लोहे पर जंग लगना कौन सी प्रक्रिया है? - lohe par jang lagana kaun see prakriya hai?

लोहे पर जंग लगना क्रियाविधि , उदाहरण , अभिक्रिया , लोहे पर जंग लगना किसका उदाहरण है , कौनसा परिवर्तन प्रक्रिया , रोकने के उपाय (rusting of iron in hindi)

chemistry March 9, 2019 January 18, 2019

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(rusting of iron in hindi) लोहे पर जंग लगना क्रियाविधि , उदाहरण , अभिक्रिया , लोहे पर जंग लगना किसका उदाहरण है , कौनसा परिवर्तन प्रक्रिया , रोकने के उपाय : आपने अक्सर देखा होगा कि लोहे की बनी न्यु वस्तु लाल रंग की दिखाई देती है लेकिन जब हम पुरानी लोहे की वस्तुओं को देखते है तो इसका रंग कुछ काला-लाल हो जाता है ऐसा संक्षारण के कारण होता है अर्थात जब लोहा वायुमंडल (ऑक्सीजन) और नमी (पानी) के संपर्क में आता है तो लोहा इनके साथ क्रिया करके कुछ अवांछित यौगिक बना लेता है और लोहे का क्षय होने लगता है और इसी कारण इसका रंग भी बदल जाता है , इसे लोहे पर जंग लगना कहते है।
आपको जानकार आश्चर्य होगा कि विश्व के कुल उत्पादन का 15% लोहा जंग लगने के कारण ख़राब या नष्ट हो जाता है।
लोहे पर जंग लगना एक विद्युत रासायनिक क्रिया है।
लोहे पर जंग लगना एक प्रकार का संक्षारण है अर्थात लोहे पर जंग लगने को संक्षारण का एक उदाहरण कहा जा सकता है।
संक्षारण : कुछ धातुओं की सतह वायुमंडल और जल आदि के संपर्क में आने के कारण धीरे धीरे अवांछित यौगिकों में परिवर्तित होने लगती है इस क्रिया को संक्षारण कहते है।

 लोहे पर जंग लगना क्रियाविधि

जब लोहे पर जंग लगना शुरू होती है तो इसकी सतह पर इसके कारण विद्युत रासायनिक पदार्थ का बनना शुरू हो जाता है।

किसी भी धातु या लोहे आदि पर जंग लगना या संक्षारण एक प्राकृतिक क्रिया या घटना है , संक्षारण के कारण धातु अन्य पदार्थों या यौगिकों जैसे ऑक्साइड या हाइड्रॉक्साइड या सल्फाइड आदि में परिवर्तित हो जाते है।

लोहे पर जंग लगना एक प्रकार का रासायनिक परिवर्तन है। जिसमें आयरन , आयरन ऑक्साइड में परिवर्तित हो जाता है।

जब जल की बूंदे लोहे के संपर्क में आती है तो पानी की बूंदों में ऑक्सीजन (O2) और कार्बन डाई ऑक्साइड (CO2) उपस्थित रहती है , यह जल की बुँदे लोहे पर एक परत बना लेती है।

पानी की बूंदों में कार्बन डाई ऑक्साइड (CO2) होने के कारण , पानी की चालकता बढ़ जाती है और पानी जल अपघट्य की तरह व्यवहार करता है।

यहाँ जल अपघट्य कार्बन डाई ऑक्साइड (CO2)  के साथ क्रिया करके विद्युत अपघट्य की तरह निम्न प्रकार आयनों में टूटता है –

CO2
+ H2O = 2H+  + CO32-

यहाँ लोहे (आयरन) के परमाणु एनोड की तरह कार्य करते है इस प्रकार यह सतह एक छोटे विद्युत रासायनिक सेल की तरह कार्य करने लगता है जिसमें निम्न अभिक्रिया संपन्न होती है –

लोहे के कण + ऑक्सीजन + जल → आयरन ऑक्साइड

Fe + O2 + H2O —> FeO and Fe2O3

यहाँ FeO को फेरस ऑक्साइड कहते है और Fe2O3 को फेरिक ऑक्साइड कहते है।

लोहे की जंग को रोकने के उपाय

लोहे पर जंग को रोकने के लिए लोहे की सतहों को चिकना बनाया जाता है जिसके लिए लोहे की सतह पर ग्रीस , तेल , पेंट आदि लगाया जाता है जिससे वायु , जल और लोहे की सतह का सीधा संपर्क नहीं हो पाता है और लोहा कुछ हद तक जंग लगने अर्थात संक्षारण से बचा रहता है।

जहाँ तक संभव हो लोहे को नमी या पानी से दूर रखना चाहिए ताकि इस पर जंग न लगे।

लोहे को अन्य धातुओं को मिश्रित करके काम में लेना चाहिए ताकि इस पर जंग न लग पाए।

लोहे पर जंग लगना किस प्रकार की क्रिया है विकल्प है ऑक्सीकरण अपचयन ऑक्सीकरण और अपचयन दोनों इसमें से कोई नहीं ठीक है सबसे पहले लोहे का सूत्र देखे अभी लोहे का प्रतीक है ठीक है और जब जंग लग जाता है ठीक है तो जंग जब लोहे पर लग जाता है तो उसका रासायनिक सूत्र क्या हो जाता है mp3 डॉट एक्स फुल एचडी ठीक है 1423 जितने भी और आक्सीजन की उपस्थिति में लोग ही परमाणु होता है ठीक है कि लोहे का परमाणु होता है ठीक है वह क्या होता है वह धीरे-धीरे ऑक्सीजन से मिलता है और लोहे का क्या बनाता है ऑक्साइड बनाता रहता है ठीक है मतलब लोहे का परमाणु धीरे-धीरे ऑक्सीजन से मिलकर लोहे का ऑक्साइड बनाते रहते हैं और जंग लगने की क्रिया जारी रहती है ठीक है

जंग लगने की क्रिया जारी रहती है ठीक है समझ गए यहां पर देखिए क्या जंग का सूत्र है जंग लगने के बाद लो यह होता है बताएं सूत्रों से पता है जब भी ऑक्सीजन छोड़ता है ठीक है ऑक्सीजन का जोड़ना ऑक्सीजन का जोड़ना और हाइड्रोजन का निकलना ठीक है ऑक्सीजन का जोड़ना हाइड्रोजन का निकलना क्या कहलाता है ऑक्सीकरण कैसा आता है क्या कहलाता है ऑक्सीकरण ठीक है और हमारा हाइड्रोजन का जोड़ना ऑक्सीजन का निकलना ऑक्सीजन का क्या हुआ निकल ना तब वह क्या कहलाता है वह हमारा अपचयन कहलाता है ठीक है क्या कैलाश तो यहां पर मैंने एक परिभाषा जो लिखी है यहां कारण नवमी और आक्सीजन की उपस्थिति में लोहे का परमाणु धीरे-धीरे ऑक्सीजन से मिल रहा है और लोहे का ऑक्साइड बनारस

ऑक्सीजन सिम मिल रहा है यानी कि ऑक्सीजन जोड़ रहा है अपना लोहा जो है ऑक्सीजन को जोड़ रहा है और फिर जंग लग जा रहा है ठीक है तो ऑक्सीजन का जोड़ना क्या है ऑक्सीजन का जोड़ना पहले बता चुका हूं क्या कहलाता है ऑक्सीकरण कहलाता है ठीक है इसलिए मारो विकल कौन से सही हो जाएगा इसलिए मारा विकल पहला वाला सही हो जाएगा ओके थैंक यू

लोहे में जंग लगना कौन सी अभिक्रिया का उदाहरण है?

लोहे पर जंग लगना एक विद्युत रासायनिक क्रिया है। लोहे पर जंग लगना एक प्रकार का संक्षारण है अर्थात लोहे पर जंग लगने को संक्षारण का एक उदाहरण कहा जा सकता है। संक्षारण : कुछ धातुओं की सतह वायुमंडल और जल आदि के संपर्क में आने के कारण धीरे धीरे अवांछित यौगिकों में परिवर्तित होने लगती है इस क्रिया को संक्षारण कहते है।

लोहे के जंग लगने की प्रक्रिया क्या कहलाती?

लोहे (Iron) पर जंग लगने की प्रक्रिया को संक्षारण (Corrosion) कहते हैं।

जंग लगना कौन सी अभिक्रिया है?

जंग लोहा नहीं है। जंग उस पदार्थ (लौह ) से भिन्न होती है, जिस पर यह लगती है।

लोहे में जंग लगने की क्रिया किसकी सहायता से होती है?

इस सुचालकता की श्रेणी में यह चाँदी के बाद दूसरे क्रम पर आता है। इसमें एक लालिमा जैसी चमक होती है। यह सामान्यतः जल से अभिक्रिया नहीं करता है पर वायव्य जारक से धीरे धीरे संयोग कर ऑक्साईड बनाता है। लेकिन लोहे में जंग लगने से बिल्कुल अलग इसका ऑक्साईड धातु के ऊपर एक परत बनाता है जो इसके और ऑक्सीकरण को रोकता है।