उपनिवेशवाद एक विस्तारवादी अवधारणा है जिसके तहत किसी देश का आर्थिक शोषण एवं उत्पीड़न होता है । इसके तहत एक राष्ट्र द्वारा किसी अन्य राष्ट्र की राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक संरचना पर नियंत्रण किया जाता है । नियंत्रण करने वाला देश मातृ देश कहलाता है । इस तरह उपनिवेश के अंदर बनाई गई नीतियों का मुख्य लक्ष्य मातृ देश को लाभ पहुंचाना होता है इस दृष्टि से ब्रिटिश ने अपने भारतीय उपनिवेश से आर्थिक लाभ प्राप्त करने के लिए समय-समय पर विभिन्न नीतियां बनाई । भारत में उपनिवेशवाद को तीन चरणों में बांटा जा सकता है- Show
उपनिवेशवाद का प्रथम चरण
इस चरण में ब्रिटिशों के प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित थे-
उपनिवेशवाद का द्वितीय चरण
उपनिवेशवाद का तृतीय चरण
कब से भारत में औपनिवेशिक शासन लागू हुआ?20 मई 1498 को वास्को डी गामा के कालीकट पहुंचने के साथ ही भारत के यूरोपीय उपनिवेशीकरण का ग्रहण आरम्भ हो गया।
औपनिवेशिक व्यवस्था का अंत कब हुआ?उपनिवेशवाद के प्रयोग के तीन स्तर हैं-प्रारंभ से 1830 तक, 1830 से 19वीं शती के अंत तक, 1890 से 1945 तक। उपनिवेशवाद में यूरोपीय देशों ने पूँजी के द्वारा "सर्वोच्च लाभ" प्राप्त किया है। उन्होंने एकाधिकारवादी पूँजीवाद को जन्म दिया है।
औपनिवेशिक शासन क्या है in Hindi?औपनिवेशिक राज्य का अर्थ है एक विदेशी राजनीतिक सत्ता द्वारा किसी देश की प्रभुसत्ता (शासन और नियंत्रण करने के लिए कानूनी रूप से स्वतंत्र सत्ता ) ग्रहण करना । औपनिवेशिक राज्य को शाही - औपनिवेशिक संबंध के विशेष संदर्भ में प्रभुसत्ता का एक सिद्धांत निरूपित करना था ।
औपनिवेशिक भारत की राजधानी क्या थी?बम्बई औपनिवेशिक भारत की वाणिज्यिक राजधानी थी।
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