एक फर्म का कुल स्थिर लागत कुल परिवर्ती लागत तथा कुल लागत क्या है वे किस प्रकार संबंधित है? - ek pharm ka kul sthir laagat kul parivartee laagat tatha kul laagat kya hai ve kis prakaar sambandhit hai?

एक फर्म का कुल स्थिर लागत, कुल परिवर्ती लागत तथा कुल लागत क्या है, वे किस प्रकार संबंधित है?


कुल लागत (TC): इससे हमारा अभिप्राय उन सभी लागतों से हैं जिसका सम्बन्ध एक वस्तु के उत्पादन से है। यह किसी वस्तु के उत्पादन पर किए गए कुल व्यय का योग है।
कुल स्थिर लागत (TFC): इससे हमारा अभिप्राय उन लागतों से हैं जो विभिन्न उत्पादन स्तरों पर एक-समान रहती हैं।
कुल परिवर्ती लागत (TVC): इससे हमारा अभिप्राय उन लागतों से हैं जो उत्पादन में परिवर्तन के साथ-साथ परिवर्तित होती हैं।

कुल लागत (TC), कुल स्थिर लागत (TFC), कुल परिवर्ती लागत (TVC) के बीच संबंध: 

कुल लागत को दो भागों में बाँटा जाता हैं : कुल स्थिर लागत तथा कुल परिवर्तनशील लागत।
कुल लागत (TC), कुल स्थिर लागत (TFC) तथा कुल परिवर्ती लागत (TVC) का योग है। अर्थात्

 कुल लागत (TC) = कुल परिवर्तनशील लागत (TFC) + कुल परिवर्ती लागत (TVC)

कुल लागत (TC), कुल स्थिर लागत (TFC), कुल परिवर्ती लागत (TVC) वक्र को संलग्न चित्र द्वारा भी दर्शा सकते है;

एक फर्म का कुल स्थिर लागत कुल परिवर्ती लागत तथा कुल लागत क्या है वे किस प्रकार संबंधित है? - ek pharm ka kul sthir laagat kul parivartee laagat tatha kul laagat kya hai ve kis prakaar sambandhit hai?

परिवर्ती अनुपातों के नियम के कारण कुल परिवर्ती लागत वक्र(TVC) उलटे 'S' आकार का होता है जो मूल बिंदु से आरम्भ होता है। इसी प्रकार कुल लागत वक्र (TC) भी उलटे 'S' आकार का होता है जो स्थिर लागत के स्तर से आरम्भ होता है। कुल स्थिर लागत (TFC) ऊपरी लागत हैं, जो उत्पादन के प्रत्येक स्तर पर स्थिर रहती है। इसलिए कुल स्थिर लागत वक्र 'X' अक्ष के समानांतर एक आड़ी रेखा है।


एक आगत का औसत उत्पाद क्या होता है?


एक आगत का औसत उत्पाद उस आगत के कुल उत्पादों के परिवर्ती आगत की इकाइयों से विभाजित करने से प्राप्त उत्पाद हैं। इस प्रकार
         

एक फर्म का कुल स्थिर लागत कुल परिवर्ती लागत तथा कुल लागत क्या है वे किस प्रकार संबंधित है? - ek pharm ka kul sthir laagat kul parivartee laagat tatha kul laagat kya hai ve kis prakaar sambandhit hai?


उत्पादन फलन की संकल्पना को समझाइए।


उत्पादन फलन: एक फर्म का उत्पादन फलन उपयोग में लाए गए आगतों तथा फर्म द्वारा उत्पादित निर्गतों के मध्य का संबंध है।
उत्पादन फलन को इस प्रकार लिखा जाता हैं:
(q) = f(L, K)
यहाँ f = फलन; L = श्रम की भौतिक इकाइयाँ;   K = पूँजी की भौतिक इकाइयाँ
उत्पादन फलन के दो प्रकार के होते हैं:

  1. अल्पकालीन उत्पादन फलन: जहाँ उत्पादन के कुछ साधन स्थिर होते हैं।
  2. दीर्घकालीन उत्पादन फलन: जहाँ उत्पादन के सभी साधनों की पूर्ति परिवर्तन शील होती हैं।


एक आगत का कुल उत्पाद क्या होता है?


कुल उत्पाद (TP) को एक निश्चित समयावधि में दिए गए आगतों से एक फर्म द्वारा उत्पादित की गई वस्तुओं अथवा सेवाओं की कुल मात्रा के रूप में परिभाषित किया जा सकता है।
अल्पकाल में, परिवर्तनशील साधनों की मात्रा को बढ़ाकर कुल उत्पादन को बढ़ाया जा सकता है। दीर्घकाल में उत्पादन के सभी साधनों को बढ़ाकर कुल उत्पादन को बढ़ाया जा सकता हैं।
          TP =∑MP

एक परिवर्ती कारक की सभी इकाइयों के सीमांत उत्पाद (MP) को जोड़कर हम कुल उत्पाद प्राप्त कर सकते हैं।


अल्पकाल तथा दीर्घकाल की संकल्पनाओं को समझाइए।


अल्पकाल समय की वह अवधि हैं जिसमें उत्पादन के कुछ कारक स्थिर होते हैं तथा कुछ परिवर्ती होते हैं। इस अवधि में, एक फर्म केवल परिवर्तनशील साधनों में परिवर्तन कर सकती हैं, न कि स्थिर साधनों में।
दीर्घकाल वह समयावधि है जिसमें उत्पादन के सभी कारकों को बदला जा सकता हैं, जैसे: मशीनरी, इमारत, संगठन इत्यादि, जिसके फलस्वरूप उत्पादन में परिवर्तन वांछित मात्रा में किया जा सकता हैं।


एक आगत का सीमांत उत्पाद क्या होता है?


एक आगत का सीमांत उत्पाद उस आगत की अतिरिक्त इकाई में परिवर्तन करने से कुल उत्पाद में होने वाला परिवर्तन होता है। इस प्रकार,
        

एक फर्म का कुल स्थिर लागत कुल परिवर्ती लागत तथा कुल लागत क्या है वे किस प्रकार संबंधित है? - ek pharm ka kul sthir laagat kul parivartee laagat tatha kul laagat kya hai ve kis prakaar sambandhit hai?


एक फर्म की कुल स्थिर लागत कुल परिवर्ती लागत तथा कुल लागत क्या है वे किस प्रकार सम्बन्धित है?

कुल लागत = कुल परिवर्ती लागत + कुल स्थिर लागत (3.5) निर्गत के उत्पादन में वृद्धि करने के लिए फर्म को परिवर्ती आगतों में से अधिक प्रयोग करने की आवश्यकता होती है। परिणामस्वरूप, कुल परिवर्ती लागत तथा कुल लागत में भी वृद्धि होती है। अतः जब निर्गत में वृद्धि होती है, तो कुल परिवर्ती लागत एवं कुल लागत में वृद्धि होती है।

कुल लागत कुल स्थिर लागत और कुल परिवर्तनशील लागत के संबंध में कौन सा कथन सत्य है?

उत्पादन तथा लागत यह किसी वस्तु के उत्पादन पर किए गए कुल व्यय का योग है। कुल स्थिर लागत (TFC): इससे हमारा अभिप्राय उन लागतों से हैं जो विभिन्न उत्पादन स्तरों पर एक-समान रहती हैं। कुल परिवर्ती लागत (TVC): इससे हमारा अभिप्राय उन लागतों से हैं जो उत्पादन में परिवर्तन के साथ-साथ परिवर्तित होती हैं।

कुल परिवर्ती लागत कब होती है?

कुल परिवर्ती लागत – यह उन साधनों की लागत का योग है जो उत्पादन की मात्रा बढ़ने पर बढ़ते हैं तथा उत्पादन की मात्रा कम होने पर कम होते हैं। तालिका से स्पष्ट है कि TVC तथा पहले घटती दर से मात्रा बढ़ रही है। तथा बढ़ती दर से बढ़ रही है। यह परिवर्ती अनुपात के नियम के कारण होता हैं जब कुल उत्पाद बढ़ती दर से बढ़ता है

स्थिर लागत को कौन सा लागत कहा जाता है?

Solution : स्थिर अथवा निर्धारित लागत को निति लागत अथवा अवधि लागत भी कहा जाता है। स्थिर लागत वह लागत है जो उत्पादन अथवा बिक्री विस्तार के साथ भी स्थिर रहती है। अर्थात् उत्पादन के कम या अधिक होने पर भी यह लागत घटती-बढ़ती नहीं है। उत्पादित वस्तुओं या सेवाओं की गुणवत्ता के मुकाबले निर्धारित लागतें स्वतंत्र हैं।