विश्व जनसंख्या वितरण घनत्व और वृद्धि क्या है? - vishv janasankhya vitaran ghanatv aur vrddhi kya hai?

UP Board Solutions for Class 12 Geography Chapter 2 The World Population: Distribution, Density and Growth (विश्व जनसंख्या-वितरण, घनत्व और वृद्धि)

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UP Board Class 12 Geography Chapter 2 Text Book Questions

UP Board Class 12 Geography Chapter 2 पाठ्यपुस्तक से अभ्यास प्रश्न

प्रश्न 1.
नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए :
(i) निम्नलिखित में से किस महाद्वीप में जनसंख्या वृद्धि सर्वाधिक है
(क) अफ्रीका
(ख) एशिया
(ग) दक्षिण अफ्रीका
(घ) उत्तर अमेरिका।
उत्तर:
(क) अफ्रीका।

(ii) निम्नलिखित में से कौन-सा एक विरल जनसंख्या वाला क्षेत्र नहीं है
(क) अटाकामा
(ख) भू-मध्यरेखीय प्रदेश
(ग) दक्षिण-पूर्वी एशिया
(घ) ध्रुवीय प्रदेश।
उत्तर:
(ग) दक्षिण-पूर्वी एशिया

(iii) निम्नलिखित में से कौन-सा एक प्रतिकर्ष कारक नहीं है
(क) जलाभाव
(ख) बेरोजगारी
(ग) चिकित्सा/शैक्षणिक सुविधाएँ
(घ) महामारियाँ।
उत्तर:
(ग) चिकित्सा/शैक्षणिक सुविधाएँ।

(iv) निम्नलिखित में से कौन-सा एक तथ्य सही नहीं है
(क) विगत् 500 वर्षों में मानव जनसंख्या 100 गुणा से अधिक बढ़ी है।
(ख) 5 अरब से 6 अरब तक बढ़ने में जनसंख्या को 100 वर्ष लगे।
(ग) जनांकिकीय संक्रमण की प्रथम अवस्था में जनसंख्या वृद्धि उच्च होती है।
उत्तर:
(ग) जनांकिकीय संक्रमण की प्रथम अवस्था में जनसंख्या वृद्धि उच्च होती है।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए
(i) जनसंख्या के वितरण को प्रभावित करने वाले तीन भौगोलिक कारकों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
जनसंख्या के वितरण को प्रभावित करने वाले भौगोलिक कारक हैं

  • जलवायु – शीत ध्रुवीय प्रदेश तथा मरुस्थल विरल जनसंख्या के प्रदेश हैं, परन्तु शीतोष्ण प्रदेश घने बसे हुए प्रदेश हैं।
  • भू-आकृति – पर्वत तथा पठार विरल जनसंख्या वाले प्रदेश हैं लेकिन मैदानों में जनसंख्या अधिक है।
  • जल की प्राप्ति – नदी घाटियाँ संसार में सर्वाधिक सघन बसे क्षेत्र हैं।

(ii) विश्व में उच्च जनसंख्या वाले अनेक क्षेत्र हैं। ऐसा क्यों होता है?
उत्तर:
विश्व में उच्च जनसंख्या वाले क्षेत्र होने के कारण निम्नलिखित हैं

  1. भौगोलिक कारक
    • स्वच्छ जल की पर्याप्त आपूर्ति
    • संमतल मैदानी भाग
    • उत्तम जलवायु
    • उपजाऊ मृदाएँ आदि।
  2. आर्थिक कारक
    • खंजिन संसाधनों की उपलब्धता
    • नगरीकरण
    • औद्योगीकरण आदि।
  3. सामाजिक एवं सांस्कृतिक कारक

(iii) जनसंख्या परिवर्तन के तीन घटक कौन-से हैं?
उत्तर:
जनसंख्या परिवर्तन के तीन घटक हैं

  • जन्म-दर
  • मृत्यु-दर एवं
  • प्रवास।

प्रश्न 3.
अन्तर स्पष्ट कीजिए
(i) जन्म-दर और मृत्यु-दर।
उत्तर:

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(ii) प्रवास के प्रतिकर्ष कारक और अपकर्ष कारक
उत्तर:
प्रवास के प्रतिकर्ष कारक और अपकर्ष कारक में अन्तर

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प्रश्न 4.
निम्न प्रश्नों के उत्तर लगभग 150 शब्दों में दीजिए
(i) विश्व में जनसंख्या के वितरण और घनत्व को प्रभावित करने वाले कारकों की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
विश्व में जनसंख्या वितरण और घनत्व को प्रभावित करने वाले कारक
विश्व में जनसंख्या के वितरण और घनत्व को प्रभावित करने वाले कारकों को सामान्यत: तीन भागों में बाँटा गया है

विश्व जनसंख्या वितरण घनत्व और वृद्धि क्या है? - vishv janasankhya vitaran ghanatv aur vrddhi kya hai?

(I) भौगोलिक कारक

  • जल की उपलब्धता – जल, जीवन का सबसे महत्त्वपूर्ण कारक है। अत: जनसंख्या का बसाव स्वच्छ जल की पर्याप्त आपूर्ति वाले क्षेत्रों में ही होता है। नदी घाटियाँ विश्व में सर्वाधिक सघन बसे क्षेत्र हैं।
  • भू-आकृति – जनसंख्या सामान्यतया समतल मैदानों व मन्द ढालों पर अधिक पायी जाती है।
  • जलवायु – अति उष्ण या ठण्डे मरुस्थलों की अपेक्षा उत्तम जलवायु वाले भागों में जनसंख्या अधिक पायी जाती है।
  • मृदाएँ – उपजाऊ मृदा वाले भागों में जनसंख्या का बसाव अपेक्षाकृत अधिक होता है।

(II) आर्थिक कारक

  • खनिज – खनिज उपलब्धता वाले क्षेत्रों में जनसंख्या का बसाव अपेक्षाकृत अधिक होता है।
  • औद्योगीकरण – औद्योगिक पेटियाँ रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाती हैं। अत: जनसंख्या का बसाव अपेक्षाकृत अधिक होता है।
  • परिवहन सुविधा – परिवहन सुविधा उपलब्धता वाले क्षेत्रों में जनसंख्या बसाव अपेक्षाकृत अधिक पाया जाता है।
  • आधारभूत सुविधाएँ – जहाँ मनुष्य को आधारभूत सुविधाएँ उपलब्ध होती हैं वहाँ जनसंख्या बसाव अपेक्षाकृत अधिक पाया जाता है।
  • नगरीकरण – नगरों में उपलब्ध सुविधाएँ भी जनसंख्या बसाव की अधिकता के लिए उत्तरदायी हैं।

(III) सामाजिक एवं सांस्कृतिक कारक
सामाजिक और राजनीतिक शान्ति वाले क्षेत्रों में जनसंख्या बसाव अपेक्षाकृत अधिक पाया जाता है।

(ii) जनांकिकीय संक्रमण की तीन अवस्थाओं की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
जनांकिकीय संक्रमण-इस सिद्धान्त का उपयोग किसी क्षेत्र की जनसंख्या के वर्णन तथा भविष्य की जनसंख्या के पूर्वानुमान के लिए किया जाता है।
जनांकिकीय संक्रमण की अवस्थाएँ
जनांकिकीय संक्रमण की तीन अवस्थाएँ निम्नलिखित हैं
प्रथम अवस्था — इस अवस्था में उच्च प्रजननशीलता व उच्च मर्त्यता होती है क्योंकि लोग महामारियों और भोजन की अनिश्चित आपूर्ति में होने वाली मृत्युओं की क्षतिपूर्ति अधिक पुनरुत्पादन से करते हैं। जनसंख्या वृद्धि धीमी होती है और अधिकांश लोग खेती में कार्यरत होते हैं। यहाँ बड़े परिवारों को परिसम्पत्ति माना जाता है। जीवन प्रत्याशा निम्न होती है, अधिकांश लोग अशिक्षित होते हैं और उनके प्रौद्योगिकी स्तर निम्न होते हैं। 200 वर्ष. ” पूर्व विश्व के सभी देश इसी अवस्था में थे।

द्वितीय अवस्था – इस अवस्था के प्रारम्भ में प्रजननशीलता उच्च बनी रहती है किन्तु यह समय के साथ घटती जाती है। यह अवस्था घटी हुई मृत्यु-दर के साथ आती है। स्वास्थ्य सम्बन्धी दशाओं व स्वच्छता में सुधार . के साथ मर्त्यता में कमी आती है। इस अन्तर के कारण, जनसंख्या में होने वाला शुद्ध योग उच्च होता है।

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अन्तिम अवस्था में प्रजननशीलता और मर्त्यता दोनों अधिक घट जाती हैं। जनसंख्या या तो स्थिर हो जाती है या मन्द गति से बढ़ती है। जनसंख्या नगरीय और शिक्षित हो जाती है तथा उसके पास तकनीकी ज्ञान होता है। ऐसी जनसंख्या विचारपूर्वक परिवार के आकार को नियन्त्रित करती है। इससे प्रदर्शित होता है कि मनुष्य जाति अत्यधिक नम्य है और अपनी प्रजननशीलता को समायोजित करने की योग्यता रखती है।
वर्तमान में विभिन्न देश जनांकिकीय संक्रमण की विभिन्न अवस्थाओं में हैं।

UP Board Class 12 Geography Chapter 2 Other Important Questions

UP Board Class 12 Geography Chapter 2 अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

विस्तृत उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
जनसंख्या घनत्व से आप क्या समझते हैं? विश्व में विरल जनसंख्या घनत्व वाले प्रदेशों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
जनसंख्या घनत्व का अर्थ-जनसंख्या का घनत्व वह माप है जो किसी क्षेत्र की जनसंख्या तथा वहाँ के क्षेत्रफल के बीच आनुपातिक सम्बन्ध को व्यक्त करता है। इसे प्रति इकाई क्षेत्रफल पर व्यक्तियों की संख्या द्वारा व्यक्त किया जाता है।

विश्व में विरल जनसंख्या घनत्व वाले क्षेत्र जिन क्षेत्रों में 1 से 2 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी रहते हैं उन्हें ‘विरल जनसंख्या घनत्व वाले प्रदेश’ कहते हैं। ऐसे प्रदेश पृथ्वी के धरातल का लगभग 95 करोड़ वर्ग किमी अर्थात् तीन-चौथाई भाग घेरे हुए हैं। इनमें निम्नलिखित प्रदेश शामिल हैं

1. उष्ण मरुस्थल – सहारा, कालाहारी (अफ्रीका), अटाकामा (द. अफ्रीका), पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया, अरब व थार (एशिया) तथा सैनोरैन मरुस्थल ऐसे ही उष्ण मरुस्थल हैं जहाँ जल के अभाव के कारण पशुचारण मुख्य व्यवसाय है और जनसंख्या विरल है।

2. अति ठण्डे क्षेत्र – ध्रुवीय व उप-ध्रुवीय क्षेत्रों में तापमान अत्यन्त कम व फसलों का वर्धन काल बहुत छोटा होता है। इन क्षेत्रों में कनाडा व साइबेरिया का उत्तरी भाग तथा ग्रीनलैण्ड आते हैं। दक्षिणी ध्रुव के चारों तरफ . विस्तृत अंटार्कटिक महाद्वीप तो पूर्णतया जनविहीन है।

3. ठण्डे मरुस्थल व उच्च पर्वतीय प्रदेश – मध्य एशिया के क्षेत्र, गोबी व तकला मकान मरुस्थल समुद्र के समकारी प्रभाव से दूर महाद्वीप के भीतरी भागों में स्थित क्षेत्र हैं। वृष्टि छाया प्रदेश में स्थित इन क्षेत्रों में वर्षा न्यून व वार्षिक तापान्तर बहुत अधिक होता है। रॉकीज, एण्डीज, हिमालय आदि उच्च पर्वतीय प्रदेशों में भी विरल जनसंख्या पायी जाती है।

4. विषुवत् – रेखीय क्षेत्र-इसमें सघन वनों से युक्त दक्षिण अमेरिका का अमेजन बेसिन तथा अफ्रीका का जायरे बेसिन शामिल हैं। यहाँ सारे साल भारी वर्षा व उच्च तापमान पाए जाते हैं। जलवायु अस्वास्थ्यकर है तथा वन दुर्गम व आर्थिक रूप से कम उपयोगी हैं।

प्रश्न 2.
जनसंख्या वृद्धि की संकल्पना का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
जनसंख्या वृद्धि की संकल्पना
जनसंख्या वद्धि का अर्थ – समय की किसी निश्चित अवधि के दौरान किसी क्षेत्र विशेष में बसे हुए लोगों की संख्या में होने वाले परिवर्तन को ‘जनसंख्या की वृद्धि’ कहा जाता है। उदाहरणत:-यदि हम भारत की 2001 की जनसंख्या (102.70 करोड़) को 2011 की जनसंख्या (121.01 करोड़) में से घटाएँ तब हमें जनसंख्या की वृद्धि (18.31 करोड़) की वास्तविक संख्या का पता चलेगा।

जनसंख्या की वृद्धि दर – यह जनसंख्या में परिवर्तन है जो कि प्रतिशत में व्यक्त किया जाता है। उदाहरणत:-2001 व 2011 के दशक में जनसंख्या की वृद्धि दर 17.64 प्रतिशत थी।

प्राकृतिक वृद्धि – दो समय बिन्दुओं में जन्म-दर और मृत्यु-दर के अन्तर से बढ़ने वाली जनसंख्या को उस क्षेत्र की ‘प्राकृतिक वृद्धि’ कहते हैं।
प्राकृतिक वृद्धि = जन्म – मृत्यु

वास्तविक वृद्धि – इसमें जनसंख्या की जन्म-दर व मृत्यु-दर के साथ-साथ प्रवास व अप्रवास की भी गणना की जाती है। .
वास्तविक वृद्धि = जन्म – मृत्यु + अप्रवासी – उत्प्रवासी

धनात्मक वृद्धि – धनात्मक वृद्धि तब होती है जब दो समय बिन्दुओं के बीच जन्म-दर, मृत्यु-दर से अधिक हो या अन्य देशों के लोग स्थायी रूप से उस देश में प्रवास कर जाएँ।

ऋणात्मक वृद्धि-यदि दो समय बिन्दुओं के बीच जनसंख्या कम हो जाए तो उसे ऋणात्मक वृद्धि कहते हैं। यह तब होती है जब जन्म-दर, मृत्यु-दर से कम हो जाए या लोग अन्य देशों में प्रवास कर जाएँ।

प्रश्न 3.
प्रवास क्या है? इसके प्रकारों का वर्णन कीजिए। .
उत्तर:
प्रवास का अर्थ-किसी व्यक्ति अथवा जनसमूह के एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाकर बसने को ‘प्रवास’ कहते हैं।
वह स्थान जहाँ से लोग गमन करते हैं, ‘उद्गम स्थान’ कहलाता है और जिस स्थान पर आगमन करते हैं, वह ‘गंतव्य स्थान’ कहलाता है। उद्गम स्थान पर जनसंख्या घट जाती है जबकि गंतव्य स्थान पर जनसंख्या बढ़ जाती है।

प्रवास के प्रकार
प्रवास स्थायी और अस्थायी दोनों प्रकार से हो सकता है। अस्थायी प्रवास आवधिक, वार्षिक, मौसम, साप्ताहिक या दैनिक हो सकता है। स्थायी प्रवास मुख्यतः दो प्रकार का होता है
(1) बाह्य प्रवास तथा
(2) आन्तरिक प्रवास।

1. बाह्य प्रवास-अन्तर्राष्ट्रीय सीमाओं को पार करने वाला प्रवास ‘बाह्य प्रवास’ कहलाता है। दिशा के आधार पर बाह्य प्रवास दो प्रकार का होता है

  • आप्रवास – विदेश में स्थायी रूप से बसने के लिए जाने की क्रिया को ‘आप्रवास’ कहते हैं। विश्व जनसंख्या : वितरण, घनत्व और वृद्धि
  • उत्प्रवास – किसी अन्य स्थान पर जीवन व्यतीत करने के लिए एक स्थान से बाहर चले जाना ‘उत्प्रवास’ कहलाता है।

2. आन्तरिक प्रवास-किसी देश के विभिन्न क्षेत्रों के मध्य होने वाले पारस्परिक प्रवास को आन्तरिक प्रवास’ कहते हैं। यह दो प्रकार का हो सकता है–

  • अन्तःराज्यीय प्रवास – जब लोग किसी एक राज्य के एक स्थान से किसी दूसरे स्थान की ओर प्रवास कर जाते हैं तो इसे ‘अन्त:राज्यीय प्रवास’ कहते हैं।
  • अन्तर्राज्यीय प्रवास – किसी अन्य स्थान के किसी एक राज्य से अन्य राज्य की ओर प्रवास ‘अन्तर्राज्यीय प्रवास’ कहलाता है।

दिशा के आधार पर आन्तरिक प्रवास चार प्रकार का होता है। इन्हें प्रवास की धाराएँ कहते हैं(i) गाँव से नगर को प्रवास,

  • गाँव से गाँव को प्रवास,
  • नगर से गाँव को प्रवास,
  • नगर से नगर को प्रवास।

प्रश्न 4.
जनसंख्या परिवर्तन को नियन्त्रित करने वाले कारक जन्म-दर व मृत्यु-दर का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
जनसंख्या परिवर्तन के घटक जनसंख्या परिवर्तन या वृद्धि को नियन्त्रित करने वाले कारक तीन हैं1. जन्म-दर, 2. मृत्यु-दर और 3. प्रवास।
1. अशोधित जन्म – दर-प्रजननशीलता को मापने का यह सबसे सरल और सबसे अधिक प्रयोग किया जाने वाला माप है।
अशोधित जन्म-दर को प्रति हजार स्त्रियों द्वारा जन्म दिए जीवित बच्चों के रूप में व्यक्त किया जाता है। इसकी गणना इस प्रकार की जाती है

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2. अशोधित मृत्यु-दर – जनसंख्या परिवर्तन में मृत्यु-दर की सक्रिय भूमिका होती है। जनसंख्या वृद्धि केवल जन्म-दर के अधिक होने के कारण ही नहीं होती बल्कि मृत्यु-दर के कम होने से भी होती है। अशोधित मृत्यु-दर किसी क्षेत्र में मृत्यु-दर को मापने की अत्यन्त सरल विधि है। एक वर्ष में प्रति हजार जनसंख्या के अनुपात में मरने वाले व्यक्तियों की संख्या ‘अशोधित मृत्यु-दर’ कहलाती है। इस दर को ज्ञात करने के लिए किसी वर्ष विशेष में हुई मृत्युओं को मध्यवर्षीय जनसंख्या से भाग दे दिया जाता है। इस प्रकार प्राप्त भागफल को 1,000 से गुणा करके जो संख्या प्राप्त होती है, उसे ‘अशोधित मृत्यु-दर’ कहा जाता है।

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मुख्य रूप से मृत्यु-दर किसी क्षेत्र की जनांकिकीय संरचना, सामाजिक उन्नति और आर्थिक विकास के स्तर द्वारा प्रभावित होती है।

प्रश्न 5.
विश्व में सघन जनसंख्या वाले क्षेत्रों का वर्णन कीजिए। अथवा विश्व में उच्च जनसंख्या घनत्व वाले प्रदेशों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
विश्व में जनसंख्या के वितरण की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह बड़ी असमान तथा अव्यवस्थित है।
विश्व में सघन जनसंख्या वाले क्षेत्र
अथवा
विश्व में उच्च जनसंख्या घनत्व वाले देश
सघन जनसंख्या वाले प्रदेश वे होते हैं जहाँ 200 से अधिक व्यक्ति/प्रति वर्ग किमी में निवास करते हैं। इसमें निम्नलिखित तीन क्षेत्र शामिल किए जाते हैं
1. मानसून एशिया – इसमें द०पू० चीन, भारत, इण्डोनेशिया का जावा द्वीप, बंगलादेश, सिंगापुर व जापान आदि प्रमुख हैं। यह मुख्यत: नदी घाटियों व उपजाऊ मैदानों का क्षेत्र है जहाँ अनुकूल जलवायु व लम्बे वर्धनकाल के कारण वर्ष में चावल की तीन-तीन फसलें उगाई जाती हैं। भूमि की अधिक वहन क्षमता तथा भारत, चीन व जापान में बड़े पैमाने पर हुए औद्योगीकरण व नगरीकरण के कारण इस प्रदेश में जनसंख्या का भारी जमाव है।

2. पश्चिमी यूरोप – पश्चिमी यूरोप में खनन व निर्माण उद्योगों का विकास हुआ है। यहाँ की उत्तम जलवायु के कारण भी जनसंख्या का अधिक सान्द्रण पाया जाता है।

3. संयुक्त राज्य अमेरिका तथा कनाडा के पूर्वी भाग – संयुक्त राज्य अमेरिका के उत्तर-पूर्वी भाग और कनाडा के दक्षिण-पूर्वी तटों पर जनसंख्या का भारी बसाव हुआ है। इसका मुख्य कारण यह है कि यूरोप से अटलाण्टिक मार्ग से आने वाले प्रवासी सबसे पहले यहीं आकर बसे। इससे यहाँ उद्योगों, व्यवसाय तथा नगरीकरण की प्रक्रिया तीव्र हुई। ज्यों-ज्यों इस क्षेत्र में आर्थिक सम्भावनाएँ बढ़ती गईं, लोग इस ओर आकर्षित होते गए।

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लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
जलवायु किस तरह मनुष्य को प्रभावित करती है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
जलवायु का मनुष्य पर प्रभाव

  • उत्तरी-ध्रुवीय क्षेत्र में स्थित अलास्का, ग्रीनलैण्ड, कनाडा का उत्तरी भाग व साइबेरिया तथा दक्षिणी ध्रुव के चारों तरफ विस्तृत अंटार्कटिक महाद्वीप अत्यधिक ठण्ड के कारण लगभग मानवविहीन पाए जाते हैं।
  • मध्य अक्षांशों में विस्तृत गोबी मरुस्थल शीत व शुष्क जलवायु के कारण जनविहीन है।
  • पृथ्वी के धरातल का लगभग 160 लाख वर्ग किमी क्षेत्र ऐसा है जहाँ अधिक सर्दी के कारण खेती नहीं की जा सकती।
  • प्रतिकूल जलवायु मनुष्य को आलसी, निर्बल व अकुशल बना देती है जबकि उत्तम जलवायु के निवासी फुर्तीले, उत्साही, दक्ष तथा जोश से भरे रहते हैं।

प्रश्न 2.
प्रवास को प्रभावित करने वाले कारकों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
प्रवास को प्रभावित करने वाले कारक प्रवास को प्रभावित करने वाले कारकों के दो समूह हैं
1. प्रतिकर्ष कारक – बेरोजगारी, रहन-सहन की निम्न दशाएँ, राजनीतिक उपद्रव, प्रतिकूल जलवायु, प्राकृतिक विपदाएँ, महामारियाँ तथा सामाजिक-आर्थिक पिछड़ेपन जैसे कारण उद्गम स्थल को कम आकर्षित बनाते हैं। मजबूरी में छोड़े गए अपने स्थान को ‘प्रतिकर्ष-प्रेरित प्रवास’ कहते हैं।

2. अपकर्ष प्रवास – काम के बेहतर अवसर और जीने की दशाओं, शान्ति व स्थायित्व, जीवन व सम्पत्ति की सुरक्षा तथा सुखद जलवायु जैसे कारण गंतव्य को उद्गम स्थल की अपेक्षा अधिक आकर्षक बनाते हैं। अपनी बेहतरी के अवसरों से आकर्षित होकर किया गया प्रवास ‘अपकर्ष-प्रेरित प्रवास’ कहलाता है।

विश्व जनसंख्या वितरण क्या है?

उपरोक्त तालिका से यह भी स्पष्ट होता है ,कि जहाँ एक ओर विश्व 58% जनसंख्या इन दश देशो मे रहती है वही 42% जनसंख्या विश्व के बाकि बचे देशो मे निवास करती है। चीन मे 18.48% लोग रहते है वही भारत मे 17.19% लोग रहते है। इस प्रकार यह पता चलता है कि विश्व मे जनसंख्या का वितरण काफी आसमान रूप से फैली हुई है।

जनसंख्या वितरण एवं घनत्व में क्या अंतर है?

Answer: जनसंख्या वितरण उस तरीके को प्रदर्शित करता है जिसके अन्तर्गत मानव किसी दिये गए क्षेत्र या स्थल में वितरित होता है, अतः जनसंख्या वितरण का सम्बन्ध स्थल से होता है जबकि जनसंख्या घनत्व किसी दिये क्षेत्र या स्थल में प्रति वर्ग किमी क्षेत्रफल पर निवासित व्यक्तियों से सम्बन्धित होता है।

जनसंख्या के घनत्व से आप क्या समझते हैं?

जनसंख्या घनत्व की गणना करने के लिए, जनसंख्या को क्षेत्रफल से विभाजित किया जाता है। किसी भौगोलिक क्षेत्र में रहने वाले लोगों की संख्या है को जनसंख्या घनत्व कहते हैं। जनसंख्या घनत्व को अंग्रेजी में population density कहते हैं. पापुलेशन डेंसिटी को जनसंख्या का सबसे महत्वपूर्ण सूचनाओं के रूप में देखा जाता है.

संपूर्ण विश्व का जनसंख्या घनत्व कितना है?

संपूर्ण विश्व का औसत जनसंख्या घनत्व 51 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है।