मूंगा मंगल ग्रह का प्रतिनिधि रत्न है। इसे विभिन्न नामों से पुकारा जाता है यथा- मूंगा, भौम-रत्न, प्रवाल, मिरजान, पोला तथा अंग्रेजी में इसे कोरल कहते हैं। मूंगा मुख्यतः लाल रंग का होता है। इसके अतिरिक्त मूंगा सिंदूरी, गेरुआ, सफेद तथा काले रंग का भी होता है। मूंगा एक जैविक रत्न होता है। Show विशेषता एवं धारण करने से लाभ: मूंगा धारण विधि: Advertisement Share this:
Like this:Like Loading... Relatedवर्तमान में विभिन्न प्रकार के रत्नों की मांग बढ़ रही है जिसके कारण कुछ लोग अपने मुनाफे के लिये नकली रत्न बेचने का धंधा भी करने लगे हैं ऐसे में कई बार तो विद्वान भी असली-नकली की पहचान में चूक कर जाते हैं। इसलिये रत्न का शुद्ध होना बहुत आवश्यक है। मूंगा रत्न बहुत ही चिकना होता है। इस पर पानी नहीं ठहरता इसलिये एक तरीका तो यह हो सकता है कि रत्न लेकर उप पर पानी की कुछ बूंदे डालें यदि पानी इस पर ठहरता है तो समझिये यह नकली है यदि पानी नहीं ठहरता तो मूंगा सही हो सकता है। एक तरीका यह भी आजमाया जा सकता है कि मैग्निफाइंग ग्लास से मूंगे का अवलोकन करें, ध्यान से देखने पर उसमें बिल्कुल बाल के जितनी सफेद-सफेद रेखाएं सी दिखाई देंगी। यदि रेखाएं न दिखें तो समझ लें कि जो मूंगा आपको दिया जा रहा है वह नकली है, अशुद्ध है। यदि मूंगा कहीं से सुला, कटा हुआ हो तो उसे भी नहीं लेना चाहिये यह भी ध्यान रखें कि उसमें कोई काला दाग धब्बा आदि न हो। सही मूंगा सूर्ख़ लाल या सिंदूरी रंग का होता है। ओरिजिनल मूंगा कैसे पता करें?4- मूंगे की सही परख करने के लिए आप मूंगे पर एक बूंद पानी की टपकाएं, फिर देखें पानी रूकेगा नहीं। वहीं, अगर पानी उस पर रूक जाता है तो वह असली मूंगा नहीं होता।
असली मूंगा रत्न की कीमत क्या है?भारत में मूंगा रत्न की कीमत 500 रुपए प्रति रत्ती से शुरू होती है। अच्छी क्वालिटी का मूंगा रत्न 5000 रुपए प्रति कैरेट में मिलता है।
मूंगा कितने दिनों में असर दिखाता है?मंगलवार का दिन मंगल ग्रह की उपासना के लिए सबसे शुभ माना जाता है इसलिए मूंगा रत्न को मंगलवार के दिन धारण करना चाहिए। इस रत्न को पहनने के बाद यह 9 दिन के अंदर अपना असर दिखाना शुरू कर देता है और इसका प्रभाव 3 साल तक रहता है।
क्या मूंगा चांदी में पहन सकते हैं?मूंगा रत्न (Red Coral)
सोने के अलावा चांदी या तांबे की धातु में भी आप इसे पहने सकते हैं।
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