Best days to wash hair astrology in Hindi: हिंदू धर्म शास्त्रों, ज्योतिष शास्त्र और वास्तु शास्त्र में हर दिन किए जाने वाले कामों को लेकर कुछ नियम बताए हैं. इन नियमों का पालन न करने से जीवन में कई तरह की समस्याएं होती हैं, हानि होती हैं. इन्हीं नियमों में से एक महिलाओं के लिए बाल धोने के शुभ-अशुभ दिनों से संबंधित है. खासतौर पर सुहागिन महिलाओं को सप्ताह के कुछ दिनों में सिर धोने या बाल धोने की मनाही की गई है. जानते हैं महिलाओं के बाल धोने को लेकर नियम. Show
सुहागिन स्त्रियों के बाल धोने के नियम - मान्यता है कि मंगलवार, गुरुवार और शनिवार के दिन सुहागिन महिलाओं को बाल नहीं धोने चाहिए. इन दिनों में बाल धोना महिलाओं और उनके परिवार के लिए अच्छा नहीं माना जाता है. - कुछ जगहों पर सोमवार को भी बाल धोना वर्जित माना जाता है. इससे घर के लोगों की उन्नति पर बुरा असर पड़ता है. सप्ताह के इन दिनों को छोड़ दें तो इसके अलावा अमावस्या, पूर्णिमा और एकादशी के दिन भी महिलाओं को बाल नहीं धोने चाहिए. यदि वे एकादशी का व्रत रखती हैं, तब तो इस दिन बाल बिल्कुल नहीं धोने चाहिए. - चन्द्रमा हमारे मस्तिष्क को प्रभावित करता है. इससे व्रत रखने में कठिनाई आती है. लिहाजा सुहागिन महिलाओं को व्रत रखने से एक दिन पहले बाल धोना चाहिए. वर्जित दिन में बाल धोने पर करें ये उपाय सोमवार के दिन के उपाय - यदि मजबूरी में सोमवार के दिन बाल धोना पड़े और आप उस दिन व्रत भी रखती हों तो पहले पलाश के फूलों को हाथों से मसल कर अपने बालों में लगा लें. फिर बाल धो लें. मंगलवार के दिन के उपाय- यदि किसी कारणवश मंगलवार के दिन बाल धोना पड़े तो आंवले के रस या आंवले के चूर्ण का पेस्ट बनाकर उससे बाल धोएं. बुधवार के दिन के उपाय- यदि बुधवार के दिन बाल धोना पड़े तो पहले तुलसी के पत्तों का पेस्ट बालों में लगा लें, फिर बाल धोएं. वरना छोटे भाई-बहन को दोष लगता है, या उनके जीवन में समस्याएं आती हैं. गुरुवार के दिन के उपाय- गुरुवार के दिन महिलाओं के बाल धोने से घर-परिवार में बरकत नहीं रहती. पति की आयु कम होती है और संतान को भी समस्या होती है. यदि मजबूरी में गुरुवार के दिन बाल धोना पड़े तो दोष से बचने के लिए बेसन में थोड़ी हल्दी मिलाकर बाल धो लें. इस तरह सुहागिन महिलाओं के लिए बाल धोने के लिए सप्ताह में शुक्रवार और रविवार के दिन सबसे अच्छे हैं. (Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.) अपनी निःशुल्क कुंडली पाने के लिए यहाँ तुरंत क्लिक करें अगर आप भी एकादशी का व्रत एवं भगवान विष्णु का पूजन करती हैं, तो घर की आर्थिक स्थिति सुधारने और सुख शांति के लिए इन बातों का ध्यान रखना जरूरी है। हिन्दू धर्म के अनुसार एकादशी व्रत का विशेष महत्त्व है। कहा जाता है कि इस व्रत का पालन करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और घर में धन -धान्य और सुख समृद्धि आती है। भगवान कृष्ण ने गीता में बताया है, एकादशी व्रत सभी व्रतों में उत्तम है, क्योंकि इसका प्राकट्य स्वयं भगवान विष्णु के शरीर से हुआ है। हर महीने में दो एकादशी व्रत होते हैं। एक शुक्ल पक्ष में और दूसरी कृष्ण पक्ष में। इस प्रकार साल में 24 एकादशी तिथियां होती हैं और उन सभी का विशेष महत्त्व है। कहा जाता है कि एकादशी व्रत को सभी को करना चाहिए और इस व्रत को पूरे नियम से करना फलदायी होता है। ऐसी मान्यता है कि एकादशी व्रत करने वाले व्यक्ति को कुछ नियमों का पालन करते हुए और कुछ चीज़ों को ध्यान में रखकर ये व्रत करना चाहिए जिससे घर शान धान्य से भर जाएगा और सुख शांति आएगी। आइए नई दिल्ली के जाने माने पंडित, एस्ट्रोलॉजी, कर्मकांड,पितृदोष और वास्तु विशेषज्ञ प्रशांत मिश्रा जी से जानें कि एकादशी व्रत में किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है। व्रत एवं विष्णु पूजन के नियमव्रत करने वाले को दशमी तिथि की रात्रि से ही अन्न का त्याग करना चाहिए। एकादशी के दिन प्रातः काल उठ कर प्रथम स्नान करके भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करें। भगवान को पीले फूल, केले के फल आदि समर्पित करें । जो भी एकादशी हो, उसकी कथा को पढ़ना चाहिए। ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय इस द्वादशाक्षर मंत्र का जाप करना चाहिए। अगले दिन द्वादशी को स्नान आदि करके पुनः पूजन करें, भोग लगाएं। फिर यथा संभव दान करें। उसके बाद भोग लगाया प्रसाद गृहण करें उसके बाद भोजन ग्रहण करें। विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करेंऐसी मान्यता है कि एकादशी के दिन विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है। यदि आप किसी कारण से व्रत नहीं करते हैं तब भी शुद्ध मन और शरीर से विष्णु भगवान का माता लक्ष्मी समेत पूजन करें और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें। बाल या नाखून न काटेंएकादशी व्रत के दौरान भूलकर भी बाल और नाखून नहीं काटने चाहिए। वैसे किसी भी व्रत में ऐसा करने वर्जित माना जाता है, लेकिन एकादशी के दिन ऐसा करने से धन हानि होती है। ऐसी मान्यता है कि एकादशी व्रत के दौरान बाल या नाखून काटने से विष्णु भगवान् अप्रसन्न हो जाते हैं और घर में अशांति आती है। एकादशी के दिन मुख्य रूप से महिलाओं को बाल धोने और कपड़े धोने की भी मनाही होती है। खासतौर पर जो महिलाएं ये व्रत करती हैं उन्हें बाल और कपड़े नहीं धोने चाहिए और शरीर में साबुन का इस्तेमाल भी नहीं करना चाहिए। इसे जरूर पढ़ें: Expert Tips: जानें कब है मोहिनी एकादशी, पूजा का शुभ मुहूर्त और इसका महत्त्व किसी से द्वेष व झगड़ा न करेंएकादशी व्रत में किसी भी कारण से किसी पर क्रोध न करें और किसी से भी झगड़ा न करें। ऐसा करने से घर में अशांति आती है और धन की हानि भी होती है। इस दिन शांति पूर्वक विष्णु जी का ध्यान और पूजन करें, घर धन धान्य से भर जाएगा। एकादशी का पावन दिन भगवान विष्णु की अराधना का होता है, इस दिन सिर्फ भगवान का गुणगान करना चाहिए। ब्रह्मचर्य का पालन करेंएकादशी व्रत के दौरान पूरी तरह से ब्रह्मचर्य का पालन करना जरूरी है। ऐसा न करने पर व्रत का पूर्ण फल नहीं मिलता है और आर्थिक हानि होने लगती है। यही नहीं पति और पत्नी के बीच व्यर्थ के झगड़े होने लगते हैं। पीले वस्त्र धारण करेंएकादशी व्रत और पूजन के दौरान पीले कपड़े पहनना शुभ होता है। मान्यता है कि विष्णु भगवान को पीला रंग अत्यंत प्रिय है और इस रंग के कपड़े पहनने से घर में कभी भी धन की कमी नहीं होती है। यहां तक कि इस दिन आप यदि किसी नौकरी का इंटरव्यू देने जा रहे हैं तब भी पीले वस्त्र धारण करना शुभ होता है और धन में वृद्धि होती है। इसे जरूर पढ़ें: जानें वैशाख के महीने में कब पड़ रहा है सोम प्रदोष व्रत, क्या है इसकी महिमा Recommended Video
तामसिक भोजन न करेंएकादशी का व्रत मुख्य रूप से भगवान् विष्णु को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है इसलिए इस दिन तामसिक भोजन- प्याज, लहसुन, मांस मदिरा का सेवन कदापि नहीं करना चाहिए। एकादशी वाले दिन इन सब चीज़ों का त्याग करने से घर में सुख समृद्धि आती है और धन धान्य से भर जाता है। एकादशी वाले दिन यदि आप व्रत न भी करें तब भी सात्विक भोजन ही करें। चावल का सेवन है वर्जितधार्मिक मान्यताओं के अनुसार एकादशी के पावन दिन चावल का सेवन पूरी तरह वर्जित होता है। यदि आप व्रत नहीं रखते हैं तब भी आपको चावल का सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इस दिन चावल का सेवन करने से मनुष्य को कीट पतंगों की योनि में जन्म लेना पड़ता है और धन की हानि होती है। दान-पुण्य करेंएकादशी के दिन दान-पुण्य करने का भी विशेष महत्त्व है। इस दिन गरीबों को भोजन कराने और दान -पुण्य करने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है और घर में कभी भी धन की कमी नहीं होती है। इसके अलावा सभी मनोकामनाओं की पूर्ति भी होती है। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। Image Credit: freepik and pintrest क्या आपको ये आर्टिकल पसंद आया ?बेहतर अनुभव करने के लिए HerZindagi मोबाइल ऐप डाउनलोड करें Disclaimer आपकी स्किन और शरीर आपकी ही तरह अलग है। आप तक अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी लाना हमारा प्रयास है, लेकिन फिर भी किसी भी होम रेमेडी, हैक या फिटनेस टिप को ट्राई करने से पहले आप अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें। किसी भी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, पर हमसे संपर्क करें। एकादशी के दिन बाल धो सकते हैं क्या?यदि वे एकादशी का व्रत रखती हैं, तब तो इस दिन बाल बिल्कुल नहीं धोने चाहिए. - चन्द्रमा हमारे मस्तिष्क को प्रभावित करता है. इससे व्रत रखने में कठिनाई आती है. लिहाजा सुहागिन महिलाओं को व्रत रखने से एक दिन पहले बाल धोना चाहिए.
सुहागन स्त्री को सिर कब धोना चाहिए?शुक्रवार - सुहागिन महिलाओं को बाल धोने के लिए सबसे शुभ दिन शुक्रवार का माना गया है. शुक्रवार को सिर धोने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं घर में बरकत रहती है. कभी भी आर्थिक तंगी का सामना नहीं करना पड़ता है. शनिवार - सुहागिन महिलाओं को कभी शनिवार के दिन सिर नहीं धोना चाहिए, ऐसा करने से शनि देवता नाराज होते हैं.
बाल धोने का शुभ दिन कौन सा है?शास्त्रों के अनुसार, शुक्रवार के दिन बाल धोना बेहद ही शुभ माना गया है क्योंकि शुक्रवार का दिन माता लक्ष्मी का होता है इसलिए इस दिन महिलाएं अपने बालों को अवश्य स्वच्छ करें।
एकादशी के दिन क्या क्या नहीं करना चाहिए?आइए जानें क्या वर्जित है ग्यारस/एकादशी के व्रत के दिनों में.... करें इन चीजों का त्याग : - इस व्रत में नमक, तेल, चावल अथवा अन्न वर्जित है।. मांस खाना। मसूर की दाल का त्याग।. चने का शाक। कोदों का शाक।. मधु (शहद) । ... . दूसरी बार भोजन करना। ... . व्रत वाले दिन जुआ नहीं खेलना चाहिए। ... . इस दिन क्रोध, मिथ्या भाषण का त्याग करना चाहिए।. |