गले में दर्द, गलकोष (pharynx) में सूजन की वजह से उत्पन्न होती है। ये ट्यूब मुँह के पीछे इसोफैगस (esophagus) तक फैली हुई होती है। इस स्थिति के कुछ प्रमुख कारण वायरल, बैक्टेरियल या फंगल संक्रमण, प्रदूषण, धूम्रपान, एसिड रिफ्लक्स, ज़्यादा चिल्लाना और कुछ एलर्जी से संबंधित समस्याएं आदि होती हैं। गले की सूजन के साथ साथ सर दर्द, पेट में दर्द, सर्दी जुकाम और गले में ग्रंथि की सूजन भी देखने को मिलते हैं। Show
गले में दर्द बहुत आम समस्या है जो आपके लिए असुविधाजनक हो सकती है। अगर आप किसी वजह से डॉक्टर के पास नहीं जा पा रहे हैं तो इन सरल और प्राकृतिक उपाय का प्रयोग कर सकते हैं जो आपके गले में दर्द और उसके लक्षणों को कम करने में मदद करेंगे - गले में इंफेक्शन बैक्टीरिया और वायरस के संपर्क में आने से होता है। बैक्टीरिया और वायरस से संक्रमित होने के बाद गले में जलन, दर्द, सूजन, बुखार और खांसी जैसी समस्याएं देखने को मिलती है। अगर ये तकलीफें वायरस अटैक (Virus Attack) की वजह से हो रही है तो अपने आप ही ठीक हो जाती है। लेकिन अगर इसका कारण बैक्टीरिया है तो इलाज के लिए एंटीबायोटिक (Antibiotic) दवाइयां दी जाती है। जिनकी प्रतिरक्षा प्रणाली यानी इम्यूनिटी (Immunity ) कमजोर होती है उन्हें गले में इंफेक्शन होने की संभावना ज्यादा होती है। यह समस्या महिलाओं और बच्चों में ज्यादा देखी जाती है। डायबिटीज के मरीजों में गले मे इंफेक्शन की शिकायत अधिक होती है।इसे पढ़ें: पेशाब की नली में पथरी का कारण, लक्षण और इलाज Table of Contents
गले में इंफेक्शन के लक्षण — Symptoms of Throat Infection in Hindiगले में इंफेक्शन होने पर कई लक्षण नजर आते हैं। ये सभी में अलग-अलग हो सकते हैं। गले में इंफेक्शन के आम लक्षण बुखार और सिर दर्द हैं। इसके अलावा भी कई प्रकार के लक्षण नजर आ सकते हैं जो कुछ इस प्रकार हैं-
डॉक्टर को कब दिखाएं — When to See Doctorअगर गले में संक्रमण की वजह से खाना खाते समय गला दर्द हो, थूक के साथ खून आता है, सांस लेने में कठिनाई, मुंह को खोलने और बन्द करने में कठिनाई होती है तो बिना देरी किए डॉक्टर को जरूर दिखाएं। इसे पढ़ें: टॉन्सिल (टॉन्सिलाइटिस) के कारण, लक्षण, बचाव और इलाज गले में इंफेक्शन के मुख्य कारण — Main Causes of Throat Infection in Hindiगले में इंफेक्शन बैक्टीरिया और वायरस से होती है। पहले से संक्रमित (Infected) व्यक्ति के संपर्क में आने से भी ये तकलीफ हो सकती है। संक्रमित व्यक्ति जब खांसता या छींकता है तो वायरस और बैक्टीरिया हवा के जरिए हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। यह बैक्टीरिया अपना असर दिखाते हैं और हमें भी संक्रमित कर देते हैं। गले में बैक्टीरिया इंफेक्शन होनागले में बैक्टीरिया इंफेक्शन के मामले बहुत कम देखे जाते हैं। बैक्टीरियल इंफेक्शन होने पर कुछ इस तरह के लक्षण दिखते हैं जिन पर गौर करना चाहिए। इसे भी पढ़ें: प्रेगनेंसी के दौरान ब्राउन डिस्चार्ज होने के कारण और उपाय काली खांसी की समस्या होनास्ट्रेप थ्रोट (Step Throat) यानी गले में दर्द की समस्या और गला जमा-जमा से लगना। वायरल इंफेक्शन की शकायत होना‘वायरल थ्रोट इंफेक्शन (Viral Throat Infection)’ वायरस के संपर्क में आने से होता है। वायरल इंफेक्शन में फ्लू (Flue) और सर्दी जुकाम की समस्या देखी जाती है। बच्चों में वायरल थ्रोट इंफेक्शन होने पर चेचक और चिकन पॉक्स (Chicken Pox) जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। इसे भी पढ़ें: इरेक्टाइल डिसफंक्शन का घरेलू इलाज गले में इंफेक्शन का परीक्षण — Diagnosis of Throat Infection in Hindi)थ्रोट इंफेक्शन का पता करने के लिए डॉक्टर कई तरह के टेस्ट करते हैं। आपकी शारीरिक स्थितियों की जांच और लिम्फ नोड्स (Lymph Nodes) का टेस्ट किया जा सकता है। नाक और कान की जांच भी की जा सकती है। थ्रोट स्वैब — Throat Swabयह टेस्ट बड़ा ही आसान है और कुछ ही मिनट बाद इसका रिजल्ट भी आ जाता है। स्ट्रेप थ्रोट की समस्या होने पर इस टेस्ट को किया जाता है। अगर टेस्ट का रिजल्ट नकारात्मक आता है तो थ्रोट कल्चर टेस्ट (Throat Culture Test) करवाना पड़ता है जिसका नतीजा आने में एक दिन का समय लगता है। ब्लड टेस्ट — Blood Testथ्रोट इंफेक्शन का परीक्षण करने के लिए आपका ब्लड टेस्ट किया जा सकता है। कंप्लीट ब्लड काउंट (Complete Blood Count) टेस्ट भी किया जा सकता है। गले में इंफेक्शन से बचाव — Prevention From Throat Infection in Hindi
गले में इंफेक्शन का इलाज — Treatment of Throat Infection in Hindiथ्रोट इंफेक्शन से छुटकारा पाने के लिए और पूरी तरह से स्वस्थ होने के लिए इलाज के अलावा और दो चीजें करना बेहद जरूरी है।
एंटीबायोटिक — Antibioticअगर आपके गले में इंफेक्शन का कारण बैक्टीरिया है तो डॉक्टर एंटीबायोटिक दवाइयां दे सकते हैं। ऐसी स्थिति होने पर रोगी को पेनिसिलिन (Penicillin) की दवाइयां दी जाती है। पेनिसिलिन दवाइयों से एलर्जी भी हो सकती है, ऐसे में आपको अन्य दवाइयों का भी डोज दिया जाएगा। टोंसिल्लेक्टोमी — Tonsillectomyयह गले के इंफेक्शन को दूर करने के लिए एक सर्जिकल प्रक्रिया है। इसमें गले की टॉन्सिल (tonsil) को निकाल दिया जाता है। टॉन्सिल गले के दोनों ओर पाई जाने वाली मांस की गांठ है, जहां इंफेक्शन पनपता है। अगर आपके घर परिवार का कोई सदस्य बार-बार थ्रोट इंफेक्शन से पीड़ित हो रहा है तो आप उनका इलाज टोंसिल्लेक्टोमी सर्जरी के जरिए करा सकते हैं। गले में इंफेक्शन का घरेलू इलाज — Home Remedies For Throat Infection in Hindiनमकबैक्टीरियल थ्रोट इंफेक्शन को खत्म करने के लिए नमक कारगर है। नमक एंटी बैक्टीरियल (Anti Bacterial) गुणों से भरपूर होता है जो थ्रोट इंफेक्शन से छुटकारा दिलाता है। नमक को गुनगुने पानी में मिलाकर दिन में तीन से चार बार गरारे करें। ऐसा करने से गले में मौजूद बैक्टीरिया बाहर निकल जाएंगे। यह गले में मौजूद उन एसिड को भी निकालता है जिसकी वजह से जलन महसूस होती है। इसे पढ़ें: बिना दर्द के सेक्स कैसे करें — सेक्स के दौरान योनि में दर्द के घरेलू उपाय लहसुनबैक्टीरिया को मारने के लिए लहसुन बहुत शक्तिशाली औषधि है। लहसुन में मौजूद एंटी बैक्टीरियल तत्व बैक्टीरिया को खत्म करते हैं और संक्रमण फैलाने वाले अन्य कीटाणुओं को भी नष्ट कर देते हैं। लहसुन को अपने दांतो के बीच दबाकर रखें और उसे चूसते रहें। बीच-बीच में लहसुन को दांतों से दबाकर उसका रस निकालें और गले के अंदर ले जाएं। ऐसा करने से थ्रोट इंफेक्शन से छुटकारा मिल जाएगा। शहदइंफेक्शन की वजह से गले में सूजन, दर्द और जलन की समस्या होती है। शहद का सेवन कर सूजन और जलन से छुटकारा पाया जा सकता है। थ्रोट इंफेक्शन के साथ जुकाम की समस्या है तो अच्छी क्वालिटी वाले शहद का सेवन करें। सेब का सिरकासेब के सिरके में मौजूद एंटी इंफ्लेमेटरी (Anti-inflammatory) गुण गले के बैक्टीरिया को खत्म कर देते हैं। अगर थ्रोट इंफेक्शन खांसी और जुकाम की वजह से हुआ है तो सेब के सिरके का इस्तेमाल करें। इसके लिए आप दो चम्मच सेब के सिरके को एक गिलास गुनगुने पानी में मिलाकर पी लें। इसका सेवन दिन में दो से तीन बार करें। इसे भी पढ़ें: सेब के सिरके का बेहतर इस्तेमाल, फायदा और साइड इफेक्ट दूध और हल्दीएक गिलास गुनगुने दूध में एक चम्मच हल्दी मिलाकर पीने से गले से संबंधित समस्याओं से छुटकारा मिलता है। यह सर्दी, खांसी, जुकाम, थ्रोट इंफेक्शन आदि समस्याओं से छुटकारा दिलाता है। हल्दी में सूजन कम करने वाले गुण मौजूद होते हैं। हल्दी वाले दूध का सेवन करने से गले में दर्द की समस्या भी दूर होती है। अदरकअदरक के एंटीबैक्टीरियल गुण इंफेक्शन की समस्या से छुटकारा दिलाते हैं। अदरक को पानी में अच्छी तरह से उबालें और पानी गुनगुना हो जाने पर शहद डालकर सेवन करें। भाप लेंगले में इंफेक्शन या फिर खांसी जुकाम की समस्या होने पर भाप लेना चाहिए। किसी बड़े कटोरे में उबले हुए पानी को डालें और अपने सिर को तौलिये से ढंककर भाप लें। ऐसा करने से गले में नमी बरकरार रहती है और इंफेक्शन से छुटकारा मिलता है। इसे पढ़ें: गाइनेकोमैस्टिया के कारण, लक्षण और घरेलू इलाज शहद की चायदो चम्मच शहद, 10 से 15 तुलसी की पत्तियां और दो-तीन लौंग पानी में डालकर उबालें। ठंडा हो जाने पर इस पानी का सेवन करें। तुलसी की पत्तियों में बैक्टीरिया मारने के अनोखे गुण होते हैं जो इंफेक्शन से छुटकारा दिलाते हैं। मुलेठीमुलेठी की छोटी और पतली गांठ मुंह में रखकर चबाएं। इस तरह से इसके रस का सेवन करने से गले की सारी समस्याएं दूर हो जाएगी। सेब का सिरका और नमकएक गिलास पानी में एक चम्मच सेब का सिरका और बराबर मात्रा में नमक मिलाएं। अब इस पानी से गरारे करें। ऐसा दिन में 4 से 5 बार करने से कुछ ही दिनों में गले के इंफेक्शन की समस्या दूर हो जाती है। इसे पढ़ें: पिलोनिडल साइनस — कारण, लक्षण, जोखिम और घरेलू इलाज नींबू पानीएक गिलास गुनगुने पानी में एक चम्मच शहद और एक चम्मच नींबू का रस मिलाकर इसका सेवन करें। काली मिर्चकाली मिर्च में बैक्टीरिया खत्म करने के गुण होते हैं। दिन में चार से पांच काली मिर्च के दानों को चबाएं। थ्रोट इंफेक्शन में यह फायदेमंद है। गले में इंफेक्शन की वजह से होने वाली अन्य समस्याएं — Risk Of Throat Infection in Hindiअगर गले में इंफेक्शन का इलाज ना करवाया जाए तो यह कई बड़ी बीमारियों को जन्म दे सकता है। अगर आप बैक्टीरियल थ्रोट इंफेक्शन का इलाज के लिए एंटीबायोटिक दवाइयों का सेवन कर रहे हैं तो 2 से 3 दिन में समस्या दूर हो जाएगी। रूमेटिक फीवर — Rheumatic Feverबैक्टीरियल थ्रोट इंफेक्शन के बाद इसके इलाज में की गई लापरवाही रूमेटिक फीवर का कारण बन सकती है। बच्चों को स्ट्रेप थ्रोट की समस्या हो जाने पर गले में इंफेक्शन और तेजी से फैल सकता है। ऐसे में तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए। स्कारलेट फीवर — Scarlet Feverथ्रोट इंफेक्शन के इलाज में की गई लापरवाही स्कारलेट फीवर का भी कारण बन सकती है। किडनी में सूजन — Swelling in Kidneyगले में इंफेक्शन होने पर इसका बुरा प्रभाव हमारी किडनी पर भी पड़ता है। गले के इंफेक्शन को लगातार नजरंदाज करने से किडनी में सूजन और दर्द की समस्या हो सकती है। इसे पढ़ें: किडनी में पथरी होने के कारण, लक्षण, घरेलू नुस्खे और इलाज निष्कर्ष — Conclusionगले में इंफेक्शन होना आम है लेकिन इससे शरीर में बीमारियों का पनपना सामान्य नहीं है। इसलिए अगर गले में इंफेक्शन के कोई भी लक्षण नजर आते हैं तो तुरंत ही किसी अच्छे डॉक्टर से गले की जांच और इलाज करवाना चाहिए। अगर घरेलू उपाय के इस्तेमाल के कुछ दिनों बाद भी इंफेक्शन खत्म नहीं हो रहा है तो आपको मेडिकल ट्रीटमेंट की जरूरत पड़ सकती है।
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