होती है मेंटल बड़ी होती है ठीक है और यह सबसे मोटी हमारी परत होती है ठीक है तुमसे यही पूछा गया था पृथ्वी की दूसरी फाइल कौन सी होती है तो मेंटल होती है यही हमारे प्रश्न का उत्तर है थैंक यू
Register now for special offers +91 Home > Hindi > कक्षा 6 > Biology > Chapter > हमारी पृथ्वी > पृथ्वी की तीन परतों के नाम बता... Video Solution: पृथ्वी की तीन परतों के नाम बताइए। UPLOAD PHOTO AND GET THE ANSWER NOW! लिखित उत्तर Solution : पृथ्वी की तीन परतों के नाम हैं-1. भूपर्पटी, 2. प्रवार, 3. क्रोड। उत्तर Step by step video solution for [object Object] by Biology experts to help you in doubts & scoring excellent marks in Class 6 exams. Question Details till 15/10/2022
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पृथ्वी के अंतरतम की यह परतदार संरचना भूकंपीय तरंगों के संचलन और उनके परावर्तन तथा प्रत्यावर्तन पर आधारित है जिनका अध्ययन भूकंपलेखी के आँकड़ों से किया जाता है। भूकंप द्वारा उत्पन्न प्राथमिक एवं द्वितीयक तरंगें पृथ्वी के अंदर स्नेल के नियम के अनुसार प्रत्यावर्तित होकर वक्राकार पथ पर चलती हैं। जब दो परतों के बीच घनत्व अथवा रासायनिक संरचना का अचानक परिवर्तन होता है तो तरंगों की कुछ ऊर्जा वहाँ से परावर्तित हो जाती है। परतों के बीच ऐसी जगहों को असातत्य (geological discontinuity) कहते हैं। भूपर्पटी[संपादित करें]भूपर्पटी पृथ्वी की सबसे ऊपरी परत है जिसकी औसत गहराई २४ किमी तक है और यह गहराई ५ किमी से ७० किमी के बीच बदलती रहती है। समुद्रों के नीचे यह कम मोटी समुद्री बेसाल्तिक भूपर्पटी के रूप में है तो महाद्वीपों के नीचे इसका विस्तार अधिक गहराई तक पाया जाता है। सर्वाधिक गहराई पर्वतों के नीचे पाई जाती है। भूपर्पटी को भी तीन परतों में बाँटा जाता है - अवसादी परत, ग्रेनाइटिक परत और बेसाल्टिक परत। ग्रेनाइटिक और बेसाल्टिक परत के मध्य कोनराड असातत्य पाया जाता है। ध्यातव्य है कि समुद्री भूपर्पटी केवल बेसाल्ट और गैब्रो जैसी चट्टानों की बनी होती है जबकि अवसादी और ग्रेनाइटिक परतें महाद्वीपीय भागों में पाई जाती हैं। भूपर्पटी की रचना में सर्वाधिक मात्रा आक्सीजन की है। एडवर्ड स्वेस ने इसे सियाल नाम दिया था क्योंकि यह सिलिका और एल्युमिनियम की बनी है। वस्तुतः यह सियाल महाद्वीपीय भूपर्पटी के अवसादी और ग्रेनाइटिक परतों के लिये सही है। कोनार्ड असातत्य के नीचे सीमा (सिलिका+मैग्नीशियम) की परत शुरू हो जाती है। भूपर्पटी और मैंटल के बीच की सीमा मोहोरोविकिक असातत्य द्वारा बनती है जिसे मोहो भी कहा जाता है। मैंटल[संपादित करें]विश्व मानचित्र पर मोहो की गहराई मैंटल का विस्तार मोहो से लेकर २८९० किमी की गहराई पर स्थित गुट्टेन्बर्ग असातत्य तक है। मैंटल के इस निचली सीमा पर दाब ~140 GPa पाया जाता है। मैंटल में संवहनीय धाराएँ चलती हैं जिनके कारण स्थलमण्डल की प्लेटों में गति होती है। मैंटल को दो भागों में बाँटा जाता है ऊपरी मैंटल और निचला मैंटल और इनके बीच की सीमा ७१० किमी पर रेपिटी असातत्य के नाम से जानी जाती है। मैंटल का गाढ़ापन 1021 से 1024 Pa·s के बीच पाया जाता है जो गहराई पर निर्भर करता है। [2] तुलना के लिये ध्यातव्य है कि पानी का गाढ़ापन 10−3 Pa·s और कोलतार (pitch) 107 Pa·s होता है। क्रोड[संपादित करें]सीमा परत के नीचे पृथ्वी की तीसरी तथा अंतिम परत पाई जाती है, जिसे क्रोड कहते है। इसमे निकल (Ni) तथा लोहा (Fe) की प्रधानता होती है। इसलिए इस परत का नाम निफे (NiFe) है। यह 2890 किमी० गहराई से पृथ्वी की केन्द्र तक है। इसका घनत्व 11-12 तक है तथा औसत घनत्व 13 ग्राम प्रति घन सेमी है। क्रोड का भार पृथ्वी के भार का लगभग 1/3 है। यह पृथ्वी का लगभग 16% भाग घेरे हुए है। इसको दो भागो में बाटा गया है, बाह्य क्रोड तथा आंतरिक क्रोड। बाह्य क्रोड सतह के नीचे लगभग 2900 से 5150 किमी0 तक फैला हुआ है तथा आंतरिक क्रोड लगभग 5150 से 6371 किमी0 पृथ्वी के केंद्र तक फैला हुआ है। बाह्य क्रोड में भूकम्प की द्वातीयक लहरें या S-तरंगे प्रवेश नही कर पाती है इससे प्रमाणित होता है कि यह भाग द्रव अवस्था में है। आंतरिक क्रोड में भूकम्प की P-लहरों की गति कम अर्थात 11•23 किमी0/सेकेण्ड हो जाती है। बाह्य कोर तरल अवस्था में पाया जाता है क्योंकि यह द्वितीयक भूकंपीय तरंगों (एस-तरंगों) को सोख लेता है। आंतरिक क्रोड की खोज १९३६ में के. ई. बूलेन ने की थी। यह ठोस अवस्था में माना जाता है। इन दोनों के बीच की सीमा को बूलेन-लेहमैन असातत्य कहा जाता है। आंतरिक क्रोड मुख्यतः लोहे का बना है जिसमें निकल की भी कुछ मात्रा है। चूँकि बाह्य क्रोड तरल अवस्था में है और इसमें रेडियोधर्मी पदार्थो और विद्युत आवेशित कणों की कुछ मात्रा पाई जाती है, जब इसके पदार्थ धारा के रूप में आतंरिक ठोस क्रोड का चक्कर लगते हैं तो चुंबकीय क्षेत्र बन जाता है। पृथ्वी के चुम्बकत्व या भूचुम्बकत्व की यह व्याख्या डाइनेमो सिद्धांत कहलाती है। ऐतिहासिक विकास[संपादित करें]यह अनुभाग खाली है, अर्थात पर्याप्त रूप से विस्तृत नहीं है या अधूरा है। आपकी सहायता का स्वागत है! पुराने मत[संपादित करें]
आधुनिक मत[संपादित करें]1. भूपर्पटी (Crust) - गहराई 0-50km, आयतन-0.5%, द्रव्यमान-0.2%, घनत्व-2.7-3ग्राम/घनcm 2.प्रावार (mantle) - गहराई 50 से 2900km, आयतन- 83.5%, द्रव्यमान- 67.8%, घनत्व- 3 से 5.5 ग्राम/घनcm 3.क्रोड (Core)- गहराई- 2900 से 6371km, आयतन- 16%, द्रव्यमान- 32%, घनत्व- 10 से 14ग्राम/घनcm बूलेन का माडल[संपादित करें]यह अनुभाग खाली है, अर्थात पर्याप्त रूप से विस्तृत नहीं है या अधूरा है। आपकी सहायता का स्वागत है! PREM माडल[संपादित करें]यह अनुभाग खाली है, अर्थात पर्याप्त रूप से विस्तृत नहीं है या अधूरा है। आपकी सहायता का स्वागत है! सन्दर्भ[संपादित करें]
बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]
पृथ्वी के बीच की परत को क्या कहते हैं?(11) आवरण या मेंटल 2900 किमी ये क्षेत्र बेसाल्ट पत्थरों के समूह की चट्टानों से बना है. (12) इसका औसत घनत्व 3.5 ग्राम है. (13) यह पृथ्वी के कुल आयतन का 83 फीसदी भाग घेरे हुए है. (14) कोनराड असंबद्धता ऊपरी क्रस्ट और निचले क्रस्ट के बीच के सीमा क्षेत्र को कोनराड असंबद्धता कहते है.
पृथ्वी की तीन मुख्य परतें कौन कौन सी है?Solution : पृथ्वी की तीन परतों के नाम हैं-1. भूपर्पटी, 2. प्रवार, 3. क्रोड।
पृथ्वी कितनी परतों से बनी है?तीन परतों में बंटी हुई है पृथ्वी
सबसे ऊपरी परत भूपर्पटी एक ठोस परत है, मध्यवर्ती मैंटल अत्यधिक गाढ़ी परत है और बाह्य कोर (क्रोड) तरल तथा आतंरिक कोर ठोस अवस्था में है। पृथ्वी की आतंरिक संरचना को मुख्य रूप से तीन भागों में बांटा जाता है।
पृथ्वी के निचले परत को क्या कहते हैं?क्षोभमंडल पृथ्वी के वायुमंडल की सबसे निचली परत है।
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