डेढ़ साल का बच्चा क्या कर सकता है? - dedh saal ka bachcha kya kar sakata hai?

जब बच्चे कोई गलत व्यवहार करते हैं तो सम्भवतया उनके अनुचित व्यवहार के पीछे कोई न कोई सोच अवश्य होती है।दुर्व्यवहार के पीछे चार मुख्य उद्देश्य होते हैं, और ध्यान रखें, ये सार्वभौमिक हैं।हर बच्चा ऐसी भावनाएं प्रदर्शित करताहै, इसलिए आप अकेले नहीं हैं!ये भावनाएं हैं:

ध्यान आकर्षित करने की इच्छा: कभी-कभी बच्चे आपका ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने के लिए दुर्व्यवहार करते हैं।
बदला: बच्चे कपटपूर्ण या हानिकारक चीजें कर के बदला ले सकते हैं।
अधिकार की इच्छा: बच्चे अक्सर अपने माता-पिता को अपनी अधिकार और नियंत्रण की इच्छा पूरी करने की चुनौती देते हैं।
लाचारी: जो बच्चे स्वयं को नालायक समझते हैं या कोई काम नहीं कर पाते हैं, वे अक्सर अनुचित व्यवहार के रूप में अपनी प्रतिक्रिया देते हैं।
अतिसंरक्षित बच्चों के मामले में उनके निराश और असहाय होने की अधिक संभावनाहोती है।
लेकिन दुर्व्यवहार से कैसे निपटें?जब आप इसका तह तक जाते हैं तो आप देखेंगे कि यह वास्तव में इतना मुश्किल नहीं है।पहला कदम हमेशा अनुचित व्यवहार के उद्देश्य को पहचानने के लिए सीखना चाहिए ।इससे आपको यह समझने मेंमदद मिलेगी कि आपका बच्चा दुर्व्यवहार क्यों करता है, और इसलिए तदनुसार उन्हें प्रबंधित करें।

1.दुर्व्यवहार को पहचानें कि आप इसके बारे में कैसा महसूस करते हैं।
ध्यान देने की इच्छा आपको नाराज महसूस करवाती है।
अधिकार की तलाश आपको क्रोधित महसूस करवाती है।
बदला आपको चोट पहुंचाता है।
निस्सहायता आपको निराशाजनक महसूस करवाती है।
देखें कि आप दुर्व्यवहार पर कैसे प्रतिक्रिया करते हैं।

2.ध्यान देने की इच्छा आपको याद दिलाती है, मनाना, तंग करना और समझाना।

अधिकार की मांग आपको लड़ने या हार मानना करवाती है।
असहायता आपको समस्या को हल करना बताती है।

3.दुर्व्यवहार करने वाले बच्चे के परिणामों का निरीक्षण करें।
ध्यान देने की मांग लोगों को देखने और बच्चे से बात करने का कारण बनती है।
अधिकार की मांग लोगों को खड़े होने और बच्चे की निगरानी करने का कारण बनती है।
बदला लोगों को बच्चे को दंडित करने, या उनके साथ तर्क करने का कारण बनती है।
असहायता लोगों को बच्चे की देखभाल और रक्षा करने का कारण बनती है।
निम्नलिखित परिदृश्यों में, खुद से पूछें कि आप माता-पिता के रूप में कैसा महसूस करते हैं, आप अपनी प्रतिक्रिया के बारे में कैसा महसूस करते हैं और बच्चे के अनुचित व्यवहार का उद्देश्य क्या है।

व्यवहार को वर्गीकृत करने के तरीके के बारे में जानने के लिए यहां कुछ उदाहरण स्थितियां दी गई हैं:

संवाद 1
माता-पिता:" अयान क्या नहाने में मज़ा आया ?अब आप साफ और सूखे हैं।मम्मी /डैडी आपको थोड़ी देर के लिए अपने बिस्तर पर डालेंगे। "
(चल-फिरने वाला बच्चा विवान आता है और आयान को मुक्का मरता है ।)
माता-पिता:"नहीं, विवान!आपको अपने छोटे भाई को ऐसे नहीं मरना चाहिए।तुम शरारती लड़के हो। "
यह परिदृश्य बदला लेने का वर्णन करता है।

संवाद 2
विवान:"मुझे अपना पावर रेंजर नहीं मिल रहा है!"
माता/पिता:"यह आपके खिलौने के डब्बे में है जहां आप इसे हमेशा रखते हैं।"
विवान:"मैंने वहां देखा लिया है।वहां पे नहीं था। "
माता/पिता:"जाओ और फिर से देखो।आज सुबह वहीं पे था। "
विवान:(खिलौना डब्बे में देखकर) मुझे अभी भी वह नहीं मिल रहा है, मम्मी / डैडी।
माता/पिता:"भलाई के लिए!"
(डब्बे के पास जाता हुऐ)
" वह यहां है, जहां मैंने कहा था वहीं है ।ऐसा क्यों है कि मुझे छोड़कर कोई भी यहां कुछ भी नहीं ढूंढ सकता? "
यह परिदृश्य असहायता को दर्शाता है।

संवाद 3  माता/पिता:"चलो, विवान। अब आपके खिलौनों को रखने का समय है। " (विराम)
"विवान, कृपया अपने खिलौनों को रख दो।"
(विराम)
विवान, अगर आप अपने खिलौनों को नहीं रखेंगे तो मैं आपको मारूंगा। चलो, मैं मदद करूंगा। हाँ, मैंने ट्रक को डब्बे में रखा दिया है।
यह अधिकार की मांग को दर्शाता है।

संवाद 4 माता/पिता:" मैं अभी शिवानी चाची फोन करूंगी और उसके साथ शॉपिंग करने जाऊंगी ।" (फोन डायल करती है)।
"नमस्ते?
ओह शिवानी, आदिती बोल रही हूँ , इस हफ्ते शॉपिंग करने के बारे में क्या विचार है? "
(बेटा रोना शुरू करता है और अपने खिलौनों को फेंकता है।)
"एक मिनट, अदिति।"
(फोन को अलग रखती है)
"विवान रुक जाओ ! तुम शरारती हो । माँ फोन पर है। "
(फोन पर कहती है)
"मुझे खेद है, शिवानी। विवान तो हमेशा ऐसा ही करता है, जब मैं फोन पर होती हूँ। "
(शोर फिर से शुरू होता है)
"ओह प्रिय, उसने अपना खिलौना तोड़ दिया। शिवानी, क्या उसके सोते समय आपको वापस रिंग कर सकती हूँ ? बाय” ।
यह परिदृश्य ध्यान देने की ओर इशारा करता है।

दुर्व्यवहार पर विचार करते समय, यह हमेशा महत्वपूर्ण है कि शामिल कारकों को समझें।
यह जानकर कि आपका बच्चा अनुचित व्यवहार क्यों दिखाता है और उसके उद्देश्य क्या हैं,
आपको इन व्यवहारों का सामना करने के दौरान क्या करना है इसके बारे में बेहतर निर्णय लेने में मदद मिलेगी।
यह मानव प्रकृति की सरल समझ है जो आपको अपने बच्चे के "बुरे व्यवहार" को संभालने की बात आती है।

आज की तेज दुनिया में एक बच्चे की परवरिश करना मुश्किल काम हो सकता है। बच्चों पर और माँ बाप होने के नाते आप पर कुछ अच्छा करने का दबाव हमेशा ही होता है। होड़ बचपन से ही शुरू हो जाती है, और साथ ही यह दुविधा भीहोती है की आपके बच्चे से कितनी करने की उम्मीद रखी जाए। खिलौने आपके बच्चे को होशियार बनाने के लिए काफी हैं और शिशुओं के लिए फ़्लैशकार्ड आम बात है। लेकिन क्या ये चालबाजियाँ वास्तव में काम करते हैं? एक साल सेछोटा बच्चा बुनियादी बातों के अलावा जैसे बैठने, चबाने और कभी कभार चलने और क्या सीख सकता है?

एक बच्चे के संवेदी मार्गों का विकास।

  • जन्म के समय आपका शिशु बहुत ही कम देख, सुन, और महसूस कर सकता है।
  • ये संवेदी मार्गों उत्तेजना के आधार पर बढ़ती और विकसित होती हैं।   
  • आपके शिशु के संवेदी मार्गों का विकास तब होता है जब उचित दृश्य, श्रवण और स्पर्श का उत्तेजन सही आवृत्ति, तीव्रता और अवधि में मिलता है।  
  • उदहारण के लिए, एक नवजात शिशु का प्रकाश प्रतिबिम्ब सामान्य से कम होता है। प्रकाश के संपर्क में आने पर, पुतलियों के सिकुड़ने पर प्रतिबिंव देखा जाता है। जितनी जल्दी यह प्रतिबिंब परिपक्व और एकसमान हो जाते हैं, उतनी ही जल्दी शिशु में रूपरेखा देखने और उसके बाद विस्तृत देखने की क्षमता विकसित होती है। यह आकस्मिक उत्तेजना के बजाय उपयोगी उत्तेजना है।
  • जहां तक इन सभी पांच तंत्रिक मार्गों का सवाल है (देखना, सुनना, महसूस करना, स्वाद और सुगंध की क्षमता), नवजात स्तर पर या जीवन के पहले कुछ महीनों में एक पूर्ण तंत्रिक उत्तेजना कार्यक्रम संक्षिप्त होता है।
  • ये संक्षिप्त उत्तेजनाएं हर मार्ग को परिपक्व करने में मदद करती हैं। जैसे जैसे इन मार्गों में वृद्धि होती है और ये अधिक परिपक्व होते जाते हैं, वैसे-वैसे बच्चे के लिए ये बहुत ही उपयोगी होते हैं।
  • माता-पिता सीखते हैं कि इन मार्गों का मूल्यांकन कैसे करें, ताकि वे आसानी से निर्धारित कर सकें कि उनके बच्चे को क्या चाहिए और क्या नहीं चाहिए।

आपके शिशु के मस्तिष्क का विकास

  • मस्तिष्क के विकास में गर्भधारण से लकर छः वर्ष की आयु तक ज़बरदस्त विकास होता है, लेकिन यह एक राज़ की बात है की कैसे मस्तिष्क सिर्फ उपयोग करने से विकसित होता है।
  • यदि आप अपने बच्चे को बढ़ी हुई आवृत्ति, तीव्रता और अवधि के साथ दृश्य, श्रवण और स्पर्श उत्तेजना, प्रदान करते हैं; बढ़ी हुई गतिशीलता (मोटर कौशलो की गतिविधि) और भाषा (वाणी), तो इनका सभीक्षेत्रों में अधिक तेज़ी से विकास होगा।
  • इससे उनकी दुनियादारी की समझ में वृद्धी होगी और परिवार के साथ परस्पर बातचीत में बढ़ोतरी होगी।
  • उत्तेजना और मौका देने पर आपके बच्चे के स्वास्थ्य, खुशी और  कल्याण में काफी सुधार आएगा।

जब आपके मस्तिष्क के एक क्षेत्र में विकास होता है, तो सभी क्षेत्रों में कुछ हद तक वृद्धि होती है। अगर बच्चे को ज़मीन पर चलने का मौका दिया जाए, तो उसकी गतिशीलता में सुधार होता है। जब उन्हें ज़्यादा चलने के मौके देते हैं, तोउनके श्वसन में भी सुधार आता है। जैसे ही आपके बच्चे के श्वास लेने की क्षमता बढ़ती है, वह ज़्यादा ध्वनियाँ निकालने लगता है। वे जितनी ज़्यादा ध्वनियाँ निकालेंगे, आप उतनी ही उन ध्वनियों पर प्रतिक्रियाएं करेंगे। आप अपने बच्चे से जितनाज़्यादा बातचीत करेंगे, उतना ही आप समझ पाएंगे की वह क्या कहना चाहता है, और अपने बच्चे के साथ संवाद कर सकेंगे!

डेढ़ साल का बच्चा क्या क्या बोल सकता है?

18 महीने की उम्र का बच्‍चा दिनभर में 10 से 20 शब्‍द तो बोल ही लेता है। उसे आपकी एक स्‍टेप कमांड भी समझ आने लगी होगी जैसे खिलौना उठाकर लाओ आदि। इतने बड़े बच्‍चे हाथ मिलाना और हां या ना में सिर हिलाना भी सीख लेते हैं। इन्‍हें जो चीज चाहिए होती है, उसकी ओर इशारा भी कर सकते हैं।

17 महीने के बच्चे को क्या सिखाएं?

कभी-कभी बच्चा चुपके से बिस्तर से नीचे उतरने का प्रयास करेगा। बच्चा चीजों पर चढ़ने का प्रयास भी कर सकता है और यह आपका फर्नीचर, आपका बिस्तर या कुछ भी हो सकता है। बच्चा चीजों को पकड़ने और खाने के लिए अपने हाथों का उपयोग कैसे करता है। साथ ही आपका ध्यान इस पर भी जा सकता है कि बच्चा किस हाथ का ज्यादा उपयोग करता है।

बच्चा कितने साल से काम कर सकता है?

अब 14 साल से कम उम्र के बच्चों से मेहनत मजदूरी जैसा शारीरिक काम कराना जुर्म होगा. देश के बाल श्रम कानून में संशोधन ने बाल मजदूरी की परिभाषा बदल दी है. अब किसी भी सूरत में 14 साल से कम उम्र के बच्चों को काम पर नहीं लगाया जा सकता.

डेढ़ साल के बच्चे को कैसे चलाएं?

कुछ बच्चे दूध पीते समय या बाद में रोते हैं।.
आप टहलते हुए उसे हिलाएं-डुलाएं।.
उसे गोद में लेकर हिलने वाली कुर्सी में बैठें।.
यदि शिशु थोड़ा बड़ा है, तो उसे सुरक्षित ढंग से शिशु झूले पर बिठाएं।.
अपनी कार में उसे कहीं घुमाने ले जाएं।.
उसे प्रैम या स्ट्रॉलर में चहलकदमी के लिए ले जाएं।.