जैसे-जैसे दीवाली का पर्व नजदीक आता है लोग अपने घरों और दुकानों की साफ-सफाई की तैयारी शुरू कर देते हैं। लोग घरों की दीवारों पर नया पेंट कराकर अपने आशियाने को नई रंगत और लुक देते हैं। लेकिन कई बार भूलवश घर की दीवारों पर पेंट करते समय वास्तु के महत्व को अनदेखा कर देते हैं जिससे बाद में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वास्तु में हर रंग का अपना अलग महत्व होता है इसलिए घर पर पेंट करवाते समय वास्तु के नियमों का जरूर पालन करना चाहिए। Show
- भारतीय संस्कृति में पीले रंग का विशेष महत्व है। पीला रंग मन को शान्ति और सुकून पहुंचाता है। घर के मुख्य कमरे को अगर पीले रंग से पेंट कराया जाए जो यह बहुत शुभ होता है। - घर का उत्तरी हिस्सा आर्थिक संपन्नता का प्रतीक होता है इसलिए अपने घर की आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए उत्तरी दीवार पर हरा रंग का पेंट करवाना लाभ पहुंचता है। - घर की दीवारों के अतिरिक्त दरवाजे और खिड़कियों में हमेशा गहरे रंग से पेंट करवाना चाहिए - वास्तु शास्त्र के मुताबिक हल्का रंग का प्रयोग करना हमेशा अच्छा होता है। डार्क रंग जैसे लाल, ग्रे और काला हर किसी को सूट नहीं आता। ये रंग आपके घर के एनर्जी को कम करते हैं। घर की दिशा के अनुसार रंगों का चयन - नॉर्थ-ईस्ट की दिशा के लिए हल्का नीला। कमरे के अनुसार रंगों का चयन Which color is the home for the house, which will bring happiness to prosperity Which color is the home for the house, which will bring happiness to prosperity यूं तो घर और कमरों में रंग सभी करवाते हैं। पर कभी आप ने सोचा है कि रंगों का क्या प्रभाव पड़ता हैं। वास्तु के अनुसार घर का रंग होने से सुख समृद्धि आती है। घर का रंग हमारे अंतर्मन और विचारों को निश्चित रूप से प्रभावित करता है।जिस प्रकार घर बनाने में पांच तत्वों पृथ्वी, जल, अग्नि,वायु और आकाश का समावेश होता है उसी प्रकार जिस शरीर को हम सब धारण किए हुए है। वह भी पंचतत्त्व से निर्मित है। यही कारण है की यदि घर में वास्तु दोष होता है तब उस घर में रहने वाले घर के स्वामी और सदस्यों के ऊपर विपरीत प्रभाव होता है और अनेक प्रकार के कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। आप आज हम इसकी जानकारी देंगे की रंगों का हमारे जीवन में क्या प्रभाव पड़ता हैं। वास्तु के अनुसार घर का रंग होने से सुख समृद्धि आती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार प्रत्येक वस्तु हमें प्रभावित करती है उसी प्रकार घर की दीवारों का रंग भी हमारे अन्तःचेतना, स्वभाव तथा कार्यप्रणाली को पूर्णरूपेण प्रभावित करता है। Ghar ke andar ka colorसामान्यतः रंग को देखते ही हमारे अंदर रंग के अनुरूप कुछ कुछ होने लगता है जैसे – सफेद रंग को देखते ही मन को शान्ति मिलती है वही लाल रंग को देखकर मन में उतावलापन बढ़ जाता है और यदि लाल रंग का प्रयोग आपने अपने शयन कक्ष किया है तो आपको अपने बीवी से अकारण क्लेश होना स्वाभाविक है। घर या अपार्टमेंट के इंटीरियर ( आंतरिक सज्जा ) में रंग का सही इस्तेमाल करके अपने व्यक्तिगत तथा पारिवारिक जीवन में आने वाली समस्याओं से शीघ्र ही मुक्ति मिल सकती है। ghar ke bahar ka colorवास्तु शास्त्र के अनुसार घर की हर वस्तु हमें पूरी तरह प्रभावित करती है। घर की दीवारों का रंग भी हमारे विचारों और कार्यप्रणाली को प्रभावित करता है। हमारे घर का जैसा रंग होता है, उसी रंग के स्वभाव जैसा हमारा स्वभाव भी हो जाता है। Which color is the home for the house, which will bring happiness to prosperityघर की दीवारों पर वास्तु के अनुसार बताए गए रंग ही रखना चाहिए। (ghar ke bahar ka colour paint)-भवन में उत्तर का भाग जल तत्व का माना जाता है। इसे धन यानी लक्ष्मी का स्थान भी कहा जाता है। अत: इस स्थान को अत्यंत पवित्र व स्वच्छ रखना चाहिए और इसकी साज-सजा में हरे रंग का प्रयोग किया जाना चाहिए। अतः यदि आप अपने घर में वास्तु शास्त्र के अनुसार निर्धारित रंग का प्रयोग करते है तो अवश्य ही कुछ हद तक आपकी जिन्दंगी में खुशियों का रंग भर जाएगा। रंग तथा उसके मुख्य गुण vastu ke hisab se ghar ka colour
बैठक कक्ष : मेहमान का कमरा या स्वागत कक्ष हमारे घर का बहुत ही महत्त्वपूर्ण कमरा होता है यह वह स्थान है जहां घर के सभी सदस्य एक साथ बैठते है तथा अतिथि भी जब घर में आते है तो सबसे पहले इसी कक्ष में उनका स्वागत होता है। अतः ड्राइंग रूम में ऐसे रंगों का प्रयोग करे जो आपके इंटीरियर में चार चांद लगा दे। अपने बैठक कक्ष में सफेद, गुलाबी, पीला, क्रीम या हल्का भूरा रंग तथा हल्का नीला का प्रयोग करना चाहिए। शयन कक्ष : शयन कक्ष की दीवारों पर गहरे और आँखों को चुभने वाले रंगों का प्रयोग नहीं करना चाहिए। इस कक्ष में हल्के तथा वैसे रंग का प्रयोग करे जो आपके मन को शांति व सौम्यता प्रदान करने वाला हो। शयन कक्ष की दीवारों पर आसमानी, हल्का गुलाबी, हल्का हरा तथा क्रीम रंग का प्रयोग करवाना चाहिए। Which color is the home for the house, which will bring happiness to prosperityभोजन कक्ष : भोजन के कमरा का बहुत ही महत्त्व होता है क्योकि यह वह स्थान होता है जहां पर घर के प्रत्येक सदस्य एक साथ बैठकर भोजन करते है। भोजन के दौरान कई बार बहुत ही महत्त्वपूर्ण निर्णय भी ले लिया जाता है अतः इस स्थान पर वैसे रंग का प्रयोग किया जाए जो घर के सभी सदस्यों को जोड़ने तथा कोई भी निर्णय लेने में सहायक हो। भोजन के कमरा में हल्का हरा, गुलाबी, आसमानी या पीला रंग शुभ फल देता है। रसोईघर : वास्तु शास्त्र में दक्षिण पूर्व दिशा जिसे आग्नेय कोण भी कहा जाता है में रसोई घर बनाना चाहिए। इस दिशा का स्वामी ग्रह शुक्र है तथा देवता अग्नि ( आग ) है। अपने रसोईघर में सकारत्मक ऊर्जा के प्रवाह के लिए हमें शुक्र ग्रह से सम्बन्धित रंग का ही प्रयोग करना चाहिए। रसोईघर के लिए सबसे शुभ रंग सफेद अथवा क्रीम होता है। यदि रसोईघर में वास्तु दोष है तो रसोईघर के आग्नेय कोण में लाल रंग का भी प्रयोग कर सकते है। अध्ययन कक्ष : अपने घर में पूर्व तथा दक्षिण पश्चिम दिशा अध्ययन कक्ष के लिए सबसे अच्छा होता है। अध्ययन कक्ष के लिए हलके रंग का प्रयोग करना बेहतर होता है। अध्ययन कक्ष के लिए क्रीम कलर, हल्का जामुनी, हल्का हरा या गुलाबी, आसमानी या पीला रंग का प्रयोग करना अच्छा होता है। स्नानघर एवं शौचालय : स्नानघर एवं शौचालय में सफेद, गुलाबी या हल्का पीला या हल्का आसमानी रंग का प्रयोग करने से मन को शकुन मिलता है। छतें : हमारी छतें प्रकाश को परावर्तित कर सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती हैं इस कारण से इस स्थान पर ऐसे रंग का प्रयोग करना चाहिए जो परावर्तन में सहायक हो। छत के लिए सबसे उपयुक्त रंग है सफेद अथवा क्रीम। मंदिर कक्ष : हमेशा कोशिश करनी चाहिए कि पूजा घर के ईशान कोण में बनाया जाय। यह वह स्थान होता है जहां बैठकर हम सब ध्यान और साधना के माध्यम से अपने मन की शांति तथा इच्छाओं की पूर्ति के लिए भगवान से प्रार्थना करते है। इसलिए पूजा घर में ऐसे रंग का प्रयोग करना चाहिए जो हमें एकाग्रता प्रदान करे। पूजा घर में गहरे अथवा विभिन्न प्रकार के अलग-अलग रंगों का प्रयोग नहीं करना चाहिए क्योकि वह मन को भ्रमित कर सकता है। शांति और एकाग्रता का प्रतीक सफेद, हल्के नीले या पीले रंग का प्रयोग करना चाहिए। आध्यात्मिक रंग गेरुआ व नारंगी का प्रयोग करना शुभ होगा। ब्रह्म स्थान : घर के मध्य भाग में ब्रह्म का निवास स्थान होता है इस स्थान में गहरे या भड़कीले भूरा, लाल, नीला, पीला हरा आदि रंगों का प्रयोग नहीं करना चाहिए। इस स्थान पर अन्धेरा नहीं होना चाहिए अतः प्रकाश में वृद्धि करने के लिए सफेद या हल्के रंगों का प्रयोग करना चाहिए। यह भी पढ़े:-
घर के लिए कौन सा कलर शुभ होता है?प्रवेश कक्ष यानि दरवाजे से अंदर आते ही जों कमरा सबसे पहले आता है, वहां सफेद, हल्का हरा, गुलाबी व नीला रंग करवाना शुभ परिणाम देता है। 2. बैठक कक्ष यानि लिविंग रूम में हमेशा पीला, मटमैला, भूरा, हरा रंग शुभ होता है। 3.
घर के अंदर कौन सा पेंट करना चाहिए?पीला रंग मन को शान्ति और सुकून पहुंचाता है। घर के मुख्य कमरे को अगर पीले रंग से पेंट कराया जाए जो यह बहुत शुभ होता है। - घर का उत्तरी हिस्सा आर्थिक संपन्नता का प्रतीक होता है इसलिए अपने घर की आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए उत्तरी दीवार पर हरा रंग का पेंट करवाना लाभ पहुंचता है।
दुनिया का सबसे सुंदर रंग कौन सा है?जो अपने मन को भाए, वहीं दुनिया का सबसे सुंदर रंग है।
कई लोगों को सफेद रंग पसंद होता है क्योंकि वह शांति का प्रतीक है। - कुछ लोगों को केसरी रंग भाता है क्योंकि वह त्याग का प्रतीक है। - हरा रंग समृद्धि का रंग माना जाता है इसलिए शुभ कार्यों में हरे रंग का प्रयोग में किया जाता है।
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