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गोपियों ने अपने लिए कृष्ण को हारिल की लकड़ी के समान क्यों बताया है?← Prev Question Next Question → 0 votes 7.5k views asked
Sep 2, 2019 in Hindi by RohitRaj
(45.7k points) गोपियों ने अपने लिए कृष्ण को हारिल की लकड़ी के समान क्यों बताया है?
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Sep 2, 2019 by Susma (68.4k points) Best answer गोपियों ने अपने लिए कृष्ण को हारिल की लकड़ी के समान इसलिए बताया है क्योंकि जिस प्रकार हारिल पक्षी अपने पंजे में दबी लकड़ी को आधार मानकर उड़ता है उसी प्रकार गोपियों ने अपने जीवन का आधार कृष्ण को मान रखा है। ← Prev Question Next Question → Find MCQs & Mock Test
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... गोपियां अपने हरि की तुलना हारिल पक्षी की लकड़ी से क्यों करती है?Solution : गोपियाँ अपने को हारिल पक्षी के समान मानती हैं। हारिल अपने पंजों में कोई एक छोटी-सी लकड़ी या तिनका पकड़े रहता है। वही उसके जीवन का सहारा है। गोपियों कृष्ण को हारिल की लकड़ी इसलिए मानती हैं कि कृष्ण ही उनके जीवन का एकमात्र सहारा है।
गोपियों के लिए हारिल पक्षी के पैरों की लकड़ी के समान कौन अभिन्न है?प्रश्न 1. नीचे 2 गद्यांश दिए गए हैं।
हमारे हरि हारिल की लकड़ी कहकर गोपियों ने क्या स्पष्ट किया है?गोपियों का कृष्ण को 'हारिल की लकड़ी' कहने का तात्पर्य यह है कि उनके ह्रदय में कृष्ण का प्रेम इतना दृढ़तापूर्वक समाया हुआ है जो किसी भी प्रकार निकल नहीं सकता। कहने का आशय है कि गोपियाँ कृष्ण के प्रति ही एकनिष्ठ हैं।
हारिल पक्षी की लकड़ी किसे कहा गया है और क्यों?इस पक्षी के बारे में मान्यता है कि यह धरती पर कभी पैर नहीं रखता। यदि यह धरती पर उतरता भी है तो अपने पैरों पर लकड़ी का टुकड़ा लेकर उतरता है एवं उसी पर बैठता है।
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