Pratham Baar Jaipur Rajya Prajamandal Ke Sansthapak The ?A. जमनालाल बजाज Show
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प्रजामण्डल questions in hindi, notes in hindi, pdf in hindi आदि विषय पर अपने जवाब दे सकते हैं। प्रजामण्डल का अर्थ है प्रजा का संगठन। सन 1920 के दशक में ठिकानेदारों और जागीरदारों के अत्याचार दिन प्रतिदिन बढ़ गए। इस कारण किसानों द्वारा विभिन्न आंदोलन चलाये जा रहे थे, साथ ही देश भर में गांधी जी के नेतृत्व में देश में स्वतंत्रता आन्दोलन भी चल रहा था। इन सभी के कारण राज्य की प्रजा में जागृती आयी और उन्होंने संगठन(मंडल) बना कर अत्याचारों के विरूद्ध आन्दोलन शुरू किया जो प्रजामण्डल आंदोलन कहलाये। जयपुर प्रजामण्डल(1931)सन् 1931 में कर्पूरचन्द पाटनी व जमनालाल बजाज के प्रयासों से जयपुर प्रजामण्डल की स्थापना की गयी। मेवाड़ प्रजामण्डल(24 अप्रेल 1938)मेवाड़ प्रजामण्डल
की स्थापना का श्रेय माणिक्यलाल वर्मा को जाता है। उनके प्रयासों से उदयपुर में 24 अप्रैल 1938 को बलवंतसिंह मेहता की अध्यक्षता में मेवाड़ परजमण्डल की स्थापना की गयी। मारवाड़ प्रजामण्डल(1934)सन् 1934 मारवाड़ प्रजामण्डल की स्थापना जयनारायण व्यास(शेर-ए-राजस्थान) ने जोधपुर में की एवं भंवरलाल सर्राफ को मारवाड़ प्रजामण्डल का अध्यक्ष बनाया गया। भरतपुर प्रजामण्डल(1938)भरतपुर रियासत में अंग्रेज सरकार की दमनकारी निति की विरोध में 1928 में भरतपुर राज्य प्रजा संघ की स्थापना की
गयी। बूंदी प्रजामण्डल(1931)सन् 1931 में श्री कांतिलाल द्वारा स्थापित किया गया । कोटा प्रजामण्डल(1934)हाड़ोती प्रजामण्डल के नाम से
नयनूराम शर्मा एवं प्रभुलाल विजय द्वारा की गयी। करौली प्रजामण्डल(18 अप्रेल 1939)18 अप्रैल, 1939 में श्री त्रिलोकचंद माथुर, चिरंजीलाल शर्मा व कुंवर मदन सिंह द्वारा गठित। धौलपुर प्रजामण्डल(1936)सन् 1936 में कृष्णदत्त पालीवाल, श्री मूलचंद श्री ज्वाला प्रसाद जिज्ञासु आदि द्वारा गठित। बीकानेर प्रजामण्डल(4 अक्टूबर 1936)4 अक्टूबर, 1936 को वैद्य मघाराम(अध्यक्ष) व श्री
लक्ष्मणदास स्वामी द्वारा गठित किया गया। शाहपुरा(18 अप्रेल 1938)18 अप्रैल, 1938 को श्री रमेशचन्द्र औझा, लादूराम व्यास व अभयसिंह डांगी द्वारा श्री माणिक्य लाल वर्मा के सहयोग से गठित किया गया। अलवर प्रजामण्डल(1938)सन् 1938 में पं. हरिनारायण शर्मा एवं कुंजबिहारी मोदी द्वारा स्थापित किया गया। सन् 1939 में इसके रजिस्ट्रेशन के बाद सरदार नत्थामल इसके अध्यक्ष बने। सिरोही प्रजामण्डल(23 जनवरी 1939)23 जनवरी, 1939 को श्री गोकुलभाई भट्ट(राजस्थान का गाँधी) की अध्यक्षता में सिरोही प्रजामण्डल का गठन हुआ। किशनगढ़ प्रजामण्डल(1939)1939 में श्री कांतिलाल चौथानी एवं श्री जमालशाह(अध्यक्ष) द्वारा स्थापित हुआ। कुशलगढ़ प्रजामण्डल(अप्रेल 1942)अप्रैल, 1942 में श्री भंवरलाल निगम(अध्यक्ष) व कन्हैयालाल सेठिया द्वारा गठित हुआ। बांसवाड़ा प्रजामण्डल(1943)सन् 1943 में भूपेन्द्रनाथ त्रिवेदी, धूलजी भाई भावसर, मणिशंकर नागर आदि द्वारा स्थापित। डूंगरपुर प्रजामण्डल(1 अगस्त 1944)भोगीलाल पाड्या (वागड़ का गांधी) एवं शिवलाल कोटरिया द्वारा गठित किया गया। प्रतापगढ़ प्रजामण्डल(1945)सन् 1945 में श्री चुन्नीलाल एवं अमृतलाल के प्रयासों से स्थापित हुआ। जैसलमेर प्रजामण्डल(15 दिसम्बर 1945)15 दिसम्बर, 1945 को मीठालाल व्यास ने जोधपुर में जैसलमेर प्रजामण्डल की स्थापना की। झालावाड़ प्रजामण्डल(25 नवम्बर 1946)25 नवम्बर, 1946 को श्री मांगीलाल भव्य(अध्यक्ष), कन्हैयालाल मित्तल, मकबूल आलम द्वारा गठित गया। जयपुर राज्य प्रजामंडल के संस्थापक कौन थे?राजस्थान में प्रजामण्डल आन्दोलन
माणिक्य लाल वर्मा द्वारा (उदयपुर में) ; प्रथम अध्यक्ष - बलवन्त सिंह मेहता ; प्रथम अधिवेशन - उदयपुर में (1941) ; विजयलक्ष्मी पंडित और जे.पी. कृपलानी ने भाग लिया।
जयपुर प्रजा मंडल के अध्यक्ष कौन थे?जयपुर प्रजामंडल की स्थापना 1931 में कपूरचंद पाटनी की अध्यक्षता में हुई थी, लेकिन 5 साल तक निष्क्रिय रहा। यह राजस्थान का पहला प्रजा मंडल था। 1936 में सेठ जमनालाल लाल बजाज और हीरालाल शास्त्री के प्रयासों से चिरंजीलाल मिश्रा की अध्यक्षता में इसका पुनर्गठन किया गया था।
जयपुर प्रजामंडल की स्थापना किसने और कब की?जयपुर प्रजामण्डल(1931)
1931 में कर्पूरचन्द पाटनी व जमनालाल बजाज(गाँधीजी का पाँचवाँ पुत्र) के प्रयासों से जयपुर प्रजामण्डल की स्थापना हुई। 1936 में जयपुर प्रजामण्डल का पुनगर्ठन हुआ।
राजस्थान का प्रथम प्रजामंडल कौन सा है?बीकानेर प्रजामण्डल(4 अक्टूबर 1936)
4 अक्टूबर, 1936 को वैद्य मघाराम(अध्यक्ष) व श्री लक्ष्मणदास स्वामी द्वारा गठित किया गया। राजस्थान का एकमात्र प्रजामण्डल जिसकी स्थापना कलकत्ता में हुई।
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