भोजन को पकाने से क्या लाभ है? - bhojan ko pakaane se kya laabh hai?

विषयसूची

  • 1 भोजन पकाने के क्या लाभ है?
  • 2 लोहे की कढ़ाई में खाने से क्या होता है?
  • 3 लघु उत्तरीय प्रश्न प्रश्न 3 कारण बताएं खाना पकाने वाले बर्तन कागज अथवा प्लास्टिक के क्यों नहीं बनाए जाते हैं 2?
  • 4 खाना पकाने के बर्तनों के हत्थे प्लास्टिक या लकड़ी के बनाए जाते हैं क्यों?
  • 5 भोजन ko पकाना क्यों आवश्यक है?

भोजन पकाने के क्या लाभ है?

इसे सुनेंरोकेंपके भोजन के फायदे – कच्चे भोजन में बैक्टीरिया होते हैं, जो पकाने से नष्ट हो जाते हैं। – पकाने से भोजन नरम भी हो जाता है। इससे भोजन को चबाना, निगलना और पचाना आसान हो जाता है। – पकाने से स्वाद बेहतर हो जाता है।

लोहे की कढ़ाई में खाने से क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंलोहे की कढ़ाई में खाना बनाने से उसमें मौजूद लौह अंश भोजन में युक्त हो जाते हैं। जिससे शरीर को पर्याप्त मात्रा में आयरन मिलता है। आयरन ना केवल शरीर की कोशिकाओं के लिए महत्वपूर्ण पोषक तत्व है बल्कि हीमोग्लोबिन को भी बढ़ाता है। यह लाल रक्त कोशिकाओं (आरबीसी) के विकास में भी मदद करता है।

लघु उत्तरीय प्रश्न प्रश्न 3 कारण बताएं खाना पकाने वाले बर्तन कागज अथवा प्लास्टिक के क्यों नहीं बनाए जाते हैं 2?

इसे सुनेंरोकेंखाना पकाने के लिए धातु अथवा मिट्टी के बर्तनों का प्रयोग किया जाता है। प्लास्टिक और कागज धातु नहीं है, इसलिए अगर उसमें खाना पकाया जाएगा तो अग्निरोधी ना होने के कारण प्लास्टिक अथवा कागज के बर्तन तुरंत आग पकड़ लेंगे और खाना बनाना संभव ही नहीं हो पाएगा। इसी कारण खाना पकाने वाले बर्तन प्लास्टिक अथवा कागज के नहीं बनाए जाते।

लोहे की कढ़ाई में क्या क्या नहीं बनाना चाहिए?

इसे सुनेंरोकेंखट्टी या एसिड से जुड़ी चीजें भूलकर भी लोहे के बर्तन में न पकाएं। ऐसे भोजन लोहे के साथ प्रतिक्रिया कर सकते हैं, जिससे भोजन में धातु जैसा अप्रिय स्वाद पैदा हो सकता है। यही वजह है कि कढ़ी, रसम, सांभर या फिर टमाटर से बनने वाली तरी को स्टेनलेस स्टील के बर्तनों में ही पकाने की सलाह दी जाती है।

लोहे की कढ़ाई में कौन सी सब्जी नहीं बनानी चाहिए?

इसे सुनेंरोकेंलोहे में आयरन की मात्रा होती है इसलिए लोहे की कड़ाही में बनी सब्जी को खाने पर धातु जैसा स्वाद आता है। लोहे के बर्तन में इमली, टमाटर, कोकम सहित अन्य खट्टी सब्जियों को पकाने से बचना चाहिए। खट्टी सब्जियों का पीएच अम्लीय होता है और लोहे के बर्तन में इन्हें पकाने से ये शरीर के लिए हानिकारक हो सकते हैं।

खाना पकाने के बर्तनों के हत्थे प्लास्टिक या लकड़ी के बनाए जाते हैं क्यों?

इसे सुनेंरोकेंSolution : खाना पकाने का बर्तन धातुओं का बना होता है जो ऊष्मा का सुचालक होता है। जबकि बर्तनों के हत्थे प्लास्टिक या लकड़ी के बने होते हैं जो विद्युत् के कुचालक हैं। फलस्वरूप गर्म स्टील के बर्तन को आसानी से पकड़ा जा सकता है। इसलिए खाना पकाने के बर्तनों के हत्थे प्लास्टिक या लकड़ी के बनाए जाते हैं।

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भोजन पकाने के तीन लाभ​

  • भोजन पकाने वह नरम और हल्का बनता है , जो खाने में स्वादिष्ट होता है और साथ में पचाने योग्य बन जाता है|
  • भोजन को पकाने से कीटाणु नष्ट हो जाते है| यदि हम कच्चा भोजन खाए तो कीटाणु हमारे शरीर को नुकसान पहुंचाते है|

भोजन ko पकाना क्यों आवश्यक है?

इसे सुनेंरोकेंपाक-क्रिया या भोजन को पकाने का एक मुख्य उद्देश्य भोज्य-पदार्थों को सुपाच्य बनाना होता है। बिना पकाए भोज्य-पदार्थों को यदि (UPBoardSolutions.com) ग्रहण किया जाता है, तो इस दशा में उनका पाचन प्रायः असम्भव ही होता है। अतः भोज्य-पदार्थों को सुपाच्य बनाने के उद्देश्य से उन्हें अनिवार्य रूप से पकाया जाता है।

पालक
पालक को काटने से पहले धो लें। ज्यादा देर पकाने से पालक का 64 प्रतिशत विटामिन सी नष्ट हो जाता है, इसलिए इसे पकाते समय इसमें अलग से पानी न डालें। ढक कर आंच पर 2-3 मिनट से ज्यादा न पकाएं। इसमें आयरन काफी मात्रा में होता है।

साबुत अनाज
साबुत अनाज को रातभर कम पानी में भिगोएं। सुबह इसे हल्की आंच पर भाप में गला कर कम तेल-मसालों में पकाएं। इसमें मौजूद फायटिक एसिड हमारे लिए हानिकारक होता है। पकाने से इसकी मात्रा 50 प्रतिशत तक कम हो जाती है। अंकुरण से भी अनाजों में इसका स्तर कम हो जाता है।

नॉन वेज
मांस, चिकन और मछली को कच्चा खाना सेहत के लिए काफी हानिकारक होता है, इसलिए इन्हें कच्चा खाया भी नहीं जाता। इन्हें पकाने के लिए बहुत कम पानी में भाप में गला लें। फिर इन्हें कम मसालों और तेल में पकाएं। अगर ज्यादा पानी में बनाएं तो उस पानी को सूप के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं।

अंडे
अंडे को कभी भी कच्चा न खाएं। उबाल कर खाने से उसमें आयरन और बायोटिन की उपलब्धता बढ़ जाती है। इसके अलावा बैक्टीरियम सालमोनेला के संक्रमण का खतरा भी कम हो जाता है। इसे तल कर या दूध में पका कर भी खाया जा सकता है।

लहसुन और प्याज
प्याज और लहसुन में मौजूद लाभकारी सलेऑक्साइड तभी एक्टिवेट होता है, जब वह हवा के संपर्क में आता है। लहसुन और प्याज को पकाने से दस मिनट पहले काट कर रख लें। यह बीमारियों से बचाते हैं। कम ताप पर 30 मिनट तक प्याज और लहसुन को पकाएं।

ब्रॉकली और गाजर
ब्रॉकली को भाप में पकाएं, फिर स्टिर फ्राई करें। उसका हरा रंग बरकरार रहेगा। गाजर और ब्रॉकली को उबाल कर खाने से उनसे अधिक मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट मिलते हैं। पकी हुई गाजर में कच्ची गाजर से ज्यादा विटामिन ए, ल्युटिन और विटामिन होते हैं। पकी हुई ब्रॉकली में ज्यादा लाइकोपिन, विटामिन ए, फोलेट होता है।

टमाटर
विटामिन सी से भरपूर टमाटर को पका कर खाने से उसे पचाने में आसानी रहती है। प्रोसेस्ड टमाटर में लाइकोपिन की मात्रा ताजे टमाटरों से अधिक होती है। इसे कच्चा खाने की बजाय पका कर खाना ज्यादा फायदेमंद होता है। 

चावल
चावल को उबालने के बाद उसका पानी न फेंकें। इसमें करीब 25 प्रतिशत विटामिन बी नष्ट हो जाता है। चावल को कम पानी में भाप में पकाएं। पके हुए चावल बहुत जल्द बैसिलस सेरेयस से संक्रमित हो जाते हैं और दोबारा गर्म करने पर भी यह नष्ट नहीं होते, इसलिए बासी चावल कतई न खाएं।

करेला
कड़वा करेला औषधीय गुणों और पोषक तत्वों से भरपूर होता है। भाप में कम मसालों के साथ पका कर खाना इसे पकाने का बेहतरीन तरीका है। कुछ लोग इसे उबाल कर सब्जी बनाते हैं। आप भी ऐसा करते हैं तो उबले पानी को न फेंकें। इसे हल्के से गुनगुने रूप में थोड़ा-सा नमक मिलाकर हर्बल टी के रूप में पी लें। रक्त संबंधी विकार दूर होंगे।

तेल
तेल को ज्यादा देर गर्म न करें, क्योंकि 15 मिनट तक गर्म करने से उसके प्राकृतिक गुण नष्ट होने लगते हैं। इसमें ट्रांस फैटी एसिड की मात्रा बढ़ जाती है। इससे कार्डियो वैस्कलर बीमारियों की आशंका बढ़ जाती है।

पके भोजन के फायदे
- कच्चे भोजन में बैक्टीरिया होते हैं, जो पकाने से नष्ट हो जाते हैं।
- पकाने से भोजन नरम भी हो जाता है। इससे भोजन को चबाना, निगलना और पचाना आसान हो जाता है।
- पकाने से स्वाद बेहतर हो जाता है।
- पकाना खाने को आकर्षक बनाता है।
- इससे भोजन लंबे समय तक सुरक्षित रहता है।

क्यों जरूरी है पकाना
यह भी हमारी एक गलत धारणा से ज्यादा कुछ नहीं है कि कच्चे फल और सब्जियां सबसे बेहतर होती हैं। वैसे यह सही है कि खाने को हम कितना भी सावधानीपूर्वक पकाएं, उसके 10-15 प्रतिशत पोषक तत्व नष्ट हो ही जाते हैं, लेकिन पकाने के फायदे भी हैं। इससे पाचकता सुधरती है और पोषक तत्व उस रूप में परिवर्तित हो जाते हैं, जो शरीर में आसानी से अवशोषित हो सके। कुछ खाद्य पदार्थों को पकाना बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि हम उन्हें कच्चा नहीं खा सकते।

ताजगी है जरूरी 
- ताजा भोजन करें। भोजन को बार-बार गर्म न करें।
- ताजे और मौसमी फल तथा सब्जियों का ही उपयोग करें।
- सब्जियों को काट कर कभी न धोएं। इससे विटामिन बी और सी नष्ट हो जाते हैं।
- फ्रिज में खाद्य पदार्थों को 4 डिग्री सेंटिग्रेट पर रखें। फ्रोजन फूड को 18 डिग्री पर और डिब्बा बंद को सूखे और ठंडे स्थान पर रखें।

रखें ख्याल
- पकाने से पहले सब्जियों को पानी में न भिगोएं। पोषक तत्व नष्ट हो जाएंगे।
- उन्हें कम पानी में पकाएं। पानी की मात्र जितनी कम होगी, उतने ही कम पोषक तत्व नष्ट होंगे।
- भोजन को ज्यादा देर न पकाएं। जितनी देर पकाएंगे, उसके पोषक तत्व उतने ही ज्यादा नष्ट हो जाएंगे।

भोजन पकाने से क्या लाभ होता है?

पके भोजन के फायदे - कच्चे भोजन में बैक्टीरिया होते हैं, जो पकाने से नष्ट हो जाते हैं। - पकाने से भोजन नरम भी हो जाता है। इससे भोजन को चबाना, निगलना और पचाना आसान हो जाता है। - पकाने से स्वाद बेहतर हो जाता है।

भोजन को पकाने की आवश्यकता क्यों होती है?

हालाँकि आदिमानव ने तमाम कारणों से भोजन पकाना शुरू नहीं किया होगा बल्कि उन्होंने भोजन को पकाकर बल्कि उन्होंने भोजन को पकाकर खाना इसलिए शुरू किया क्योंकि इससे भोजन कुछ नरम हो जाता था और उसे खाने में आसानी होती थी। इसके साथ ही खाने का स्वाद भी पकाने से बढ़ जाता था।

पकाने से भोजन में क्या बदलाव आता है?

'टू मिनट्स नूडल्स' के पैकेटबंद रूप से तो कम-से-कम बच्चे-बूढ़े सभी परिचित हो चुके हैं। इसी तरह नमकीन के कई स्थानीय प्रकार अभी तक भले मौजूद हों, लेकिन आलू-चिप्स के कई विज्ञापित रूप तेज़ी से घर-घर में अपनी जगह बनाते जा रहे हैं ।

भोजन पकाने से आप क्या समझते हैं?

कच्चे भोज्य पदार्थों को अग्नि के संयोग से पकाकर खाने के योग्य बनाने की यह प्रक्रिया है। भोजन पकाने के कई तरीके हैंभोजन चिकनाई, भाप अथवा पानी के माध्यम से पकाया जाता है। सीधे अग्नि के संयोग से भी पकाया जाता है।