गले में इंफेक्शन होने पर क्या नहीं खाना चाहिए? - gale mein imphekshan hone par kya nahin khaana chaahie?

गले में कई तरह की समस्याएं पैदा होती हैं, इंफेक्शन यानी संक्रमण भी उन्हीं में से एक है। गले में इंफेक्शन होने पर आपको कई तरफ की परेशानियों का सामना करना पड़ता है जिसमें मुख्य रूप से गले में दर्द, जलन और खराश होना, ठंड लगना और बुखार आना आदि शामिल है।

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इस ब्लॉग में हम गले में इंफेक्शन (संक्रमण) क्या है, इसके कारण, लक्षण , बचाव और घरेलू नुस्खों (Home Remedies For Throat Infection in Hindi) के बारे में विस्तार से जानने की कोशिश करेंगे।

  • गले में इंफेक्शन (संक्रमण) क्या है (Throat Infection in Hindi)
  • गले में इंफेक्शन (संक्रमण) के लक्षण (Symptoms of Throat Infection in Hindi)
  • डॉक्टर से कब मिलना चाहिए (When to See Doctor For Throat Infection)
  • गले में इंफेक्शन (संक्रमण) के कारण (Causes of Throat Infection in Hindi)
  • गले में इंफेक्शन (संक्रमण) का जांच (Diagnosis of Throat Infection in Hindi)
  • गले में इंफेक्शन (संक्रमण) का घरेलू उपचार (Home Remedies For Throat Infection in Hindi) 
  • ध्यान देने योग्य बात

गले में इंफेक्शन (संक्रमण) क्या है (Throat Infection in Hindi)

गले में इंफेक्शन (संक्रमण) को थ्रोट इंफेक्शन के नाम से भी जाना जाता है। यह बैक्टीरिया या वायरस के कारण होता है। यह समस्या सबसे अधिक छोटे बच्चों और उन लोगों में देखी जाती है जिनकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है।

गले में इंफेक्शन (संक्रमण) के लक्षण (Symptoms of Throat Infection in Hindi)

गले में इंफेक्शन होने पर आप खुद में अनेक लक्षण अनुभव कर सकते हैं। गले में संक्रमण के लक्षणों में मुख्य रूप से निम्न शामिल हैं:-

  • गले में दर्द और खराश
  • खानपान की चीजों को निगलने में दर्द और कठिनाई
  • टॉन्सिल में दर्द और सूजन
  • आवाज कर्कश होना
  • कुछ मामलों में बुखार और खांसी
  • गले का सूखना
  • जबड़े और गर्दन में दर्द
  • सिर में दर्द 
  • जबान और मुंह में लाल दाने
  • बुखार आना
  • गले और टॉन्सिल में सफ़ेद परत जमना
  • टॉन्सिल का आकार बढ़ना
  • ठंड लगना
  • भूख कम होना
  • खांसी आना और गले का लाल होना

डॉक्टर से कब मिलना चाहिए (When to See Doctor For Throat Infection)

अगर आप नीचे दिए गए लक्षणों का अनुभव करते हैं तो आपको तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए:-

  • गले में दर्द होना
  • खाने-पिने में तकलीफ होना
  • मुंह खोलने में कठिनाई होना
  • गले में सफेद रंग के धब्बे बनना
  • सांस लेने दर्द और तकलीफ होना
  • थूक या बलगम के साथ खून आना
  • त्वचा पर हल्के या गुलाबी रंग के चकत्ते बनना
  • टॉन्सिल और मुंह की ऊपरी तरफ गहरे लाल रंग के निशान या धब्बे पड़ना

गले में इंफेक्शन (संक्रमण) के कारण (Causes of Throat Infection in Hindi)

गले में इंफेक्शन कई कारणों से होता है। कई बार यह अपने आप ही दूर हो जाता है, लेकिन कुछ मामलों में इसका उचित उपचार किया जाता है। गले में इंफेक्शन के कारणों को ध्यान में रखकर इस समस्या के खतरे को कम या दूर किया जा सकता है। गले में इंफेक्शन क्यों होता है –

  • सर्दी और वायरल संक्रमण

सर्दी-जुकाम और वायरल संक्रमण गले में इंफेक्शन का कारण हो सकते हैं। इसके कारण आपको गले में खराश, दर्द, सूखापन, सूजन और बुखार की समस्या हो सकती है।

  • बैक्टीरियल संक्रमण

गले में इंफेक्शन के मुख्य कारणों में गले में बैक्टीरियल संक्रमण होना शामिल है। बैक्टीरियल संक्रमण के कारण स्ट्रेप थ्रोट की समस्या पैदा होती है जिसके कारण गले और टॉन्सिल में संक्रमण हो सकता है।

  • एलर्जी

एलर्जी के कारण भी गले में इंफेक्शन की शिकायत हो सकती है। एलर्जी, प्रदूषण, पालतू जानवर, किसी प्रकार की खुशबू/बदबू, कमजोर इम्यून सिस्टम या दूसरे अन्य कारणों से हो सकती है।

  • प्रदूषण

गंदगी और प्रदुषण बढ़ने के कारण कई तरह की समस्याएं हो रही हैं, गले में इंफेक्शन होना भी उनमें से एक है। सिगरेट का सेवन करने या धुंवा के संपर्क में आने से आपके गले में इंफेक्शन का खतरा बढ़ सकता है।

  • चोट

गले में चोट लगने पर वोकल कॉर्ड्स और मांसपेशियों में खिंचाव आता है जिसके कारण आपको गले में खराश की शिकायत हो सकती है। लंबे समय तक गले में खराश होने के कारण गले में इंफेक्शन विकसित हो सकता है। इन सबके अलावा, गले में इंफेक्शन के और भी दूसरे कारण हो सकते हैं जैसे कि रायनोवायरस, फ्लू फैलाने वाले वायरस, काली खांसी और डिपथेरिया आदि। 

गले में इंफेक्शन (संक्रमण) का जांच (Diagnosis of Throat Infection in Hindi)

गले में इंफेक्शन का निदान करने के लिए डॉक्टर कुछ जांच करने का सुझाव देते हैं। जांच की मदद से गले में इंफेक्शन के सटीक कारण की पुष्टि होती जो उचित इलाज के लिए आवश्यक है। गले में इंफेक्शन (संक्रमण) का निदान करने के लिए डॉक्टर थ्रोट स्वैब और ब्लड टेस्ट का सुझाव देते हैं। जांच के परिणाम के आधार पर डॉक्टर उपचार के प्रकार का चयन करते हैं।

गले में इंफेक्शन (संक्रमण) का घरेलू उपचार (Home Remedies For Throat Infection in Hindi) 

गले में इंफेक्शन का घरेलू उपचार संभव है। अगर आप घर बैठे गले में इंफेक्शन की समस्या से निजात पाना चाहते हैं तो नीचे दिए गए घरेलू नुस्खों का इस्तेमाल कर सकते हैं:-

  • लहसुन

लहसुन में एंटी-बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं जो गले के संक्रमण को दूर करने में मदद करते हैं। लहसुन की कली को दांतों के नीचे रखकर उसे चूसें।

  • हल्दी

हल्दी के एक नहीं बल्कि एक हजार फायदे हैं। गले में इंफेक्शन होने पर एक गिलास दूध में एक या आधा चम्मच हल्दी मिलाकर उसका सेवन करें।

  • अदरक

अदरक में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं जो गले के इंफेक्शन को दूर करने में मदद करते हैं। आप अदरक का सेवन गुनगुने पानी और चाय के साथ कर सकते हैं।

  • मुलेठी

मुलेठी की छोटी सी एक गांठ को कुछ देर तक मुंह में रखकर चबाएं। इससे गले में दर्द और सूजन से राहत मिलती है।

  • मुनक्का

रोजाना सुबह में 4-6 मुनक्का चबाकर खाएं। इससे गले में संक्रमण से राहत मिलती है।

  • सेब का सिरका

हल्का गर्म पानी में 2 चम्मच सेब का सिरका मिलाकर उसका सेवन करने से गले में इंफेक्शन से छुटकारा मिलता है। साथ ही, आप एक कप हल्का गर्म पानी में एक चम्मच सेब का सिरका मिलाकर उससे गरारे कर सकते हैं।

  • अंजीर

एक गिलास पानी में 4-5 अंजीर अच्छी तरह उबालें। जब पानी आधा हो जाए तो उसे छानकर रख लें और ठंडा होने के बाद पिएं।

  • तुलसी

एक गिलास पानी में 3-4 तुलसी की पत्तियां और 2-3 काली मिर्च मिलाकर काढ़ा बनाएं और उसका सेवन करें।

  • शहद

शहद भी गले के इंफेक्शन में बहुत फायदेमंद होता है। हल्का गर्म पानी में एक चम्मच शहद मिलाकर उसका सेवन करें।

ध्यान देने योग्य बात

गले में इंफेक्शन कई कारणों से होता है और बिना इसके कारण की पुष्टि किए इलाज करना उचित नहीं है। गले में इंफेक्शन होने पर आप ऊपर दिए गए नुस्खों का इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन उससे पहले आपको डॉक्टर की राय अवश्य लेनी चाहिए। 

डॉक्टर गले में इंफेक्शन के कारण, आपके समग्र स्वास्थ्य, एलर्जी और दूसरी बातों को ध्यान में रखते हुए घरेलू नुस्खों के इस्तेमाल का सुझाव देते हैं। इसलिए यह आवश्यक है कि आप गले में इंफेक्शन का उपचार करने की नियत से किसी भी घरेलू नुस्खों का इस्तेमाल डॉक्टर से परामर्श करने के बाद करें।

गले के इन्फेक्शन में क्या खाना चाहिए?

दूध-हल्दी.
अदरक-नींबू.
काली मिर्च.
लौंग-इलाइची-तुलसी.

गले का इन्फेक्शन कितने दिन में ठीक हो जाता है?

बुखार और ठंड लगना (fever and chills) इसमें कुछ विशिष्ट लक्षण नजर आते हैं जैसे कि गले में खराश, ठंड लगना, बुखार और गर्दन में सूजन लिम्फ नोड्स से जुड़ी समस्याएं। स्ट्रेप थ्रोट एंटीबायोटिक उपचार से ठीक हो जाता है।

गला ठीक करने के लिए क्या खाएं?

Sore Throat: सर्दियों में सर्दी-जुकाम और गला खराब होना एक बेहद ही सामान्य समस्या है. ... .
गला खराब होने पर इन चीजों का करें सेवन-.
मुलेठी- गला खराब होने या गले में खराश होने पर मुलेठी का सेवन करना काफी फायदेमंद होता है. ... .
अदरक (Ginger)- गला खराब होने पर अदरक का सेवन करना काफी उपयोगी होता है..

गले दर्द में क्या नहीं खाना चाहिए?

जानिए इस दौरान क्या खाना चाहिए और क्या नहीं..
तली हुई चीजें गला खराब होने या गला बैठने की समस्या में तली हुई चीजों का सेवन बिल्कुल न करें. ... .
दूध दूध का सेवन भी आपको नुकसान पहुंचा सकता है. ... .
ठंडी चीजें न खाएं ... .
इन उपायों से मिलेगा फायदा.
नमक के पानी से गरारे करें ... .
मुलेठी ... .
तुलसी ... .
लौंग और काली मिर्च.