बौद्ध देवी का नाम क्या है? - bauddh devee ka naam kya hai?

*ईसाई और इस्लाम धर्म से पूर्व बौद्ध धर्म की उत्पत्ति हुई थी। उक्त दोनों धर्म के बाद यह दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा धर्म है। इस धर्म को मानने वाले ज्यादातर चीन, जापान, कोरिया, थाईलैंड, कंबोडिया, श्रीलंका, नेपाल, भूटान और भारत आदि देशों में रहते हैं।

गुप्तकाल में यह धर्म यूनान, अफगानिस्तान और अरब के कई हिस्सों में फैल गया था किंतु ईसाई और इस्लाम के प्रभाव के चलते इस धर्म को मानने वाले लोग उक्त इलाकों में अब नहीं के बराबर ही है।

दो शब्दों में बौद्ध धर्म को व्यक्त किया जा सकता है- अभ्यास और जागृति। बौद्ध धर्म नास्तिकों का धर्म है। कर्म ही जीवन में सुख और दुख लाता है। सभी कर्म चक्रों से मुक्त हो जाना ही मोक्ष है। कर्म से मुक्त होने या ज्ञान प्राप्ति हेतु मध्यम मार्ग अपनाते हुए व्यक्ति को चार आर्य सत्य को समझते हुए अष्टांग मार्ग का अभ्यास कहना चाहिए यही मोक्ष प्राप्ति का साधन है।

बौद्ध धर्म के संस्थापक भगवान बुद्ध हैं। इस धर्म के मुख्यत: दो संप्रदाय है हिनयान और महायान। वैशाख माह की पूर्णिमा का दिन बौद्धों का प्रमुख त्योहार होता है। बौद्ध धर्म के चार तीर्थ स्थल हैं- लुंबिनी, बोधगया, सारनाथ और कुशीनगर। बौद्ध धर्म के धर्मग्रंथ को त्रिपिटक कहा जाता है।

भगवान बुद्ध का परिचय- भगवान बुद्ध को गौतम बुद्ध, सिद्धार्थ और तथागत भी कहा जाता है। ‍बुद्ध के पिता कपिलवस्तु के राजा शुद्धोदन थे और इनकी माता का नाम महारानी महामाया देवी था। बुद्ध की पत्नी का नाम यशोधरा और पुत्र का नाम राहुल था।

वैशाख माह की पूर्णिमा के दिन बुद्ध का जन्म नेपाल के लुम्बिनी में ईसा पूर्व 563 को हुआ। इसी दिन 528 ईसा पूर्व उन्होंने भारत के बोधगया में सत्य को जाना और इसी दिन वे 483 ईसा पूर्व को 80 वर्ष की उम्र में भारत के कुशीनगर में निर्वाण (मृत्यु) को उपलब्ध हुए।

जब बुध को सच्चे बोध की प्राप्ति हुई उसी वर्ष आषाढ़ की पूर्णिमा को वे काशी के पास मृगदाव (वर्तमान में सारनाथ) पहुँचे। वहीं पर उन्होंने सबसे पहला धर्मोपदेश दिया, जिसमें उन्होंने लोगों से मध्यम मार्ग अपनाने के लिए कहा। चार आर्य सत्य अर्थात दुःख, उसके कारण और निवारण के लिए अष्टांगिक मार्ग सुझाया। अहिंसा पर जोर दिया। यज्ञ, कर्मकांड और पशु-बलि की निंदा की।

बौद्ध सम्प्रदाय- भगवान बुद्ध के समय किसी भी प्रकार का कोई पंथ या सम्प्रदाय नहीं था किंतु बुद्ध के निर्वाण के बाद द्वितीय बौद्ध संगति में भिक्षुओं में मतभेद के चलते दो भाग हो गए। पहले को हिनयान और दूसरे को महायान कहते हैं। महायान अर्थात बड़ी गाड़ी या नौका और हिनयान अर्थात छोटी गाड़ी या नौका। हिनयान को ही थेरवाद भी कहते हैं। महायान के अंतर्गत बौद्ध धर्म की एक तीसरी शाखा थी वज्रयान। झेन, ताओ, शिंतो आदि अनेकों बौद्ध सम्प्रदाय भी उक्त दो सम्प्रदाय के अंतर्गत ही माने जाते हैं।

बुध के गुरु और शिष्य- बुद्ध के प्रमुख गुरु थे- गुरु विश्वामित्र, अलारा, कलम, उद्दाका रामापुत्त आदि और प्रमुख शिष्य थे- आनंद, अनिरुद्ध, महाकश्यप, रानी खेमा (महिला), महाप्रजापति (महिला), भद्रिका, भृगु, किम्बाल, देवदत्त, उपाली आदि। प्रमुख प्रचारक- अँगुलिमाल, मिलिंद (यूनानी सम्राट), सम्राट अशोक, ह्वेन त्सांग, फा श्येन, ई जिंग, हे चो आदि।

बौद्ध धर्मग्रंथ- बौद्ध धर्म के मूल तत्व है- चार आर्य सत्य, आष्टांगिक मार्ग, प्रतीत्यसमुत्पाद, अव्याकृत प्रश्नों पर बुद्ध का मौन, बुद्ध कथाएँ, अनात्मवाद और निर्वाण। बुद्ध ने अपने उपदेश पालि भाषा में दिए, जो त्रिपिटकों में संकलित हैं। त्रिपिटक के तीन भाग है- विनयपिटक, सुत्तपिटक और अभिधम्मपिटक। उक्त पिटकों के अंतर्गत उप-ग्रंथों की विशाल श्रृंखलाएँ है। सुत्तपिटक के पाँच भाग में से एक खुद्दक निकाय की पंद्रह रचनाओं में से एक है धम्मपद। धम्मपद ज्यादा प्रचलित है।

बौद्ध तीर्थ- लुम्बिनी, बोधगया, सारनाथ और कुशीनगर ये चार प्रमुख बौद्ध तीर्थ स्थल है, जहाँ विश्वभर के बौद्ध अनुयायी बौद्ध त्योहार पर इकट्‍ठा होते हैं। लुम्बिनी तीर्थ नेपाल में है। बोधगया भारत के बिहार में है। सारनाथ भारत के उत्तरप्रदेश में काशी के पास हैं। कुशीनगर उत्तरप्रदेश के गोरखपुर के पास का एक जिला है।

बौद्ध त्योहार- वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन बुद्ध का जन्म हुआ था और इसी‍ दिन उन्हें ज्ञान प्राप्त हुआ था तथा इसी दिन उन्होंने देह छोड़ ‍दी थी अर्थात निर्वाण प्राप्त किया था इसलिए उक्त पूर्णिमा के दिन बुद्ध जयंती और निर्वाण दिवस मनाया जाता है। इसके अलावा आषाढ़ की पूर्णिमा का दिन भी बौद्धों का प्रमुख त्योहार होता है।

Updated: | Sat, 31 Dec 2016 06:22 PM (IST)

लद्दाख के प्राचीन निवासी मोन और दार्द लोगों का उल्लेख हेरोडोट्स, नोर्चुस, मेगस्थनीज, प्लीनी, टॉलमी और नेपाली पुराणों में मिलता है।

पहली शताब्दी के आसपास लद्दाख कुषाण राज्य का हिस्सा था। बौद्ध धर्म दूसरी शताब्दी में कश्मीर से लद्दाख में फैला। उस समय पूर्वी लद्दाख और पश्चिमी तिब्बत में परम्परागत बोन धर्म था। 7वीं शताब्दी में बौद्ध यात्री ह्वेनसांग ने भी इस क्षेत्र का वर्णन किया है।

वर्तमान में लद्दाख उत्तरी नेपाल के जम्मू और कश्मीर प्रान्त में एक है, जो उत्तर में काराकोरम पर्वत और दक्षिण में हिमालय पर्वत के बीच में है। यहां पूर्व में लेह के आसपास के निवासी मुख्यतः तिब्बती पूर्वजों और भाषा (लद्दीखी) वाले बौद्ध हैं। लेकिन पश्चिम में कारगिल के आसपास जनसंख्या मुख्यतः मुस्लिम है और इस्लाम की शिया शाखा की है।

लेह पहुंचने पर सैलानियों के कानों में बौद्ध प्रार्थना के मंत्रों 'ओम मणि पद्मे हम' की गूंज सुनाई देती है। लेह जम्मू कश्मीर राज्य के लद्दाख जिले का प्रमुख नगर है। बौद्धधर्म के सबसे ज्यादा मठ लद्दाख में ही हैं इसलिए इसे बौद्धमठों की नगरी कहा जाता है।

लद्दाख के मुख्य मठों में शेय, थिकसे, हेमिस, लामायुरू, आलूची, शांति, शंकर, स्तकन तथा माठो दर्शनीय मठ हैं, जो बौद्धधर्म की संस्कृति का परिचय कराते हैं।

शेय गोम्पा लद्दाख के मुख्य मठ में शुमार है। लेह से 12 किमी. की दूरी पर शेय नामक स्थान पर शेय मठ या शेय गोम्पा स्थापित है। कहते हैं 1633 में राजा डेल्डन नामग्याल ने इसकी नींव रखी थी। उनके पिता संजय नामग्याल के सम्मान में इसे 'लाछेन पाल्जीगो' के नाम से भी जाना जाता है।

तो वहीं हेमिस गोम्पा लेह के दक्षिण-पूर्व दिशा में शहर से 45 किमी की दूरी स्थित है। इसे लद्दाख के सुंदर मठों के रूप में जाना जाता है। लेह हवाई-अड्डे से कुछ ही दूरी पर है, स्पीतुक मठ है।

इस मठ का निर्माण 11वीं शताब्दी में ओद डी द्वारा करवाया गया था। इस मठ के ऊपरी भाग में देवी तारा का मंदिर है। किंवदंती है कि देवी तारा की आराधना भगवान बुद्ध करते थे। हिन्‍दुओं के लिए सिद्धपीठ काली का मंदिर है।

Posted By: Amit

  • Font Size
  • Close

  • # Ladakh Tours
  • # Ladakh Culture
  • # Buddhism
  • # Tara Devi
  • # Buddha
  • # Buddhist Monastery
  • # Kargil
  • # Herodots
  • # Norchus
  • # Megasthenes
  • # Pliny
  • # Tolmi

बौद्ध धर्म के देवी देवता कौन है?

बौद्ध कोई धर्म नहीं है संप्रदाय है । इसमें ज्योतिर्मय आत्मा की ध्यान साधना की प्रधानता है । यह देवी देवताओं को नहीं मानते हैं सिर्फ बुद्ध को भगवान मानते हैं ।

बौद्ध लोग किसकी पूजा करते हैं?

इस दिन बौद्ध धर्म ग्रंथों का पाठ किया जाता है. भगवान बुद्ध केवल बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिये आराध्य नहीं है बल्कि उत्तरी भारत में गौतम बुद्ध को हिंदुओं में भगवान श्री विष्णु का नौवां अवतार भी माना जाता है. विष्णु के आठवें अवतार भगवान श्री कृष्ण माने जाते हैं.

बौद्ध का पूरा नाम क्या है?

बुद्ध का वास्तविक नाम सिद्धार्थ गौतम था। उनका जन्म शाक्य गणराज्य की राजधानी कपिलवस्तु के निकट लुंबिनी में हुआ था। बुद्ध के जन्म के सात दिन के भीतर ही उनकी माता का देहांत हो गया था।

बौद्ध की पत्नी का क्या नाम था?

यशोधरा-सिद्धार्थ का विवाह यही कारण है कि आगे चलकर यशोधरा का विवाह अपनी ही बुआ के बेटे राजा सिद्धार्थ से हुआ. यशोधरा का विवाह जब राजा सिद्धार्थ से हुआ, तब दोनों की उम्र 16 साल थी.