अव्यय शब्द का अर्थ है, जो कभी व्यय न हो इसलिए, लिंग, वचन, कारक, पुरुष, काल, वाच्य आदि के कारण जिन शब्दों का रूप नहीं बदलता, उन्हें अव्यय कहते हैं। हर स्थिति में अव्यय अपने मूलरूप में ही बने रहते है तथा अव्यय शब्दों का रूपांतरण नहीं होता इसलिए अव्यय अविकारी भी होते हैं। Show जैसे- राम वहां बिल्कुल नहीं जाएगा। अव्यय के भेद ( Avyay ke bhed in Hindi Grammar)
1. क्रिया विशेषण– पिताजी अचानक आ गए क्रियाविशेषण के भेद (Kriya Visheshan ke bhed)
स्थानवाचक क्रिया विशेषणजिस क्रिया विशेषण शब्द से क्रिया के होने के स्थान का पता चलता है, उसे ‘स्थानवाचक क्रिया विशेषण’ कहते हैं। जैसे – बुआ जी ऊपर रहती है । कालवाचक क्रिया विशेषणजिस क्रिया विशेषण शब्द से क्रिया के समय का पता चलता है, उसे ‘कालवाचक क्रिया विशेषण’ कहते हैं। जैसे – नई दिल्ली स्टेशन से गाड़ी प्रातः चलेगी। रीतिवाचक क्रिया विशेषणजिस क्रिया विशेषण शब्द से क्रिया के होने का ढंग या रीति का पता चलता है, उसे ‘रीतिवाचक क्रिया विशेषण’ कहते हैं। जैसे- कछुआ धीरे-धीरे चलता है। परिमाणवाचक क्रिया विशेषणजिस क्रिया विशेषण शब्द से क्रिया की मात्रा और परिमाण का पता चलता है, उसे परिमाणवाचक क्रिया विशेषण कहते हैं। जैसे- नीतू बहुत कम बोलती है। 2. संबंधबोधकऐसे अव्यय शब्द जो संज्ञा और सर्वनाम शब्दों के साथ आकर उनका संबंध वाक्य के अन्य शब्दों के साथ प्रकट करते हैं, उन्हें संबंधबोधक कहते हैं। जैसे – मनीषा के पीछे सुधा खड़ी है। संबंधबोधक अव्यय के भेद (Sambandh bodhak Avyay ke bhed)
अर्थ के अनुसार संबंधबोधक के भेदस्थानवाचक- के ऊपर, के सामने, के आगे। प्रयोग के आधार पर संबंधबोधक अव्यय के भेद
विभक्ति युक्त संबंधबोधक- विभक्ति रहित संबंधबोधक- संबंधबोधक अव्यय और क्रिया विशेषण में अंतर-
नीतू बाहर बैठी हुई है (क्रिया विशेषण) 3. समुच्चयबोधक अव्ययजो शब्द दो शब्दों, वाक्य के अंशों अथवा उपवाक्य को जोड़ते हैं, उन्हें समुच्चयबोधक कहते हैं। इन्हें योजक भी कहा जाता है। जैसे- वेदांत और आयुष सहपाठी है। समानाधिकरण समुच्चयबोधकजिन समुच्चयबोधक शब्दों द्वारा दो समान शब्दों, वाक्य के अंशों और वाक्यों को जोड़ा जाता है, उन्हें समानाधिकरण समुच्चयबोधक कहते हैं। जो शब्द वाक्य में किसी संज्ञा या सर्वनाम का संबंध अन्य शब्दों के साथ बताते हैं उन्हें संबंधबोधक कहते हैं. हम यह भी कह सकते हैं कि जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम के बाद आकर वाक्य के दूसरे शब्द के साथ सम्बन्ध बताए उसे संबंधबोधक कहते. उदाहरण : अन्दर, बाहर, दूर, पास, आगे, पीछे, बिना, ऊपर, नीचे आदि.
संबंधबोधक शब्द के भेद | Type Of Sambandh Bodhakसंबंधबोधक शब्द के मुख्य बारह भेद होते हैं :
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काल के आधार पर संबंधबोधक अव्यय के 13 भेद होते हैं. इन सभी भेदों से सम्बंधित व्याकरण के कोई नियम नहीं है इसलिए काल के आधार पर सम्बन्धबोधक अव्यय के वर्गीकरण की ज़रूरत नहीं होती है.
संबंधबोधक अव्यय क्या होता है?ऐसे शब्द जो किसी संज्ञा अथवा सर्वनाम का वाक्य में प्रयुक्त किए गए किसी अन्य संज्ञा सर्वनाम अथवा दूसरे शब्दों से आपस में संबंध का बोध कराते हैं वे शब्द संबंधबोधक अव्यय कहलाते हैं। जैसे – के ऊपर, के पास, के कारण, से दूर, के लिए, की जगह, के अनुसार, की ओर, के आगे, के सामने, के साथ इत्यादि।
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