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खबर की भाषा और शीर्षक से आप संतुष्ट हैं? खबर के प्रस्तुतिकरण से आप संतुष्ट हैं? खबर में और अधिक सुधार की आवश्यकता है? रबी फसल की खेती करने वाले किसानों के लिए आज खुशी का दिन है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को विपणन सीजन 2023-24 के लिए छह रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को मंजूरी दे दी है। मसूर के एमएसपी में अधिकतम 500 रुपये प्रति क्विंटल की मंजूरी मिली है। केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने सरकार के फैसले की जानकारी दी है। केंद्रीय कैबिनेट और आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी (सीसीईए) के बीच आज बैठक में छह रबी फसलों का मिनिमम सपोर्ट प्राइस बढ़ाने का फैसला लिया गया। खास बात यह है की सबसे ज्यादा दालों पर MSP में बढ़ोतरी की गई है। वहीं जूट की MSP में 110 रुपये क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है। कृषि लागत और मूल्य आयोग (CACP) की सभी सिफारिशों को कैबिनेट से मंजूरी मिली है। छह रबी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ा–
केंद्र सरकार ने कल, सोमवार को, पीएम किसान सम्मान निधि योजना का पैसा ट्रांसफर किया तो आज किसानों को दिवाली का एक और तोहफा दिया है। आज मंगलवार को सरकार ने रबी की फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य को बढ़ाया है। इस खबर से किसानों के बीच खुशियों का माहौल है। किसान MSP में बढ़ोतरी का इंतजार कर रहे थे। आपको बता दें कि एमएसपी कमेटी ने रबी की 6 फसलों के लिए 9 फीसदी तक की MSP बढ़ाने की सिफारिश की थी। इसके बाद कृषि मंत्रालय ने भी इन फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने की सिफारिश की और आज केंद्रीय कैबिनेट ने इस पर मुहर लगा दी। किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से सरकार ने यह बड़ा कदम उठाया है। एक प्रेस रिलीज में कहा गया है कि रबी की फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने का फैसला 2018-19 के बजट की उस घोषणा को पूरा करने हेतु लिया गया है, जिसमें कहा गया था कि MSP को पूरे भारत में उत्पादन की लागत से 1.5 गुना तय किया जाएगा। सरकार ने कहा कि उसके 11,040 करोड़ रुपये के खाद्य तेल- पाम तेल(एनएमईओ-ओपी) पर राष्ट्रीय मिशन खाद्य तेलों के घरेलू उत्पादन को बढ़ाने और आयात पर निर्भरता को कम करने में मदद करेगा। इसे किसानों की आय और फसलों का उत्पादन बढ़ाने के तौर पर देखा जा रहा है। क्या है MSP दरकेंद्र सरकार किसानों के हित के लिए फसलों की एक न्यूनतम कीमत तय करती है। इसे ही मिनिमम सपोर्ट प्राइस (एमएसपी) कहते हैं। मान लीजिए अगर कभी फसलों की क़ीमत बाज़ार के हिसाब से गिर भी जाती है, तब भी केंद्र सरकार इस MSP पर ही किसानों से फसल खरीदती है ताकि किसानों को नुक़सान से बचाया जा सके। 60 के दशक में सरकार ने अन्न की कमी से बचाने के लिए सबसे पहले गेहूं पर एमएसपी शुरू की ताकि सरकार किसानों से गेहूं खरीद कर अपनी पीडीएस योजना के तहत ग़रीबों को बांट सके। कृषि मंत्रालय का एक विभाग कमीशन फॉर एग्रीकल्चरल कोस्ट्स एंड प्राइसेस गन्ने पर एमएसपी तय करता है। || न्यूनतम समर्थन मूल्य | Nyuntam Samarthan Mulya New List | Minimum Support Price Login Process | Important Download | Helpline Number || सरकार दवारा किसानो के हितो का ध्यान रखते हुए न्यूनतम समर्थन मूल्य को लागू किया गया है| जिसके अंतर्गत भारत सरकार द्वारा फसल की खरीद पर एक न्यूनतम मूल्य यानि MSP (Minimum Support Price) का भुगतान किया जाता है। इस मूल्य को न्यूनतम समर्थन मूल्य कहा जाता है। जिसके जरिये किसानो को लाभ प्रदान किया जाता है| कैसे मिलेगा किसानो को इस सुविधा लाभ और आवेदन कैसे किया जाएगा| ये सारी जानकारी लेने के लिए आपको ये आर्टीकल अंत तक पढ्ना होगा| तो आइए जानते हैं – न्यूनतम समर्थन मूल्य 2022-23 के वारे मे|
न्यूनतम समर्थन मूल्य | Minimum Support Priceन्यूनतम समर्थन मूल्य किसी भी फसल के लिए न्यूनतम मूल्य होता है जिसे सरकार किसानों को प्रदान करती है। इस मूल्य से कम कीमत पर सरकार द्वारा फसल को नहीं खरीदा जा सकता। सरकार द्वारा न्यूनतम मूल्य पर फसल की खरीद की जाती है। जिससे किसानों को उनकी फसल का सही दाम दिलवाने मे मदद मिलती है और उपभोक्ताओं तक भी फसल सही दामों में पहुंच जाती है। इस मूल्य को कृषि लागत और मूल्य आयोग की सिफारिशों के आधार पर सरकार द्वारा प्रत्येक वर्ष घोषित किया जाता है, ताकि ज्यादा से ज्यादा किसानो को लाभ प्रदान किया जा सके| मुख्य पहलु
न्यूनतम समर्थन मूल्य का अवलोकनयोजना का नामन्यूनतम समर्थन मूल्य 2022-23किसके दवारा शुरू की गईभारत सरकार दवारालाभार्थीदेश के किसानप्रदान की जाने वाली सहायताकिसानो को फसल का सही मूल्य प्रदान करनाआधिकारिक वेबसाइटfarmer.gov.in/FarmerHomeMinimum Support Price का निर्धारण
किस फसल पर कितना बढ़ाया गया है MSPकेंद्र सरकार के दवारा वर्ष 2022-23 के लिए रबी की 6 फसलों का MSP तय किया गया है। इन फसलों के MSP पर सरकार की ओर से जो बढ़ोतरी की गई है, उसका विवरण इस प्रकार है – फसलेंकी गई बढ़ोतरीभाव / क्विंटलगेहूं40 रूपए2015 रूपएजौ35 रूपए1635 रूपएचना130 रूपए5230 रूपएमसूर400 रूपए5500 रूपएसरसों400 रूपए5050 रूपएसूरजमुखी114 रूपए5441 रूपएनए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से किसानों को मिलने वाला लाभवित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए जारी किए गए नए समर्थन मूल्य से किसानों को रबी की 06 फसलों पर लागत के हिसाव से 50 से लेकर 100 फीसदी तक लाभ होगा। ये लाभ पात्र लाभार्थी नीचे लिस्ट के जरिये प्राप्त कर सकेंगे, जिसका विवरण इस प्रकार है- फसलेंकुल लागत / क्विंटललागत पर मिलने वाला लाभगेहूं1008 रूपए100 फीसदीजौ2500 रूपए100 फीसदीचना3100 रूपए79 फीसदीमसूर3050 रूपए74 फीसदीसरसों1050 रूपए60 फीसदीसूरजमुखी3600 रूपए50 फीसदीवर्ष 2021-22 और 2022-23 के MSP में कुल अंतरवर्ष 2021-22 और 2022-23 का तुलनात्मक अध्ययन करने पर सरकार दवारा घोषित किए MSP में गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सबसे कम 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है, तो वहीं सरसों पर 8.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। कहाँ पर कितनी वढ़ोतरी हुई है, जिसकी पूरी लिस्ट नीचे दी गई है – सरकार द्वारा प्रदान किया जाने वाला न्यूनतम समर्थन मूल्य 2010 से अब तकMinimum Support Prices (MSP) Bonus
MSP में शामिल लागतों का भुगतान
MSP में क्यों की जाती है बढ़ोतरीन्यूनतम समर्थन मूल्य पर की गई बढ़ोतरी को लेकर कहा गया है कि RMS 2022-23 के लिए रबी फसलों की MSP में बढ़ोतरी केंद्रीय बजट 2018-19 में की गई घोषणा के अनुरूप है, जिसमें ये कहा गया कि देशभर के औसत उत्पादन को मद्देनजर रखते हुए MSP में कम से कम डेढ़ गुना इजाफा किया जाना चाहिए, ताकि किसानों को उचित लाभ मिल सके। किसान खेती में जितना खर्च करते है, उसके आधार पर होने वाले लाभ का अधिकतम अनुमान किया गया है। इस संदर्भ में गेहूं, कैनोला व सरसों (प्रत्येक में 100 प्रतिशत) लाभ दिए जाने का अनुमान है, तो वहीं दाल (79 प्रतिशत), चना (74 प्रतिशत), जौ (60 प्रतिशत), कुसुम के फूल (50 प्रतिशत) के उत्पादन में लाभ मिलने की जानकारी है| MSP पर खरीद के लिए शामिल योजनाएँकिसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीदी के लिए कई योजनायें चलाई गई है। जिनके तहत देश के किसानों से विभिन्न फसलों की खरीद सरकार दवारा की जाती है। जिनमे से – ‘प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान’ नामक ‘अम्ब्रेला स्कीम’ की घोषणा सरकार दवारा की गई है। इस योजना से किसानों को अपने उत्पाद के लिए लाभकारी कीमत मिलती है। इस अम्ब्रेला योजना में तीन उप-योजनाएं भी शामिल हैं, जैसे मूल्य समर्थन योजना (PSS), मूल्य न्यूनता भुगतान योजना (PDPS) और निजी खरीद व स्टॉकिस्ट योजना (PPSS) आदि शामिल हैं। जिनके तहत किसानो से MSP की खरीद की जाती है| न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के लाभ
सरकार दवारा किसानों को अपनी फसल के सही दाम दिलवाना है| जिससे किसानो को सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाया जा सकेगा और उनकी आय मे भी वढ़ोतरी होगी| न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए पात्रता
आशा करता हूँ आपको इस आर्टीकल के दवारा सारी जानकारी मिल गई होगी| आर्टीकल अच्छा लगे तो कोमेट और लाइक जरूर करे
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