Bihar Board Class 7 Social Science Solutions Civics Samajik Aarthik Evam Rajnitik Jeevan Bhag 2 Chapter 8 हमारे आस-पास के बाजार Text Book Questions and Answers, Notes. Show
Bihar Board Class 7 Social Science हमारे आस-पास के बाजार Text Book Questions and Answersपाठगत प्रश्नोत्तर प्रश्नों के उत्तर दें- प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. प्रश्न 7. खरीददारों के पास मोल-भाव कर वस्तु की कीमत करवाने का मौका भी होता है। यहाँ पर ज्यादातर वस्तुएँ सस्ती एवं एक ही स्थान पर मिल जाता है। अलग-अलग सामान खरीदने के लिए अलंग-अलग स्थानों पर जाने की जरूरत नहीं होती है। प्रश्न 8. प्रश्न 9. प्रश्न 10. सभी लोग खरीदारी करने में व्यस्त थे। वहाँ आस-पास के गाँव के लोग भी खरीददारी करने आए थे। वे लोग जल्दी-जल्दी अपने जरूरत की समान खरीद रहे थे क्योंकि उन्हें शाम तक’ अपने गाँव वापस भी लौटना था और अगर किसी का कोई परिचित व्यक्ति मिल गया तो वो बातें भी कर रहे थे और खरीददारी भी। मेरे माता-पिता ने भी अपने जरूरतों के सामान की खरीददारी की और फिर हम अपने घर लौट आए। प्रश्न 11. सभी लोग अपने उपयोग के समान वहीं से लेते हैं। उनके दुकान का सामान भी बहुत अच्छे किस्म का होता है जरूरत पड़ने पर वे हमलोगों को उधार भी देते हैं और बाद में हम उन्हें पैसे दे देते हैं। उनके दुकान में बिक्री भी अच्छी होती है। प्रश्न 12. पर मोहल्ले के दुकानों में उस मोहल्ले के लोग या उसके आस-पास के लोग ही खरीददारी करने आते हैं। यहाँ के दुकानों में रोजमर्रा के उपयोग के समान भी मिलते हैं। यहाँ पर वस्तुओं का मोल-तोल कम किया जाता है। वह दुकानें स्थायी होती हैं और प्रतिदिन खुलली है। यहाँ पर जान-पहचान की वजह से आपको उधार सामान भी मिल सकता है पर साप्ताहिक बाजार में ऐसा नहीं होता है। प्रश्न 13. अपनी वस्तुओं को ज्यादा से ज्यादा बेचने के लिए वे लोग दाम कम करते हैं। जैसे-अगर कोई दुकानदार अपनी किसी वस्तु का मूल्य 10 रु. बताता है और खरीददार उसे नहीं खरीदता है तो दूसरा दुकानदार अपनी उसी वस्तु का दाम 9 रु. बताकर उसे बेच देता है। फिर यहाँ पर अलग-अलग दुकान होने से खरीददारों को मोल-भाव करने का भी पूरा मौका मिलता है और वे वस्तुओं का दाम कम करवा लेते हैं। फिर दुकानदारों को सुबह दुकान लगाकर शाम तक हटाना भी होता है इसलिए वे लोग वस्तुओं का दाम कर ज्यादा से ज्यादा वस्तुएँ बेचने की कोशिश करते हैं। प्रश्न 14. प्रश्न 15. वहीं मोहल्ले के दुकानदार से आप वस्तुओं के मोल-भाव भी कर सकते हैं और उनसे वस्तुओं के दाम कम भी करवा सकते हैं। मोहल्ले के दुकानदार आपको एक बार में महीने भर का सामान देकर बाद में पैसे नहीं ले सकते, उन्हें तुरंत ही पैसा चाहिए। मॉल के दुकानदार से आप उधार सामान भी नहीं ले सकते हैं। वहीं मोहल्ले के दुकानदार से आप वस्तुओं के मोल-भाव भी कर सकते हैं और उनसे वस्तुओं के दाम कम भी करवा सकते हैं। मोहल्ले के दुकानदार से हम महीने भर का सामान एक बार में ले सकते हैं और फिर पैसे मिलने पर उन्हें पैसे दे सकते हैं। मोहल्ले के दुकानदार जान-पहचान वाले होने के कारण कभी-कभी जरूरत पड़ने पर हमें उधार भी देते हैं। प्रश्न 16. जिसमें कंपनियों का बहुत पैसा खर्च होता है। फिर अपने ब्रांडेड सामानों को बेचने के लिए कंपनियाँ बड़े-बड़े शोरूम का उपयोग करते हैं। इसमें भी उनका बहुत पैसा खर्च होता है। इन्हीं सब कारणों से ब्रांडेड सामान बिना ब्रांड वाले सामान से महंगे होते हैं। प्रश्न 17. अभ्यास के प्रश्नोत्तर प्रश्न 1. बाजार कई प्रकार के होते हैं-गाँव की दुकान, गाँव का बाजार, साप्ताहिक बाजार या हाट, मोहल्ले का दुकान, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और मॉल और थोक बाजार। इन बाजारों में हम अपनी जरूरतों के हिसाब से खरीददारी करने जाते हैं। जब हमें कम सामान खरीदना होता है तो हम छोटी दुकानों से ही सामान खरीद लेते हैं और ज्यादा समान लेना होता है तो हम थोक बाजार से भी सामान खरीदते हैं। प्रश्न 2. मोहल्ले के दुकानदारों से जान-पहचान की वजह से कभी-कभी उधार समान भी मिल जाता है। पर यही अगर ग्राहक चाहे की वे शॉपिंग कॉम्प्लेक्स या मॉल में वस्तुओं का मोलभाव करें तो यह संभव नहीं होता क्योंकि मॉल में सामान बहुत महंगे और ब्रांडेड होते हैं। थोक बाजार में ग्राहक आसानी से मोल-भाव करते हैं, क्योंकि एक बार में ज्यादा सामान लेने पर सामानों की कीमत कुछ कम होती है। प्रश्न 3. इनकी आर्थिक स्थिति कुछ खास अंच्छी नहीं होती है। क्योंकि उन्हें – ज्यादा जाम नहीं होता । वे बड़े दुकानों की तरह सामानों को आधुनिक तरीके से पैकिंग करवाकर नहीं बेचते हैं। उनके दुकानों की साज-सज्जा भी अच्छी नहीं होती है। इसलिए उनकी आर्थिक स्थिति भी साधारण ही रहती है। प्रश्न 4. वहीं कुछ दूकानें बहुत बड़ी और आकर्षित ढंग से सजी हुई थी। वहीं कुछ दुकानों में ब्रांडेड कपडे, कुछ में ब्रांडेड जूते आदि मिल रहे थे। वहीं कुछ ठेले आदि पर भो जूते और कपड़े बेच रहे थे। वहीं पास में सब्जी और फल भी मिल रहे थे। ठेले पर चाट-पकौड़े, भुंजा ‘आदि मिल रहे थे। सभी लोग खरीददारी करने में व्यस्त थे। प्रश्न
5. Bihar Board Class 7 Social Science हमारे आस-पास के बाजार Notesपाठ का सार संक्षेप हमारे आस-पास के बाजार – हमें अपने आस-पास दुकानें देखने को मिलती है। बाजार में भी दुकानें देखने को मिलती है और इन दुकानों में तरह-तरह के सामान मिलते हैं। अपने आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए हमलोग बाजार जाते हैं। बाजार के कई रूप होते हैं जैसे नजदीक की दुकान, साप्ताहिक बाजार, बड़ी दुकान तथा शॉपिंग कॉम्पलेक्स आदि । इस अध्याय में हम बाजार के विभिन्न रूपों को जानेंगे। गाँव की दूकान – गाँव में ज्यादातर छोटी-छोटी दूकानें होती है। इन दुकानों में किराने का समान जैसे – माचिस, नमक, गड, चीनी, चाय, तेल आदि मिलता है। इन दुकानों में थोड़ा बहुत उधार सामान मिलता है, पैसा न होने पर यहाँ से लोगों का काम चल जाता है बशर्ते की दुकानदार आपको पहचानता हो। इन दुकानों में सामान के बदले सामान भी मिलता है, जिसे हम ‘वस्तु “विनिपय प्रणाली’ कहते हैं। यहाँ के लोग छोटी-छोटी जरूरतों के लिए इन दुकानों पर निर्भर रहते हैं। शहर में मोहल्ले की दुकान – हमारे मोहल्ले में भी किराने करदकान होती है । मोहल्ले में होने के कारण ज्यादातर लोग यहीं से सामान खरीदते हैं। यहाँ भी अलग-अलग ब्रांड के साबुन, दंत मंजन, पाउडर, केश तेल आदि रखे थे। मोहल्ले की दुकान होने के लोग उससे एक महीने का सामान एक बार में ही ले लेते हैं और फिर वेतन मिलने पर एक बार में ही पूरा पैसा दे देते हैं। दुकानदार हिसाब की एक पर्ची खरीददार को दे देता है और दूसरी अपनी रजिस्टर में लिख .ना है। गेहल्ले में ऐसी भी कई दुकानें होती हैं जहाँ दूध, फल, सब्जी, खाइ पदार्थ, हा स्टेशनरी आदि वस्तुएँ मिलती है। ये स्थायी एवं प्रतिदिन खुलने – जानें होती हैं। ग्राहक सभी बाजारों में समान रूप से खरीदारी क्यों नहीं कर पाते हैं?ग्राहक सभी बाजार में समान रूप से खरीददारी नहीं पाते क्योंकि कछ बाजारों जैसे-साप्ताहिक बाजार में ग्राहकों को वस्तुओं के दाम के माल-भाव करने का मौका मिलता है और वे वस्तुओं के दाम कम करवा सकते हैं और दुकानदार वस्तुओं के दाम कम नहीं करता है तो वे दूसरी दुकान से सामान ले लेते हैं।
जहां एक साथ कई तरह की दुकानें होती हैं उस बाजार को क्या कहते हैं?साप्ताहिक बाजार में एक ही तरह के सामानों के लिए कई दुकानें होती हैं, जिससे उनमें आपस में प्रतियोगिता भी होती है।
उस व्यक्ति को क्या कहते हैं जो विदेशों में माल भेजता है A निर्यातक B आयातक C व्यापारी D फैक्ट्री मालिक *?निर्यातक को आयातक द्वारा भुगतान करने की इंतजार करने की आवश्यकता नहीं है।
पटरी पर के दुकानदार एवं अन्य दुकानदारों की स्थिति में क्या अंतर है?पटरी पर दुकानदार एवं अन्य दुकानदारों की स्थिति में क्या अंतर है? पटरी पर दुकानदारों की स्थिति दयनीय होती है। वह अपना दुकान रोज लगाते एवं उठाते हैं उनकी दुकानें अस्थायी होती हैं वे रोज योजना बनाते हैं। रोज समान खरीदते और बेचते है।
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