⦁ पृथ्वी के अंदर से उठने वाली संवहन तरंगों के कारण पृथ्वी का भू-पृष्ठ कई बड़े-बड़े खण्डों में बँट गया है। इन्हीं भूखण्डों को भूगर्भीय प्लेटें कहते हैं। ⦁ वर्तमान के दक्षिणी अमेरिका, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया तथा अंटार्कटिका महाद्वीप गोंडवानालैण्ड के भाग थे। ⦁ वे मैदानी प्रदेश जहाँ नदियाँ पहाड़ों से निकलकर मैदान में प्रवेश करती हैं और अपने साथ लाए रेत, कंकड़, बजरी, पत्थर आदि का निक्षेप करती हैं। भाबर क्षेत्र में नदियाँ भूमि तल पर बहने के बजाय भूमि के नीचे बहती हैं। शिवालिक की तलहटी में एक ऐसा प्रदेश स्थित है जिसकी चौड़ाई 8 से 16 किमी तक है। प्रायः सभी नदियाँ भाबर प्रदेश में आकर विलुप्त हो जाती हैं। ⦁ हिमालय विश्व की सर्वाधिक ऊँची एवं मजबूत बाधाओं का प्रतिनिधित्व करता है। दिशा से दक्षिण की ओर इसे 3 मुख्य भागों में बाँटा जा सकता है- ⦁ महान या आंतरिक हिमालय अथवा हिमाद्रि – सबसे उत्तरी भाग जिसे महान या आंतरिक हिमालय अथवा ‘हिमाद्रि’ कहा जाता है। ⦁ हिमाचल या निम्न हिमालय – हिमाद्रि के दक्षिण में स्थित श्रृंखला हिमाचल या निम्न हिमालय के नाम से जानी जाती है। यह श्रृंखला मुख्यतः अत्यधिक संपीड़ित कायांतरित चट्टानों से बनी है। पीर पंजाल श्रृंखला सबसे बड़ी एवं सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण श्रृंखला का निर्माण करती है। कुछ अन्य महत्त्वपूर्ण श्रृंखलाएँ धौलाधार और महाभारत श्रृंखलाएँ हैं। ⦁ शिवालिक – हिमालय की सबसे बाहरी श्रृंखला को शिवालिक कहा जाता है। यह गिरीपद श्रृंखला है तथा हिमालय के सबसे दक्षिणी भाग का प्रतिनिधित्व करती है। ⦁ मालवा पठार अरावली और विंध्याचल की पहाड़ियों के बीच स्थित है। ⦁ लक्षद्वीप समूह प्रवाल भित्ति से बनने वाले द्वीप हैं। प्रश्न 1. निम्नलिखित विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए।
उत्तर: (ख) प्रायद्वीप| (ii) भारत के पूर्वी भाग में म्यांमार की सीमा का निर्धारण करने वाले पर्वतों का संयुक्त नाम-
उत्तर: (ख) पूर्वांचल|
उत्तर: (ग) कोंकण|
उत्तर: (ख) महेंद्रगिरी| उत्तर: पृथ्वी के भीतर होने वाले विद्युत् तरंगीय क्षय से ताप उत्पन्न होता हैं, जों द्रवित शैलों में संवह्निक तरंगे उत्पन्न करता हुआ धरातल की ओर निकलने की चेष्टा करता हैं| इन ऊपर उठती हुई तरंगो द्वारा उपरी परत फटकर बड़े-बड़े टुकड़ों में बंट जातीं हैं जिन्हें भूगभीर्य अथवा
स्थलमंडलीय प्लेंटे कहते हैं| उत्तर: दक्षिण अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और भारत| उत्तर: नदियाँ पर्वतों से नीचे उतरते समय शिवालिक की ढाल पर 8 से 16 कि.मी. की चौड़ी पट्टी में गुटिका का निक्षेपण करती हैं, इसें भाबर के नाम से जाना जाता हैं| उत्तर: हिमालय के तीन प्रमुख विभाग के नाम - (क) महान या आतंरिक हिमालय या हिमाद्री| (ख) हिमालय या निम्न हिमालय| (ग) बाहरी श्रृंखला या शिवालिक श्रृंखला| उत्तर: मालवा का पठार | उत्तर:
लक्षद्वीप| उत्तर:
उत्तर:
उत्तर:
उत्तर: करोड़ो वर्ष पूर्व भारत का प्रायद्वीपीय भाग गोंडवाना भूमि का एक हिस्सा था| संवहनीय धाराओ ने भूपर्पटी को अनेक हिस्सों में विभाजित कर दिया और इस प्रकार भारत-ऑस्ट्रेलिया की प्लेट गोंडवाना भूमि से अलग होने के बाद उत्तर दिशा की ओर प्रवाहित होने लगी| उत्तर दिशा की ओर प्रवाह के परिमाणस्वरुप यह प्लेट अपने से अधिक विशाल प्लेट, यूरेशियन प्लेट से टकरायी| इस टकराव के
कारण उन दोनों प्लेटो के बीच स्थित 'टेथिस' भू-अभिनति के अवसादी चट्टान, वलित होकर हिमालय तथा पश्चिम एशिया की पर्वतीय श्रृंखला के रूप में विकसित हों गए| उत्तर: भारत के प्रमुख भू-आकृतिक विभाग निम्न हैं:- (i) हिमालय पर्वत श्रृंखला (ii) उत्तरी मैदान (iii) प्रायद्वीपीय पठार (iv) भारतीय मरूस्थल (v) तटीय मैदान (vi) द्वीप समूह हिमालय क्षेत्र तथा प्रायद्वीपीय पठार के उच्चावच लक्षणों में अंतर :-
उत्तर: (i) उत्तरी मैदान तीन प्रमुख नदी प्रणालियों - सिन्धु , गंगा, एवं ब्रह्मपुत्र तथा इसकी सहयक नदियों से बना हैं| (ii) यह मैदान जलोढ़ मृदा से बना हैं| (iii) यह मैदान लगभग 2400 कि.मी. लंबा एवं 240 से 320 कि.मी. चौड़ा हैं| (iv) यह सघन जनसँख्या वाला भौगोलिक क्षेत्र हैं| समृद्ध मृदा आवरण, प्रयाप्त पानी की उपलब्धता एवं अनुकूल जलवायु के कारण कृषि की दृष्टि से यह भारत का अत्यधिक उत्पादक क्षेत्र हैं| (v) उत्तरी पर्वतों में आने वाली नदियाँ निक्षेपण कार्य में लगी हैं| नदी के निचले भागो में ढाल कम होने के कारण नदी की गति कम हो जाती हैं जिसके परिणामस्वरूप नदीय द्वीपों का निर्माण होता हैं| (vi) आकृति की भिन्नता के आधार पर उत्तरी मैदान के चार भाग हैं- भाबर, तराई भांगर और खादर| उत्तर: मध्य
हिमालय :- हिमाद्री के दक्षिण में स्थित श्रृंखला सबसे अधिक भिन्न हैं| इसी श्रृंखला को मध्य हिमालय या हिमालय या निम्न हिमालय कहा जाता हैं| इना निर्माण मुख्यतः अत्यधिक सपीडित तथा परिवर्तित शैलों से हुआ हैं| इनकी ऊँचाई 3,700 मीटर के बीच औसत चौड़ाई 50 किलोमीटर हैं| पीर पंजाल श्रृंखला में कश्मीर की घाटी तथा हिमालय के कांगड़ा एवं कुल्लू की घाटियाँ स्थित हैं| इस क्षेत्र को पहाड़ी नगरों के लिए जाना जाता हैं| उत्तर: मध्य
उच्च भूमि :- नर्मदा नदी के उत्तर में प्रायद्वीपीय पठार का वह भाग जो की मालवा के पठार केअधिकतर भागों पर फैला हैं, उसे मध्य उच्च भूमि के नाम से जाना जाता हैं| विन्ध्य श्रृंखला दक्षिण में मध्य उच्च भूमि तथा उत्तर-पश्चिम में अरावली से गिरी हैं| इस क्षेत्र में बहने वाली नदियाँ चम्बल, सिंध, बेतवा, तथा केन दक्षिण-पश्चिम से उत्तर पूर्वी की तरफ बहती हैं, इस प्रकार वे इस क्षेत्र के ढाल को दर्शाती हैं| मध्य उच्च भूमि पश्चिम में चौड़ी लेकिन पूर्व में संकीर्ण हैं| इस पठार के पूर्वी
स्तर को स्थानीय रूप से बुंदेलखंड तथा बगेलखंड के नाम से जाना जाता हैं | इसके सुदूर पूर्व के विस्तार को दामोदर नदी द्वारा अपवाहित छोटा नागपुर पठार दर्शता हैं| उत्तर: भारत के द्वीप समूह:- भारत में दो द्वीपे समूह हैं: 1. लक्षद्वीप समूह 2. अंडमान निकोबार द्वीपसमूह | 1. लक्षद्वीप समूह :- यह केरल के मालाबार तट के पास स्थित हैं| द्वीपों का यह समूह छोटे प्रवाल द्वीपों से बना हैं| पहले इनको लकाद्वीव. मीनीकाय तथा एमीनदीव के नाम से जाना जाता हैं| 1973 मे इसका नाम लक्षद्वीप रखा गया | इसका क्षेत्रफल 32 वर्ग की.मी. है| कावारत्ती द्वीप लक्षद्वीप का प्रसाशनिक मुख्यालय हैं| 2. अंडमान निकोबार द्वीपसमूह : यह बंगाल की खाड़ी में उत्तर से दक्षिण के तरफ फैले द्वीपों की एक श्रृंखला हैं| यह आकर में बड़े, संख्यां में बहुल तथा बिखरे हुए हैं| यह दो भागों में है- उत्तर में अंडमान और दक्षिण में निकोबार| यह द्वीप निमज्जित पर्वत श्रेणियों के शिखर हैं| ये द्वीप देश की सुरक्षा के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं| भूगर्भीय प्लेट क्या है?(i) भूगर्भीय प्लेटें क्या हैं? पृथ्वी के भूपटल का बड़ा हिस्सा जो कि लगातार उभरती धाराओं के कारण विभाजित हो गया है, उन्हें भूगर्भीय प्लेटें कहते हैं।
भारत का भौतिक स्वरूप क्या है?हमारे देश का विशाल पठार चारों ओर से घिरा हुआ है। उत्तर में उत्तरी विशाल मैदान तथा दक्षिण, पूर्व और पश्चिम में तटीय मैदान हैं। पूर्वी तटीय मैदान उत्तर में गंगा नदी के मुहाने से ले कर कन्याकुमारी तक बंगाल की खाड़ी के तट के साथ-साथ फैला है। पश्चिमी तटीय मैदान की तुलना में यह अधिक चौड़ा है।
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