बिहार का राष्ट्रीय पशु का नाम क्या है? - bihaar ka raashtreey pashu ka naam kya hai?

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आपका प्रश्न बिहार का राजकीय पशु कौन है बिहार का राजकीय पशु बैल है और राजकीय पक्षी गौरैया है धन्यवाद

aapka prashna bihar ka rajkiya pashu kaun hai bihar ka rajkiya pashu bail hai aur rajkiya pakshi gauraiya hai dhanyavad

आपका प्रश्न बिहार का राजकीय पशु कौन है बिहार का राजकीय पशु बैल है और राजकीय पक्षी गौरैया

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बिहार का राष्ट्रीय पशु का नाम क्या है? - bihaar ka raashtreey pashu ka naam kya hai?
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बिहार का राष्ट्रीय पशु का नाम क्या है? - bihaar ka raashtreey pashu ka naam kya hai?

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पटनाः Bihar Diwas 2022: बिहार राज्य अपने गठन के 110 साल पूरे कर रहा है. 22 मार्च 1912 को अंग्रेजों ने इसे बंगाल से अलग करके नई पहचान दी थी. तब से लेकर कई साल और आजादी के बाद तक बिहार की पहचान में काफी कुछ नया जुड़ता गया है. बिहार दिवस के मौके पर जानिए वे राजकीय प्रतीक चिह्न जो इस राज्य को उसकी पहचान देते हैं. 

राजकीय चिह्न : बोधि वृक्ष

बिहार का राजकीय चिन्ह दो स्वास्तिक से घिरा हुआ बोधि वृक्ष है . बोधि वृक्ष के आधार पर उर्दू में बिहार खुद है. बिहार के गया जिले में महाबोधि मंदिर का पीपल वृक्ष बोधि वृक्ष कहलाता है. 531 ईसा पूर्व में इसके नीचे बैठकर भगवान बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था.

राजकीय पशु : बैल

बिहार का राजकीय पशु बैल है. पुराने दिनों में खेती बैल से ही होती थी, यह बिहार की कृषि प्रधानता का प्रतीक है. बिहार सरकार द्वारा 2013 में इसको संरक्षित करने के लिए बिहार के राजकीय पशु के रूप में अपनाया गया है. 

राजकीय पक्षी : गोरैया

बिहार की राजकीय पक्षी गोरैया है. एक समय था जब लोगों की नींद गोरैया पक्षी की चहचहाट से खुलती थी. प्रदूषण और बढ़ती आबादी के कारण धीरे-धीरे इनकी संख्या में कमी आई है. बिहार सरकार ने इसके संरक्षण के लिए 2013 में इसे राजकीय पक्षी के रूप में अपनाया है. इससे पहले बिहार का राजकीय पक्षी नीलकंठ था.

राजकीय पुष्प : गेंदा

बिहार के राजकीय फूल का नाम गेंदे का फूल है. गेंदा का फूल एक ऐसा फूल है जो बिहार का लगभग हर घर मे पाया जाता है. इसकी लोकप्रियता के कारण ही बिहार सरकार ने 2013 में इसे बिहार के राजकीय पुष्प घोषित किया. इससे पहले राजकीय पुष्प कचनार का फूल था. 

राजकीय वृक्ष : पीपल

बिहार के राजकीय वृक्ष का नाम पीपल का वृक्ष है. पर्यावरण और वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार पीपल राज्य के सांस्कृतिक पक्ष के साथ भी जुड़ा हुआ है.  पीपल का वृक्ष बिहार में ज्ञान एवं परम्परा का प्रतीक है. इसी कारण पीपल बिहार का राजकीय वृक्ष है.

राजकीय खेल : कबड्डी

बिहार का राजकीय खेल कबड्डी है.कबड्डी टीम में खिलाड़ियों की संख्या 12 होती है लेकिन सिर्फ 7 खिलाड़ी खेलते हैं. बिहार के अलावा कबड्डी तमिलनाडु, महाराष्ट्र, पंजाब, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश का भी राजकीय खेल है.

राजकीय भाषा (प्रथम) : हिन्दी

बिहार भारत का पहला ऐसा राज्य है जिसने हिंदी को सबसे पहले अपनी आधिकारिक भाषा घोषित किया. 1881 तक बिहार की आधिकारिक भाषा उर्दू थी. जिसके स्थान पर बिहार ने हिंदी को अपनाया और उर्दू को बिहार की द्वितीय राजकीय भाषा का दर्जा दिया गया.

राज्य गीत : मेरे भारत के कंठहार, तुझको शत्‌-शत्‌ वंदन बिहार

बिहार का राज्य गीत मेरे भारत के कंठहार, तुझको शत्‌-शत्‌ वंदन विहार है. यह गीत कवि सत्य नारायण ने लिखा है. इसका संगीत हरि प्रसाद चौरसिया और शिवकुमार शर्मा द्वारा दिया गया है. गीत को आधिकारिक तौर पर मार्च 2012 में अपनाया गया था.

राज्य प्रार्थना : मेरे रफ्तार पर सूरज की किरणें नाज करें

बिहार का राज्य प्रार्थना गीत मेरे रफ्तार पर सूरज की किरणे नाज करें. इस प्रार्थना गीत को मुजफ्फरपुर के MR Chisti ने लिखा है.

बिहार सामान्य ज्ञान ( Bihar General Knowledge ) – बिहार भारत के 28 राज्यों में से एक है। वर्तमान में यहाँ फैले हुए विहारों के कारण ही इसका नाम बिहार रखा गया है। ‘बिहार’ शब्द संस्कृत शब्द ‘विहार’ का अपभ्रंश है। ‘विहार’ का शाब्दिक अर्थ बौद्ध मठ है। प्रागैतिहासिक युग के पाषाणकाल में मानव यहाँ निवास करता था। जिसके साक्ष्य छपरा ( वर्तमान में सारण जिला ) के चिरांद में मिले हैं। बौद्ध काल के सोलह महाजनपदों में से तीन प्रमुख महाजनपद – वज्जी, अंग और मगध वर्तमान इसी राज्य में ही स्थित थे। भारत के तत्कालीन तीन विश्वविद्यालय – नालंदा विश्वविद्यालय ( वर्तमान नालंदा जिले में ), ओदंतपुर विश्वविद्यालय ( बिहार शरीफ ) तथा विक्रमशिला विश्वविद्यालय ( वर्तमान भागलपुर जिले में ) इसी राज्य में ही स्थित थे। प्रतिवर्ष 22 मार्च को ‘बिहार दिवस’ मनाया जाता है। राज्य के उत्तर में नेपाल, दक्षिण में झारखंड, पश्चिम में उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश एवं पूर्व में पश्चिम बंगाल राज्य स्थित हैं। इस राज्य का कुल भौगोलिक क्षेत्रफल 94,163 वर्ग किमी. है। इस तरह, यह भारत के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 3.1% है।

बिहार का राष्ट्रीय पशु का नाम क्या है? - bihaar ka raashtreey pashu ka naam kya hai?
बिहार का राष्ट्रीय पशु का नाम क्या है? - bihaar ka raashtreey pashu ka naam kya hai?

बिहार सामान्य ज्ञान

राज्य का नामबिहारराजधानीपटनास्थापना1 अप्रैल 1912राज्यपालफागू चौहानमुख्यमंत्रीनीतीश कुमारक्षेत्रफल94,163 वर्ग किमी. ( देश में 12 वां स्थान )जनसंख्या104,099,452 ( देश में तीसरा स्थान ) { जनगणना 2011 के अनुसार }सर्वाधिक क्षेत्रफल वाला जिलापश्चिमी चंपारणन्यूनतम क्षेत्रफल वाला जिलाशिवहरविस्तार24°20′ N अक्षांश से 27°31′ N अक्षांश तथा 82°19′ E देशांतर से 88°17′ E देशांतर तककुल संभाग / मंडल9कुल जिले38लोकसभा सदस्य40राज्यसभा सदस्य16विधानसभा सदस्य243विधान परिषद सदस्य75सर्वाधिक जनसंख्या वाला जिलापटनान्यूनतम जनसंख्या वाला जिलाशेखपुरासाक्षरता61.80% 
पुरुष – 73.39%
स्त्री – 53.33%सर्वाधिक साक्षरता दर वाला जिलारोहतास (75.59%)न्यूनतम साक्षरता दर वाला जिलापूर्णिया (52.49%)लिंगानुपात916प्रथम राज्यपालजयरामदास दौलतरामप्रथम मुख्यमंत्रीश्रीकृष्ण सिंहराजकीय वृक्षपीपलराजकीय पुष्पगेंदाराजकीय पक्षीगौरैयाराजकीय पशुबैलप्रमुख नदियाँगंगा , कोसी , सोन , गंडकउच्च न्यायलयपटनाभाषाहिंदी , उर्दूप्रमुख बोलियाँबिहारी , भोजपुरीप्रमुख लोकगीतबिरहा , चैती , कजरीप्रमुख मेले एवं उत्सवहरिहर क्षेत्र ( सोनपुर ) का मवेशी मेला { एशिया का सबसे बड़ा राजकीय मवेशी मेला } , पितृपक्ष मेला , बुद्ध पूर्णिमा मेला , कुँवर सिंह मेलाप्रमुख खनिजचूना पत्थर , डोलोमाइट , मैग्नेसाइट , सोपस्टोन , जिप्सम , ग्लास सैंड , संगमरमर , फ़ॉसफ़ोराइट ,वन्य जीव अभ्यारण्यभीमबांध अभ्यारण्य मुंगेर , राजगीर अभ्यारण्य राजगीर , वाल्मीकि नगर चंपारण , गौतम बुद्ध अभ्यारण्य गया , कांवर झील पक्षी अभ्यारण्य बेगूसरायवनों का क्षेत्रफल7.23 % ( 6,804 वर्ग किमी. )वेबसाइटhttp://gov.bih.nic.in/

बिहार के राष्ट्रीय पशु कौन सा है?

अभी बिहार का राजकीय पशु गौर है और राजकीय पुष्प कचनार।

बिहार के राजकीय फल क्या है?

बिहार सामान्य ज्ञान.

बिहार के राष्ट्रीय पेड़ कौन है?

राजकीय वृक्ष : पीपल इसी कारण पीपल बिहार का राजकीय वृक्ष है.

हमारा राज्य पशु कौन सा है?

राष्‍ट्रीय पशु राजसी बाघ, तेंदुआ टाइग्रिस धारीदार जानवर है। इसकी मोटी पीली लोमचर्म का कोट होता है जिस पर गहरी धारीदार पट्टियां होती हैं। लावण्‍यता, ताकत, फुर्तीलापन और अपार शक्ति के कारण बाघ को भारत के राष्‍ट्रीय जानवर के रूप में गौरवान्वित किया है।