बैंडेज कितने प्रकार की होती है - baindej kitane prakaar kee hotee hai

बैंडेज कितने प्रकार के होते है?

इसे सुनेंरोकेंहर चोट के ल‍िए बैंडेज अलग होता है ज्‍यादातर फर्स्ट एड क‍िट में आपने अलग-अलग तरह के बैंडेज देखें होंगे ज‍िनमें स्‍ट्र‍िप बैंडेज, प्रेशर बैंडेज, मोलस्‍क‍िन आद‍ि शाम‍िल है।

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बैंडेज क्या काम आती है?

इसे सुनेंरोकेंट्यूबलर बैंडेज (Tubular bandages) ट्यूबलर बैंडेज का प्रयोग हाथ या पैर की उंगलियों की पट्टी करने में या क्षतिग्रस्त जोड़ों को सहारा देने में किया जा सकता है। ये फैबरिक ट्यूब की बनी होती हैं। आप टखने जैसे मुड़ने वाले जोड़ों पर लचीली पट्टियों का इस्तेमाल कर सकते हैं।

बैंडेज क्यों लगाते हैं?

इसे सुनेंरोकेंअक्सर जब कहीं चोट लग जाती है तो उस पर पट्टी या बैंडेज बांध दी जाती है। छोटी मोटी चोट तो ठीक है लेकिन गहरी चोट हो तो ये पता लगाना मुश्किल हो जाता है कि वह कब तक ठीक होगी। ऐसे में उसे चेक करने के लिए बार बार खोलना पड़ता है। इससे घाव भरने में और देर होती है।

किस स्थान पर कौन सा बैंडेज प्रयोग किया जाता है?

इसे सुनेंरोकेंअगर आपको कोई छोटी-सी खरोंच आयी है तो आप मेडिकेटेड बैंडेज का इस्तेमाल कर सकते हैं, हालांकि कुछ घावों में सिर्फ बैंडेज लगाने के बजाय सही से ड्रेसिंग और एंटी-बायोटिक की ज़रूरत पड़ सकती है। अगर चोट या इंजरी पर तेजी से ब्लीडिंग हो रही है तो तुरंत ही डॉक्टर की सलाह लें।

बैंडेज कैसे बनता है?

इसे सुनेंरोकेंबैन्डेज की निर्माण प्रक्रिया (Bandage Construction Process): इसे ल्यूज निटेड (नरम) हैन्डलूम क्लॉथ भी कहा जाता है । इस ल्यूज निटेड हैंडलूम क्लॉथ को कपड़ा लपेटने की क्लॉथ वाईडिंग मशीन द्वारा रोल के आकार में लाया जाता है । इन रोलों को कटिंग मशीन द्वारा साईज के अनुसार काटकर इनकी पट्टियों के फिर से रोल बनाये जाते हैं ।

बैंडेज का उपयोग कैसे करें?

गरम पट्टी यानि (क्रेप बैंडेज) मुख्य रूप से आपकी शरीर के अंगों में आई सूजन को दूर करने में इस्तेमाल की जाती है।…कैसे करें क्रेप बैंड का इस्तेमाल

  1. डॉ.
  2. गरम पट्टी को अपनी शरीर के अंगों पर लगातार बांधकर न रखें।
  3. लगभग 3 से 4 घंटे बीत जाने के बाद इसे खोलें और कुछ समय बाद दोबारा बांधें।

गरम पट्टी क्यों बांधी जाती है?

इसे सुनेंरोकेंगर्म पट्टी यानि (क्रेप बैंडेज) मुख्य रूप से शरीर के अंगों में आई सूजन को दूर करने में इस्तेमाल किया जाता है। क्रेप बैंडेज स्किन फ्रेंडली होता है। जिससे त्वचा को कोई नुकसान नहीं होता है, लेकिन अधिक समय यानी लगातार 4-5 घंटे तक इसे बांधने से आपको कुछ नुकसान भी हो सकते हैं।

पट्टी कैसे करते हैं?

पट्टी कैसे बदलते हैं – Dressing badalne ka tarika

  1. पट्टी बदलने से पहले अपने हाथों को पानी व साबुन से अच्छी तरह से धो लें।
  2. पट्टी बांधने के लिए प्रयोग की जाने वाली सारी चीजें, जैसे पट्टी, कैंची अदि एकत्रित कर लें।
  3. इसके बाद हो सके तो डिस्पोजेबल दस्ताने पहन लें।
  4. अब पुरानी वाली पट्टी को निकलने की कोशिश करें।

हर चोट के ल‍िए बैंडेज अलग होता है

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ज्‍यादातर फर्स्ट एड क‍िट में आपने अलग-अलग तरह के बैंडेज देखें होंगे ज‍िनमें स्‍ट्र‍िप बैंडेज, प्रेशर बैंडेज, मोलस्‍क‍िन आद‍ि शाम‍िल है। कटने, जलने, हड्ड‍ी टूटने, छ‍िलने, छेद होने जैसे घाव को भरने के ल‍िए उन पर पट्टी बांधने का तरीका और पट्टी की क‍िस्‍म अलग होती है, आइए जानते हैं क‍िस घाव को कैसे कवर क‍िया जाता है।

अगर छोटा कट है तो स्‍ट्र‍िप बैंडेज लगाएं

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स्‍ट्र‍िप बैंडेज कई शेप और साइज में आती हैं। अगर चोट ज्‍यादा गहरी नहीं है तो आप स्‍ट्रिप बैंडेज का इस्‍तेमाल कर सकते हैं। छोटे घाव के ल‍िए स्‍ट्रिप बैंडेज अच्‍छी होती है। आप इसे हाथ या उंगली में लगा सकते हैं।

अगर त्‍वचा जली है तो गौज पट्टी का इस्‍तेमाल करें

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अगर आपकी त्‍वचा जल गई है तो आपको उसपर गौज पट्टी बांधनी चाह‍िए, घाव पर आप बर्न‍ प्रोटेक्ट‍िंग क्रीम लगाकर गौज पट्टी बांध दें और ऊपर से टेप लगा दें। आपको इस बात का ध्‍यान रखना है क‍ि टेप, जले हुए ह‍िस्‍से पर टच नहीं करना चाह‍िए। 

फफोला होने पर मोलस्‍क‍िन का इस्‍तेमाल करें

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अगर आपके हाथ या पैर में फफोले हो गए हैं तो एक खास तरह के बैंडेज का इस्‍तेमाल करें, इसे कहते हैं मोलस्‍क‍िन। मोलस्‍क‍िन फोम का बना होता है। आप इसे फफोले या ब्‍ल‍िस्‍टर वाली जगह पर लगा सकते हैं। इससे ब्‍लिस्‍टर में इंफेक्‍शन का खतरा नहीं रहेगा।

गहरे कट्स के ल‍िए इस्‍तेमाल करें प्रेशर बैंडेज

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अगर चोट का कट बहुत गहरा है तो प्रेशर बैंडेज का इस्‍तेमाल करें। गौज की पट्टी को घाव को साफ करके दवा के साथ लगाएं, इससे खून रुक जाएगा। गहरे घाव में खून ज्‍यादा बहता है और प्रेशर बैंडेज ज्‍यादा खून वाली चोटों में इस्‍तेमाल क‍िया जाता है।

अगर हड्डी टूटी है तो बैंडेज कैसे लगाएं?

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अगर आपकी हड्डी टूटी है तो आप बड़े साइज के बैंडेज का इस्‍तेमाल करें जो फ्रैक्‍चर हुई हड्डी को सहारा दे सके। आपको हड्डी को अच्‍छी तरह से बैंडेज से कवर करना है, सहारे के ल‍िए आप पट्टी को गले से ले जाते हुए बांध सकते हैं। हड्डी टूटने पर ट्रायएंगल बैंडेज का भी इस्‍तेमाल क‍िया जाता है।

पैन‍िट्रेटिंग वाउंड क्‍या होते हैं?

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पैन‍िट्र‍ेट‍िंग घाव ऐसे घाव होते हैं जो आपकी त्‍वचा में क‍िसी चीज के घुस जाने से होते हैं जैसे कांच चुभ जाना। ऐसे घाव में ऑब्‍जेक्‍ट आपकी स्क‍िन में हो सकता है। ऐसे घाव को अस्‍पताल में डॉक्‍टर ही ड्रेस‍िंग कर सकते हैं। अगर आपको क‍िसी की मदद करनी हो तो ऐसे घाव पर कुछ लगाने के बजाय सर्जि‍कल बैंडेज से कवर करें और अस्‍पताल लेकर जाएं।

खरोंच आने पर स्‍ट्र‍िप बैंडेज यूज करें

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खरोंच लगने पर आप स्‍ट्रिप बैंडेज बांध सकते हैं, अगर घाव ज्‍यादा बड़ा नहीं है तो घाव को एंटीसेप्‍ट‍िक से साफ करें और उस पर एंटीसेप्‍ट‍िक क्रीम लगाकर पट्टी बांध दें। अगर सड़क या लोहे की चीज से खरोंच लगी है तो ट‍िटनेस का इंजेक्‍शन जरूर लगवाएं।

छेद वाले घाव पर बैंडेज कैसे लगाएं?

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ज‍िन घाव में क‍िसी चीज़ के चुभने से छेद हो गया है उन चोटों को आप सबसे पहले कॉटन और एंटीसेप्‍ट‍िक से साफ करें, इसके बाद उस पर स्‍ट‍िक स्‍ट्र‍िप या एडहेस‍िव (adhesive) पट्टी लगा दें। आपको ऐसे घाव को इंफेक्‍शन से दूर रखना चाह‍िए, इन पर धूल-म‍िट्टी न लगने दें।

चीरा लगने पर क्‍या करें?

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अगर क‍िसी को चीरा लगा है तो आपको इंफेक्‍शन होने की आशंका ज्‍यादा होगी। हाथों को अच्‍छी तरह से साफ करें। खून को रोकने के ल‍िए साफ गौज पट्टी लें और खून को रोंके। घाव को साफ करके उसे पानी से धो दें। एंटीबायोट‍िक लगाकर घाव को कवर कर दें।

बैंडेज कितने प्रकार के होते?

ज्‍यादातर फर्स्ट एड क‍िट में आपने अलग-अलग तरह के बैंडेज देखें होंगे ज‍िनमें स्‍ट्र‍िप बैंडेज, प्रेशर बैंडेज, मोलस्‍क‍िन आद‍ि शाम‍िल है। कटने, जलने, हड्ड‍ी टूटने, छ‍िलने, छेद होने जैसे घाव को भरने के ल‍िए उन पर पट्टी बांधने का तरीका और पट्टी की क‍िस्‍म अलग होती है, आइए जानते हैं क‍िस घाव को कैसे कवर क‍िया जाता है।

ड्रेसिंग कितने प्रकार के होते हैं?

घाव अनिवार्य रूप से दो प्रकार के होते हैं – खुले घाव और बंद घाव। खुले घाव और बंद घाव को घाव के कारण से और वर्गीकृत किया जा सकता है।

बैंडेज कैसे लगाते हैं?

ऐसे यूज करें बैंडेज यदि आपको किसी चीज से खंरोच आयी है तो पहले उस घाव को साफ पानी से धो लें फिर किसी तौलिये की मदद से अच्छे से सुखा लें फिर उसपर बैंडेज लगायें। > आप छोटे-मोटे घावों या स्किन इन्फेक्शन के उपचार में एंटी-बायोटिक ऑइंटमेंट का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। >

बैंडेज क्या होता है?

- 1. घाव, चोट आदि पर बाँधने या लपेटने का एक प्रकार का कपड़ा; पट्टी 2. पट्टी बाँधने की क्रिया।