हरिहर काका ने अपनी संपत्ति के संबंध में क्या निर्णय लिया? - harihar kaaka ne apanee sampatti ke sambandh mein kya nirnay liya?

कहानी के आधार पर हरिहर काका की जमीन पारिवारिक जमीन है। निःसंतान होने के कारण इनकी जमीन पर महंत, नेता तथा भाइयों की बुरी दृष्टि है। वैसे उनकी जमीन कानूनन उनके भाई एवं भतीजे के अधिकार में जाने की संभावना है क्योंकि हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम के अनुसार निःसंतान व्यक्ति की बिना वसीयत की गयी सम्पत्ति पर परिवार के अन्य सदस्य भाई एवं भतीजे का होता है। आरम्भ में महंत ने हरिहर काका से जमीन के कागजातों पर जबरन अँगूठे के निशान ले लिए थे परन्तु हरिहर काका ने महंत पर धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर दिया था। उस स्थिति में हरिहर काका के न रहने पर जमीन पर भाई एवं भतीजे के अधिकार की संभावना है।

                               पाठ – 1 हरिहर काका

प्रश्न 1. कथावाचक और हरिहर काका के बीच क्या संबंध है और इसके क्या कारण हैं ?

उत्तर - कथावाचक और हरिहर काका के बीच प्रेम का अनोखा संबंध है । कथावाचक हरिहर काका के पड़ोस में रहते थे और दूसरा हरिहर काका कथावाचक को बचपन में बहुत दुलार करते थे । कथावाचक जब बड़े हुए तो सबसे पहली दोस्ती उनकी हरिहर काका से ही हुई । हरिहर काका इतना खुल कर गाँव में किसी से भी बात नहीं करते थे जितना हरिहर काका से । जीवन के अंतिम पलों में जब हरिहर काका अपने विश्वसनीय जनों से छले गए तब उन्होंने एकदम चुप्पी साध ली । उनका ऐसा व्यवहार कथावाचक को उनके प्रति चिंतित करता है ।

प्रश्न 2. हरिहर काका को महंत और अपने भाई एक ही श्रेणी के क्यों लगने लगे ?

उत्तर – हरिहर काका को अपने भाइयों और उनके परिवार पर पूरा भरोसा था । ठीक वैसा ही भरोसा उन्हें ठाकुरबारी के महंत और साधुओं पर था । परंतु दोनों ने ही अपने स्वार्थ और धन लोलुपता के कारण हरिहर काका को बंदी बना लिया था और तरह – तरह की यंत्रणाएँ दी थीं । इसीलिए हरिहर काका को महंत और अपने भाई एक ही श्रेणी के लगने लगे ।

प्रश्न 3. ठाकुरबारी के प्रति गाँव वालों के मन में अपार श्रद्धा के जो भाव हैं उससे उनकी किस मनोवृति का पता चलता है ?

उत्तर - ठाकुरबारी के प्रति गाँव वालों के मन में अपार श्रद्धा थी । ठाकुरबारी में भजन – कीर्तन की आवाज़ बराबर गूँजती थी ।गाँव जब भी सूखे या बाढ़ जैसी आपात स्थिति में फँसता तो ठाकुरबारी के अहाते में तम्बू लगा दिया जाता । इसके अतिरिक्त किसी भी पर्व – त्योहार की शुरुआत ठाकुरबारी से ही होती । चाहे होली का गुलाल हो या दिवाली का दीप, जन्म – शादी और जनेऊ के अवसर पर अन्न और वस्त्र की पहली भेंट ठाकुर जी के नाम से ही की जाती थी ।

            ठाकुरबारी के प्रति गाँव वालों की इस श्रद्धा का कारण था कि वे लोग सरल स्वभाव के थे । वे अंधविश्वासी थे और धार्मिक आडंबरों में विश्वास करने वाले थे । ये जानते हुए भी कि साधु – संत उनके धन पर आराम का जीवन व्यतीत करते हैं, वे दिल खोलकर दान – पुण्य करते थे ।

प्रश्न 4. अनपढ़ होते हुए भी हरिहर काका दुनिया की बेहतर समझ रखते थे । कहानी के आधार पर स्पष्ट करें ।

उत्तर – हरिहर काका अनपढ़ थे परंतु दुनिया की उन्हें बेहतर समझ थी । बार – बार महंत जी द्वारा फुसलाए जाने पर भी वो अपनी संपत्ति ठाकुरबारी के नाम नहीं करते हैं । वे इस बात को अच्छी तरह समझते हैं कि अगर उनकी संपत्ति उनके हाथ से निकाल गई तो उनका परिवार जो थोड़ी बहुत आवभगत करता है वो भी नहीं करेगा । वे इस बात को समझते थे कि जब तक आपके हाथ में पैसा है तब तक यह संसार आपका अपना है ।

प्रश्न 5. हरिहर काका को जबरन उठा कर ले जाने वाले कौन थे ?

उत्तर - हरिहर काका को जबरन उठा कर ले जाने वाले लोग महंत के आदमी थे । उन्होंने जबरन हरिहर काका से खाली पृष्ठों पर हस्ताक्षर करवाए और एक अकेले कमरे में बंद कर उनकी बहुत पिटाई की ।

प्रश्न 6. हरिहर काका के मामले में गाँव वालों की क्या राय थी और उसके क्या कारण थे ?

उत्तर – हरिहर काका को लेकर गाँव दो वर्गों में बँटा हुआ था । कुछ लोगों की मान्यता थी कि उन्हें अपनी ज़मीन गाँव के ठाकुरबारी के नाम कर देनी चाहिए, जिससे उनकी कीर्ति बनी रहेगी । इसके विपरीत कुछ लोगों का मत था कि हरिहर काका को ज़मीन अपने भाइयों और उनके परिवार के नाम कर देनी चाहिए क्योंकि वे भी तो अपने ही लोग हैं । उन्हें अपनी जायदाद न देकर ठाकुरबारी को देना उनके साथ अन्याय करना होगा ।

प्रश्न 7. कहानी के आधार पर स्पष्ट कीजिए कि लेखक ने यह क्यों कहा , “अज्ञान की स्थिति में ही मनुष्य मृत्यु से डरते हैं । ज्ञान होने के बाद तो आदमी आवश्यकता पड़ने पर मृत्यु का वरण करने के लिए तैयार हो जाता है” ।

उत्तर – हरिहर काका वाली स्थिति में फँसा हर आदमी जानता है कि बार – बार की मौत से एक बार की मौत अच्छी है । जब हरिहर काका अज्ञान की स्थिति में थे तो वे अपने भाइयों तथा उनके परिवार को सुख – दुख में अपना सहयोगी मानते थे । परंतु जब ज़मीन न लिखने की स्थिति में उनके भाइयों ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया तो उन्हें अपने भाइयों के स्वार्थी तथा अत्याचारी होने का ज्ञान हुआ । उनके हृदय में अपने भाइयों के परिवार के प्रति अनासक्ति का भाव जागृत हुआ । ऐसी स्थिति में लोग जीवन की अपेक्षा मृत्यु का वरण करना अधिक श्रेष्ठ समझते हैं । उन्हें लगने लगता है कि रोज़ – रोज़ घुट – घुट कर मरने से एक बार मर जाना ज्यादा अच्छा है ।  

प्रश्न 8. समाज में रिश्तों की क्या अहमियत है ? इस विषय पर अपने विचार प्रकट करें ।

उत्तर – रिश्ते समाज को रूप प्रदान करते हैं । मानव के व्यक्तित्व के विकास के लिए भी रिश्ते आवश्यक हैं । यह जीवन में भावनात्मक संतुलन बनाए रखने में सहायक हैं । किसी से अपनापन मिलने पर जीवन का एकाकीपन दूर हो जाता है । यह हमें सुरक्षा का एहसास भी कराते हैं । इनकी अहमियत या महत्त्व पर प्रश्न चिहन नहीं लगाया जा सकता है । वर्तमान युग में रिश्ते स्वार्थ पर आधारित हैं । स्वार्थ लिप्सा के कारण लोग अपनत्व का प्रदर्शन करते हैं और स्वार्थ समाप्त होते ही अपरिचित के समान व्यवहार करने लगते हैं । यहाँ तक कि रक्त सम्बन्धों में भी आज यही स्थिति दृष्टिगोचर होती है ।

प्रश्न 9. यदि आपके आस – पास हरिहर काका जैसी हालत में कोई हो तो आप उसकी कैसे मदद करेंगे?

उत्तर – यदि हमारे सामने हरिहर काका जैसी स्थिति में कोई होगा तो मीडिया की मदद से उसकी सहायता की जा सकती है। इस प्रकार भोले – भाले लोगों को धोखा देने वालों को चेतावनी मिल जाएगी । धोखेबाज महंतों का वास्तविक स्वरूप जनता के सामने आएगा । परंतु साथ ही हमें उस व्यक्ति की सुरक्षा का भी ध्यान रखना होगा कि कहीं वो अपने स्वार्थी परिजनों के चंगुल में न फँस जाए ।

प्रश्न 10. हरिहर काका के गाँव में यदि मीडिया की पहुँच होती तो उनकी क्या स्थिति होती ? अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तर -  हरिहर काका के गाँव में यदि मीडिया की पहुँच होती तो महंत अपने गुंडों की सहायता से काका को ठाकुरबारी में बंद नहीं कर पाता और न ही उनके भाइयों की हिम्मत होती कि वे काका से दुर्व्यवहार करें । मीडिया के डर से ही सही परंतु महंत जी तथा हरिहर काका के परिजनों को समाज में अपमानित होने का भय होता । अत: वे इस प्रकार का अनुचित व्यवहार न करते ।

                              परीक्षापयोगी प्रश्न

1.  गाँव के अधिकांश लोग तन और मन दोनों के स्तर पर ठाकुरबारी को समर्पित बने रहते थे । ठाकुरबारी जैसी ग्रामीण संस्थाओं के महत्त्व पर प्रकाश डालें और बताएँ कि हमें उनको किस प्रकार समाजोपयोगी बनाए रखना चाहिए?

2.  पंद्रह बीघे ज़मीन के लालच ने किस तरह लोगों के आपसी स्वभाव को बिगाड़ दिया था । स्पष्ट करें ।

3.  हरिहर काका समाज के किस बदलाव को समझते हुए इस निर्णय पर पहुँचे कि वे अपनी ज़मीन अब किसी को नहीं लिखेंगे ?

4.  अनपढ़ हरिहर काका कानूनी दाँव – पेंच अच्छी तरह समझते हैं, परंतु जानकारी मात्र से तब तक लाभ नहीं होता जब तक व्यक्ति दृढ़ता से उसका पालन न करे । कहानी के आधार पर इस कथन की तर्क सहित विवेचना कीजिए ।  

5.  पत्नी, बेटे, भाई – बंधु सभी स्वार्थ के साथी हैं – पंक्ति में निहित अर्थ को ठाकुरबारी के महंत के कथन के संदर्भ में स्पष्ट करें तथा बताइए कि आप इससे क्या शिक्षा ग्रहण करते हैं ?

6.  प्राचीन काल से वर्तमान समय तक वृद्धों के प्रति परिवार के लोगों का व्यवहार बदला है । इस विषय पर टिप्पणी कीजिए ।  

7. सभी रिश्तों की बुनियाद प्रेम न होकर धन – दौलत है । इस कथन की पुष्टि करें ।

8. पाठ में टूटते हुए मानवीय रिश्तों के प्रति चिंता व्यक्त की गई है । तर्क सहित उत्तर दीजिए ।

9. आपकी राय में परिवार के वृद्धों की संपत्ति का हकदार कौन होना चाहिए और क्यों ?

10. हरिहर काका की व्यथा देखते हुए सुझाव दें कि घर- घर में फैली इस समस्या का समाधान कैसे

    हो सकता है ?

11. इस संसार में स्वार्थ सच है या इंसानियत । पाठ के आधार पर उत्तर दें ।

12. हरिहर काका के प्रति उनके भाइयों के व्यवहार में क्या परिवर्तन आए और क्यों ?

13. ठाकुरबारी के लिए लोगों के मन में कैसी भावना थी ?

14. हरिहर काका के नाराज़ होकर ठाकुरबारी में चले जाने पर उनके भाइयों ने क्या किया ?

15. ठाकुरबारी की स्थापना के बारे में गाँव में क्या कहानी प्रचलित थी ?

16. गाँव में ठाकुरबारी से ही पर्व – त्योहार की शुरुआत क्यों होती थी ?

17. ठाकुरबारी के नाम ज़मीन वसीयत करने की बात कहने में महंत जी ने हरिहर काका को क्या – क्या लालच दिया?

18. ठाकुरबारी के विकास के क्या कारण थे ?

19. कहानी पढ़ने के बाद महंतों और नेताओं के बारे में आपकी क्या राय बनती है ?

20. महंत जी ने ठाकुरबारी में हरिहर काका के स्वागत में क्या- क्या तैयारियाँ कीं ?

21. हरिहर काका की सहन शक्ति कब जवाब दे गई ?

22. ठाकुरबारी में खामोशी देखकर हरिहर काका के भाइयों नें उनके गायब होने के बारे में क्या अनुमान लगाया ?

23. गाँव के नेता जी ने हरिहर काका की ज़मीन के लिए क्या प्रस्ताव रखा ?

24. हरिहर काका अपनी ज़िंदगी के शेष दिन बिलकुल मौन रहकर क्यों व्यतीत करना चाहते थे ?

25. गाँव के लोगों में हरिहर काका चर्चा का विषय क्यों बने हुए थे ?

26. हरिहर काका को पुलिस सुरक्षा दिलवाने के लिए किसने प्रयास किया और क्यों ?

27. हरिहर काका महंत के किस व्यवहार से आसमान से ज़मीन पर आ गए थे ?

28. ठाकुरबारी से मुक्त होने पर हरिहर काका अपने भाइयों के परिवार के साथ क्यों रहने लगे ?         

हरिहर काका ने अपनी संपत्ति से संबंधित क्या निर्णय लिया है और क्यों?

उत्तर :हरिहर काका के लिए जमीन का जंजाल बन गयी थी, क्योंकि सब उनकी जमीन के पीछे पड़े थे | हरिहर काका की अपनी कोई संतान नहीं थी| काका को जब उनकी सच्चाई पता चली कि सब लोग उनकी जायदाद के पीछे पड़े हैं तो उन्हें उन सब लोगों की याद आई जिन्होंने अपने परिवार के मोह में आकर अपनी जमीन उनके नाम कर दी थी और अपने अंतिम दिन तक कष्ट ...

हरिहर काका ने अंत में कौन सा निर्णय लिया?

अपनी जायदाद उन्हें न देना उनके साथ अन्याय करना होगा। हरिहर काका के भाई उनसे प्रार्थना करने लगे कि वे अपने हिस्से की जमीन को उनके नाम लिखवा दें। इस विषय पर हरिहर काका ने बहुत सोचा और अंत में इस परिणाम पर पहुंचे कि अपने जीते-जी अपनी जायदाद का स्वामी किसी और को बनाना ठीक नहीं होगा।

हरिहर काका को आपके अनुसार क्या निर्णय लेना चाहिए था?

हरिहर काकी के बारे में एक वर्ग जो ठाकुरबारी के महंत और साधु-संतों के साथ था, वह सोचता था कि काकी को अपनी जमीन-जायदाद ठाकुरबारी के नाम लिख देना चाहिए तथा अपना नाम अमर कर लेना चाहिए। ऐसा धार्मिक कार्य करके काका सीधे स्वर्ग को जाएँगे।

हरिहर काका की कहानी का उद्देश्य क्या है?

हरिहर काका की कहानी के उद्देश्य है: समाज की बिगड़ती दशा तथा परिवार और धर्म में बढ़ रहे लालच के प्रति लोगों को सचेत करना। समाज में बढ़ रहा लालच आज सबको खोखला बना रहा है। किसी को रिश्तों की परवाह नहीं है। अतः लेखक लोगों को सचेत करना करना चाहता है ताकि कोई फायदा न उठा पाए।