संस्कृत से उत्पन्न यह विकसित शब्दों को क्या कहते हैं? - sanskrt se utpann yah vikasit shabdon ko kya kahate hain?

संस्कृत
संस्कृतम्

संस्कृत से उत्पन्न यह विकसित शब्दों को क्या कहते हैं? - sanskrt se utpann yah vikasit shabdon ko kya kahate hain?

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संस्कृत से उत्पन्न यह विकसित शब्दों को क्या कहते हैं? - sanskrt se utpann yah vikasit shabdon ko kya kahate hain?

(ऊपर) श्रीमद्भग्वद्गीता की १९वीं शताब्दी की एक पाण्डुलिपि[1] अनुमान है कि गीता की रचना ४०० ईसापूर्व से लेकर २०० ईसापूर्व में हुई थी।[2][3] (नीचे) कलकता के संस्कृत कॉलेज के १७५वीं जयन्ती के अवसर पर भारत सरकार द्वारी जारी डाकटिकट। यह कॉलेज तीसरा सबसे पुराना कॉलेज है। १७९१ में स्थापित काशी संस्कृत कालेज सबसे पुराना महाविद्यालय है।

बोली जाती है भारत, नेपाल
कुल बोलने वाले १००४,१३५ (जनगणना के अनुसार।)[4]
भाषा परिवार
  • संस्कृत
लेखन प्रणाली देवनागरी (वस्तुतः), अन्य ब्राह्मी–लिपि
आधिकारिक स्तर
आधिकारिक भाषा घोषित भारतीय संविधान में अनुसूचित 22 भाषाओं में से एक।
नियामककोई आधिकारिक नियमन नहीं
भाषा कूट
ISO 639-1sa
ISO 639-2san
ISO 639-3san
सूचना: इस पन्ने पर यूनीकोड में अ॰ध॰व॰ (आई पी ए) चिह्न हो सकते हैं।

संस्कृत (संस्कृतम्) भारतीय उपमहाद्वीप की एक भाषा है। संस्कृत एक हिंद-आर्य भाषा है जो हिंद-यूरोपीय भाषा परिवार की एक शाखा है।[5] आधुनिक भारतीय भाषाएँ जैसे, हिंदी, बांग्ला, मराठी, सिन्धी, पंजाबी, नेपाली, आदि इसी से उत्पन्न हुई हैं। इन सभी भाषाओं में यूरोपीय बंजारों की रोमानी भाषा भी शामिल है। संस्कृत में वैदिक धर्म से संबंधित लगभग सभी धर्मग्रंथ लिखे गए हैं। बौद्ध धर्म (विशेषकर महायान) तथा जैन मत के भी कई महत्त्वपूर्ण ग्रंथ संस्कृत में लिखे गए हैं। आज भी हिंदू धर्म के अधिकतर यज्ञ और पूजा संस्कृत में ही होती हैं। संस्कृत आमतौर पर कई पुरानी इंडो-आर्यन किस्मों को जोड़ती है। इनमें से सबसे पुरातन ऋग्वेद में पाया जाने वाला वैदिक संस्कृत है, जो 3000 ईसा पूर्व और 2000 ईसा पूर्व के बीच रचित 1,028 भजनों का एक संग्रह है, जो इंडो-आर्यन जनजातियों द्वारा आज के उत्तरी अफगानिस्तान और उत्तरी भारत में अफगानिस्तान से पूर्व की ओर पलायन करते हैं। वैदिक संस्कृत ने उपमहाद्वीप की प्राचीन प्राचीन भाषाओं के साथ बातचीत की, नए पौधों और जानवरों के नामों को अवशोषित किया। द्रविड़ कोई भाषा नहीं बल्कि एक प्राचीन भारतीय राज्य था।

भारत के संविधान की आठवीं अनुसूची में संस्कृत को भी सम्मिलित किया गया है। यह उत्तराखण्ड की द्वितीय राजभाषा है। आकाशवाणी और दूरदर्शन से संस्कृत में समाचार प्रसारित किए जाते हैं। कतिपय वर्षों से डी. डी. न्यूज (DD News) द्वारा वार्तावली नामक अर्धहोरावधि का संस्कृत-कार्यक्रम भी प्रसारित किया जा रहा है, जो हिन्दी चलचित्र गीतों के संस्कृतानुवाद, सरल-संस्कृत-शिक्षण, संस्कृत-वार्ता और महापुरुषों की संस्कृत जीवनवृत्तियों, सुभाषित-रत्नों आदि के कारण अनुदिन लोकप्रियता को प्राप्त हो रहा है।

इतिहास[संपादित करें]

संस्कृत से उत्पन्न यह विकसित शब्दों को क्या कहते हैं? - sanskrt se utpann yah vikasit shabdon ko kya kahate hain?

संस्कृत भाषा का वैश्विक विस्तृति : ३०० ईसापूर्व से लेकर १८०० ई तक की कालावधि में रचित संस्कृत ग्रन्थ एवं संस्कृत अभिलेखों की प्राप्ति के क्षेत्र

संस्कृत का इतिहास बहुत पुराना है। वर्तमान समय में प्राप्त सबसे प्राचीन संस्कृत ग्रन्थ ॠग्वेद है जो कम से कम ढाई हजार ईसापूर्व की रचना है।

व्याकरण[संपादित करें]

संस्कृत भाषा का व्याकरण अत्यन्त परिमार्जित एवं वैज्ञानिक है। बहुत प्राचीन काल से ही अनेक व्याकरणाचार्यों ने संस्कृत व्याकरण पर बहुत कुछ लिखा है। किन्तु पाणिनि का संस्कृत व्याकरण पर किया गया कार्य सबसे प्रसिद्ध है। उनका अष्टाध्यायी किसी भी भाषा के व्याकरण का सबसे प्राचीन ग्रन्थ है।

संस्कृत में संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण और क्रिया के कई तरह से शब्द-रूप बनाये जाते हैं, जो व्याकरणिक अर्थ प्रदान करते हैं। अधिकांश शब्द-रूप मूलशब्द के अन्त में प्रत्यय लगाकर बनाये जाते हैं। इस तरह ये कहा जा सकता है कि संस्कृत एक बहिर्मुखी-अन्त-श्लिष्टयोगात्मक भाषा है। संस्कृत के व्याकरण को वागीश शास्त्री ने वैज्ञानिक स्वरूप प्रदान किया है।

ध्वनि-तन्त्र और लिपि[संपादित करें]

संस्कृत भारत की कई लिपियों में लिखी जाती रही है, लेकिन आधुनिक युग में देवनागरी लिपि के साथ इसका विशेष संबंध है। देवनागरी लिपि वास्तव में संस्कृत के लिए ही बनी है, इसलिए इसमें हर एक चिह्न के लिए एक और केवल एक ही ध्वनि है। देवनागरी में १३ स्वर और ३३ व्यंजन हैं। देवनागरी से रोमन लिपि में लिप्यन्तरण के लिए दो पद्धतियाँ अधिक प्रचलित हैं : IAST और ITRANS. शून्य, एक या अधिक व्यंजनों और एक स्वर के मेल से एक अक्षर बनता है।

चित्र:संस्कृत वाक्यांश.png
संस्कृत, क्षेत्रीय लिपियों में लिखी जाती रही है।

स्वर[संपादित करें]

ये स्वर संस्कृत के लिए दिए गए हैं। हिन्दी में इनके उच्चारण थोड़े भिन्न होते हैं।

वर्णाक्षर“प” के साथ मात्राIPA उच्चारण"प्" के साथ उच्चारणIAST समतुल्यअंग्रेज़ी समतुल्यहिन्दी में वर्णन
/ ə / / pə / a लघु या दीर्घ Schwa: जैसे a, above या ago में मध्य प्रसृत स्वर
पा / α: / / pα: / ā दीर्घ Open back unrounded vowel: जैसे a, father में दीर्घ विवृत पश्व प्रसृत स्वर
पि / i / / pi / i लघु close front unrounded vowel: जैसे i, bit में ह्रस्व संवृत अग्र प्रसृत स्वर
पी / i: / / pi: / ī दीर्घ close front unrounded vowel: जैसे i, machine में दीर्घ संवृत अग्र प्रसृत स्वर
पु / u / / pu / u लघु close back rounded vowel: जैसे u, put में ह्रस्व संवृत पश्व वर्तुल स्वर
पू / u: / / pu: / ū दीर्घ close back rounded vowel: जैसे oo, school में दीर्घ संवृत पश्व वर्तुल स्वर
पे / e: / / pe: / e दीर्घ close-mid front unrounded vowel: जैसे a in game (संयुक्त स्वर नहीं) में दीर्घ अर्धसंवृत अग्र प्रसृत स्वर
पै / ai / / pai / ai दीर्घ diphthong: जैसे ei, height में दीर्घ द्विमात्रिक स्वर
पो / ο: / / pο: / o दीर्घ close-mid back rounded vowel: जैसे o, tone (संयुक्त स्वर नहीं) में दीर्घ अर्धसंवृत पश्व वर्तुल स्वर
पौ / au / / pau / au दीर्घ diphthong: जैसे ou, house में दीर्घ द्विमात्रिक स्वर

संस्कृत में दो स्वरों का युग्म होता है और "अ-इ" या "आ-इ" की तरह बोला जाता है। इसी तरह "अ-उ" या "आ-उ" की तरह बोला जाता है।

इसके अलावा निम्नलिखित वर्ण भी स्वर माने जाते हैं :

  • -- वर्तमान में, स्थानीय भाषाओं के प्रभाव से इसका अशुद्ध उच्चारण किया जाता है। आधुनिक हिन्दी में "रि" की तरह तथा मराठी में "रु" की तरह किया जाता है ।
  • -- केवल संस्कृत में (दीर्घ ऋ)
  • -- केवल संस्कृत में (syllabic retroflex l)
  • अं -- न् , म् , ङ् , ञ् , ण् और ं के लिए या स्वर का नासिकीकरण करने के लिए
  • अँ -- स्वर का नासिकीकरण करने के लिए (संस्कृत में नहीं उपयुक्त होता)
  • अः -- अघोष "ह्" (निःश्वास) के लिए

व्यंजन[संपादित करें]

जब कोई स्वर प्रयोग नहीं हो, तो वहाँ पर 'अ' माना जाता है। स्वर के न होने को हलन्त्‌ अथवा विराम से दर्शाया जाता है। जैसे कि क्‌ ख्‌ ग्‌ घ्‌।

स्पर्श
अघोषघोषनासिक्य
अल्पप्राणमहाप्राणअल्पप्राणमहाप्राण
कण्ठ्य / kə /
k; अंग्रेजी: skip
/ khə /
kh; अंग्रेजी: cat
/ gə /
g; अंग्रेजी: game
/ gɦə /
gh; महाप्राण /g/
/ ŋə /
n; अंग्रेजी: ring
तालव्य / cə / or / tʃə /
ch; अंग्रेजी: chat
/ chə / or /tʃhə/
chh; महाप्राण /c/
/ ɟə / or / dʒə /
j; अंग्रेजी: jam
/ ɟɦə / or / dʒɦə /
jh; महाप्राण /ɟ/
/ ɲə /
n; अंग्रेजी: finch
मूर्धन्य / ʈə /
t; अमेरिकी अंग्रेजी:: hurting
/ ʈhə /
th; महाप्राण /ʈ/
/ ɖə /
d; अमेरिकी अंग्रेजी:: murder
/ ɖɦə /
dh; महाप्राण /ɖ/
/ ɳə /
n; अमेरिकी अंग्रेज़ी:: hunter
दन्त्य / t̪ə /
t; स्पैनिश: tomate
/ t̪hə /
th; महाप्राण /t̪/
/ d̪ə /
d; स्पैनिश: donde
/ d̪ɦə /
dh; महाप्राण /d̪/
/ nə /
n; अंग्रेज़ी: name
ओष्ठ्य / pə /
p; अंग्रेज़ी: spin
/ phə /
ph; अंग्रेज़ी: pit
/ bə /
b; अंग्रेज़ी: bone
/ bɦə /
bh; महाप्राण /b/
/ mə /
m; अंग्रेज़ी: mine
स्पर्शरहित
तालव्यमूर्धन्यदन्त्य/
वर्त्स्य
कण्ठोष्ठ्य/
काकल्य
अन्तस्थ / jə /
y; अंग्रेज़ी: you
/ rə /
r; स्कॉटिश अंग्रेज़ी: trip
/ lə /
l; अंग्रेजी: love
/ ʋə /
v; अंग्रेजी: vase
ऊष्म/
संघर्षी
/ ʃə /
sh; अंग्रेज़ी: ship
/ ʂə /
shh; मूर्धन्य /ʃ/
/ sə /
s; अंग्रेज़ी: same
/ ɦə / or / hə /
h; अंग्रेज़ी: behind
टिप्पणी
  • इनमें से (मूर्धन्य पार्विक अन्तस्थ) एक अतिरिक्त व्यंजन है जिसका प्रयोग हिन्दी में नहीं होता है। मराठी और वैदिक संस्कृत में इसका प्रयोग किया जाता है।
  • संस्कृत में का उच्चारण ऐसे होता था : जीभ की नोंक को मूर्धा (मुँह की छत) की ओर उठाकर जैसी ध्वनि करना। शुक्ल यजुर्वेद की माध्यंदिनि शाखा में कुछ वाक्यों में का उच्चारण की तरह करना मान्य था।

संस्कृत भाषा की विशेषताएँ[संपादित करें]

  • (१) संस्कृत, विश्व की सबसे पुरानी पुस्तक (वेद) की भाषा है। इसलिए इसे विश्व की प्रथम भाषा मानने में कहीं किसी संशय की संभावना नहीं है।[6][7]
  • (२) इसकी सुस्पष्ट व्याकरण और वर्णमाला की वैज्ञानिकता के कारण सर्वश्रेष्ठता भी स्वयं सिद्ध है।
  • (३) सर्वाधिक महत्वपूर्ण साहित्य की धनी होने से इसकी महत्ता भी निर्विवाद है।
  • (४) इसे देवभाषा माना जाता है।
  • (५) संस्कृत केवल स्वविकसित भाषा नहीं बल्कि संस्कारित भाषा भी है, अतः इसका नाम संस्कृत है। केवल संस्कृत ही एकमात्र भाषा है जिसका नामकरण उसके बोलने वालों के नाम पर नहीं किया गया है।
  • संस्कृत > सम् + सुट् + 'कृ करणे' + क्त, ('सम्पर्युपेभ्यः करोतौ भूषणे' इस सूत्र से 'भूषण' अर्थ में 'सुट्' या सकार का आगम/ 'भूते' इस सूत्र से भूतकाल(past) को द्योतित करने के लिए संज्ञा अर्थ में क्त-प्रत्यय /कृ-धातु 'करणे' या 'Doing' अर्थ में) अर्थात् विभूूूूषित, समलंकृत(well-decorated) या संस्कारयुक्त (well-cutured)।
  • संस्कृत को संस्कारित करने वाले भी कोई साधारण भाषाविद् नहीं बल्कि महर्षि पाणिनि, महर्षि कात्यायन और योगशास्त्र के प्रणेता महर्षि पतंजलि हैं। इन तीनों महर्षियों ने बड़ी ही कुशलता से योग की क्रियाओं को भाषा में समाविष्ट किया है। यही इस भाषा का रहस्य है।
  • (६) शब्द-रूप - विश्व की सभी भाषाओं में एक शब्द का एक या कुछ ही रूप होते हैं, जबकि संस्कृत में प्रत्येक शब्द के 27 रूप होते हैं।
  • (७) द्विवचन - सभी भाषाओं में एकवचन और बहुवचन होते हैं जबकि संस्कृत में द्विवचन अतिरिक्त होता है।
  • (८) सन्धि - संस्कृत भाषा की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता है सन्धि। संस्कृत में जब दो अक्षर निकट आते हैं तो वहाँ सन्धि होने से स्वरूप और उच्चारण बदल जा है ।
  • (९) इसे कम्प्यूटर और कृत्रिम बुद्धि के लिए सबसे उपयुक्त भाषा माना जाता है।
  • (१०) शोध से ऐसा पाया गया है कि संस्कृत पढ़ने से स्मरण शक्ति बढ़ती है।[8]
  • (११) संस्कृत वाक्यों में शब्दों को किसी भी क्रम में रखा जा सकता है। इससे अर्थ का अनर्थ होने की बहुत कम या कोई भी सम्भावना नहीं होती। ऐसा इसलिये होता है क्योंकि सभी शब्द विभक्ति और वचन के अनुसार होते हैं और क्रम बदलने पर भी सही अर्थ सुरक्षित रहता है। जैसे - अहं गृहं गच्छामि या गच्छामि गृहं अहम् दोनो ही ठीक हैं।
  • (१२) संस्कृत विश्व की सर्वाधिक 'पूर्ण' (perfect) एवं तर्कसम्मत भाषा है।[9]
  • (१३) संस्कृत ही एक मात्र साधन हैं जो क्रमश: अंगुलियों एवं जीभ को लचीला बनाते हैं। इसके अध्ययन करने वाले छात्रों को गणित, विज्ञान एवं अन्य भाषाएँ ग्रहण करने में सहायता मिलती है।
  • (१४) संस्कृत भाषा में साहित्य की रचना कम से कम छह हजार वर्षों से निरन्तर होती आ रही है। इसके कई लाख ग्रन्थों के पठन-पाठन और चिन्तन में भारतवर्ष के हजारों पुश्त तक के करोड़ों सर्वोत्तम मस्तिष्क दिन-रात लगे रहे हैं और आज भी लगे हुए हैं। पता नहीं कि संसार के किसी देश में इतने काल तक, इतनी दूरी तक व्याप्त, इतने उत्तम मस्तिष्क में विचरण करने वाली कोई भाषा है या नहीं। शायद नहीं है। दीर्घ कालखण्ड के बाद भी असंख्य प्राकृतिक तथा मानवीय आपदाओं (वैदेशिक आक्रमणों) को झेलते हुए आज भी ३ करोड़ से अधिक संस्कृत पाण्डुलिपियाँ विद्यमान हैं। यह संख्या ग्रीक और लैटिन की पाण्डुलिपियों की सम्मिलित संख्या से भी १०० गुना अधिक है। निःसंदेह ही यह सम्पदा छापाखाने के आविष्कार के पहले किसी भी संस्कृति द्वारा सृजित सबसे बड़ी सांस्कृतिक विरासत है।[10]
  • (१५) संस्कृत केवल एक मात्र भाषा नहीं है अपितु संस्कृत एक विचार है। संस्कृत एक संस्कृति है एक संस्कार है संस्कृत में विश्व का कल्याण है, शांति है, सहयोग है, वसुधैव कुटुम्बकम् की भावना है।

संस्कृत गिनती[संपादित करें]

1. प्रथमः 2. द्वितीयः 3. तृतीयः 4. चतुर्थः 5. पंचमः 6. षष्टः 7. सप्तमः
8. अष्टमः 9. नवमः 10. दशमः 11. एकादशः 12. द्वादशः 13. त्रयोदशः 14. चतुर्दशः
15. पंचदशः 16. षोड़शः 17. सप्तदशः 18. अष्टादशः 19. एकोनविंशतिः 20. विंशतिः 1 से 100 तक देखे

भारत और विश्व के लिए संस्कृत का महत्त्व[संपादित करें]

  • संस्कृत कई भारतीय भाषाओं की जननी है। इनकी अधिकांश शब्दावली या तो संस्कृत से ली गई है या संस्कृत से प्रभावित है। पूरे भारत में संस्कृत के अध्ययन-अध्यापन से भारतीय भाषाओं में अधिकाधिक एकरूपता आएगी जिससे भारतीय एकता बलवती होगी। यदि इच्छा-शक्ति हो तो संस्कृत को हिब्रू की भाँति पुनः प्रचलित भाषा भी बनाया जा सकता है।
  • हिन्दू, बौद्ध, जैन आदि धर्मों के प्राचीन धार्मिक ग्रन्थ संस्कृत में हैं।
  • हिन्दुओं के सभी पूजा-पाठ और धार्मिक संस्कार की भाषा संस्कृत ही है।
  • हिन्दुओं, बौद्धों और जैनों के नाम भी संस्कृत पर आधारित होते हैं।
  • भारतीय भाषाओं की तकनीकी शब्दावली भी संस्कृत से ही व्युत्पन्न की जाती है। भारतीय संविधान की धारा 343, धारा 348 (2) तथा 351 का सारांश यह है कि देवनागरी लिपि में लिखी और मूलत: संस्कृत से अपनी पारिभाषिक शब्दावली को लेने वाली हिन्दी राजभाषा है।
  • संस्कृत, भारत को एकता के सूत्र में बाँधती है।
  • संस्कृत का साहित्य अत्यन्त प्राचीन, विशाल और विविधतापूर्ण है। इसमें अध्यात्म, दर्शन, ज्ञान-विज्ञान और साहित्य का खजाना है। इसके अध्ययन से ज्ञान-विज्ञान के क्षेत्र में प्रगति को बढ़ावा मिलेगा।
  • संस्कृत को कम्प्यूटर के लिए (कृत्रिम बुद्धि के लिए) सबसे उपयुक्त भाषा माना जाता है।[11]

संस्कृत का अन्य भाषाओं पर प्रभाव[संपादित करें]

संस्कृत भाषा के शब्द मूलत रूप से सभी आधुनिक भारतीय भाषाओं में हैं। सभी भारतीय भाषाओं में एकता की रक्षा संस्कृत के माध्यम से ही हो सकती है। मलयालम, कन्नड और तेलुगु आदि दक्षिणात्य भाषाएं संस्कृत से बहुत प्रभावित हैं। यहाँ तक कि तमिल में भी संस्कृत के हजारों शब्द भरे पड़े हैं और मध्यकाल में संस्कृत का तमिल पर गहरा प्रभव पड़ा।[12]

विश्व की अनेकानेक भाषाओं पर संस्कृत ने गहरा प्रभाव डाला है।[13] संस्कृत भारोपीय भाषा परिवर में आती है और इस परिवार की भाषाओं से भी संस्कृत में बहुत सी समानता है। वैदिक संस्कृत और अवेस्ता (प्राचीन इरानी) में बहुत समानता है। भारत के पड़ोसी देशों की भाषाएँ सिंहल, नेपाली, म्यांमार भाषा, थाई भाषा, ख्मेर[14] संस्कृत से प्रभावित हैं। बौद्ध धर्म का चीन ज्यों-ज्यों प्रसार हुआ वैसे वैसे पहली शताब्दी से दसवीं शताब्दी तक सैकड़ों संस्कृत ग्रन्थों का चीनी भाषा में अनुवाद हुआ। इससे संस्कृत के हजरों शब्द चीनी भाषा में गए।[15] उत्तरी-पश्चिमी तिब्बत में तो अज से १००० वर्ष पहले तक संस्कृत की संस्कृति थी और वहाँ गान्धारी भाषा का प्रचलन था। [16]

तत्सम-तद्भव-समान-शब्द

संस्कृत शब्द हिन्दीमलयालमकन्नड तेलुगुग्रीकलैटिनअंग्रेजीजर्मनफ़ारसी 
मातृ माता अम्मा मातेर मदर् मुटेर मादर 
पितृ/पितर पिता अच्चन् पातेर फ़ाथर् फ़ाटेर
दुहितृ बेटी दाह्तर्
भ्रातृ/भ्रातर भाई ब्रदर् ब्रुडेर
पत्तनम् पत्तन पट्टणम् टाउन
वैधुर्यम् विधुर वैडूर्यम् वैडूर्यम् विजोवर्
सप्तन् सात सेप्तम् सेव्हेन् ज़ीबेन
अष्टौ आठ होक्तो ओक्तो ऐय्‌ट् आख़्ट
नवन् नौ हेणेअ नोवेम् नायन् नोएन
द्वारम् द्वार दोर् टोर
नालिकेरः नारियल नाळिकेरम् कोकोस्नुस्स
समसमान  same
तात=पिता  Dad
अहम्  I am
स्मार्त Smart
पंडित  पंडित/विशेषज्ञ  Pundit

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संस्कृत साहित्य[संपादित करें]

देश, काल और विविधता की दृष्टि से संस्कृत साहित्य अत्यन्त विशाल है। इसे मुख्यतः दो भागों में विभाजित किया जाता है- वैदिक साहित्य तथा शास्त्रीय साहित्य । आज से तीन-चार हजार वर्ष पहले रचित वैदिक साहित्य उपलब्ध होता है।

संस्कृत ग्रन्थ[संपादित करें]

परम्परानुसार संस्कृत साहित्य
परम्परा संस्कृत ग्रन्थ, विधा श्रेणी उदाहरण सन्दर्भ
हिन्दू धर्मग्रन्थ वेद, उपनिषद, आगम, भागवद्गीता [17][18]
भाषा, व्याकरण अष्टाध्यायी, गणपाठ, पदपाठ, वार्त्तिक, महाभाष्य, वाक्यपदीय, फिट-सूत्र [19][20][21]
सामान्य नियम एवं धार्मिक नियम धर्मसूत्र/धर्मशास्त्र,[a] मनुस्मृति [22][23]
राजनीति, राजशास्त्र अर्थशास्त्र [24]
कालगणना, गणित, तर्क कल्प, ज्योतिष, गणितशास्त्र, शुल्बसूत्र, सिद्धान्त, आर्यभटीय, दशगीतिकासूत्र, सिद्धान्तशिरोमणि, गणितसारसङ्ग्रह, बीजगणितम् [b] [25][26]
आयुर्विज्ञान, आयुर्वेद, स्वास्थ्य आयुर्वेद, सुश्रुतसंहिता, चरकसंहिता [27][28]
कामशास्त्र कामसूत्र, पञ्चसायक, रतिरहस्य, रतिमञ्जरी, अनङ्गरङ्ग, समयमातृका [29][30]
महाकाव्य रामायण, महाभारत [31][32]
राजवंशीय काव्य रघुवंश, कुमारसम्भव [33]
सुभाषित एवं शिक्षाप्रद साहित्य सुभाषित, नीतिशतक, बोधिचर्यावतार, शृंगार-ज्ञान-निर्णय, कलाविलास, चतुर्वर्गसङ्ग्रह, नीतिमञ्जरी, मुग्धोपदेश, सुभाषितरत्नसन्दोह, योगशास्त्र, शृंगार-वैराग्य-तरङ्गिणी [34]
नाटक, नृत्य तथा अन्य कलाएँ नाट्यशास्त्र [35][36][37]
संगीत संगीतशास्त्र, संगीतरत्नाकर, संगीत पारिजात [38][39]
काव्यशास्त्र काव्यशास्त्र [40]
मिथक पुराण [41]
रहस्यमय अटकलें, दर्शन दर्शन, सांख्य, योग, न्याय, वैशेशिक, मीमांसा, वेदान्त वैष्णव, शैव, शाक्त, स्मार्त, आदि [42]
कृषि एवं भोजन कृषिशास्त्र, वृक्षायुर्वेद [43]
डिजाइन, शिल्प, वास्तुशास्त्र शिल्पशास्त्र, समराङ्गणसूत्रधार [44][45]
मन्दिर, मूर्तिकला बृहत्संहिता, [46]
संस्कार गृह्यसूत्र [47]
बौद्ध धर्म धर्मग्रन्थ, मठ-सम्बन्धी नियम त्रिपिटक,[c] महायान सम्प्रदाय के ग्रन्थ, अन्य [48][49][50]
जैन धर्म धर्मशास्त्र, दर्शन तत्त्वार्थ सूत्र, महापुराण एवं अन्य [51][52]

इनके अतिरिक्त रसविद्या, तंत्र साहित्य, वैमानिक शास्त्र तथा अन्यान्य विषयों पर संस्कृत में ग्रन्थ रचे गये जिनमें से कुछ आज भी उपलब्ध हैं।

शिक्षा एवं प्रचार-प्रसार[संपादित करें]

संस्कृत से उत्पन्न यह विकसित शब्दों को क्या कहते हैं? - sanskrt se utpann yah vikasit shabdon ko kya kahate hain?

भारत के संविधान में संस्कृत आठवीं अनुसूची में सम्मिलित अन्य भाषाओं के साथ विराजमान है। त्रिभाषा सूत्र के अन्तर्गत संस्कृत भी आती है। हिन्दी एवं अन्य भारतीय भाषाओं की की वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली संस्कृत से निर्मित है।

भारत तथा अन्य देशों के कुछ संस्कृत विश्वविद्यालयों की सूची नीचे दी गयी है- (देखें, भारत स्थित संस्कृत विश्वविद्यालयों की सूची)

स्थापना वर्ष नाम स्थान
1791 सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी
1876 सद्विद्या पाठशाला मैसूर
1961 कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय दरभंगा
1962 राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ, तिरुपति तिरुपति
1962 श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ नयी दिल्ली
1970 राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान, नई दिल्ली नयी दिल्ली
1981 श्री जगन्नाथ संस्कृत विश्वविद्यालय पुरी
1986 नेपाल संस्कृत विश्वविद्यालय नेपाल
1993 श्री शंकराचार्य संस्कृत विश्वविद्यालय कालडी
1997 कविकुलगुरु कालिदास संस्कृत विश्वविद्यालय रामटेक
2001 जगद्गुरु रामानन्दाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय जयपुर
2005 श्री सोमनाथ संस्कृत विश्वविद्यालय वेरावल
2008 महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय उज्जैन
2011 कर्नाटक संस्कृत विश्वविद्यालय बंगलुरु

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. Mascaró, Juan (2003). The Bhagavad Gita. Penguin. पपृ॰ 13&nbsp, ff. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-14-044918-1. The Bhagawad Gita, an intensely spiritual work, that forms one of the cornerstones of the Hindu faith, and is also one of the masterpieces of Sanskrit poetry. (from the backcover)
  2. Besant, Annie (trans) (1922). The Bhagavad-gita; or, The Lord's Song, with text in Devanagari, and English translation. Madras: G. E. Natesan & Co. प्रवृत्ते शस्त्रसम्पाते धनुरुद्यम्य पाण्डवः ॥ २० ॥
    Then, beholding the sons of Dhritarâshtra standing arrayed, and flight of missiles about to begin, ... the son of Pându, took up his bow,(20)
    हृषीकेशं तदा वाक्यमिदमाह महीपते । अर्जुन उवाच । ...॥ २१ ॥
    And spake this word to Hrishîkesha, O Lord of Earth: Arjuna said: ...
  3. Radhakrishnan, S. (1948). The Bhagavadgītā: With an introductory essay, Sanskrit text, English translation, and notes. London, UK: George Allen and Unwin Ltd. पृ॰ 86. ... pravyite Sastrasampate
    dhanur udyamya pandavah (20)
    Then Arjuna, ... looked at the sons of Dhrtarastra drawn up in battle order; and as the flight of missiles (almost) started, he took up his bow.
    hystkesam tada vakyam
    idam aha mahipate ... (21)
    And, O Lord of earth, he spoke this word to Hrsikesha (Krsna): ...
  4. "Comparative speaker's strength of scheduled languages -1971, 1981, 1991 and 2001". Census of India, 2001. Office of the Registrar and Census Commissioner, भारत. अभिगमन तिथि 31 दिसम्बर 2009.
  5. "'The Old Vedic language had its origin outside the subcontinent. But not Sanskrit.'".
  6. Sagarika Dutt (2006). India in a Globalized World. Manchester University Press. p. 36. ISBN 978-1-84779-607-3.
  7. Gabriel J. Gomes (2012). Discovering World Religions. iUniverse. p. 54. ISBN 978-1-4697-1037-2.
  8. अमेरिकी पत्रिका (साइंटिफिक अमेरिकन) का दावा- संस्कृत मंत्रों के उच्चारण से बढ़ती है याददाश्त (जनवरी २०१८)
  9. Is Sanskrit the most suitable language for natural language processing?
  10. Guide to OCR for Indic Scripts: Document Recognition and Retrieval (edited by Venu Govindaraju, Srirangaraj Ranga Setlur)
  11. We should thank Sanskrit for the 21st century
  12. Tracing the Trajectory of Linguistic changes in Tamil: Mining the corpus of Tamil Texts
  13. ‘Sanskrit has had profound influence on world languages’
  14. Sanskrit’s Influence on Khmer
  15. Sanskrit had an influence on Chinese language
  16. How Sanskrit Language Is Associated With The Tibet and Xinjiang?
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यह भी देखिए[संपादित करें]

  • वैदिक संस्कृत
  • संस्कृत साहित्य
  • भारत की भाषाएँ
  • संस्कृत भाषा का इतिहास
  • संस्कृत का पुनरुत्थान

संस्कृत के विकिपीडिया प्रकल्प

  • संस्कृत विकिपीडिया
  • संस्कृत (संस्कृत विकोश:)
  • संस्कृत विकिस्रोतम् (Sanskrit Wikisource)
  • संस्कृत विकि पुस्तकानि (Sanskrit Wiki Books)

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]

  • राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान Archived 2008-12-16 at the Wayback Machine
  • भारतीय विश्वविद्यालयों में संस्कृत पर आधारित शोध प्रबन्धों की निर्देशिका (राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान)
  • संस्कृत गूगल समूह

संस्कृत संसाधन[संपादित करें]

  • हिन्दी-संस्कृत वार्तालाप पुस्तिका Archived 2016-03-04 at the Wayback Machine (केन्द्रीय हिन्दी संस्थान)
  • Links to Sanskrit resources
  • Sankrit Web
  • Sanskrit Fonts: South Asian Language and Resource Center - Sanskrit
  • Discover Sanskrit Archived 2006-05-07 at the Wayback Machine
  • Sanskrit Documents
  • Sanskrit Texts and Stotras
  • Omkarananda Ashram's Sanskrit Page

संस्कृत सामग्री[संपादित करें]

  • Sanskrit Documents
  • Sanskrit Slokas
  • सारस्वतसर्वस्वम् Archived 2014-12-02 at the Wayback Machine (शब्दकोश, संस्कृत ग्रन्थों आदि का विशाल संग्रह)
  • संस्कृविश्वम् Archived 2012-06-19 at the Wayback Machine
  • Sanskrit World
  • संस्कृत के अनेकानेक ग्रन्थ, देवनागरी में Archived 2003-12-09 at the Wayback Machine
  • Virtual e-Text Archive of Indic Texts Archived 2007-12-02 at the Wayback Machine (Indology page)
  • SARIT Archived 2015-02-06 at the Wayback Machine
  • वैदिक साहित्य : महर्षि वैदिक विश्वविद्यालय Archived 2008-09-29 at the Wayback Machine - पी डी एफ़ प्रारूप, देवनागरी
  • गौडीय ग्रन्थ-मन्दिर पर सहस्रों संस्कृत ग्रन्थ, बलराम इनकोडिंग में Archived 2010-11-27 at the Wayback Machine
  • GRETIL पर सहस्रों संस्कृत ग्रन्थ, अनेक स्रोतों से, अनेक इनकोडिंग में
  • संगणीकृतम बौद्ध संस्कृत त्रिपिटकम् Archived 2008-02-23 at the Wayback Machine (Digital Sanskrit Buddhistt Canon)
  • TITUS Indica - Indic Texts
  • Internet Sacred Text Archive - यहाँ बहुत से हिन्दू ग्रन्थ अंग्रेजी में अर्थ के साथ उपलब्ध हैं। कहीं-कहीं मूल संस्कृत पाठ भी उपलब्ध है।
  • क्ले संस्कृत पुस्तकालय संस्कृत साहित्य के प्रकाशक हैं; यहाँ पर भी बहुत सारी सामग्री डाउनलोड के लिये उपलब्ध है।
  • मुक्तबोध डिजिटल पुस्तकालय Archived 2008-09-13 at the Wayback Machine
  • भारत विद्या Archived 2009-06-15 at the Wayback Machine
  • मुक्तबोध इंडोलोजिकल रिसर्च इंस्टिट्यूट Archived 2011-07-25 at the Wayback Machine (तंत्र एवं आगम साहित्य पर विशेष सामग्री)
  • Asian Classic Input Project
  • Digital Corpus of Sanskrit Archived 2011-10-26 at the Wayback Machine (a searchable collection of lemmatized Sanskrit texts)

शब्दकोश[संपादित करें]

  • आंध्रभारती का संस्कृत कोश गपेषणम्  : आनलाइन संस्कृत कोश शोधन ; कई कोशों में एकसाथ खोज ; देवनागरी, बंगला आदि कई भारतीय लिपियों में आउटपुट; कई प्रारूपों में इनपुट की सुविधा
  • संस्कृत-हिन्दी कोश (राज संस्करण) (गूगल पुस्तक ; रचनाकार - वामन शिवराम आप्टे)
  • Monier Williams Dictionary (2006 revision) - इसमें संस्कृत शब्दों के अंग्रेजी अर्थ दिये गये हैं। शब्द इन्पुट Harvard-Kyoto, SLP1 या ITRANS में देने की सुविधा है।
  • आप्टे अंग्रेजी --> संस्कृत शब्दकोश - इसमें परिणाम इच्छानुसार देवनागरी, iTrans, रोमन यूनिकोड आदि में प्राप्त किये जा सकते हैं।
  • संक्षिप्त संस्कृत-आंग्लभाषा शब्दकोश Archived 2012-04-05 at the Wayback Machine (Concise Sanskrit-English Dictionary) - संस्कृत शब्द देवनागरी में लिखे हुए हैं। अर्थ अंग्रेजी में। लगभग १० हजार शब्द। डाउनलोड करके आफलाइन उपयोग के लिये उत्तम !
  • The Student's English-Sanskrit Dictionary (गूगल पुस्तक ; लेखक - Vaman Shivaram Apte)
  • Monier-Williams Dictionary, searchable
  • Monier-Williams Dictionary, printable
  • Online Hypertext Dictionary
  • The Sanskrit Heritage Dictionary
  • Sanskrit-->French dictionary (download) (The Sanskrit Heritage Dictionary)
  • Sanskrit Dictionary
  • Glossary of Sanskrit Terms
  • A Brief Sanskrit Glossary Archived 2008-02-05 at the Wayback Machine with the meanings of common Sanskrit spiritual terms. Recently updated.

डाउनलोड योग्य शब्दकोश[संपादित करें]

  • SanDic - Sanskrit-English Dictionary based on V. S. Apte's 'The practical Sanskrit-English dictionary', Arthur Anthony Macdonell's 'A practical Sanskrit dictionary' and Monier Williams 'Sanskrit-English Dictionary'.
  • मुदगलकोश Archived 2013-11-23 at the Wayback Machine - software, which searches an offline version of the monier-williams dictionary, and integrates with several online tools
  • stardict-mw-Sanskrit-English-2.4.2.tar.bz2 Archived 2016-03-05 at the Wayback Machine MW Sanskrit-English Dictionary in StarDict format. (can be used with GoldenDict also)
  • Monier-Williams: DICT & HTML Archived 2008-01-25 at the Wayback Machine

संस्कृत विषयक लेख[संपादित करें]

  • तीसरी संस्कृत क्रांति अगर भारत में नहीं आएगी तो फिर कहाँ? (स्वराज्य पत्रिका; ऑस्कर पुजोल ; ५ फरवरी २०१९)
  • संस्कृत - विज्ञान और कंप्यूटर की समर्थ भाषा Archived 2007-11-04 at the Wayback Machine
  • सशक्त भाषा संस्कृत‌ Archived 2011-07-03 at the Wayback Machine
  • The Wonder that is Sanskrit Archived 2009-07-17 at the Wayback Machine
  • Sanskrit: The Mother of All Languages, अत्यन्त ज्ञानवर्धक लेख, तीन भागों में।
  • संस्कृत के बारे में महापुरुषों के विचार (अंग्रेजी में)
  • History of Sanskrit Archived 2011-10-12 at the Wayback Machine
  • संस्कृत बनेगी नासा की भाषा, पढ़ने से गणित और विज्ञान की शिक्षा में आसानी
  • Relevance of Sanskrit in Contemporary Society Archived 2017-12-01 at the Wayback Machine (B Mahadevan)

संस्कृत साफ्टवेयर एवं उपकरण[संपादित करें]

  • संस्कृत अनुवाद (गूगल ट्रान्स्लेट द्वारा)
  • Diacritic Conversion - diCrunch Archived 2009-11-09 at the Wayback Machine - Balaram / CSX / (X)HK / ITRANS / Shakti Mac / Unicode / Velthuis / X-Sanskrit / Bengali Unicode / Devanagari Unicode / Oriya Unicode आदि इनकोडिंग का परस्पर परिवर्तक
  • रोमन को यूनिकोड संस्कृत में लिप्यंतरित करने का उपकरण Archived 2009-09-29 at the Wayback Machine
  • बरह - कम्प्यूटर पर संस्कृत लिखने एवं फाण्ट परिवर्तन का औजार
  • Computational Linguistics R&D at Special Centre for Sanskrit Studies, J.N.U. - यहाँ अनेक भाषायी उपकरण उपलब्ध हैं।
  • PaSSim — Paninian Sanskrit Simulator
  • Sanskrit Verse Metre Recognizer Archived 2013-08-22 at the Wayback Machine
  • गणकाष्टाध्यायी - संस्कृत व्याकरण का साफ्टवेयर (पाणिनि के सूत्रों पर आधारित)
  • Sanskrit Utilities Archived 2011-07-28 at the Wayback Machine - Online Transliterator Sanskrit Dictionary, Sandhi, Pratyahara-Decoder and Metric Analyzer
  • संस्कृतटूल्स Archived 2010-05-13 at the Wayback Machine - संस्कृत टूलबार
  • मेधा - संस्कृत की-बोर्ड (मेधा) [medhA - a Sanskrit keyboard for Windows, Linux and Mac OS X.]
  • संसाधनी Archived 2012-12-04 at the Wayback Machine (संस्कृत टेक्स्ट के विश्लेषण के औजार)

संस्कृत जालस्थल[संपादित करें]

  • सुसंस्कृतम् Archived 2011-09-19 at the Wayback Machine
  • संस्कृतम्
  • संस्कृतम् - संस्कृत के बारे में गूगल चर्चा समूह
  • संस्‍कृतं भारतस्‍य जीवनम्
  • ललितालालितः


सन्दर्भ त्रुटि: "lower-alpha" नामक सन्दर्भ-समूह के लिए <ref> टैग मौजूद हैं, परन्तु समूह के लिए कोई <references group="lower-alpha"/> टैग नहीं मिला। यह भी संभव है कि कोई समाप्ति </ref> टैग गायब है।

संस्कृत से उत्पन्न यह विकसित शब्दों को क्या कहते हैं?

जो शब्द संस्कृत भाषा में उत्पन्न या विकसित हुए है, तत्सम कहलाते हैं। ये संस्कृत से ज्यों के त्यों लिए गए हैं। जैसे - 'अमूल्य' शब्द तत्सम है जिसका तद्भव रूप 'अनमोल' होगा।

संस्कृत की उत्पत्ति कैसे हुई?

प्राचीन व्याकरणों ने इसका नाम संस्कृत इसलिए रखा है क्योंकि सम् पूर्वक कृ धातु से निष्पन्न होकर क्त प्रत्यय लगने के पश्चात् यह भाषा संस्कृत कहलाई क्योंकि यह शुद्ध संस्कारयुक्त भाषा है। पाणिनि आदि व्याकरणों के नियमों के संस्कार से युक्त होने के कारण यह पवित्र भाषा संस्कृत भाषा कहलाने लगी।

संस्कृत भाषा के मूल शब्दों को क्या कहते हैं?

(ख) संस्कृत के जिन शब्दों को हिंदी में ज्यों का त्यों प्रयोग किया जाता है, उन्हें तत्सम... कहते हैं

संस्कृत के दो प्रकार कौन से हैं?

इसी का विकसित रूप लौकिक संस्कृत तथा प्राकृत हैं