बांग्लादेश का निर्माण कब और कैसे हुआ? - baanglaadesh ka nirmaan kab aur kaise hua?

  • दक्षिण एशिया तथा
भारतीय उपमहाद्वीप का इतिहास
बांग्लादेश का निर्माण कब और कैसे हुआ? - baanglaadesh ka nirmaan kab aur kaise hua?

पाषाण युग (७०००–३००० ई.पू.)

  • निम्न पुरापाषाण (२० लाख वर्ष पूर्व)
  • मध्य पुरापाषाण (८० हजार वर्ष पूर्व)
  • मध्य पाषाण (१२ हजार वर्ष पूर्व)
  • (नवपाषाण)
  •  – मेहरगढ़ संस्कृति (७०००–३३०० ई.पू.)
  • ताम्रपाषाण (६००० ई.पू.)

कांस्य युग (३०००–१३०० ई.पू.)

  • सिन्धु घाटी सभ्यता (३३००–१३०० ई.पू.)
  •  – प्रारंभिक हड़प्पा संस्कृति (३३००–२६०० ई.पू.)
  •  – परिपक्व हड़प्पा संस्कृति (२६००–१९०० ई.पू.)
  •  – गत हड़प्पा संस्कृति (१७००–१३०० ई.पू.)
  • गेरूए रंग के मिट्टी के बर्तनों संस्कृति (२००० ई.पू. से)
  • गांधार कब्र संस्कृति (१६००–५०० ई.पू.)

लौह युग (१२००–२६ ई.पू.)

  • वैदिक सभ्यता (२०००–५०० ई.पू.)
  •  – जनपद (१५००-६०० ई.पू.)
  •  – काले और लाल बर्तन की संस्कृति (१३००–१००० ई.पू.)
  •  – धूसर रंग के बर्तन की संस्कृति (१२००–६०० ई.पू.)
  •  – उत्तरी काले रंग के तराशे बर्तन (७००–२०० ई.पू.)
  •  – मगध महाजनपद (५००–३२१ ई.पू.)
  • प्रद्योत वंश (७९९–६८४ ई.पू.)
  • हर्यक राज्य (६८४–४२४ ई.पू.)
  • तीन अभिषिक्त साम्राज्य (६०० ई.पू.-१६०० ई.)
  • महाजनपद (६००–३०० ई.पू.)
  • रोर राज्य (४५० ई.पू.–४८९ ईसवी)
  • शिशुनागा राज्य (४१३–३४५ ई.पू.)
  • नंद साम्राज्य (४२४–३२१ ई.पू.)
  • मौर्य साम्राज्य (३२१–१८४ ई.पू.)
  • पाण्ड्य साम्राज्य (३०० ई.पू.–१३४५ ईसवी)
  • चेर राज्य (३०० ई.पू.–११०२ ईसवी)
  • चोल साम्राज्य (३०० ई.पू.–१२७९ ईसवी)
  • पल्लव साम्राज्य (२५० ई.पू.–८०० ईसवी)
  • महा-मेघा-वाहन राजवंश (२५० ई.पू.–४०० ईसवी)

मध्य साम्राज्य (२३० ई.पू.–१२०६ ईसवी)

  • सातवाहन साम्राज्य (२३० ई.पू.–२२० ईसवी)
  • कूनिंदा राज्य (२०० ई.पू.–३०० ईसवी)
  • मित्रा राजवंश (१५० ई.पू.-५० ई.पू.)
  • शुंग साम्राज्य (१८५–७३ ई.पू.)
  • हिन्द-यवन राज्य (१८० ई.पू.–१० ईसवी)
  • कानवा राजवंश (७५–२६ ई.पू.)
  • हिन्द-स्क्य्थिंस राज्य (२०० ई.पू.–४०० ईसवी)
  • हिंद-पार्थियन राज्य (२१–१३० ईसवी)
  • पश्चिमी क्षत्रप साम्राज्य (३५–४०५ ईसवी)
  • कुषाण साम्राज्य (६०–२४० ईसवी)
  • भारशिव राजवंश (१७०-३५० ईसवी)
  • पद्मावती के नागवंश (२१०-३४० ईसवी)
  • हिंद-सासनिद् राज्य (२३०–३६० ईसवी)
  • वाकाटक साम्राज्य (२५०–५०० ईसवी)
  • कालाब्रा राज्य (२५०–६०० ईसवी)
  • गुप्त साम्राज्य (२८०–५५० ईसवी)
  • कदंब राज्य (३४५–५२५ ईसवी)
  • पश्चिम गंग राज्य (३५०–१००० ईसवी)
  • कामरूप राज्य (३५०–११०० ईसवी)
  • विष्णुकुंड राज्य (४२०–६२४ ईसवी)
  • मैत्रक राजवंश (४७५–७६७ ईसवी)
  • हुन राज्य (४७५–५७६ ईसवी)
  • राय राज्य (४८९–६३२ ईसवी)
  • चालुक्य साम्राज्य (५४३–७५३ ईसवी)
  • शाही साम्राज्य (५००–१०२६ ईसवी)
  • मौखरी राज्य (५५०–७०० ईसवी)
  • हर्षवर्धन साम्राज्य (५९०–६४७ ईसवी)
  • तिब्बती साम्राज्य (६१८-८४१ ईसवी)
  • पूर्वी चालुक्यों राज्य (६२४–१०७५ ईसवी)
  • गुर्जर-प्रतिहार राज्य (६५०–१०३६ ईसवी)
  • पाल साम्राज्य (७५०–११७४ ईसवी)
  • राष्ट्रकूट साम्राज्य (७५३–९८२ ईसवी)
  • परमार राज्य (८००–१३२७ ईसवी)
  • यादवों राज्य (८५०–१३३४ ईसवी)
  • सोलंकी राज्य (९४२–१२४४ ईसवी)
  • प्रतीच्य चालुक्य राज्य (९७३–११८९ ईसवी)
  • लोहारा राज्य (१००३-१३२० ईसवी)
  • होयसल राज्य (१०४०–१३४६ ईसवी)
  • सेन राज्य (१०७०–१२३० ईसवी)
  • पूर्वी गंगा राज्य (१०७८–१४३४ ईसवी)
  • काकतीय राज्य (१०८३–१३२३ ईसवी)
  • ज़मोरीन राज्य (११०२-१७६६ ईसवी)
  • कलचुरी राज्य (११३०–११८४ ईसवी)
  • शुतीया राजवंश (११८७-१६७३ ईसवी)
  • देव राजवंश (१२००-१३०० ईसवी)

देर मध्ययुगीन युग (१२०६–१५९६ ईसवी)

  • दिल्ली सल्तनत (१२०६–१५२६ ईसवी)
  •  – ग़ुलाम सल्तनत (१२०६–१२९० ईसवी)
  •  – ख़िलजी सल्तनत (१२९०–१३२० ईसवी)
  •  – तुग़लक़ सल्तनत (१३२०–१४१४ ईसवी)
  •  – सय्यद सल्तनत (१४१४–१४५१ ईसवी)
  •  – लोदी सल्तनत (१४५१–१५२६ ईसवी)
  • आहोम राज्य (१२२८–१८२६ ईसवी)
  • चित्रदुर्ग राज्य (१३००-१७७९ ईसवी)
  • रेड्डी राज्य (१३२५–१४४८ ईसवी)
  • विजयनगर साम्राज्य (१३३६–१६४६ ईसवी)
  • बंगाल सल्तनत (१३५२-१५७६ ईसवी)
  • गढ़वाल राज्य (१३५८-१८०३ ईसवी)
  • मैसूर राज्य (१३९९–१९४७ ईसवी)
  • गजपति राज्य (१४३४–१५४१ ईसवी)
  • दक्खिन के सल्तनत (१४९०–१५९६ ईसवी)
  •  – अहमदनगर सल्तनत (१४९०-१६३६ ईसवी)
  •  – बेरार सल्तनत (१४९०-१५७४ ईसवी)
  •  – बीदर सल्तनत (१४९२-१६९९ ईसवी)
  •  – बीजापुर सल्तनत (१४९२-१६८६ ईसवी)
  •  – गोलकुंडा सल्तनत (१५१८-१६८७ ईसवी)
  • केलाड़ी राज्य (१४९९–१७६३)
  • कोच राजवंश (१५१५–१९४७ ईसवी)

प्रारंभिक आधुनिक काल (१५२६–१८५८ ईसवी)

  • मुग़ल साम्राज्य (१५२६–१८५८ ईसवी)
  • सूरी साम्राज्य (१५४०–१५५६ ईसवी)
  • मदुरै नायक राजवंश (१५५९–१७३६ ईसवी)
  • तंजावुर राज्य (१५७२–१९१८ ईसवी)
  • बंगाल सूबा (१५७६-१७५७ ईसवी)
  • मारवा राज्य (१६००-१७५० ईसवी)
  • तोंडाइमन राज्य (१६५०-१९४८ ईसवी)
  • मराठा साम्राज्य (१६७४–१८१८ ईसवी)
  • सिक्खों की मिसलें (१७०७-१७९९ ईसवी)
  • दुर्रानी साम्राज्य (१७४७–१८२३ ईसवी)
  • त्रवनकोर राज्य (१७२९–१९४७ ईसवी)
  • सिख साम्राज्य (१७९९–१८४९ ईसवी)

औपनिवेशिक काल (१५०५–१९६१ ईसवी)

  • पुर्तगाली भारत (१५१०–१९६१ ईसवी)
  • डच भारत (१६०५–१८२५ ईसवी)
  • डेनिश भारत (१६२०–१८६९ ईसवी)
  • फ्रांसीसी भारत (१७५९–१९५४ ईसवी)
  • कंपनी राज (१७५७–१८५८ ईसवी)
  • ब्रिटिश राज (१८५८–१९४७ ईसवी)
  • भारत का विभाजन (१९४७ ईसवी)

श्रीलंका के राज्य

  • टैमबापन्नी के राज्य (५४३–५०५ ई.पू.)
  • उपाटिस्सा नुवारा का साम्राज्य (५०५–३७७ ई.पू.)
  • अनुराधापुरा के राज्य (३७७ ई.पू.–१०१७ ईसवी)
  • रोहुन के राज्य (२०० ईसवी)
  • पोलोनारोहवा राज्य (३००–१३१० ईसवी)
  • दम्बदेनिय के राज्य (१२२०–१२७२ ईसवी)
  • यपहुव के राज्य (१२७२–१२९३ ईसवी)
  • कुरुनेगाल के राज्य (१२९३–१३४१ ईसवी)
  • गामपोला के राज्य (१३४१–१३४७ ईसवी)
  • रायगामा के राज्य (१३४७–१४१२ ईसवी)
  • कोटि के राज्य (१४१२–१५९७ ईसवी)
  • सीतावाखा के राज्य (१५२१–१५९४ ईसवी)
  • कैंडी के राज्य (१४६९–१८१५ ईसवी)
  • पुर्तगाली सीलोन (१५०५–१६५८ ईसवी)
  • डच सीलोन (१६५६–१७९६ ईसवी)
  • ब्रिटिश सीलोन (१८१५–१९४८ ईसवी)

राष्ट्र इतिहास

  • अफ़्गानिस्तान
  • बांग्लादेश
  • भूटान
  • भारत
  • मालदीव
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्रीलंका

क्षेत्रीय इतिहास

  • असम
  • बिहार
  • बलूचिस्तान
  • बंगाल
  • हिमाचल प्रदेश
  • महाराष्ट्र
  • मध्य भारत
  • उत्तर प्रदेश
  • पंजाब
  • ओड़िशा
  • सिंध
  • दक्षिण भारत
  • तिब्बत

विशेष इतिहास

  • सिक्का
  • राजवंशों
  • आर्थिक
  • इंडोलॉजी
  • भाषाई
  • साहित्य
  • सेना
  • विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी
  • समयचक्र

  • दे
  • वा
  • सं

बांग्लादेश में सभ्यता का इतिहास काफी पुराना रहा है। आज के भारत का अधिकांश पूर्वी क्षेत्र कभी बंगाल के नाम से जाना जाता था। बौद्ध ग्रंथो के अनुसार इस क्षेत्र में आधुनिक सभ्यता की शुरुआत ७०० इसवी ईसा पूर्व में आरंभ हुआ माना जाता है। यहाँ की प्रारंभिक सभ्यता पर बौद्ध और हिन्दू धर्म का प्रभाव स्पष्ट देखा जा सकता है। उत्तरी बांग्लादेश में स्थापत्य के ऐसे हजारों अवशेष अभी भी मौज़ूद हैं जिन्हें मंदिर या मठ कहा जा सकता है।

बंगाल का इस्लामीकरण मुगल साम्राज्य के व्यापारियों द्वारा १३वीं शताब्दी में शुरु हुआ और १६वीं शताब्दी तक बंगाल एशिया के प्रमुख व्यापारिक क्षेत्र के रूप में उभरा। युरोप के व्यापारियों का आगमन इस क्षेत्र में १५ वीं शताब्दी में हुआ और अंततः १६वीं शताब्दी में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा उनका प्रभाव बढना शुरु हुआ। १८ वीं शताब्दी आते आते इस क्षेत्र का नियंत्रण पूरी तरह उनके हाथों में आ गया जो धीरे धीरे पूरे भारत में फैल गया। जब स्वाधीनता आंदोलन के फलस्वरुप १९४७ में भारत स्वतंत्र हुआ तब राजनैतिक कारणों से भारत को हिन्दू बहुल भारत और मुस्लिम बहुल पाकिस्तान में विभाजित करना पड़ा।

भारत का विभाजन होने के फलस्वरुप बंगाल भी दो हिस्सों में बँट गया। इसका हिन्दू बहुल इलाका भारत के साथ रहा और पश्चिम बंगाल के नाम से जाना गया तथा मुस्लिम बहुल इलाका पूर्वी बंगाल पाकिस्तान का हिस्सा बना जो पूर्वी पाकिस्तान के नाम से जाना गया। जमींदारी प्रथा ने इस क्षेत्र को बुरी तरह झकझोर रखा था जिसके खिलाफ १९५० में एक बड़ा आंदोलन शुरु हुआ और १९५२ के बांग्ला भाषा आंदोलन के साथ जुड़कर यह बांग्लादेशी गणतंत्र की दिशा में एक बड़ा आंदोलन बन गया। इस आंदोलन के फलस्वरुप बांग्ला भाषियों को उनका भाषाई अधिकार मिला। १९५५ में पाकिस्तान सरकार ने पूर्वी बंगाल का नाम बदलकर पूर्वी पाकिस्तान कर दिया। पाकिस्तान द्वारा पूर्वी पाकिस्तान की उपेक्षा और दमन की शुरुआत यहीं से हो गई। और तनाव स्त्तर का दशक आते आते अपने चरमोत्कर्ष पर पहुँच गया। पाकिस्तानी शासक याहया खाँ द्वारा लोकप्रिय अवामी लीग और उनके नेताओं को प्रताड़ित किया जाने लगा, जिसके फलस्वरुप बंगबंधु शेख मुजीवु्ररहमान की अगुआई में बांग्लादेशा का स्वाधीनता आंदोलन शुरु हुआ। बांग्लादेश में खून की नदियाँ बही, लाखों बंगाली मारे गये तथा १९७१ के खूनी संघर्ष में दस लाख से ज्यादा बांग्लादेशी शरणार्थी को पड़ोसी देश भारत में शरण लेनी पड़ी। भारत इस समस्या से जूझने में उस समय काफी परेशानियों का सामना कर रहा था और भारत को बांग्लादेशियों के अनुरोध पर इस सम्स्या में हस्तक्षेप करना पड़ा जिसके फलस्वरुप १९७१ का भारत पाकिस्तान युद्ध शुरु हुआ। बांग्लादेश में मुक्ति वाहिनी सेना का गठन हुआ जिसके ज्यादातर सदस्य बांग्लादेश का बौद्धिक वर्ग और छात्र समुदाय था, इन्होंने भारतीय सेना की मदद गुप्तचर सूचनायें देकर तथा गुरिल्ला युद्ध पद्धति से की। पाकिस्तानी सेना ने अंतत: १६ दिसम्बर १९७१ को भारतीय सेना के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया, लगभग ९३००० युद्ध बंदी बनाये गये जिन्हें भारत में विभिन्न कैम्पों में रखा गया ताकि वे बांग्लादेशी क्रोध के शिकार न बनें। बांग्लादेश एक आज़ाद मुल्क बना और मुजीबुर्र रहमान इसके प्रथम राष्ट्रपति बने।

बांग्लादेश के इतिहास की मुख्य घटनाएँ[संपादित करें]

बांग्लादेश का निर्माण कब और कैसे हुआ? - baanglaadesh ka nirmaan kab aur kaise hua?

  • 1947 - भारत के विभाजन के बाद बंगाल से कटकर पूर्वी पाकिस्तान बना।
  • 1949 - अवामी लीग की स्थापना हुई जिसका उद्देश्य पूर्वी पाकिस्तान को स्वायत्तता दिलाना था।
  • 1966 - छः बिन्दु आन्दोलन की घोषणा
  • 1970 - शेख मुजीब के नेतृत्व में अवामी लीग ने पाकिस्तानी आम चुनाव, १९७० में भारी बहुमत हासिल किया, पाकिस्तान की सरकार ने इन परिणामों को मानने से इनकार कर दिया। पाकिस्तानी सरकार के इस निर्णय के बाद दंगे भड़क उठे.
  • 1971 - शेख़ मुजीब और अवामी लीग ने 26 मार्च को स्वतंत्रता की घोषणा कर दी। नए देश का नाम रखा गया बांग्लादेश, लड़ाई की मार से बचने के लिए करीब एक करोड़ लोग भारत की सीमा में शरणार्थी बनकर आए।
  • 1972 - शेख़ मुजीब प्रधानमंत्री बने। उन्होनें उद्योगों के राष्ट्रीयकरण का अभियान चलाया लेकिन ज़्यादा कामयाबी नहीं मिली।
  • 1974 - देश में भीषण बाढ़ से पूरी फ़सल तबाह 28,000 लोग की मौत. देश में आपात स्थिति, राजनैतिक गड़बड़ियों की शुरूआत.
  • 1975 - शेख़ मुजीब बांग्लादेश के राष्ट्रपति बने। अगस्त में हुए सैनिक तख्ता पलट के बाद उनकी हत्या कर दी गई, देश में सैनिक शासन लागू हो गया।
  • 1976 -सैनिक शासन ने ट्रेड यूनियनों पर प्रतिबंध लगाया.
  • 1977 - जनरल ज़िया -उर -रहमान राष्ट्रपति बने। इस्लाम को सांविधानिक मान्यता दी गई।
  • 1979 - देश में चुनाव हुए और सैनिक शासन समाप्त हुआ। जनरल ज़िया -उर -रहमान की बांग्लादेश नेशनल पार्टी ने बहुमत हासिल किया।
  • 1981' - जनरल ज़िया तख़्ता पलट की कोशिश में मारे गए। अब्दुस सत्तार राष्ट्रपति बने।
  • 1982 - एक और तख्ता पलट के बाद जनरल एरशाद सत्ता में आए। संविधान और राजनैतिक दलों की वैधता समाप्त की गई।
  • 1983 - सभी स्कूलों में अरबी और क़ुरान की पढ़ाई के जनरल एरशाद के फ़ैसले के ख़िलाफ़ आंदोलन शुरू हुए. सीमित राजनीतिक गतिविधियों की अनुमति दी गई। एरशाद राष्ट्रपति बने।
  • 1986 - संसद और राष्ट्रपति के लिए चुनाव हुए, एरशाद विजयी रहे। सैनिक शासन हटा और संविधान को बहाल किया गया।
  • 1987 - विपक्ष की हड़ताल के बाद देश में इमरजेंसी लगाई गई।
  • 1988 - एक -तिहाई देश पानी में डूबा, लाखों लोग बेघर हुए.
  • 1990 - भारी जन -विरोध के बाद एरशाद पद से हटे.
  • 1991 - भ्रष्टाचार के आरोप में एरशाद जेल भेजे गए। जनरल ज़िया -उर -रहमान की विधवा ख़ालिदा ज़िया प्रधानमंत्री बनीं। संविधान में परिवर्तन करके राष्ट्रपति के अधिकार सीमित कर दिए गए। चक्रवाती तूफ़ान ने लगभग डेढ़ लाख लोगों की जान ली।
  • 1996 -अवामी लीग सत्ता में लौटी, शेख़ हसीना प्रधानमंत्री बनीं। देश में हड़तालों का दौर शुरू हुआ।
  • 1998 -बाढ़ ने पूरे देश में तबाही मचाई. 1975 के मुजीब हत्याकांड के लिए ज़िम्मेदार 15 पूर्व सैनिक अधिकारियों को मौत की सज़ा सुनाई गई।
  • 2000 -स्वतंत्रता की लड़ाई के बारे में एक पाकिस्तानी राजनयिक के बयान पर विवाद हुआ, पाकिस्तान और बांग्लादेश के संबंधों में कटुता आई.
  • 2001' -आम चुनाव में शेख़ हसीना की पार्टी अवामी लीग हार गई और धार्मिक दलों के समर्थन के साथ जातीय पार्टी सत्ता में आई और बेग़म ख़ालिदा जिया प्रधानमंत्री बनीं।
  • २००८ - भारी बहुमत के बाद शेख़ हसीना फिर से प्रधानमंत्री बनीं।
  • २०१३ - जमात-ए-इस्लामी पार्टी के नेता अब्दुल कादर मुल्ला को 1971 के बंगलादेश मुक्ति संग्राम के दौरान किए गए युद्ध-अपराधों के लिए फाँसी दी गयी।

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

  • बांग्लादेश स्वाधीनता युद्ध
  • बांग्ला भाषा आन्दोलन
  • बांग्लादेश की सेना

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]

  • बांग्लादेश के युद्ध अपराधी (जनसत्ता)

बांग्लादेश कब और कैसे बना?

भारत ने 6 दिसंबर, 1971 को बांग्लादेश को एक स्वतंत्र देश के तौर पर मान्यता दी थी.

बांग्लादेश का पुराना नाम क्या है?

बांग्लादेश का पुराना नाम क्या है? बांग्लादेश का पुराना नाम पूर्वी पाकिस्तान था

बांग्लादेश किसका गुलाम था?

पाकिस्तानी सरकार के इस निर्णय के बाद दंगे भड़क उठे. 1971 - शेख़ मुजीब और अवामी लीग ने 26 मार्च को स्वतंत्रता की घोषणा कर दी। नए देश का नाम रखा गया बांग्लादेश, लड़ाई की मार से बचने के लिए करीब एक करोड़ लोग भारत की सीमा में शरणार्थी बनकर आए। 1972 - शेख़ मुजीब प्रधानमंत्री बने।

बांग्लादेश कैसे आजाद हुआ?

बांग्लादेश का स्वतंत्रता संग्राम १९७१ में हुआ था, इसे 'मुक्ति संग्राम' भी कहते हैं। यह युद्ध वर्ष १९७१ में २५ मार्च से १६ दिसम्बर तक चला था। इस रक्तरंजित युद्ध के माध्यम सेे बांलादेश ने पाकिस्तान से स्वाधीनता प्राप्त की। 16 दिसम्बर सन् 1971 को बांग्लादेश बना था।