भारत के संविधान की प्रस्तावना में कितने प्रकार के न्याय, स्वतंत्रता, समानता और अखंडता का उल्लेख उसी क्रम में किया गया है?
Show
Answer (Detailed Solution Below)Option 1 : 3, 5, 2, 1
Free History of Indian Constitution 15 Questions 15 Marks 9 Mins सही उत्तर 3, 5, 2, 1 है। Key Points
Additional Information
Latest Rajasthan Police SI Updates Last updated on Sep 22, 2022 The Rajasthan Public Service Commission (RPSC) has released the additional result of the Interview for Rajasthan Police SI on 19th July 2022. The detailed process to check the Rajasthan Police SI result is given here. The candidates must note that this is in reference to the 2016 recruitment cycle. A total of 859 vacancies were there. The candidates who could not clear the exam should go through the Rajasthan Police SI exam analysis and find out their weaknesses. They should work hard on their weaknesses as the notification for Rajasthan Police SI 2022 is expected to be out very soon. भारतीय संविधान की प्रस्तावना में कितने प्रकार के न्याय का वर्णन किया गया है?यह संविधान जाति, धर्म, वंश के महत्व को समाप्त करते हुए समतावादी समाज की रचना का संकल्प करता है, जिसमें व्यक्ति को समान अवसर प्राप्त होते हैं। पिछले अध्याय में हम भारतीय संविधान की प्रस्तावना का विस्तृत वर्णन कर चुके हैं। अनुच्छेद 15-16 तथा 29 में विशेष रूप से स्पष्ट किया गया है।
प्रस्तावना में कितने न्याय है?उद्देशिका के उद्देश्य
(१) उद्देशिका यह बताती है कि संविधान जनता के लिए हैं तथा जनता ही अंतिम सम्प्रभु है। (२) उद्देशिका लोगों के लक्ष्यों-आकांक्षाओं को प्रकट करती है। (३) इसका प्रयोग किसी अनुच्छेद में विद्यमान अस्पष्टता को दूर करने में हो सकता है। (४) यह जाना जा सकता है कि संविधान किस तारीख को बना तथा पारित हुआ था।
भारत के संविधान की प्रस्तावना में कितनी बार संशोधन किया गया है?इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं। संविधान की प्रस्तावना 13 दिसम्बर 1946 को जवाहर लाल नेहरू द्वारा सविधान सभा में प्रस्तुत की गयी प्रस्तावना को आमुख भी कहते हैं। 42वें संविधान संशोधन अधिनियम 1976 द्वारा भारतीय संविधान की प्रस्तावना में समाजवाद, पंथनिरपेक्ष व अखण्डता शब्द जोड़े गए।
भारतीय संविधान की प्रस्थान क्या बताती है?प्रस्तावना की शुरुआत 'हम भारत के लोग' से शुरू होती है और '26 नवंबर 1949 अंगीकृत' पर समाप्त होती है. 1976 में, 42 वें संविधान संशोधन अधिनियम के द्वारा प्रस्तावना में संशोधन किया गया था. जिसमें तीन नए शब्द- समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और अखंडता को जोड़ा गया था. अब तक प्रस्तावना में केवल एक ही बार संसोधन हुआ है.
|