गरियाबंद जिले में कितने गांव हैं - gariyaaband jile mein kitane gaanv hain

गरियाबंद जिले में कुल 336 ग्राम पंचायत तथा 710 गाँव (710-आबाद ग्राम, 710-राजस्व ग्राम) हैं :

विकासखंड वार ग्राम पंचायत तथा ग्राम की संख्या
स.क्र.विकासखंड का नामभौगोलिक क्षेत्रफल (वर्ग किमी. में)ग्राम पंचायतकुल ग्रामआबाद ग्राम
1 गरियाबंद 726.12 62 172 172
2 छुरा 714.62 74 167 167
3 फिंगेश्वर 474.27 72 98 98
4 देवभोग 301.53 54 94 94
5 मैनपुर 670.52 74 179 179
कुल 2887.06 336 710 710

01 जनवरी 2012 को अस्तित्व में आया गरियाबंद जिले का समारोहपूर्वक शुभारंभ 11 जनवरी 2012 को मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह द्वारा किया गया। 5822.861 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला यह जिला प्राकृतिक संसाधनों से परिपूर्ण है। उत्तर में पैरी एवं सोढ़ूर नदी यहां से प्रवाहित होती है तथा राजिम में मिलकर त्रिवेणी संगम बनाती है। ओडिसा राज्य की सीमा का निर्माण करते हुए तेल नदी प्रवाहित होती है। जिले के प्रमुख तीर्थ स्थल राजिम जिसे छत्तीसगढ़ का प्रयागराज भी कहा जाता है, में हर साल माघ पूर्णिमा से महाशिवरात्रि तक कुंभ मेला का आयोजन किया जाता है। यह जिला पांच तहसीलों का भौगोलिक क्षेत्रफल क्रमशः गरियाबंद तहसील क्षेत्रफल – 726.12 वर्ग किलोमीटर, छुरा तहसील क्षेत्रफल – 714.62 वर्गकिलोमीटर , मैनपुर तहसील क्षेत्रफल – 670.52 वर्गकिलोमीटर, देवभोग तहसील क्षेत्रफल – 301.53 वर्गकिलोमीटर एवं राजिम तहसील जिसका क्षेत्रफल – 474.27 वर्ग किलोमीटर है, में विभाजित है। जिले में इतने ही विकासखण्ड फिंगेश्वर, गरियाबंद, छुरा, मैनपुर एवं देवभोग है। इनमें से गरियाबंद, छुरा एवं मैनपुर आदिवासी बाहुल्य विकासखण्ड है। जिले में चार नगरीय निकाय है, जिसमें से एक नगर पालिका गरियाबंद एवं तीन नगर पंचायत राजिम, छुरा एवं फिंगेश्वर हैं। गरियाबंद वनमण्डल का क्षेत्रफल 1951.861 वर्ग किलोमीटर है तथा उदंती सीता नदी टाईगर रिजर्व में इस जिले का 983.94 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल शामिल है। गरियाबंद जिला राजिम की प्राचीन मंदिरों के दर्शन से प्रारंभ होता है। फिंगेश्वर विकासखण्ड मैदानी होने के कारण सिंचाई, उन्नत कृषि वाला क्षेत्र है। वहीं छुरा विकासखण्ड घटारानी एवं जतमई जैसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थल के रूप में अपनी पहचान बना चुका है। बारूका एनीकट, टोनहीडबरी, रमईपाट सहित रसेला से लगा हुआ ओडि़सा सरहद का मलयगिरी पर्वत वन एवं मैदानी क्षेत्र है। गरियाबंद विकासखण्ड में पैरी एवं सोंढूर नदी के संगम से धमतरी जिला की सीमा बनाते हुए साल, सागौन सहित वनोपज सम्पदा से सम्पन्न क्षेत्र है। मैनपुर विकासखण्ड पूरी तरह सघन वनों वाला क्षेत्र होने के साथ ही बेहराडीह एवं पायलीखण्ड में बहुमूल्य रत्नों को धारित किये हुये है। दुर्लभ प्रजाति के वनभैंसों के लिए विख्यात उदंती अभ्यारण्य इसी विकासखण्ड में स्थित है। सघन बसाहट वाले देवभोग विकासखण्ड में अलेक्जेण्ड्राईट, कोरण्डम एवं गारनेट जैसे बहुमूल्य रत्न भण्डारित है। पूर्व में यह रायपुर राजस्व जिले में शामिल था। जिले का कुल 51 फीसदी वन क्षेत्र है। जिले के तहत कुल 711 गांव आते हैं। इस नवगठित जिले में अलेक्जेंडर और हीरे जैसी मूल्यवान खनिज सम्पदा भी है। कहा जाता है कि गिरि यानी पर्वतों से घिरे होने के कारण इसका नाम गरियाबंद रखा गया। इस जिले में वन्य प्राणियों सहित जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध उदंती अभ्यारण्य है। महानदी, पैरी और सोंढूर नदियों के पवित्र संगम पर स्थित देश का प्रसिद्ध तीर्थ स्थल राजिम अब इस जिले में शामिल हो गया है। देवभोग क्षेत्र के चावल इस जिले की पहचान है। लोक मान्यता है कि पूर्व में देवभोग क्षेत्र का चावल, भगवान जगन्नाथ के भोग के लिए जगन्नाथपुरी भेजा जाता था इसलिए इस इलाके के चावल का नाम देवभोग हो गया।

जिले के विषय मेंविवरण

प्राकृतिक परिदृश्य वनक्षेत्र
मिट्टी कन्हार, मटासी
प्रमुख नदियाँ पैरीनदी, सोंढूर नदी, तेलनदी, सरगीनाला, सुखानाला, बघनईनाला, उदन्ती नदी
जलप्रपात देवदरहा, बुडेनाफाल, बोतलधारा, ऋषि झरण, चिंगरा पगार (बारूका)
पर्वत कांदाडोंगर, भाठीगढ़, कुल्हाड़ीघाट, धवलपुर, मलेवा पहाड़, रमईपाट डोंगरी, भैसामुड़ा पहाड़, फुलझर-बारूका, बम्हनी डोंगरी, चांदी डोंगरी, उरतुली डोंगरी
मौसम गरियाबंद जिला उष्ण कटीबंदीय जलवायु पाई जाती है। मुख्य रूप से यहां बारिश बंगाल की खाड़ी से आने वाली मानसूनी हवाओं से होती है।
(1) वर्षा ऋतु जिले में मानसूनी बरसात जून के मध्य से सितंबर माह के अंत तक मानी जाती है। राज्य में बंगाल की खाड़ी से उठने वाली दक्षिण पश्चिमी मानसूनी हवाओं से वर्षा होती है। सर्वाधिक बारिश जुलाई और अगस्त माह में होती है।
(2) ग्रीष्म ऋतु जिले में मार्च से जून तक ग्रीष्म ऋतु रहती हैं।
(3) शीत ऋतु जिले में शीत ऋतु नवंबर से फरवरी माह तक रहती है। दिसंबर एवं जनवरी में यहां सर्वाधिक ठंडे महीने है।
प्रमुख फसलें धान, मक्का, कोदो, कुटकी, चना, तिवरा, मसूर, उड़द, मूंग
कृषि भूमि 14,2,590 हेक्टेयर
दो फसली कृषि भूमि 67,570 हेक्टेयर
पैरी नदी का उद्गम स्थल भाटीगढ़
लम्बाई 130 किलोमीटर
सिंचाई (आँकड़े) सिंचाईं का प्रतिशत् – 49.56%
कुल सिंचित क्षेत्रफल 70665 हेक्टेयर
शुद्ध सिंचित क्षेत्रफल 55,621 हेक्टेयर

गरियाबंद जिले में कितने पंचायत है?

जिले में चार नगरीय निकाय है, जिसमें से एक नगर पालिका गरियाबंद एवं तीन नगर पंचायत राजिम, छुरा एवं फिंगेश्वर हैं।

गरियाबंद जिला में कितने ब्लॉक हैं?

गांव और पंचायत.

गरियाबंद जिले की जनसंख्या कितनी है?

जनसांख्यिकी.

गरियाबंद जिले का कलेक्टर का क्या नाम है?

श्री प्रभात मलिक, भा. प्र. से.