Show Teachers Day 2022: 5 सितंबर को शिक्षक दिवस पूरे देश में मनाया जाता है नई दिल्ली: पूरे भारत में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है. भारत के प्रथम उप राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के शिक्षा के क्षेत्र में दिए गए योगदान को याद रखने के लिए हर साल इसे बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है. भारत की संस्कृति में गुरु - शिष्य की परंपरा का स्थान बेहद महत्वपूर्ण है. भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर, 1888 को हुआ था. वे एक विद्वान शिक्षक थे. उन्होंने अपने जीवन के चालीस वर्ष एक शिक्षक के रूप में भारत के भविष्य को बेहतर बनाने में लगाया था. उनके शिक्षक के रूप में दिए गए योगदान को हमेशा याद रखने के लिए हर साल उनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है. यह भी पढ़ेंकैसे हुई शिक्षक दिवस की शुरुआत? डॉक्टर राधाकृष्णन जब भारत के राष्ट्रपति बने तो कुछ दोस्त और पूर्व छात्र उनसे मिलने पहुंचे. यहां उन्होंने सर्वपल्ली राधाकृष्णन से उनका जन्मदिन भव्य तरीके से मनाने की अनुमति मांगी तो, डॉक्टर राधाकृष्णन ने कहा कि मेरे जन्मदिन को अलग तरीके से मनाने के बदले अगर 5 सितंबर के दिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए तो उन्हें बहुत खुशी और गौरव होगा. उसके बाद से ही 5 सितंबर के दिन को भारत में शिक्षक दिवस (Teachers day) के रूप में मनाने का प्रचलन शुरू हुआ, जो आज तक चला आ रहा है. 5 सितम्बर 1888 को तमिलनाडु में जन्मे डॉ. राधाकृष्णन को भारतीय संस्कृति के संवाहक, प्रख्यात शिक्षाविद्, महान दार्शनिक और एक आस्थावान हिन्दू विचारक के तौर पर जाना जाता है. पूरे देश को अपनी विद्वता से अभिभूत करने वाले डॉ. राधाकृष्णन को भारत सरकार ने सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से अलंकृत किया था. ये हैं डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के अनमोल विचार
National Teacher's Award: 5 सितंबर यानी शिक्षक दिवस...हर साल टीचर्स डे के मौके पर अधिकतर लोगों के लिए स्कूल की यादें ताजा हो जाती हैं. टीचर्स डे को खास बनाने के लिए कोई बच्चा कार्ड बनाता तो कोई गिफ्ट देकर शिक्षक को सम्मानित करता है. देश में साल 1958 से 5 सितंबर को टीचर्स डे मनाने की शुरुआत हुई. दरअसल, भारत के पहले उपराष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने अपने जीवन के 40 से अधिक वर्ष एक शिक्षक के रूप में बिताए हैं. जब कुछ छात्रों ने उनके जन्मदिन को मनाने की इच्छा प्रकट की तो राधाकृष्णन ने कहा कि यदि उनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस (Teachers Day) के रूप में मनाया जाए तो उन्हें खुशी होगी. टीचर्स डे के मौके पर शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले शिक्षकों को नेशनल टीचर्स अवॉर्ड दिया जाता है.
किसी के सफल होने के पीछे सबसे बड़ा हाथ उसके शिक्षक का होता है. शिक्षक आपको सही और गलत की पहचान करना सिखाते हैं. आपके आसपास कई ऐसे शिक्षक होंगे, जिनके बेहतरीन योगदान ने किसी
ना किसी का जीवन बदल दिया होगा. ऐसे ही शिक्षकों को नेशनल टीचर्स डे का अवॉर्ड दिए जाते हैं. इस पुरस्कार का उद्देश्य उन उन शिक्षकों को सम्मानित करना है जिन्होंने अपनी प्रतिबद्धता और उद्यमशीलता के माध्यम से न केवल स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार किया है बल्कि अपने विद्यार्थियों को भी नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है. सम्बंधित ख़बरेंकब हुआ शुरू नेशनल टीचर्स अवॉर्ड?
शिक्षक दिवस मनाने की शुरुआत कब हुई थी?पहली बार शिक्षक दिवस 1962 में मनाया गया था. सर्वपल्ली राधा कृष्णन के जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस महान राष्ट्रपति ने कहा कि पूरी दुनिया एक विद्यालय है जहां से कुछ न कुछ सीखने को मिलता है.
शिक्षक दिवस मनाने की शुरुआत कैसे हुई?साल 1994 में यूनेस्कों द्वारा शिक्षकों के सम्मान ने 5 अक्टूबर को विश्वभर में शिक्षक दिवस मनाने की घोषणा की थी. लेकिन भारत में 5 सितंबर को डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के अवसर पर हम शिक्षक दिवस मनाते हैं. हालांकि भारत के अलावा कई देशों में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है.
5 सितंबर को राष्ट्रीय शिक्षक दिवस मनाने की शुरुआत कब की गई थी?5 सितंबर को देश के दूसरे राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म हुआ था और उन्हीं के सम्मान में इस दिन को 'शिक्षक दिवस' के रूप में मनाया जाता है. 5 सितंबर 1888 को तमिलनाडु में पैदा हुए डॉ राधाकृष्णन को भारतीय संस्कृति के संवाहक, प्रख्यात शिक्षाविद् और महान दार्शनिक के रूप में जाना जाता है.
5 सितंबर को ही क्यों मनाया जाता है शिक्षक दिवस?हमारे देश में हर साल 5 सितंबर को 'शिक्षक दिवस' मनाया जाता है. इस दिन हमारे देश के प्रथम उपराष्ट्रपति और पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म हुआ था. वे स्वयं ही एक महान शिक्षक थे.
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