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साल का सबसे छोटा दिन और सबसे लंबी रात आज
जयपुर। सूर्यदेव ने सोमवार को दक्षिणायन से उत्तरायण में प्रवेश किया। सूर्य ने सायन मकर में उत्तरायण में सुबह 4 बजकर 33 मिनट पर प्रवेश किया। सूर्योदय 7.16 बजे हुआ, सूर्यास्त 5.34 पर होगा। शास्त्रानुसार इसके साथ ही शिशिर ऋतु प्रारंभ हो गया। सूर्य दक्षिणी गोलार्ध में मकर रेखा पर चमकेगा। इस कारण दक्षिणी गोलार्ध में ग्रीष्म ऋतु होती है व उत्तरी गोलार्ध में शीत ऋतु होती है। 23 दिसंबर को सूर्य पृथ्वी से बहुत दूर रहेगा। इस दिन साल का सबसे छोटा दिन व सबसे लंबी रात होगी। इसके बाद से दिन की अवधि बढ़ना शुरू हो जाएगी। आज दिन की अवधि 10 घंटे 18 मिनट है। रात 13 घंटे 42 मिनट की रहेगी। गोलार्ध में दिन की अवधि छोटी व दक्षिणी गोलार्ध में दिन की अवधि बड़ी होती है। उत्तरी गोलार्ध में 23 दिसंबर से दिन की अवधि बढ़ने लग जाती है। इस दौरान उत्तरी ध्रुव पर रात हो जाती है, जबकि दक्षिणी ध्रुव पर 24 घंटे सूर्य चमकता है। सूर्य 21 मार्च को भूमध्य रेखा पर सीधा चमकेगा, इसलिए दोनों गोलार्ध में दिन-रात बराबर होते हैं। दुनिया के हर देश में ऐसा नहीं होता है. पृथ्वी के सिर्फ उत्तरी गोलार्द्ध के देशों में ही ऐसा होता जबकि दक्षिणी गोलार्द्ध के देशों में इसके विपरीत स्थिति होती है और वहां यह सबसे बड़ा दिन होता है. पृथ्वी अपने अक्ष पर साढ़े तेइस डिग्री झुकी हुई है जिसकी वजह से सूर्य की दूरी पृथ्वी के उत्तरी गोलार्द्ध से ज्यादा हो जाती है. इससे सूर्य की किरणों का प्रसार पृथ्वी पर कम समय तक होता है. इस दिन सूर्य की किरणें मकर रेखा के लंबवत होती हैं और कर्क रेखा को तिरछा स्पर्श करती हैं. इस वजह से सूर्य जल्दी डूबता है और रात जल्दी हो जाती है. यानी पृथ्वी जब अपनी धुरी पर चक्कर लगाती है तो किसी एक जगह पर पड़ने वाली सूर्य की किरणें दिन के अंतराल को प्रभावित करती हैं जिस कारण दिन छोटा और बड़ा होता है. साल के इस सबसे छोटे दिन को खगोल विज्ञान की भाषा में विंटर सॉल्सटिस (Winter solstice) कहते हैं. हर साल ये दिन बदलता रहता है. खगोलविज्ञानियों के अनुसार आमतौर पर 21 दिसंबर या 22 दिसंबर को ये दिन आता है. पिछले साल भी ये दिन 22 दिसंबर को ही था. जीवाजी वेधशाला के अनुसार 22 दिसंबर को उज्जैन में सूर्याेदय 7 बजकर 5 मिनट पर और सूर्यास्त 5 बजकर 46 मिनट पर होगा. इस तरह 22 दिसंबर को दिन की अवधि 10 घंटे 41 मिनट और रात की अवधि 13 घंटे 19 मिनट की होगी. इससे उत्तरी गोलार्द्ध में 22 दिसंबर को सबसे छोटा दिन और सबसे छोटी रात होगी। सूर्य के चारों ओर पृथ्वी के परिभ्रमण के कारण 22 दिसंबर को सूर्य मकर रेखा पर लंबवत होगा। इस दिन शंकु की छाया सबसे लंबी होकर पूरे दिन मकर रेखा पर गमन करती हुई दिखाई देगी। इस दिन सूर्य की कांति 23 अंश 26 कला 14 विकला दक्षिण होगी। Must Read- सावधान! कोरोना के लक्षणों जैसा रोग, बच्चों पर तीन गुना असर साल का सबसे लम्बा और छोटा दिन कब है – Longest and Shortest day of the year in hindi संक्रांति यानि सोल्सटिस एक खगोलीय घटना है जोकि दो बार, एक गर्मियों में और एक बार सर्दियों में होती है. हर साल सूर्य को जब उत्तर या दक्षिण ध्रुव से देखा जाता है तो साल का सबसे बड़ा दिन 21 जून होता है. इस दिन सूर्य की किरण ज्यादा देर तक रहती है और 22 दिसम्बर साल का सबसे छोटा दिन होता है, क्योकि इस दिन सूर्य की किरण पृथ्वी पर कम समय के लिए रहती है. ये साल के वो दिन होते हैं, जिसमें दिन और रात की लम्बाई में सर्वाधिक अंतर होता है. यह एक सामान्य घटना है जो हर वर्ष होती है.
साल 2022 का सबसे लम्बा और छोटा दिन (Longest and Shortest day of the year in hindi)इस साल को सबसे छोटा दिन 21 दिसम्बर , दिन शुक्रवार को है, जोकि 10 घंटे 19 मिनिट और 10 सेकेंड का होगा. साथ ही इस साल का सबसे बड़ा दिन 21 जून , दिन गुरुवार है जोकि 13 घंटे 33 मिनिट और 46 सेकेंड का होगा. 2021 में आने वाली फ़िल्में यहाँ पढ़ें. समर सोल्सटिस या ग्रीष्मकालीन संक्रांति अर्थात साल का सबसे बड़ा दिन21 जून सबसे बड़ा दिन, ये आवश्यक नहीं है कि हर साल ये दिन 21 जून को ही पड़े. यह 20 से 22 के बीच किसी भी दिन हो सकता है. जब सूर्य की किरण कर्क रेखा पर लम्बवत पड़ती है, तो इसके फलस्वरूप उत्तरी गोलार्द्ध में सबसे बड़ा दिन होता है, अर्थात उत्तरी गोलार्द्ध सूर्य की तरफ पूरी तरह से झुका या ये भी कह सकते है कि 23.4 अक्षांश पर झुका हुआ रहता है और तब यहाँ गर्मी का मौसम होता है. जबकि दक्षिणी गोलार्द्ध में इस समय सूर्य तिरछा चमकता है, जिस वजह से यहाँ रात बड़ी और दिन छोटा होता है और गर्मी कम होने से ठण्ड का मौसम रहता है. मेरा प्रिय मौसम पर निबंधयहाँ पढ़ें. ग्रीष्मकालीन संक्रांति का सांस्कृतिक महत्वपुरे देश में जून सोल्सटिस को धार्मिक रूप से गर्मी छुट्टी और धार्मिक त्यौहार के रूप में मनाया जाता है. इंग्लैण्ड का स्टोनहेंज, ग्रीष्मकालीन संक्रांति के सांस्कृतिक महत्व को दुनिया के सामने दर्शित करता है. यह एक मेगालिथिक संरचना है जो स्पष्ट रूप से जून सोल्सटिस के क्षण को दर्शाती है. ग्रीष्मकालीन संक्रांति के दौरान ब्रिटेन, अमेरिका, कनाडा, रूस, भारत और चीन में गर्मी का समय रहता है, क्योकि यह उत्तरी गोलार्द्ध में पड़ता है, विंटर सोल्सटिस या शीतकालीन संक्रांति अर्थात साल का सबसे छोटा दिन22 दिसम्बर को सूर्य की किरण मकर रेखा पर लम्बवत पड़ती है, जिस वजह से दक्षिणी गोलार्द्ध में इस समय ग्रीष्म ऋतू होती है और यहाँ दिन बड़े और रात छोटी होती है. जबकि इस समय उत्तरी गोलार्द्ध में सूर्य की किरण तिरछी पड़ती है, जिस वजह से यहाँ दिन छोटा और रात बड़ी होती है साथ ही यहाँ शीत ऋतू रहती है. इसे शीतकालीन संक्रांति या विंटर सोल्सटिस भी करते है. ऑस्ट्रेलिया, अर्जेन्टीना, चिली, न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका में इस समय गर्मियों का समय रहता है, क्योकि यह दक्षिणी गोलार्द्ध में पड़ता है और यहाँ यह वर्ष का सबसे लम्बा दिन होता है. मकर संक्रांति का महत्व यहाँ पढ़ें. विंटर सोल्सटिस का सांस्कृतिक महत्वविंटर सोल्सटिस के तुरंत बाद ही ईसाइयों का मुख्य त्यौहार क्रिसमस डे मनाया जाता है. विंटर सोल्सटिस को जो कि ठण्ड के मौसम में पड़ता है, इस समय पर दक्षिणी गोलार्द्ध में समर सोल्सटिस रहता है, इसे ऑस्ट्रेलिया के लोग डेरेवेंट नदी में डुबकी लगा कर मनाते है. सोल्सटिस की तारीखों के भिन्न होने का कारणसोल्सटिस की अलग तिथियाँ मुख्य रूप से कैलेंडर प्रणाली के कारण होती है. अधिकांश पश्चिमी देश ग्रेगोरियन कैलेंडर का इस्तेमाल करते है, जो कि एक सामान्य साल में 365 दिन और लीप वर्ष में 366 दिन का होता है. एक उष्णकटिबंधीय वर्ष वह समय होता है जब पृथ्वी सूर्य के चारों ओर एक चक्र लगाती है, और चक्र लगाने में उसे 365.242199 दिन का समय लगता है, लेकिन दुसरे गृह के प्रभाव के कारण यह समय वर्ष दर वर्ष थोडा भिन्न होता है जिस वजह से तिथियाँ भी बदलती रहती है. ग्रीष्मकालीन संक्रांति की विभिन्न शहरों की तिथियाँसमय क्षेत्र में अंतर होने के कारण कुछ जगहों पर अलग तिथि होने पर उनकी संक्रांति यानि सोल्सटिस होगा. अलग अलग शहरों में सबसे लम्बे दिन की तारीख और समय सीमा अलग हो सकती है, जिनमे से कुछ का वर्णन हमने टेबल में किया है जो निम्नलिखित है :-
शीतकालीन संक्रांति की विभिन्न शहरों की तिथियाँशीतकालीन संक्रांति की तारीखों और उनके दिनों में समय के अंतर की ग्रीष्मकालीन संक्रांति के दिन की समय सीमा से तुलना करने पर दिन के छोटे होने का अन्दाजा आसानी से लग सकता है, यहाँ कुछ शहरों के नाम दिए जा रहे है जहाँ छोटे दिन की तारीख व समय दिया गया है. इसे निम्नलिखित तालिका के माध्यम से दर्शित किया जा रहा है :-
सोल्सटिस से सम्बंधित तथ्यशब्द सोल्सटिस लैटिन शब्द सोल्स्तितियम से आता है जिसका अर्थ होता है कि सूर्य अभी भी सीधा है. ऐसा इसलिए होता है क्योकि इस दिन सूर्य पृथ्वी की ओर से दक्षिणी गोलार्द्ध तक पहुँचता है उसके बाद उसकी दिशा बदल जाती है. इस दिन को सूर्य के पीछे मुड़ने वाला दिन भी कहा जाता है.
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साल का सबसे छोटा दिन और सबसे बड़ा दिन कब होता है?21 जून को साल के सबसे बड़े दिन के साथ ही साल की सबसे छोटी रात भी होती है... Longest day of Year: यूं तो सामान्य दिनों जब दिन और रात बराबर होते हैं. आमतौर पर ये 12-12 घंटे के होते हैं लेकिन 21 दिसंबर के बाद रातें छोटी होने लगती हैं और दिन बड़े होने लगते हैं. 21 जून को दिन सबसे बड़ा होता है.
भारत में साल का सबसे छोटा दिन कौन सा होता है?Winter solstice: आज है साल का सबसे छोटा दिन और जानिए कि इसके पीछे का कारण क्या है? धरती पर 21 दिसंबर का दिन साल का सबसे छोटा दिन होता है. सूर्य इस दिन कर्क रेखा से मकर रेखा की तरफ उत्तरायण से दक्षिणायन की ओर प्रवेश करता है.
साल की सबसे बड़ी रात कब होती है?21 दिसंबर के दिन उत्तरी गोलार्ध के देशों में सबसे छोटी दिन होती हैं और सबसे बड़ी रात होती है।
विश्व का सबसे छोटा दिन कौन सा है?21 दिसंबर को भारत समेत कई देशों में सबसे छोटा दिन होता है. आज 21 दिसंबर है. 21 दिसंबर की पहचान साल के सबसे छोटे दिन के रूप में है यानी इस दिन सूरज की रोशनी सबसे कम देर तक पृथ्वी पर पड़ती है.
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