चीनी एक क्रिस्टलीय खाद्य पदार्थ है. इसमें मुख्य तौर पर सुक्रोज, लैक्टोज एवं फ्रक्टोज होता है. चीनी को शर्करा भी बोला जाता है. चीनी मुख्य तौर पर गन्ने और चुकन्दर से तैयार की जाती है. अधिक चीनी के सेवन से मोटापा बढ़ता है.
चीनी का इस्तेमाल खान-पान की चीज़ों को मीठा बनाने के लिए किया जाता है. या फिर कहें कि उनमें मिठास देने के लिए किया जाता है. बहुत सारी चीजों में चीनी का इस्तेमाल किया जाता है. जैसे मिठाई बनाने में, खीर में , चीनी का पराठा भी बनाया जाता, दूध में भी चीनी डालकर पिया जाता है. चीनी एक क्रिस्टलीय खाद्य पदार्थ है. इसमें मुख्य तौर पर सुक्रोज, लैक्टोज एवं फ्रक्टोज होता है. चीनी को शर्करा भी बोला जाता है. चीनी मुख्य तौर पर गन्ने और चुकन्दर से तैयार की जाती है. अधिक चीनी के सेवन से मोटापा बढ़ता है.
चीनी बनाने का प्रोसेस
चीनी के बनाने के लिए गन्ने का इस्तेमाल किया जाता है. बता दे कि भारत का सबसे बड़ा गन्ना उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश है. गन्ने की चीनी बनाने के लिए सबसे पहले गन्ने का रस निकाला जाता है. चीनी बनाने की प्रकिया के दौरान गन्ने के रस में सल्फर डाई आक्साइड, फोस्फोरिक एसिड आदि मिलाकार रिफाइन किया जाता है.
और मटमैले से रंग को साफ करने के लिए उसे जानवरों की हड्डियों से बने कोयले द्वारा साफ किया जाता है. इस प्रक्रिया के द्वारा गन्ने के रस में स्थित सारे विटामिन्स, मिनिरल्स सब को निकाल दिए जाता है. वहीं अब इस चीनी में केवल ग्लूकोस ही बचता है. चीनी के केमिकल नाम का C12H2OH है.
हमारे शरीर के लिए कितनी जरूरी है चीनी
वर्ल्ड हेल्थ ऑरगेनाइजेशन के अनुसार एक शख्स को एक दिन में 6-7 चम्मच चीनी का इस्तेमाल करना चाहिए. इसका मतलब इसका मतलब एक दिन में 25-30 ग्राम ही चीनी खानी चाहिए. शरीर को चलाने के लिए ताकत की जरुरत होती है जो कोशिकाएँ रक्त से ग्लूकोज़ यानि शक्कर लेकर ऊर्जा प्राप्त करती हैं. इस प्रकार से शक्कर शरीर के लिए जरुरी होती है. बता दें कि रक्त में मौजूद शुगर काम आती रहती है और रक्त में शक्कर की मात्रा नियंत्रित बनी रहती है. इस तरह से ग्लूकोज के तरह ली जाने वाली शक्कर की कम मात्रा नुकसानदेह नहीं होती है.
चीनी खाना कितना नुकसानदायक
1.) चीनी खाना हमारे खून को काफी गाढ़ा बना देती है. और खून गाढ़ा होने के कारण हामरे शरीर के कई भागों में पहुंच नहीं पाता है. जिस कारण दांतो और हड्डियों में कई तरह के रोग पैदा हो जाते हैं.
2.) खून में चीनी की मात्रा सामान्य से अधिक होने पर ग्लूकोस कोशिकओं के प्रोटीन से चिपक कर कोशिकाओं की क्रियाओं को बिगाड़ देता है. जिसके कारण गुर्दे की बीमारियां, आँखों के रोग और शरीर के अंगों को काटने तक की नौबत आ जाती है.
3.) खून में चीनी की मात्रा सामान्य से ज्यादा होने पर जब कोशिकाएं मरती है तो कोशिकाओं के DNA और RNA का रूपांतरण urines में हो जाता है और urine से यूरिक एसिड उत्पन्न होता है.
ये यूरिक एसिड nitric oxide को घटा कर बढ़ा देता है इस वजह से रक्त नलिकाओं के smooth muscle cells सिकुड़ जाते हैं और रक्त चाप बढ़ जाता है. बता दें कि ये प्रक्रिया गुर्दे खराब होने का कारण बनती है. इस प्रकार यूरिक एसिड के ह्रदय रोग, उच्च रक्त चाप, मोटापा, स्ट्रोक आदि का कारण बनता है.
4.) चीनी के पाचन के समय उत्पन्न होने वाले विषैले तत्व हमारे मस्तिष्क व् नाडी संस्थान में इक्कठे हो जाते हैं जिसके कारण इन भागों की कोशिकाएं मर जाती हैं, जिससे मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र के रोग होते हैं.
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इसे सुनेंरोकेंचीनी बनाने की प्रकिया के दौरान गन्ने के रस में सल्फर डाई आक्साइड, फोस्फोरिक एसिड आदि मिलाकार रिफाइन किया जाता है. और मटमैले से रंग को साफ करने के लिए उसे जानवरों की हड्डियों से बने कोयले द्वारा साफ किया जाता है. इस प्रक्रिया के द्वारा गन्ने के रस में स्थित सारे विटामिन्स, मिनिरल्स सब को निकाल दिए जाता है.
ब्राउन शुगर खाने से क्या होता है?
इसे सुनेंरोकेंब्राउन शुगर भी सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है। इसमें कैल्शियम, मैग्नीशियम और पोटैशियम काफी अच्छी मात्रा में पाया जाता है। गुड़ को खाने से हड्डियां मजबूत होती हैं, साथ ही यह खून को बढ़ाने में भी मदद करता है। ब्राउन शुगर आपके वजन को कम करने में फायदेमंद हो सकता है।
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क्या शुगर के मरीज ब्राउन शुगर खा सकते हैं?
इसे सुनेंरोकेंमधुमेह की समस्या वाले रोगियों को ब्राउन शुगर के अत्यधिक सेवन से, ब्लड शुगर बढ़ने की आशंका हो सकती है। जो इनके लिए नुकसानदायक हो सकता है। अतिरिक्त चीनी के सेवन से मधुमेह व उच्च रक्तचाप का जोखिम हो सकता है (16)।
ब्राउन शुगर कौन सी है?
इसे सुनेंरोकेंग्लूकोज ब्रेन सेल्स को अच्छे से फंक्शन करने के लिए जरूरी होता है और ये भी एक तरह की शक्कर ही है। फल और सब्जियों से मिलने वाली शक्कर हेल्दी होती है, इसकी ब्रेन को जरूरत होती है। लेकिन जो शक्कर प्रॉसेस्ड फूड जैसे जूस, कोल्डड्रिंक और फास्ट फूड से मिलती है, वो खराब शक्कर मानी जाती है। इसका ब्रेन पर असर अच्छा नहीं होता।
क्या चीनी में हड्डी मिलाया जाता है?
इसे सुनेंरोकेंजी हां । यह सच है कि चीनी को सफेद रंग का बनाने के लिए अन्य कई कैमिकल्स के साथ पशुओं की हड्डियों के चूरे का प्रयोग है किया जाता है । इसीलिए चीनी को सफेद जहर भी कहा जाता है ।
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शुगर को वाइट करने के लिए क्या मिलाया जाता है?
इसे सुनेंरोकेंजहां व्हाइट शुगर बनाने के लिए गुड़ को अलग किया जाता है तो वहीं ब्राउन शुगर में गुड़ की मात्रा मिलाई जाती है। गुड़ के मिलते ही व्हाइट शुगर का ब्राउन शुगर का रंग भूरा होता है। व्हाइट और ब्राउन शुगर के बीच स्वाद और रंग है। सफेद चीनी के बजाय ब्राउन शुगर जोड़ने से रंग और मिठास का स्तर बदल सकता है।
ब्राउन शुगर को हिंदी में क्या कहते हैं?
इसे सुनेंरोकेंभूरी शक्कर ( Brown Sugar ) Glossary |स्वास्थ्य के लिए लाभ, पोषण संबंधी जानकारी + भूरी शक्कर रेसिपी ( Brown Sugar ) | Tarladalal.com.
सफेद चीनी और ब्राउन शुगर में क्या अंतर है?
इसे सुनेंरोकेंव्हाइट और ब्राउन शुगर के बीच स्वाद और रंग है। सफेद चीनी के बजाय ब्राउन शुगर जोड़ने से रंग और मिठास का स्तर बदल सकता है। इसके अलावा, उनके स्वाद के बीच का अंतर यह है कि ब्राउन शुगर का फ्लेवर आपको कारमेल और टॉफी में मिलता है जबकि सफेद चीनी अधिक मीठी होती है जिसका प्रयोग केक और पेस्ट्री के लिए किया जाता है।