कैंसर के मरीजों को उल्टी क्यों होती है? - kainsar ke mareejon ko ultee kyon hotee hai?

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कैंसर से डरें नहीं, कारण जानें और बचाव करें

भास्कर न्यूज | जशपुरनगर

‘कैंसर’, नाम सुनते ही लोगों में खौफ बन जाता है। शरीर के विभिन्न हिस्सों में कैंसर हो सकता है। कई बार यह जानलेवा हो जाता है। अगर सही समय पर कैंसर की पहचान कर समय पर उसका उपचार शुरू कर दिया जाए, तो कैंसर ठीक हो जाता है। सही समय पर जांच व उपचार नहीं होने के कारण यह लाइलाज हो जाता है। जिला मुख्यालय के एनसीडी (नॉन कम्यूनिकेबल डिजीज) सेल में कैंसर की स्क्रीनिंग और उसकी जांच की जाती है। लोगों में यह जागरूकता होनी चाहिए कि अब अब कैंसर से डरें नहीं, जानें और बचाव करें।

एनसीडी के नोडल अधिकारी डॉ. जीजे लकड़ा ने बताया कि कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसका नाम सुनते ही आम आदमी के होश उड़ जाते हैं। रोगी को मौत सामने दिखाई देती है। वह जिंदा रहने की उम्मीद ही छोड़ देता है। रोगी के साथ-साथ पूरा परिवार भीषण मानसिक परेशानी व संत्रास से गुजरता है। लोगों को लगता है कि इसका कोई इलाज नहीं है। पर ऐसा नहीं है। अगर सही समय पर कैंसर की पहचान हो जाए और समय पर रोगी का उपचार शुरू हो जाए, तो वह ठीक हो सकता है। इसके लिए जरूरी है कि लोग कैंसर को जानें, उसे समझें और उसके लक्षणों को पहचान कर चिकित्सक से संपर्क करें। तंबाकू, शराब जैसी चीजों से दूर रहकर माउथ कैंसर, लीवर कैंसर से बचा जा सकता है।

डॉ. लकड़ा का मानना है कि कैंसर को लाइलाज मानने के पीछे एक बड़ा कारण यह है कि कैंसर के मरीज लगभग आखिरी स्टेज में कैंसर के डॉक्टर के पास पहुंचते हैं। तब तक संक्रमण पूरे शरीर में फैल चुका होता है और मरीज की प्रतिरोधक शक्ति भी कमजोर पड़ जाती है। यही कारण है कि कैंसर से होने वाली मौतों की दर बहुत अधिक होती है और लोग इसे लाइलाज मानने लगते हैं। अगर सही समय पर इसकी पहचान कर इलाज शुरू कर दिया जाए, तो कैंसर न सिर्फ काबू में आ सकता है, बल्कि कई मामलों में पूरी तरह ठीक भी हो सकता है।

चिकित्सकों के मुताबिक सामान्य भाषा में कैंसर दरअसल शरीर की कोशिकाओं की अचानक वृद्धि होना है। जब शरीर के किसी अंग की कोशिकाओं में असामान्य रूप से बढऩे लगती हैं और इसके प्रभाव से अंग खराब होने लगते हैं, तो इसे कैंसर कहा जाता है।

कैंसर शरीर में किसी भी स्थान पर हो सकता है। पर कुछ प्रकार के कैंसर के केस अधिक आते हैं।

जैसे दुनिया भर में महिलाओं में स्तन कैंसर सबसे ज्यादा आम है। इसी तरह माउथ कैंसर, बोन कैंसर व लीवर कैंसर के मरीज भी काफी संख्या में हैं।

कैंसर के सही लक्षणों की पहचान तो डॉक्टर ही कर सकता है। पर चिकित्सकों का कहना है कि लगातार वजन घटना, बुखार का बना रहना, भूख में लगातार कमी, गले में खराश, थूक में खून आना, किसी घाव का लगातार बना रहना या सामान्य संक्रमण से बार-बार पीड़ित होना, ऐसे लक्षणों को गंभीरता से लेना चाहिए। ऐसे लक्षण आने पर डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। स्तन कैंसर की जांच के लिए महिलाओं को घर पर ही अपने स्तन की बारीकी से जांच करनी चाहिए। स्तन में गांठ या किसी स्थान पर लगातार कड़ापन लगातार बना रहे, तो डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।

ऐसे लोगों में होती है अधिक आशंका
तंबाकू खाने वाले, धूम्रपान करने वाले, जंक फूड अधिक खाने वाले और शारीरिक व्यायाम से दूर रहने वाले लोगों में कैंसर का खतरा अधिक होता है। इसके अलावा अनियमित दिनचर्या, असंतुलित खानपान और लगातार तनाव भी कैंसर का कारण बन सकते हैं। कैंसर से बचाव के लिए तीस मिनट का लगातार व्यायाम कैंसर को दूर रखने में मददगार है। इसके अलावा हरी सब्जियां, फल भी शरीर को स्वस्थ रखकर कैंसर का खतरा घटा सकते हैं। धूम्रपान और तंबाकू का सेवन न करें। साथ ही डिब्बाबंद और जंक फूड से बचना चाहिए। इनमें पाए जाने वाले कई रसायन शरीर में कैंसर उत्पन्न कर सकते हैं।

हर साल हो रहे 50 60 मरीज पीड़ित
जिले में अब तक कैंसर मरीजों का अलग से कोई सर्वे नहीं हुआ है। जिससे स्पष्ट बताया जा सके की जिले में कैंसर के कितने मरीज हैं। अस्पतालों में आने वाले कैंसर मरीजों के अाधार पर अनुमान लगाया जाता है कि 50 से 60 कैंसर के मरीज प्रतिवर्ष सामने आ रहे हैं और सही समय में उपचार और जानकारी नहीं होने के कारण असमय मौत के शिकार हो रहे हैं। जिस परिवार में ऐसे मरीज निकल रहे हैं उस परिवार की बड़ी दयनीय स्थिति हो जा रही है। डाक्टरों का मानना है कि सही समय में सही उपचार होने से कैंसर के मरीज ठीक हो सकता है।

कैंसर कोशिकाएं तेजी से बढ़ती हैं। सबसे जरूरी है इसकी जल्द पहचान। समय पर डाइग्नोसिस होने से कैंसर का इलाज संभव है। वर्तमान में कई आधुनिक पद्धति और दवाइयां इसके लिए उपलब्ध हैं। डॉ. जीजे लकड़ा, नोडल अधिकारी एनसीडी

बिना चोट के हड्डी का टूटना, कम समय में अचानक सूजन व तेज दर्द होने जैसे लक्षणों को गंभीरता से लें। यह बोन कैंसर का लक्षण हो सकता है। तत्काल डॉक्टर से जांच कराएं। जल्द डाइग्नोसिस होने से इसका उपचार हो सकता है। डॉ. अनुरंजन टोप्पो, अस्थि रोग विशेषज्ञ

मेरे पास माउथ कैंसर के कई मरीज आ रहे हैं। माउथ कैंसर सहित कई कैंसर की सही समय पर पहचान और इलाज होने से वह ठीक हो सकता है। डॉ. कांति प्रधान, दंत रोग विशेज्ञय

कैंसर रोग में उल्टी क्यों होती है?

कैंसर से पीड़ित बच्चों में जी मिचलाने और उल्टी होने के कारण मस्तिष्क के कैंसर वाले बच्चों में हाइड्रोसेफेलस हो सकता है, इसके कारण मस्तिष्क के अंदर तरल जमा होता जाता है। इस तरल से बढ़ा दबाव उन तंत्रिकाओं को ट्रिगर कर सकता है जिनके कारण उल्टी होती है।

कैंसर की लास्ट स्टेज में क्या होता है?

कैंसर की आखिरी स्टेज 4 होती है. यह काफी खतरनाक होती है और जानलेवा साबित हो सकती है. इस स्टेज में कैंसरस ट्यूमर आसपास या दूर के दूसरे शारीरिक अंगों तक फैल जाता है. इसे सेकेंडरी और मेटास्टेटिक कैंसर (Secondary or Metastatic Cancer) भी कहा जाता है.

उल्टी आने का कारण क्या है?

यह कई कारणों से होता है जैसे - मोशन सिकनेस / सीसिकनेस, गर्भावस्था की पहली तिमाही, भावनात्मक तनाव, पित्ताशय की बीमारी, संक्रमण, दिल का दौरा, अधिक भोजन करना, ब्रेन ट्यूमर, कैंसर, अल्सर, बुलिमिया और विषाक्त पदार्थों का सेवन या अधिक शराब।

कैंसर का मरीज कितने दिन तक जीवित रह सकता है?

अध्ययन के अनुसार, स्तन एवं प्रोस्टेट कैंसर के मामले में पांच वर्ष तक जीवित रहने की दर 80 प्रतिशत होती है, जबकि फेफड़े के कैंसर के मामले में यह दर 10 प्रतिशत है. फेफड़े के कैंसर से पीड़ित जो लोग पांच वर्ष तक जीवित रहते हैं उनमें किसी और कैंसर के शिकार होने की संभावना दस गुनी ज़्यादा होती है.