असली नकली रुद्राक्ष की पहचान क्या है? - asalee nakalee rudraaksh kee pahachaan kya hai?

हिन्दू धर्म का पालन करने वालों में रुद्राक्ष का विशेष महत्व होता है। रुद्राक्ष को भगवान शिव से जोड़ कर देखा जाता है। जो भी व्यक्ति रुद्राक्ष पहनता है उसके खराब ग्रह सुधर जाते हैं और शुभ फल देने लगते हैं। रुद्राक्ष धारण करने से दिल संबंधित बीमारियां, तनाव, चिंता, ब्लड प्रेशर आदि को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। लेकिन इन दिनों धड़ेले से आस्था के नाम से खिलवाड़ किया जाता है। धोखेबाज व्यापारी रुद्राक्ष के नाम पर भद्राक्ष बेचकर लोगों से साथ धोखा कर रहे हैं।

एक अध्ययन में पाया गया है कि देश के अधिकांश धार्मिक स्थानों पर नकली रुद्राक्ष बेचा जा रहा है। रिसर्च में खुलासा हुआ है कि व्यापारी भद्राक्ष को रुद्राक्ष के नाम से बेचकर मोटा मुनाफा कमा रहे हैं। रुद्राक्ष की भारत में कुल 33 प्रजातियां हैं। बाजार में बेचे जा रहे तीन मुखी से नीचे और सात मुखी से ऊपर के ज्यादातर रुद्राक्ष नकली हैं।

रुद्राक्ष की असली और नकली प्रजातियां 
वैज्ञानिकों ने इलेइओकार्पस गैनीट्रस प्रजाति को शुद्ध रुद्राक्ष माना है। जबकि इलेइओकार्पस लेकुनोसस को नकली प्रजाति माना गया है। बाजार में इस समय प्लास्टिक और फाइबर का रुद्राक्ष भी बिक रहे हैं। अध्ययन में पाया गया है कि  लकड़ी को रुद्राक्ष का आकार देकर या फिर टूटे रुद्राक्षों को जोड़कर भी नया रुद्राक्ष बनाने का धंधा चल रहा है।

  इस तरह से पहचानें रुद्राक्ष और भद्राक्ष का अंतर 
 -जो असली रुद्राक्ष होता है उसके फल में प्राकृतिक रूप से छेद होते हैं। जबकि भद्राक्ष में छेद करके रुद्राक्ष का आकार दिया जाता है।
- असली रुद्राक्ष को सरसों के तेल में डुबाने से वह रंग नहीं छोड़ता है जबकि नकली रुद्राक्ष रंग छोड़ देता है।
- असली रुद्राक्ष पानी में डुबाने पर वह डूब जाता है , जबकि नकली रुद्राक्ष तैरता रहता है।
-असली रुद्राक्ष को पहचाने के लिए उसे किसी नुकिली चीज से कुरेदने पर अगर उसमें से रेशा निकलता हो तो वह असली रुद्राक्ष होता है।

रुद्राक्ष को भगवान शिव के नेत्र से निकला हुआ आंसू माना जाता है. भगवान शिव की कृपा दिलाने वाले पवित्र बीज रुद्राक्ष को धारण करने से पहले उसकी शुद्धता की जांच करने की विधि को जानने के लिए पढ़े ये लेख.

असली नकली रुद्राक्ष की पहचान क्या है? - asalee nakalee rudraaksh kee pahachaan kya hai?

असली रुद्राक्ष की पहचान करने की विधि

हिंदू धर्म में धारण की जाने वाली तमाम पवित्र मालाओं में रुद्राक्ष की माला काफी लोकप्रिय है. मान्यता है कि रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के आंसुओं से हुई है. यही कारण है कि हर शिव भक्त अपने शरीर पर महादेव के इस मनके को किसी न किसी रूप में धारण किये रहता है. विभिन्न प्रकार के रुद्राक्षों में कई ऐसे रुद्राक्ष हैं, जो बहुत मुश्किल से मिलते हैं और बहुत महंगे होते हैं. नतीजतन, कुछ लोग बाजार में नकली रुद्राक्ष बनाकर गलत फायदा उठाने की कोशिश करते है. कई बार ऐसा सुनने में आता है कि रूद्राक्ष की धारियां काटकर या दो रूद्राक्षों को जोड़कर एक महंगा रूद्राक्ष बना लिया जाता है. नकली गणेश, गौरीशंकर और त्रिदेव रूद्राक्ष तक भी बनाए जाते हैं, जबकि ये दुर्लभ और महंगे होते है. आइए असली रुद्राक्ष को पहचान करने की विधि जानते हैं.

रुद्राक्ष पहचानने की पुरानी विधि

माना यह भी जाता है कि किसी रुद्राक्ष को पानी में डुबोकर उसके नकली या असली होने की पहचान की जा सकती है. रुद्राक्ष की पहचान करने की इस प्रक्रिया में उसे पहले पानी में डालते हैं और यदि वह पानी में डूब जाता है तो वह असली रुद्राक्ष है, लेकिन यदि वह पानी में नहीं डूबता तो नकली है. हालांकि इससे भी असली रूद्राक्ष की पहचान कर पाना कठिन कार्य है क्योंकि नकली रूद्राक्ष में शीशा भरकर उसे भारी बना लिया जाता है. जिससे पानी में डालते ही वह डूब जाता है.

अब ऐसे करें असली रुद्राक्ष की पहचान

  1. किसी भी रूद्राक्ष की पहचान करने के लिए, उसे उबलते हुए पानी में दस से पंद्रह मिनट के लिए डाल दें. अगर वह नकली रुद्राक्ष होगा और उसे किसी तरह से जोड़कर बनाया गया होगा तो वह गर्म पानी के प्रभाव से अलग हो जाएगा.
  2. रूद्राक्ष की पहचान करने के लिए उसे किसी पैनी धारदार चीज से खरोंचकर देखें. यदि ऐसा करने पर उसमें रेशे दिखाई दें तो निश्चिम रूप से वह असली होगा.
  3. असली गौरीशंकर रुद्राक्ष बहुत मुश्किल से मिलता है और यह काफी महंगा भी होता है. ऐसे में इसे खरीदते समय गौरीशंकर रूद्राक्ष को खींचकर देख लें. यदि उसे जोड़कर बनाया गया होगा तो वह खींचने पर अलग हो जायेगा.
  4.  अंत में सबसे अहम बात यह कि महंगा रुद्राक्ष खरीदते समय किसी ऐसे अनुभवी व्यक्ति की सलाह जरूर लें, जिसे रुद्राक्ष की अच्छी परख हो ताकि आपको न सिर्फ असली बल्कि साथ ही शुद्ध रुद्राक्ष मिल सके.

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(यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

कैसे करें असली रुद्राक्ष की पहचान

1. असली रुद्राक्ष की पहचान के लिए रुद्राक्ष को पानी में डालें अगर वह रंग छोड़ रहा है तो वह नकली है और अगर नहीं छोड़ रहा है तो रुद्राक्ष असली है।

2. रुद्राक्ष को पानी में डालने पर अगर वह पानी में डूब जाए तो रुद्राक्ष असली है।

3. रुद्राक्ष को सरसों के तेल में डालने पर अगर उसका रंग एकदम गहरा हो जाए तो समझ लें कि रुद्राक्ष असली है।

4 . गहरे रंग के रूद्राक्ष को अच्छा माना जाता है और हल्के रंग वाले को नहीं। असलियत में रूद्राक्ष का छिलका उतारने के बाद उस पर रंग चढ़ाया जाता है। बाजार में मिलने वाली रूद्राक्ष की मालाओं को पिरोने के बाद पीले रंग से रंगा जाता है। रंग कम होने से कभी- कभी हल्का रह जाता है। काले और गहरे भूरे रंग के दिखने वाले रूद्राक्ष प्रायः इस्तेमाल किए हुए होते हैं, ऐसा रूद्राक्ष के तेल या पसीने के संपर्क में आने से होता है।

5 . रूद्राक्ष की पहचान सुई से भी की जाती है। अगर अगर रेशा निकले तो असली और न निकले तो नकली होगा।

6. नकली रूद्राक्ष के उपर उभरे पठार एकरूप हों तो वह नकली रूद्राक्ष है। असली रूद्राक्ष की उपरी सतह कभी भी एकरूप नहीं होगी। जिस तरह दो मनुष्यों के फिंगरप्रिंट एक जैसे नहीं होते उसी तरह दो रूद्राक्षों के उपरी पठार समान नहीं होते। हां नकली रूद्राक्षों में कितनों के ही उपरी पठार समान हो सकते हैं।

ऐसे पहचानें रुद्राक्ष और भद्राक्ष में अंतर

- असली रुद्राक्ष के फल में प्राकृतिक रूप से छेद होते हैं , जबकि भद्राक्ष में छेद कर इसे रुद्राक्ष के तौर पर पेश किया जाता है ।

- रुद्राक्ष की पत्तियां आरी के दांत जैसे होते हैं जबकि भद्राक्ष की पत्तियों का सिर गोलाकार होता है ।

- असली रुद्राक्ष को यदि सरसों के तेल में डूबा जाए तो यह रंग नहीं छोड़ता। नकली रुद्राक्ष रंग छोड़ सकता है ।

- पानी में डुबोने पर रुद्राक्ष डूब जाएगा जबकि नकली रुद्राक्ष पानी में डालने पर डूबेगा नहीं ।

बाजार में फाइबर व प्लास्टिक के बिक रहे रुद्राक्ष


अमीनाबाद में पूजा की सामग्री बेचने वाले व्यापारी श्याम प्रसाद ने बताया कि आजकल बाजार में प्लास्टिक व फाइबर के रुद्राक्ष मिल रहे हैं जो धड़ल्ले से बिक भी रहे हैं। इनकी पहचान करना मुश्किल है। इसके साथ ही साथ लकड़ी का रुद्राक्ष का आकार देकर या फिर टूटे रुद्राक्षों को जोड़ कर भी रुद्राक्ष बनाया जाता है। कई लोग लाभ के लालच में कैमिकल का इस्तेमाल कर इसका रंग रूप असली रूद्राक्ष जैसा कर देते है व इसके ऊपर धारिया बना कर मंहगे भाव में बेच देते है। कई बार दो रुद्राक्षों को बड़ी सफाई से जोड़ कर बेचा जाता है। आपने देखा होगा कि कई रूद्राक्षों पर गणेश, सर्प, शिवलिंग की आकृति बना कर भी लाभ कमाया जाता है।


ये रुद्राक्ष होते हैं नकली


रुद्राक्ष की भारत में कुल 33 प्रजातियां हैं। इनमें से बाजार में बेचे जा रहे तीन मुखी से नीचे और सात मुखी से ऊपर के अधिकतम रुद्राक्ष नकली होते हैं। चार, पांच व छः मुखी रुद्राक्ष ज्यादातर असली पाए जाते हैं। बाजार में ये रुद्राक्ष 1 रूपए से लेकर 30 हज़ार रूपए तक बेचे जाते हैं।

रुद्राक्ष कैसे चेक करें असली है या नहीं?

- असली रुद्राक्ष को सरसों के तेल में डुबाने से वह रंग नहीं छोड़ता है जबकि नकली रुद्राक्ष रंग छोड़ देता है। - असली रुद्राक्ष पानी में डुबाने पर वह डूब जाता है , जबकि नकली रुद्राक्ष तैरता रहता है। -असली रुद्राक्ष को पहचाने के लिए उसे किसी नुकिली चीज से कुरेदने पर अगर उसमें से रेशा निकलता हो तो वह असली रुद्राक्ष होता है।

असली और नकली रुद्राक्ष की पहचान कैसे करें?

ऐसे पहचाने असली रुद्राक्ष असली रुद्राक्ष को सरसों के तेल में डालने पर वह रंग नहीं छोड़ता है। जबकि नकली रुद्राक्ष रंगहीन हो जाता है। असली रुद्राक्ष पानी में डालने पर डूब जाता है जबकि नकली रुद्राक्ष पानी के ऊपर तैरता हुआ नजर आता है। असली रुद्राक्ष को धारदार चीजों से कुरेदने पर उसमें रेशा निकलता है।

रुद्राक्ष के मुख कैसे पहचाने?

यदि 1 मुखी रुद्राक्ष की पहचान ( Ek Mukhi Rudraksh ki pahchan ) अच्छे से करनी हो तो इसके लिए गर्म पानी में रुद्राक्ष को उबालें। अगर वह अपना रंग छोड़ने लगे तो वह रुद्राक्ष असली नहीं है। साथ ही रुद्राक्ष की पहचान का तीसरा तरीका है रुद्राक्ष को सरसों के तेल में डालें यदि वह पहले रंग से अधिक गहरा प्रतीत हो तो वह असली है।

ओरिजिनल रुद्राक्ष की कीमत क्या है?

असली रुद्राक्ष की कीमत 4000-5000 रुपये तक हो सकती है या इससे ज्यादा भी हो सकती है.