Show आदर्श गैस के नियत ताप पर pV आरेख आदर्श गैस एक काल्पनिक सैद्धान्तिक गैस है जिसके कण यादृच्छ गति करने वाले, परस्पर अन्योन्यक्रिया न करने वाले और 'बिन्दुवत' हैं। आदर्श गैस की संकल्पना उपयोगी है क्योंकि आदर्श गैस आदर्श गैस नियम का पालन करती है जो एक सरलीकृत एवं सुविधाजनक समीकरण है। सामान्य परिस्थितियों में (जैसे मानक ताप व दाब पर) अधिकांश वास्तविक गैसें गुणात्मक रूप से आदर्श गैस की भांति ही व्यवहार करतीं हैं। नाइट्रोजन, आक्सीजन, हाइड्रोजन, अक्रिय गैसें और कुछ भारी गैसें जैसे कार्बन डाई आक्साइड आदि को कुछ त्रुटि के साथ आदर्श गैस जैसा माना जा सकता है। प्रायः जितना ही अधिक ताप तथा जितना कम दाब हो, किसी गैस का व्यवहार 'आदर्श गैस' के उतना ही समीप होता हैं। आदर्श गैस समीकरण[संपादित करें]आदर्श गैस का समीकरण निम्नलिखित है- जहाँ p दाब, V आयतन, n मोलों की संख्या, R आदर्श गैस नियतांक (= 8,314 J/K·mol) तथा T ताप (केल्विन में) है। जब दाब atm में तथा आयतन litre में हो, तब R(आदर्श गैस नियतांक) =0.0821 atm×litre/mol×Kelvin पूर्ण ऊष्मा (एन्थैल्पी)[संपादित करें]आदर्श गैस की पूर्ण ऊष्मा केवल उसके तापमान का फलन होती है। जहाँ Cp नियत दाब पर ऊष्मा धारिता है। इन्हें भी देखें[संपादित करें]
आदर्श गैस की विशेषता क्या है?Solution : आदर्श गैस- वह गैस जो गैस नियमो का या गैस समीकरण का प्रत्येक दाब पर ताप पर दृढ़ता से पाल करती है तो उसे आदर्श गैस कहते है । <br> विशेषताएँ-(1) स्थिर पर ताप गैस के दाब पर आयतन गुणनफल सदैव स्थिर होना चाहिये तथा स्थिर ताप PV पर P के मध्य खींचा गया ग्राफ एक क्षैतिज रेखा होनी चाहिये ।
आदर्श गैस समीकरण क्या है समझाइए?जो समीकरण किसी गैस की निश्चित मात्रा के दाब, आयतन और ताप में संबंध व्यक्त करती है उसे आदर्श गैस समीकरण (ideal gas equation in Hindi) कहते हैं। एवं R एक नियतांक है। जिसे सार्वत्रिक गैस नियतांक कहते हैं। इसका मान 8.31 जूल/मोल-केल्विन होता है।
आदर्श गैस कौन कौन सी होती है?यदि किसी धातु पर जिसका कार्य-फलन (work function) `verphi है, आपतित प्रकाश की आवृत्ति v है, तो उत्सर्जित फोटोइलेक्ट्रॉन की महत्तम गतिज ऊर्जा E जिस संबंध से प्राप्त होती है, वह है।
आदर्श गैस का सूत्र क्या होता है?आदर्श गैस के लिए मेयर के सूत्र `C_(p)-C_(v)=R` की स्थापना कीजिए। प्रतीकों के सामान्य अर्थ है।
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